Lower Back Pain During Period in Hindi: क्या आपको भी पीरियड्स में कमर दर्द होता है? तो हम आपको इसके लिए आसान से घरेलू उपाय बता रहे हैं, इनकी मदद से आप माहवारी में होने वाले कमर दर्द से छुटकारा पा सकती हैं। पीरियड्स में कमर दर्द की समस्या महिलाओं को बहुत परेशान करती है। इस दौरान किसी को कम तो किसी को तेजी से कमर दर्द होता है। यह दर्द आपके पीरियड्स आने के कुछ दिन पहले शुरू हो सकता है। हालांकि, इससे बचने के लिए अक्सर महिलाएं दवा ले लेती हैं, लेकिन हर महीने होने वाले इस दर्द से राहत पाने के लिए दवा लेना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे समय में पेन किलर खाने से खून पतला हो जाता है, रक्तचाप असंतुलित होता है।
इसके बजाए अगर आप घर बैठे कुछ नुस्खे अपनाएं, तो आपको पीरियड्स में कमर दर्द से बहुत जल्दी आराम मिलेगा। लड़कियों और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान शारीरिक दर्द, पेट में ऐंठन, चिड़चिड़ापन, जी मिचलाना, व मूड स्विंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इन सब में मासिक धर्म के समय कमर में दर्द तो सबसे आम समस्या बन चुकी है।
महिलाओं के लिए मासिक धर्म उनके जीवन की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इस दौरान हर लड़की और महिला को कमर दर्द की समस्या से जूझना ही पड़ता है। यह दर्द चलने और काम करने के दौरान असुविधा पैदा करता है। ऐसी कई महिलाएं हैं, जिनको पीरियड्स में होने वाले दर्द को सहन करना मुश्किल हो जाता है। वैसे तो मासिक धर्म में कमर दर्द को रोकने के बहुत से उपाय हैं, लेकिन हम आपको कुछ चुंनिदा घरेलू उपायों के बारे में बताएंगे, जो धीरे-धीरे आपके दर्द को कम कर देंगे। लेकिन सबसे पहले जानना जरूरी है, कि पीरियड्स में कमर दर्द होता क्या है।
विषय सूची
1. पीरियड्स में लड़कियों को क्यों होता है कमर में दर्द – Ladkiyon ko periods me kyu hota hai tej kamar dard in Hindi
2. पीरियड्स में कमर दर्द के कारण – Causes of lower back pain during periods in Hindi
3. पीरियड्स में कमर दर्द के लक्षण – Symptoms of Period Back Pain in Hindi
4. पीरियड्स में कमर दर्द का उपचार – Treatment of back pain in periods in Hindi
5. मासिक धर्म या पीरियड्स में कमर दर्द के घरेलू उपाय – Period me kamar dard ke gharelu upay in Hindi
6. मासिक धर्म के दौरान कमर दर्द से बचने के टिप्स – Tips to avoid back pain in periods in Hindi
7. क्या पीरियड से एक हफ्ते पहले कमर दर्द होना चिंता की बात है – Is it a matter of concern to have back pain a week before the period in Hindi
8. मासिक धर्म के दौरान कमर दर्द होने पर डॉक्टर को कब दिखाना है – When to see a doctor if you have back pain during menstruation in Hindi
महिलाओं की कमर में दर्द होना पीरियड्स आने का सबसे आम संकेत है और इस दौरान इस किस्म का दर्द होना सामान्य है। दरअसल, मासिक धर्म में गर्भाशय की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं, जिस कारण महिलाओं को पीठ से लेकर कमर और पेट में दर्द का अनुभव होता है। निचली कमर में होने वाले दर्द को डिसमिनेरिया (dysmenorrhea) भी कहते हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो हर महीने महिलाओं के शरीर में अंडा बनाने के लिए यूटेराइन लाइनिंग (यूटेरस की लाइनिंग) बनती है, जिसे एंडोमेट्रियम कहते हैं। अगर आप प्रेग्नेंट नहीं होतीं, तो ऐसी स्थिति में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन लेवल में गिरावट आती है।
साथ ही गर्भाशय में कुछ बदलाव भी महसूस होने लगते हैं। अगर आपका गर्भाशय बहुत तेजी से सिकुड़ता है, तो इसका असर आसपास की ब्लड वैसल्स पर भी पड़ता है। इसी वजह से निचले पेट के साथ निचली कमर में भी तेजी से दर्द महसूस होता है। उच्च प्रोस्टाग्लैंडिन वाली महिलाओं को भी तेज कमर दर्द हो सकता है।
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पीरियड्स के उन दिनों में कमर में दर्द होने के कई कारण हैं। नीचे बताए गए कारणों से पीरियड्स में कमर दर्द की शिकायत हो सकती है।
ओव्यूलेशन (Ovulation) – ओव्यूलेशन के दौरान ऐंठन के साथ आपको पीठ के निचले हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है। यह तब होता है, जब आपका अंडाशय एक अंडा जारी करता है। यह आपके मासिक धर्म चक्र के मध्य में होता है। ओव्यूलेशन के कारण दर्द अचानक बढ़ सकता है। यह कुछ देर के लिए या फिर दो दिन तक के लिए भी रह सकता है।
एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) – यह एक असामान्य प्रजनन संबंधी स्थिति है। इस स्थिति में गर्भाशय के बाहरी हिस्से में सेल्स विकसित हो जाते हैं। इस अवधि से पहले पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है।
गर्भाशय में सिस्ट या यूट्रीन फाइब्रॉइड (Uterine fibroids) – ये गैर कैंसरजन्य वृद्धि है, जो यूटेराइन वॉल पर बनती हैं। इस कारण भी पीरियड्स से पहले और बाद में कमर दर्द की शिकायत होती है।
एडिनोमायोसिस (Adenomyosis) – इस स्थिति में यूट्रस लाइनिंग के टिशू मांसपेशियों की गर्भाशय की दीवार में बढ़ने लगते हैं। यह पीरियड्स की अवधि के दौरान और बाद में कमर दर्द का कारण हो सकता है।
सर्वाइकल स्टेनोसिस (Cervical stenosis)- इस स्थिति में कई महिलाओं की सर्वाइकल ओपनिंग बहुत छोटी होती है और ये मासिक धर्म के प्रवाह को बाधित करता है। इससे गर्भाशय पर दबाव बढ़ता है, जिससे कमर दर्द होता है।
पेल्विक इंफ्लेमेट्री डिसीज (Pelvic inflammatory disease) – यह डिसीज फीमेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन का एक इंफेक्शन है, जो आमतौर पर बैक्टीरिया के कारण होता है। आप एंटीबायोटिक दवाओं के साथ पीआईडी (PID) का इलाज कर सकते हैं।
असामान्य गर्भावस्था (Abnormal pregnancy) – इसमें अस्थानिक गर्भावस्था, या गर्भपात शामिल है।
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यदि आपको कष्टार्तव (dysmenorrhea) है, तो आपको पीठ दर्द के साथ कई अन्य लक्षणों का अनुभव हो सकता है। इन लक्षणों में शामिल हैं:
मासिक धर्म के दौरान एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) पीठ के निचले हिस्से में दर्द का एक आम कारण है। ऊपर सूचीबद्ध लक्षणों के अलावा, एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों में शामिल हैं:
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि एंडोमेट्रियोसिस में बहुत कम या ध्यान देने योग्य लक्षण भी हो सकते हैं।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी), जो पीठ के निचले हिस्से में दर्द का कारण भी बन सकती है, में कष्टार्तव के अलावा निम्न लक्षण हैं:
पीआईडी अक्सर यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के कारण होता है, जैसे कि गोनोरिया और क्लैमाइडिया। संक्रमण से बैक्टीरिया प्रजनन अंगों में फैल सकता है।
यह टैम्पोन के उपयोग के कारण भी हो सकता है। यदि आपको लगता है कि आपको एसटीआई या पीआईडी है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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पीरियड्स में होने वाले कमर दर्द का कारण जानकर डॉक्टर आपको कुछ उपचार बता सकता है, जैसे- बर्थ कंट्रोल पिल्स। ऐसी पिल्स, जिनमें एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन होते हैं, यह दर्द को कम करने में मददगार हैं।
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माहवारी के दिनों में कमर दर्द होने पर भले ही महिलाएं या लड़कियां दवाओं का सहारा लेती हैं, लेकिन आगे चलकर इससे सेहत को नुकसान पहुंचता है। नीचे हम आपको पीरियड्स में कमर दर्द दूर करने के कुछ उपाय बता रहे हैं, जिन्हें आप घर में आसानी से आजमा सकती हैं।
मासिक धर्म के समय कमर दर्द में गर्म पानी से सिकाई करना सबसे अच्छा और आसान घरेलू उपाय है। सिकाई से गर्भाशय की मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिससे दर्द कम हो जाता है। इसके लिए आप रबड़ के बैग या प्लास्टिक की बोतल में पानी भरकर पीठ के निचले हिस्से की सिकाई करें।
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दालचीनी में कैल्शियम, फाइबर और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके साथ दालचीनी में कुछ ऐसे गुण भी होते हैं, जो पीरियड्स में कमर दर्द और सूजन की समस्या को खत्म करते हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए एक गिलास गर्म पानी में एक-एक चम्मच दालचीनी और शहद मिलाकर माहवारी के पहले दिन दो से तीन बार पीएं। इससे दर्द कम करने में बहुत राहत मिलेगी।
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)सौंफ गर्भाशय में होने वाली ऐंठन को शांत करके बैचेनी और दर्द से राहत दिलाती है। एक कप उबलते पानी में एक चम्मच सौंफ डालें और मध्यम आंच पर पांच मिनट के लिए उबालें। अब इसे ठंडा करने के लिए रख दें और एक चम्मच शहद मिलाएं। इस हर्बल चाय को पीरियड के शुरूआती दो या तीन दिन में दो बार पीने से कमर दर्द में बहुत लाभ मिलेगा।
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अदरक को भी मासिक धर्म के समय दर्द के उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल, महिलाओं के गर्भाशय में एक केमिकल होता है, जो दर्द के लिए जिम्मेदार होता है। अदरक इस दर्द वाले केमिकल को कम करता है, जिससे आपको पीरियड्स में कमर दर्द से छुटकारा मिल जाता है। इसके लिए एक कप पानी में अदरक का एक छोटा टुकड़ा डालकर पांच मिनट के लिए उबालें। अब इसे थोड़ा ठंडा करें और इसमें शहद व नींबू मिलाएं। इस हर्बल चाय को माहवारी के दिनों में रोजाना दिन में तीन बार पीएं। कमर दर्द में राहत मिलेगी।
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तुलसी भी पीरियड्स के दिनों में कमर दर्द का अच्छा उपचार है। यह आयुर्वेदिक औषधि के रूप में काम करती है। इसके लिए तुलसी के पत्तों को एक कप उबलते पानी में डालें और फिर ढंककर रख दें। ठंडा होने पर इसे पीएं। दिन में तीन या चार बार इसे पीने से दर्द गायब हो जाएगा।
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पीरियड्स में कमर दर्द को दूर भगाने के लिए पपीता बहुत असरदार साबित होता है। इसमें आयरन, विटामिन, कैरोटीन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। पीरियड्स आने से पहले पपीते को अपने आहार में शामिल करें। इससे दर्द में बहुत जल्दी आराम मिलेगा।
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अगर आपको अनियमित माहवारी के साथ बहुत ज्यादा कमर दर्द भी होता है, तो धनिए के बीज आपके लिए रामबाण उपाय साबित होंगे। सबसे पहले धनिए के बीजों को एक कप पानी में उबालें और ठंडा कर लें। अब इस मिश्रण को ठंडा कर दिन में दो बार पीएं। कमर दर्द में बेहद आराम मिलेगा।
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दही में भरपूर मात्रा में विटामिन डी और कैल्शियम पाया जाता है। इसलिए ये दोनों ही तत्व दर्द से राहत दिलाने में बहुत मददगार साबित होते हैं। पीरियड्स के दिनों में अपने आहार में दही शामिल करें। एक दिन में कम से कम तीन से चार बार दही का सेवन करना चाहिए। ध्यान रखें, कि दही में कुछ मिलाए नहीं, बल्कि सादे दही का सेवन दर्द में ज्यादा फायदा पहुंचाएगा।
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सेंधा नमक में मैग्नीशियम सल्फेट होता है और कहा जाता है, मैग्रीशियम सल्फेट में किसी भी तरह के दर्द को दूर करने के गुण होते हैं। इसलिए मासिक धर्म में गुनगुने पानी में सेंधा नमक डालकर स्नान करें। पीरियड्स की तारीख से एक या दो दिन पहले ही सेंधा नमक का स्नान लेना शुरू कर दें। बहुत राहत मिलेगी।
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मेथीदाने में कई तरह के दर्द को भगाने के चिकित्सीय गुण होते हैं। इसमें प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है, जिससे पीरियड्स में होने वाले दर्द में बहुत आराम मिलता है। इसके लिए एक चम्मच मेथीदाने को एक गिलास पानी में रातभर के लिए भिगोकर रख दें और सुबह उठकर खाली पेट इस पानी का सेवन करें। पीरियड्स शुरू होने से दो दिन पहले आप इस उपाय को कर सकते हैं।
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लैवेंडर ऑयल में मासिक धर्म में होने वाले दर्द को दूर करने के गुण होते हैं। इसे सूंघने से भी दर्द में बहुत आराम मिलता है। इसे आजमाने के लिए तीन से चार बूंद लैवेंडर ऑयल के साथ एक से दो चम्मच नारियल के तेल की मिलाएं। इस मिश्रण को दर्द की जगह पर लगाएं। आप चाहें, तो लैवेंडर तेल की कुछ बूंद पानी में डालकर इसकी भाप भी ले सकती हैं। पीरियड्स के दिनों में इस उपाय को एक से दो बार कर सकती हैं।
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पेपरमेंट ऑयल में मैंथॉल के गुण होते हैं, जो दर्द व थकान को दूर करने में आपकी मदद करते हैं। इसके लिए पेपरमेंट ऑयल की तीन से चार बूंद लें और इसमें दो चम्मच नारियल का तेल मिला लें। अब इस तेल के मिश्रण को प्रभावित क्षेत्र पर लगाकर दो मिनट तक मसाज करें। कमर दर्द होने पर इस उपाय को दिन में एक बार तो जरूर करें।
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माहवारी के दिनों में महिलाओं के शरीर में खून की कमी हो जाती है, ऐसे में उन्हें पौष्टिक आहार लेने की बहुत जरूरत होती है। इन दिनों महिलाओं को आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर आहार लेना चाहिए। साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से भी खुद को स्वस्थ रख सकती हैं। इतना ही नहीं, अपनी डाइट में विटामिन डी को भी शामिल करें। यह आपको पनीर, अंडे, मछली, संतरे का जूस व दालों में मिल सकता है।
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पीरियड के दौरान होने वाले कमर दर्द से बचने के लिए आप नीचे दिए जा रहे टिप्स अपना सकते हैं।
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पीरियड्स से एक हफ्ते पहले आपको कमर में दर्द शुरू हो जाता है, तो चिंता की कोई बात नहीं है। पीरियड्स के एक हफ्ते पहले होने वाला कमर दर्द प्रीमेंस्ट्रूयल सिंड्रोम का एक हिस्सा होता है। पीएमएस भावनात्मक, व्यवहार और शारीरिक लक्षणों का एक संयोजन है, जो एक महिला में उसका मासिक धर्म आने से पहले होता है। मासिक धर्म के लक्षण मासिक धर्म चक्र के 14वें दिन से शुरू हो सकते हैं और आपके मासिक धर्म शुरू होने के सात दिन बाद तक रह सकते हैं।
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यदि आपको पीठ के निचले हिस्से में बहुत तेज दर्द हो रहा है जो सीधे आपके दैनिक जीवन के कार्य को प्रभावित करता है, तो तुरंत डॉक्टर को देखना सबसे अच्छा होता है। अगर आपको एंडोमेट्रियोसिस, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज या डिसमेनोरिया की आशंका है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करना एक अच्छा उपाय है।
यदि आप अपनी अवधि के दौरान कई असहज लक्षणों का अनुभव करती हैं, तो यह एक अंतर्निहित कारण हो सकता है।
पीरियड्स के दिनों में महिलाओं को कमर में दर्द होना आम बात है। उन दिनों में कमर दर्द की समस्या को खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन इस लेख में हमारे द्वारा बताए गए कारण और घरेलू उपायों को जानकर कमर के दर्द को कुछ हद तक कम जरूर किया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, जिन महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस, पेल्विक इंफ्लेमेट्री डिसीज और यूट्रीन फाइब्रॉइडस की समस्या है, तो उनमे यह दर्द गंभीर हो सकता है। इसके लिए पूरी तरह घरेलू उपचारों पर निर्भर न रहें, बल्कि तुरंत डॉक्टर से संर्पक करें।
(और पढ़े – पीरियड्स के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं…)
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