क्या हर महीने पीरियड के समय आप भी दर्द का सामना करती हैं। अगर ऐसा है, तो इसके लिए कोई दवा लेने के बजाए आप घरेलू उपायों को आजमा सकती हैं। ये आपके मासिक धर्म चक्र के दौरान होने वाले पेट दर्द और ऐंठन को कम करने में बहुत प्रभावी साबित होंगे। महिलाओं को हर महीने पीरियड्स आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। हर महीने 5-7 दिन महिलाओं को इस स्थिति का सामना करना ही पड़ता है। कुछ महिलाओं के लिए ये सामान्य है, लेकिन ज्यादातर महिलाओं के लिए पीरियड्स काफी दर्दनाक होते हैं। इसमें न केवल उन्हें दर्द होता है, बल्कि ऐंठन की समस्या से भी गुजरना पड़ता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ फैमिली के विशेषज्ञों के अनुसार, पीरियड का दर्द हर पांच में से एक महिला को होता है।
तो चलिए, आज के हमारे इस आर्टिकल में पीरियड्स के दर्द से छुटकारा पाने के प्रभावी उपायों की एक सूची दी गई है, जिसे आप अपने मासिक धर्म चक्र के दौरान होने वाले दर्द से बचने के लिए अपना सकते हैं। लेकिन इससे पहले ये जानना बहुत जरूरी है कि पीरियड्स क्या होते हैं और इसमें होने वाले दर्द का कारण क्या है।
मासिक धर्म एक अवधि है, जिसमें योनि के जरिए गर्भाशय के भीतरी हिस्से से खून और शलेष्म ऊतक का निर्वहन होता है। इस अवधि को पीरियड्स भी कहते हैं। मासिक चक्र के दौरान शरीर में प्राकृतिक प्रक्रिया होती है, जिस दौरान हार्मोन का स्तर गिरता और चढ़ता है, जो मासिक धर्म चक्र के चरण पर निर्भर करता है। ये हार्मोन आपके मूड और ऊर्जा के स्तर को प्रभावित करते हैं। मासिक धर्म चक्र की लंबाई हर महिला में अलग -अलग होती है। इसकी औसत अवधि 28 दिनों की होती है। नियमित चक्र जो 24 से 35 दिन से लंबे या छोटे होते हैं, वे सामान्य हैं। अब जानिए पीरियड पेन के कारणों के बारे में भी।
(और पढ़े – लड़की के पहले मासिक धर्म या पीरियड से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी…)
मासिक धर्म में दर्द या ऐंठन तब होती है, जब गर्भाशय में मांसपेशियां अस्तर को सिकोड़ती हैं। जब गर्भाशय सिकुड़ता है, तो यह रक्त वाहिकाओं पर दबाव डाल सकता है, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है और इसी वजह से दर्द और ऐंठन महसूस होती है। लेकिन इसके लक्षणों की जानकारी हो, तो इस दर्द से राहत मिल सकती है। नीचे आप जानेगीं, इसके लक्षणों के बारे में भी।
(और पढ़े – पीरियड्स के दिनों में दर्द क्यों होता है जानें मुख्य कारण…)
पीरियड आने से पहले महिलाओं को कुछ लक्षणों का अहसास होता है। इसे प्रीमेन्स्ट्रूयल सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है। इनमें मूड में, व्यपहार में बदलाव के साथ शारीरिक समस्या भी शामिल है और यह एक अवधि से दस दिन पहले तक हो सकती है। इसके कुछ लक्षणों के बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं।
शारीरिक लक्षण-
व्यवहारिक परिवर्तन-
(और पढ़े – पीरियड्स (मासिक धर्म) में कमर दर्द के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय…)
ये दर्द भी दो प्रकार के होते हैं, जिसे प्राइमरी डिसमेनोरिया और सेकेंडरी डिसमेनोरिया के नाम से जाना जाता है। प्राइमरी डिस्मेनोरिया उन लड़कियों को होते हैं, जिनके पीरियड्स हाल ही में शुरू हुए हैं। पीरियड्स आने के एक से दो दिन पहले ये शुरू होते हैं और 72 घंटों में बंद हो जाता है। यह दर्द कमर या फिर टांगों में हो सकता है।
जबकि सैकेंड्री डिस्मेनोरिया किसी वजह से पीरियड के दौरान होने वाला दर्द होता है, जो 25 से 40 साल की उम्र की किसी भी महिला को हो सकता है। यह दर्द मासिक धर्म के कुछ दिनों पहले शुरू हो जाता है और अक्सर पीरियड के बाद भी बना रहता है। इसके उपचार के लिए ये जानना जरूरी है कि आप किस तरह के पेन से गुजर रही हैं। पीरियड दर्द के प्रकार तो आपने जान लिए हैं, इसके बाद इससे बचने के घरेलू नुस्खे जानने के लिए पूरा लेखा पढ़ें।
(और पढ़े – डिसमेनोरिया (कष्टयुक्त मासिकस्राव) क्या है, कारण, लक्षण और इलाज…)
हम आपको पीरियड्स के दर्द से छुटकारा दिलाने वाले ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं। इन्हें आप आसानी से घर में मौजूद चीजों की मदद से कर सकते हैं।
(और पढ़े – पीरियड्स में पेट दर्द का घरेलू उपाय…)
पीरियड्स के दर्द से छुटकारा पाने का यह बहुत ही आसन और सरल घरेलू उपाय है। पीरियड में दर्द अहसनीय होता है। इसके लिए पेट के निचले हिस्से पर हीट देने से गर्भाशय में सिकुड़न वाली मांसपेशियों को आराम मिलता है। आप चाहें, तो एक गर्म पानी की बोतल या हॉट वॉटर बैग से भी हीट दे सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, गर्म स्नान करने से भी दर्द से राहत मिलती है और आप अधिक सुकून महसूस करते हैं।
वैसे तो मेथी के बीज वजन कम करने, लिवर, किडनी और मेटाबॉलिज्म के लिए अच्छे होते हैं, लेकिन पीरियड्स में दर्द से राहत पाने के लिए भी मेथीदाना अच्छा घरेलू नुस्खा है। मेथी के बीज की मदद से पीरियड के दर्द को कम करने के लिए रात में एक कप मेथीदाना पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उठकर इसे छान लें और इसके पानी को पी लें। ऐसा करने पर पीरियड्स के दर्द से राहत मिलेगी।
(और पढ़े – अंकुरित मेथी के फायदे और नुकसान…)
दालचीनी में एंटी इंफ्लेमेट्री और एंटी स्पास्मोडिक गुण होते हैं, जो ऐंठन और दर्द से राहत देने में मदद करते हैं। इसलिए पीरियड्स के दिनों में आप अपने भोजन में दालचीनी का प्रयोग करें, तो दर्द से जल्द राहत पाई जा सकती है।
जब कभी पीरियड्स के समय में दर्द हो, तो अदरक और काली मिर्च की हर्बल चाय बनाकर पी लें। स्वाद के लिए इसमें थोड़ी सी चीनी मिलाएं। बता दें, कि अदरक प्रभावी रूप से पीरियड के दर्द को कम करता है, क्योंकि यह प्रोस्टाग्लैंड के स्तर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और मासिक धर्म से जुड़ी थकान को दूर करने में मदद करता है।
गाजर का रस आपके पीरियड के दर्द को बहुत हद तक कम करने में मददगार है। खासकर जिन लड़कियों में खून की कमी होती है, उन्हें पीरियड के दौरान बहुत दर्द होता है, तो उन्हें पूरे महीने एक गिलास गाजर का रस पीना चाहिए।
(और पढ़े – गाजर के जूस के फायदे और नुकसान…)
पीरियड के दिनों में दर्द कम करने के लिए आप पपीता खा सकती हैं। यह आपकी पाचन प्रक्रिया को मजबूत बनाने का काम करता है। यह दर्द कम करने के साथ ऐंठन से भी छुटकारा दिलाएगा। ध्यान रखें, कि ये उपाय आपको पीरियड डेट के पांच दिन पहले शुरू करना है।
(और पढ़े – पपीता खाना क्यों है सेहत के लिए लाभकारी…)
पीरियड के दर्द को कम करने के लिए जीरा सबसे सरल घरेलू उपचार है। आप जीरे के बीज की मदद से हर्बल चाय बना सकते हैं। जीरे में मौजूद एंटी स्पैस्मोडिक और एंटी इंफ्लेमेट्री गुण मासिक धर्म में होने वाली ऐंठन और दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए बहुत उपयोगी है।
मासिक धर्म में ऐंठन या दर्द हो, तो अजवाइन का पानी जाइुई रूप से अपना असर दिखाता है। यह कई बीमारियों और विकारों के खिलाफ एक प्रभावी आयुर्वेदिक दवा है। अजवाइन का पानी तैयार करने के लिए दो कप पानी में दो चम्मच अजवाइन के बीज उबालें। इसे तब तक उबालें, जब तक की पानी आधा न रह जाए। अब इसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाएं और कुछ देर तक पकने दें। जब गुड़ घुल जाए, तो पानी को छानकर पी लें। इस पानी को पीरियड्स के पहले दिन से तीसरे दिन तक दिन में दो बार पीना है। इससे पीरियड के दर्द को कम करने में बहुत मदद मिलेगी।
(और पढ़े – अजवाइन के फायदे, गुण, लाभ और नुकसान…)
इस नेचुरल पेन किलर और एंटी बायोटिक का सेवन करने से पीरियड्स में होने वाला दर्द पूरी तरह से गायब हो जाएगा। बस आप इसे पीरियड्स के दौरान तुलसी की चाय या पानी में उबालकर पीएं। इससे पीरियड के दौरान होने वाले पेट दर्द में आराम मिलेगा।
(और पढ़े – तुलसी के फायदे और नुकसान…)
पीरियड के दर्द से जल्द छुटकारा पाने के लिहाज से हल्दी सबसे अच्छा प्राकृतिक उपचार है। इसमें एंटी- इफ्लेमेट्री और हीलिंग प्रॉपर्टीज होती हैं, जो दर्द को कम करने में बहुत सहायक हैं। रात में सोने से पहले गर्म बादाम के दूध में चुटकीभर हल्दी और जायफल का एक टुकड़ा डालकर पीने से अच्छी नींद आती है और दर्द से राहत मिलती है।
(और पढ़े – हल्दी और दूध के फायदे और नुकसान…)
केला पीरियड्स के दिनों में पेट में होने वाली सूजन को कम करता है। इसमें विटामिन बी 6, मैग्नीशियम और पोटेशियम होता है। इसलिए अगर पीरियड के दिनों में केले का सेवन किया जाए, तो दर्द से राहत पाई जा सकती है।
(और पढ़े – रोज सुबह केला और गर्म पानी के सेवन के फायदे जानकर दंग रह जाएगे आप…)
तिल के सेवन से शरीर को बहुत ताकत मिलती है। इसलिए जब भी मासिक धर्म आने पर या इन दिनों में आपको दर्द का अहसास हो, तो तिल का सेवन कर लें। इसके लिए एक गिलास पानी में पांच ग्राम तिल डालकर उबाल लें। इसे तब तक उबालें, जब तक की पानी आधा न हो जाए। इस पानी का सेवन पीरियड्स शुरू होने तक कर सकती हैं।
शहद और हरी प्याज पीरियड के दिनों में होने वाले अहसहनीय दर्द को दूर करने में बहुत फायदेमंद है। दरअसल, ये दोनों ही चीजें ब्लड फ्लो को बढ़ाकर, यूटरस की मांसपेशियों को आराम देता है। इसके लिए हरी प्याज के आगे वाले सफेद हिस्से को किस लें और जूस निकाल लें। अब इस जूस में एक चम्मच शहद मिला लें। इस मिश्रण का सेवन पीरियड के पांचों दिनों में दिन में चार से पांच बार करना है। दर्द बहुत जल्दी गायब हो जाएगा।
पीरियड पेन में व्यायाम करना सबसे बढ़िया घरेलू तरीका है। इस दौरान व्यायाम करने से पेल्विक क्षेत्र में परिसंचरण बढ़ता है और प्रोस्टाग्लैंडिस का प्रतिकार करने के लिए एंडोर्फिन जारी करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, मासिक धर्म में दर्द के समय योगासन जैसे प्राणायाम और श्वासन भी कर सकते हें। ये दोनें ही दर्द को कम करते हैं और आपको रिलेक्स महसूस कराते हैं। बता दें, कि आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए व्यायाम जरूरी है, लेकिन अगर आप दर्दनाक स्थिति में है, तो यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
(और पढ़े – पीरियड में एक्सरसाइज करनी चाहिए या नहीं…)
तिल का तेल पारंपरिक रूप से आयुर्वेदिक सेल्फ मसाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें लिनोलिक एसिड, एंटी इंफ्लेमेट्री और एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसलिए मासिक धर्म में होने वाले दर्द के इलाज में यह बहुत फायदेमंद है। इससे आप अपने निचले पेट की 10-15 मिनट मालिश कर सकती हैं। ऐसा करने पर पीरियड्स के दर्द से राहत मिलेगी।
मासिक धर्म में होने वाले दर्द से बचने के लिए आप घरेलू उपायों को तो कर ही सकती हैं, लेकिन हमारे द्वारा यहां दिए कुछ सुझावों को अपनाना भी उतना ही जरूरी है जितना की घरेलू उपाय करना।
(और पढ़े – पीरियड के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं…)
एक आदर्श रूप से, मासिक धर्म चक्र पांच दिनों तक रहता है और औसतन तीन से पांच दिनों तक महिलाओं का खून बहता है। कुछ महिलाओं के लिए, यह सात दिनों तक जा सकता है। सात दिनों तक खून बहना पूरी तरह से सामान्य है, और इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं है। अगर आपका रक्तस्राव 15 दिनों तक नहीं रुकता है या आपकी अवधि एक महीने में तीन बार आती है, तो आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने की आवश्यकता है। यह आमतौर पर एक महिला के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन के कारण होता है।
अपनी अवधि के दौरान यौन संबंध बनाना पूरी तरह से सुरक्षित है। लेकिन ऐसा करते समय हमेशा कंडोम का उपयोग करना सुनिश्चित करें।
आदर्श रूप से, आपको व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के लिए अपने सेनेटरी पैड को हर तीन से चार घंटे में बदलना चाहिए। यह आपके प्रवाह पर भी निर्भर करता है, यदि आप एक भारी प्रवाह का अनुभव कर रहे हैं, तो आपको अपने पैड को अधिक बार बदलना चाहिए क्योंकि यह जल्दी से संतृप्त हो जाएगा। संक्रमण या पीरियड रैश से बचने के लिए जब आप नम या असहज महसूस करें तो इसे बदल दें।
आपकी अवधि के दौरान स्वच्छता बहुत महत्वपूर्ण है। इन दिनों के दौरान पालन करने वाली मूल चीजें हैं – हर दिन स्नान करना और योनि की सफाई के लिए सही उत्पादों का उपयोग करना। क्षेत्र को ठीक से साफ करने के लिए सॉफ्ट साबुन या इंटिमेट वाश के साथ गर्म पानी का उपयोग करें। संक्रमण या पीरियड रैश से बचने के लिए हर तीन से चार घंटे में अपना सैनिटरी नैपकिन बदलें।
इस लेख में हमने आपको पीरियड्स के दर्द से छुटकारा पाने के उपाय बताए हैं, जो काफी असरदार और फायदेमंद हैं। लेकिन गंभीर मामलों के लिए उपचार प्राप्त करने का अच्छा तरीका डॉक्टर द्वारा आपके मासिक धर्म के दर्द का निदान करना है।
(और पढ़े – जानें पीरियड में पैड लगाने का सही तरीका क्या है वीडियो के साथ…)
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…