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पेप्टिक अल्सर या पेट में अल्सर (छाले) क्या है, कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार – Peptic Ulcer in Hindi

Peptic Ulcer in hindi पेप्टिक अल्सर या पेट में अल्सर: आज के समय में लोगों में पेट की समस्या एक आम समस्या है। लेकिन पेट में अल्सर (छाले) होना, पेट के असहनीय दर्द का कारण बन सकते हैं। ये घाव या छाले आम तौर पर H पाइलोरी (Helicobacter pylori) बैक्टीरिया के कारण आई सूजन के परिणामस्वरूप बनते हैं। यह समस्या आंतरिक रक्तस्राव और संक्रमण का कारण भी बन सकती है। अतः आप इस लेख की मदद से जानेंगे कि पेट में अल्सर (छाले) या पेप्टिक अल्सर क्या है, इसके कारण और लक्षण क्या होते है तथा इसके बचाव, इलाज, रोकथाम और घरेलू उपचार क्या हैं।

1. पेट में अल्सर (पेप्टिक अल्सर) क्या होता है – What is Peptic Ulcer in Hindi
2. पेप्टिक अल्सर (पेट में अल्सर) के लक्षण – Peptic Ulcer Symptoms in Hindi
3. पेप्टिक अल्सर (पेट में अल्सर) के प्रकार – Types of Peptic Ulcer in Hindi
4. पेट में छाले (पेप्टिक अल्सर) के कारण – Peptic Ulcer Causes in Hindi
5. पेप्टिक अल्सर (पेट में अल्सर) का निदान – Diagnosis of Peptic Ulcer in Hindi

6. पेट में अल्सर का इलाज – Peptic Ulcer Treatment in Hindi
7. पेट में अल्सर के जोखिम कारक – Peptic Ulcer Risk factors in Hindi
8. पेप्टिक अल्सर की जटिलताएं – Peptic Ulcer Complications in Hindi
9. अल्सर से बचने के उपाय – Prevention of Peptic Ulcer in Hindi
10. पेट में अल्सर के लिए घरेलू उपचार – Peptic Ulcer Home Remedies in Hindi

पेट में अल्सर (पेप्टिक अल्सर) क्या होता है – What is Peptic Ulcer in Hindi

पेप्टिक अल्सर (छाले) (Peptic Ulcer) ऐसे घाव होते हैं जो पेट की अस्तर या अंदरूनी परत, ग्रासनली के निचले भाग या छोटी आंत में विकसित होते हैं। ऐसा तब होता है, जब पेट के अम्ल आपके पाचन तंत्र की सुरक्षात्मक परत श्लेष्म को नष्ट करता है। पेट में अल्सर (Peptic Ulcer) का सबसे आम कारण, H पाइलोरी (Helicobacter pylori) बैक्‍टीरिया और लम्बे समय से उपयोग की जाने वाली कुछ दवाएं जैसे – एस्पिरिन और NSAIDs ड्रग्स (nonsteroidal anti-inflammatory drugs) होती हैं। तनाव और मसालेदार खाद्य पदार्थ पेप्टिक अल्सर (छाले) का कारण नहीं बनते हैं, बल्कि ये लक्षणों को बढ़ाने में मदद करते हैं।

पेट में अल्सर एक बहुत ही सामान्य स्वास्थ्य समस्या है। पेट में छाले का सबसे सामान्य लक्षण पेट दर्द है। पेप्टिक अल्सर आंतरिक रक्तस्राव का कारण भी बन सकता है।

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पेप्टिक अल्सर (पेट में अल्सर) के लक्षण – Peptic Ulcer Symptoms in Hindi

पेट में अल्सर (Peptic Ulcer) का सबसे आम लक्षण पेट में दर्द और जलन है, जो नाभि से छाती तक होती है। यह दर्द कम या बहुत अधिक हो सकता है। कुछ मामलों में, दर्द रात के समय अनिद्रा का कारण बन सकता है। छोटे पेप्टिक अल्सर (छाले) शुरुआती अवस्था में किसी भी तरह के लक्षण प्रगट नहीं कर सकते हैं।

पेट में अल्सर (छाले) के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं-

  • जी मिचलाना
  • उल्टी होना
  • उल्टी के साथ खून या काला रंग निकलना
  • अस्पष्ट रूप से वजन घटाने लगना
  • खट्टी डकार आना
  • भूख में परिवर्तन होना
  • छाती में दर्द होना
  • पेट में सूजन आना तथा जलन महसूस होना
  • साँस लेने में कठिनाई महसूस होना
  • मल के साथ खून आना या काले रंग का मल
  • हार्ट बर्न (Heartburn) की समस्या उत्पन्न होना

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पेप्टिक अल्सर (पेट में अल्सर) के प्रकार – Types of Peptic Ulcer in Hindi

पेट में अल्सर (छाले) (Peptic Ulcer) की स्थिति के आधार पर सामान्यतः पेट में अल्सर (छाले) के तीन प्रकार हो सकते हैं:

गैस्ट्रिक अल्सर (Gastric ulcers): अल्सर जो पेट के अंदर होते हैं।

डुओडनल अल्सर (Duodenal ulcers): अल्सर जो छोटे आंतों के ऊपरी हिस्से में विकसित होता है, जिसे डुओडेनम (duodenum) कहा जाता है।

एसोफेजेल अल्सर (esophageal ulcers): अल्सर जो ग्रासनली (एसोफैगस) के अंदर विकसित होते हैं।

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पेट में छाले (पेप्टिक अल्सर) के कारण – Peptic Ulcer Causes in Hindi

विभिन्न प्रकार के कारक पेट, ग्रासनली (एसोफैगस) और छोटी आंत में छाले (अल्सर) (Peptic Ulcer) उत्पन्न करने का कारण बन सकते हैं। इसमें शामिल है:

  • एक हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) नामक बैक्टीरिया, आम तौर पर पेट और छोटी आंत के ऊतकों को ढकने और संरक्षित करने वाली श्लेष्म झिल्ली में रहता है। अक्सर, H पाइलोरी बैक्टीरिया कोई समस्या पैदा नहीं करता है, लेकिन यह अल्सर के कारण पेट की भीतरी परत में सूजन का कारण बन सकता है।
  • पेट के कुछ अम्ल पाचन तंत्र की सुरक्षात्मक परत श्लेष्म को नष्ट कर पेट में छाले की समस्या का कारण बन सकते हैं। अतः यह एसिड एक दर्दनाक खुले घाव को पैदा कर सकते हैं जिनसे खून बह सकता है।
  • एस्पिरिन (aspirin) और अन्य एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स (anti-inflammatory drugs) का लगातार सेवन (ज्यादातर 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं और पुरुषों में) भी पेट में छाले की समस्या का कारण बन सकता है।
  • यह स्पष्ट नहीं है कि H पाइलोरी (H pylori) संक्रमण कैसे फैलता है। इसे करीबी संपर्क से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रेषित किया जा सकता है। लोग H पाइलोरी वायरस को भोजन और पानी के माध्यम से भी ग्रहण कर सकते हैं।
  • इसके अतिरिक्त धूम्रपान का सेवन और बहुत ज्यादा शराब पीने के कारण भी पेट में छाले (Peptic Ulcer) की समस्या पैदा हो सकती है।
  • विकिरण उपचार और आमाशय का कैंसर भी पेप्टिक अल्सर का कारण बनता है।

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पेप्टिक अल्सर (पेट में अल्सर) का निदान – Diagnosis of Peptic Ulcer in Hindi

यदि लक्षणों के देखकर डॉक्टर को लगता है कि मरीज को पेट में अल्सर (Peptic Ulcer) हो सकता है, तो पेप्टिक अल्सर (छाले) की समस्या का निदान करने के लिए वह शारीरिक परीक्षा और कुछ परीक्षणों की सलाह दे सकता है।

पेट में अल्सर की जांच के लिए एंडोस्कोपी परीक्षण – Endoscopy for Diagnosis of Peptic Ulcer in Hindi

डॉक्टर आपके ऊपरी पाचन तंत्र की जांच करने के लिए इस परीक्षण की सलाह दे सकता है। एंडोस्कोपी (Endoscopy) के दौरान, डॉक्टर आपके गले के नीचे, पेट और छोटी आंत में एक कैमरे के साथ एक लंबी ट्यूब डालता है। एंडोस्कोप का उपयोग, डॉक्टर छाले (अल्सर) की तलाश करने के लिए करता है। यह उपकरण डॉक्टर को परीक्षण के लिए ऊतक का नमूना लेने की अनुमति देता है।

यदि कोई व्यक्ति जिसकी उम्र 45 से अधिक है, को यदि रक्तचाप के लक्षण हैं या हाल ही में वजन में कमी आई है और खाना निगलने में कठिनाई का अनुभव करता है, तो उस व्यक्ति को डॉक्टर द्वारा एंडोस्कोपी (Endoscopy) की सिफारिश करने की अधिक संभावना होती है।

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एच पाइलोरी के कारण पेप्टिक अल्सर की जांच – Laboratory tests for H pylori in hindi

शरीर में हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया (Helicobacter pylori) (एच पाइलोरी) की मौजूदगी का निर्धारित करने के लिए डॉक्टर इस परीक्षण की सिफारिश कर सकता है। वह रक्त, मल या सांस परीक्षण (stool or breath test) का उपयोग कर एच पाइलोरी (H pylori) बैक्‍टीरिया का पता लगा सकता है। इस हेतु सांस परीक्षण सबसे उत्तम परिणाम प्रदान करता है।

सांस परीक्षण (breath test)  के लिए, रेडियोधर्मी कार्बन युक्त कुछ पदार्थ पीते हैं या खाते हैं। यदि एच पाइलोरी उपस्थित है तो यह पेट में इस पदार्थ को तोड़ देता है। यदि आप एच पाइलोरी (H pylori) से संक्रमित हैं, तो सांस के नमूने में कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में रेडियोधर्मी कार्बन सम्मिलित होगा।

यदि एच पाइलोरी (H pylori) के परीक्षण से पहले मरीज एंटासिड (antacid) का सेवन करता है, तो डॉक्टर को बताना जरूरी है। क्योंकि परीक्षण के दौरान इन दवाओं को समय से पूर्व बंद करने की आवश्यकता हो सकती है।

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पेप्टिक अल्सर के निदान के लिए ऊपरी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सीरीज – Upper gastrointestinal series for Diagnosis of Peptic Ulcer in Hindi

यह परीक्षण ऊपरी पाचन तंत्र की एक्स-किरणों की सहायता से आपके एसोफैगस (esophagus), पेट और छोटी आंत की छवियां ली जाती हैं। इस तकनीक में एक्स-रे के दौरान, व्यक्ति को बेरियम युक्त सफेद तरल पिलाते हैं, जिससे कि पाचन तंत्र के एक्स-रे में अल्सर की पहचान के लिए अधिक साफ छवियां प्राप्त हों।

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पेट में अल्सर का इलाज – Peptic Ulcer Treatment in Hindi

यदि आपको पेप्टिक अल्सर (पेट के छाले) (Peptic Ulcer) है, तो डॉक्टर इसके कारणों ओर लक्षणों को दूर करने के लिए  एक उपचार योजना की सिफारिश करेगा:

एच पाइलोरी वायरस को मारने के लिए एंटीबायोटिक (Antibiotic) दवाएं – यदि आपके पाचन तंत्र में हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया (H pylori) पाया जाता है, तो डॉक्टर बैक्टीरिया को मारने के लिए एंटीबायोटिक्स की सिफारिश कर सकता है। इनमें एमोक्सिसिलिन (amoxicillin), क्लेरीथ्रोमाइसिन (बायियाक्सिन) (clarithromycin), मेट्रोनिडाज़ोल (metronidazole (Flagyl)), टिनिडाज़ोल (tinidazole), टेट्रासाइक्लिन (tetracycline) और लिवोफ़्लॉक्सासिन (लिवाक्विन) (levofloxacin) शामिल हो सकते हैं।

आपको प्रोटीन पंप अवरोधक (proton pump inhibitor) और बिस्मुथ सबलाइसीलेट (पेप्टो-बिस्मोल) (bismuth subsalicylate) समेत अन्य एंटीबायोटिक दवाएं पेट एसिड को कम करने के लिए दो सप्ताह तक लेने की आवश्यकता पड़ सकती है।

एंटासिड्स पेट में मौजूदा एसिड को निष्क्रिय करते हैं और तेजी से दर्द को कम कर सकते हैं। परन्तु इसके साइड इफेक्ट्स में कब्ज या दस्त शामिल हो सकता है।

कुछ मामलों में, डॉक्टर साइट प्रोटेक्टिव एजेंट (cytoprotective agents) नामक दवाएं लिख सकता है, जो पेट और छोटी आंत की परत की रक्षा करती हैं।

Note: डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी प्रकार की दवाओं का सेवन न करें। यदि आप डॉक्टर के परामर्श के बिन दवाओं का सेवन करते हैं, तो किसी भी तरह के जोखिम के जिम्मेदार आप स्वयं होगें।

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पेट में अल्सर के जोखिम कारक – Peptic Ulcer Risk factors in Hindi

यदि आपको पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer) हैं, तो निम्न कारक इसके जोखिमों को बढ़ा सकते हैं, इसके जोखिम कारकों में शामिल हैं:

  • NSAIDs (nonsteroidal anti-inflammatory drugs) एक प्रमुख कारक है, जो इसके जोखिमों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • धुआं या धूम्रपान, एच पाइलोरी (H pylori) से संक्रमित लोगों में पेट में अल्सर का खतरा बढ़ा सकता है।
  • अल्कोहल या शराब पेट की श्लेष्मा अस्तर (mucous lining) को खराब कर सकती है, और यह पेट में उत्पन्न एसिड की मात्रा को बढ़ा सकती है।
  • तनाव भी इसके जोखिम को बढ़ाने में सहायक है।
  • मसालेदार भोजन, पेट के छाले को बहुत ज्यादा तरीके से बढ़ाने में मदद करता है।
  • ये सभी कारक अल्सर (छाले) का कारण नहीं बनते हैं, लेकिन ये उसे खराब और जटिल बनाने में मदद कर सकते हैं।

(और पढ़े – मानसिक तनाव के कारण, लक्षण एवं बचने के उपाय…)

पेप्टिक अल्सर की जटिलताएं – Peptic Ulcer Complications in Hindi

पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer) का समय पर इलाज न किया जाये तो यह गंभीर रूप धारण कर सकता है जिससे सम्बंधित व्यक्ति को निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:

आंतरिक रक्तस्राव – पेट में छालों (Ulcer) के परिणाम स्वरूप रक्तस्राव धीमी गति से रक्त में हानि के रूप में हो सकता है, जो एनीमिया (anemia) या गंभीर रक्त हानि का कारण बनता है। इस रक्तस्राव के परिणाम स्वरूप मरीज को अस्पताल में भर्ती होने या रक्त देने की आवश्यकता पड़ सकती है। खूनी की उल्टी और काले या खूनी मल के कारण गंभीर रूप से रक्त की हानि हो सकती है।

संक्रमण – पेट के छाले (Peptic Ulcer) के कारण पेट या छोटी आंत (small intestine) की दीवार में छेद हो सकते हैं, जो पेट की गुहा में गंभीर संक्रमण का कारण बनता है। इसके संकेतों में पेट में असहनीय और गंभीर दर्द होता है

बाधा (Obstruction) – पेट के छाले (अल्सर) पाचन तंत्र के माध्यम से भोजन को निकलने से रोक सकते हैं, जिससे पेट में सूजन और उल्टी होने के साथ -साथ वजन में अनावश्यक कमी की समस्या पैदा होती हैं।

(और पढ़े – क्या है एनीमिया? कारण, लक्षण और आहार…)

अल्सर से बचने के उपाय – Prevention of Peptic Ulcer in Hindi

जीवनशैली में कुछ स्वास्थ्य सम्बन्धी अच्छी आदतें अपनाकर पेट में अल्सर के विकास और उसके जोखिमों को कम किया जा सकता हैं। इसमें शामिल है:

  • मादक पेय पदार्थ (शराब) का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए।
  • संक्रमण से बचने के लिए अकसर अपने हाथों को धोना चाहिए।
  • चूंकि यह संक्रमण, व्यक्तियों के आपस में संपर्क से या भोजन और पानी के माध्यम से फैल सकता है। अतः इस बात का ख्याल रखकर अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए।
  • दर्द निवारक दवाओं एस्पिरिन, इबुप्रोफेन (ibuprofen) और नेप्रोक्सेन (naproxen (Aleve)) का सीमित उपयोग करना चाहिए।
  • पानी को हमेशा उबालकर पीना चाहिए और सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर और भोजन को पूरी तरह से पकाकर खाना चाहिए।
  • फल, सब्जियां और पूरे अनाज में समृद्ध संतुलित भोजन खाने से और स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने से पेट में अल्सर (छाले) (Peptic Ulcer) होने के खतरे की कम करने में मदद मिलती है।

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पेट में अल्सर के लिए घरेलू उपचार – Peptic Ulcer Home Remedies in Hindi

  1. पेट के अल्सर के लिए घर उपचार में एक स्वस्थ आहार चुनें
  2. अल्सर में दही का सेवन या प्रोबायोटिक्स (probiotics) युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन
  3. अल्सर का आयुर्वेदिक इलाज है दूध (milk)
  4. पेट में अल्सर के लिए घरेलू उपचार तनाव पर नियंत्रण (Control stress)
  5. अल्सर से बचने के उपाय में धूम्रपान न करें (Don’t smoke)
  6. पेट में अल्सर का घरेलु उपचार पर्याप्त नींद से (get enough sleep)

पेप्टिक अल्सर से उत्पन्न दर्द और लक्षणों को कम करने के लिए ऐसे बहुत से उपाय हैं जिनका उपयोग घरेलू इलाज के तौर पर किया जा सकता है। इन उपायों में शामिल हैं:

पेट के अल्सर के लिए घर उपचार में एक स्वस्थ आहार चुनें

फलों से भरा स्वस्थ आहार जैसे – खासकर विटामिन ए और सी, सब्जियां और पूरे अनाज का चुनाव करें। यदि आप विटामिन समृद्ध खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करते है तो पेट के छालों का इलाज करना मुश्किल हो सकता है।

(और पढ़े – विटामिन सी की कमी दूर करने के लिए ये खाद्य पदार्थ…)

अल्सर में दही का सेवन या प्रोबायोटिक्स (probiotics) युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन

पेट के छाले के इलाज के लिए प्रोबायोटिक्स (probiotics) युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बहुत फायदेमंद हो सकता है। इन पदार्थों में दही, गेहूं, शकरकंद, आचार, गोभी और पनीर शामिल हैं। दही (yogurt) प्रोबायोटिक्स का बहुत अच्छा स्त्रोत है।  अल्सर में दही का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है।

(और पढ़े – दही खाने से सेहत को होते हैं ये बड़े फायदे…)

अल्सर का आयुर्वेदिक इलाज है दूध (milk)

किसी भी व्यक्ति के लिए दूध पीना, अल्सर के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन दूध की अधिक मात्रा, बाद में अतिरिक्त एसिड उत्पादन का कारण बन सकती है, जिससे दर्द बढ़ सकता है। दूध पीने के बारे में अपने डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।

(और पढ़े – दूध के फायदे, गुण, लाभ और नुकसान…)

पेट में अल्सर के लिए घरेलू उपचार तनाव पर नियंत्रण (Control stress)

तनाव एक पेट में छाले के लक्षणों को ओर अधिक खराब कर सकता है। अतः तनाव के कारणों पर विचार करें और इसे कम करने के लिए हल खोजें। तनाव को कम करने के लिए व्यायाम, दोस्तों के साथ समय बिताये या पत्रिका का सहारा ले सकते हैं।

(और पढ़े – परीक्षा में तनाव को इस तरह करे दूर, मिलेगी सफलता)

अल्सर से बचने के उपाय में धूम्रपान न करें (Don’t smoke)

धूम्रपान पेट की सुरक्षात्मक अस्तर को ख़राब कर सकता है, जिससे पेट के छाले विकास के लिए अतिसंवेदनशील हो जाते हैं। धूम्रपान पेट में एसिड किन मात्रा भी बढ़ाता है।

(और पढ़े – धूम्रपान छोड़ने के सबसे असरदार घरेलू उपाय और तरीके…)

अल्सर में शराब से परहेज रखे (avoid alcohol)

अल्कोहल का अत्यधिक उपयोग आपके पेट और आंतों में श्लेष्मा अस्तर (mucous lining) को नष्ट कर सकता है और सूजन को बढ़ा सकता है। अतः यदि आप पेट के छाले की समस्या से पीड़ित है तो शराब को हाथ भी न लगाये।

(और पढ़े – शराब पीने के फायदे और नुकसान और शरीर पर इसका प्रभाव…)

पेट में अल्सर का घरेलु उपचार पर्याप्त नींद से (get enough sleep)

पर्याप्त नींद पाने की कोशिश करें। नींद आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को समृद्ध करने में मदद कर सकती है, और तनाव को भी कम करती है।

(और पढ़े – अच्छी नींद के लिए सोने से पहले खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ…)

Rajendra Patel

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