बीमारी

पायरिया क्या है, कारण, लक्षण, इलाज, और वाचाव के उपाय – Periodontitis (pyria) in Hindi

पायरिया (Periodontitis) मसूड़ों में होने वाला एक संक्रमण है, जो बैक्‍टीरिया के कारण होता है ये बैक्‍टीरिया आपके दांतों और मसूड़ों पर जमा होकर उन्हें संक्रमित करते है। पायरिया (pyriya) रोग से आपकी हड्डियों और दांतों को क्षति पहुँचती है। यह बीमारी ज्यादातर मसूड़ों को प्रभावित करती है इसके प्रभाव से दांतों में हल्के दर्द के साथ-साथ असहनीय दर्द भी हो सकता है। मुंह और दांत की अच्छी तरह से सफाई कर पायरिया (Pyorrhea)से बचा जा सकता है।

1. पायरिया क्या है – What is Periodontitis (pyria) in Hindi
2. पायरिया के कारण – Causes of Periodontitis (pyriya) in Hindi
3. पायरिया के प्रकार – Types of Periodontitis (pyriya) in Hindi
4. पायरिया रोग के लक्षण – Symptoms of Periodontitis (pyria) in Hindi
5. पायरिया का निदान – Diagnosis of Periodontitis (pyria) in Hindi
6. पायरिया  का इलाज – Treatment of Periodontitis (pyria) in Hindi
7. पायरिया  का सर्जिकल उपचार – Surgical treatments of Periodontitis (pyria) in Hindi
8. पायरिया  से  बचाव के तरीके – Prevention of Periodontitis (pyriya) in Hindi
9. पायरिया के घरेलू उपचार –  home remedies of Periodontitis in Hindi
10. पायरिया में क्या खाएं और जीवन शैली – Diet & Lifestyle Advice of Periodontitis (pyria) in Hindi

पायरिया क्या है – What is Periodontitis (Pyorrhea) in Hindi

पायरिया का सामान्य अर्थ है “दांत के चारों ओर सूजन” का होना है, दाँत की सतह के आसपास सूक्ष्मजीव, जैसे बैक्‍टीरिया मौजूद रहते हैं, और यही बैक्‍टीरिया पायरिया रोग का कारण बनते है। जिससे व्यक्तियों के मुंह में दुर्गन्ध आना बढ़ जाती है, पायरिया के बैक्‍टीरिया दांतों के आस-पास मसूड़ों के ऊतकों को प्रभावित कर सूजन वाली स्थिति पैदा करता है, जिससे मसूड़े लाल हो जाते हैं, और कभी-कभी उनसे खून भी आ सकता हैं।

पेरियोडोंटाइटिस (periodontitis), मसूड़ों का एक सामान्य संक्रमण रोग, है जो दांतों के मुलायम ऊतक (मसूड़ों) और हड्डी को नुकसान पहुंचाता है। यदि इसका उपचार समय पर ना किया जाये तो, दांतों के चारों ओर की हड्डी धीरे-धीरे नष्ट हो जाती है।

पायरिया के कारण – Causes of Periodontitis (pyriya) in Hindi

स्वस्थ लोगों के मुंह में विभिन्न प्रकार के जीवाणु होते हैं। उनमें से ज्यादातर जीवाणु किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुँचाते हैं। जब दांतों को प्रतिदिन ठीक तरह से साफ नहीं किया जाता है तो मुंह के बैक्‍टीरिया बढ़ने लगते है, जो आपके दांतों और मसूड़ों को पायरिया रोग से प्रभावित कर देते है। मुंह में बैक्‍टीरिया वृद्धि कर एक चिपचिपा पदार्थ बनाते हैं, जिसे dental plaque (प्लेक ) कहा जाता है और यही plaque , दांतों और मसूड़ों को हानि पहुँचाती है, जो पायरिया रोग के नाम से जाना जाता है।

  • जब भोजन में उपस्थित स्टार्च और शर्करा मुंह में पाए जाने वाले बैक्‍टीरिया से संपर्क में आते हैं तब प्लेक दांतों पर बनाता हैं।
  • दांतों पर प्लेक के जमा होने से हानिकारक एनारोबिक नामक बैक्‍टीरिया जहरीले पदार्थों को मुक्त करते हैं जो मसूड़ों, दांतों और हड्डी को नुकसान पहुँचाते हैं।
  • पेरियोडोंटाइटिस (pyria) सामान्यता दांतों को अच्छी तरह से स्वच्छ ना किये जाने के कारण होता है।
  • कुछ दवाएं या धूम्रपान करना भी पायरिया रोग होने का कारण बन सकते हैं  शुष्क मुंह भी इसका कारण बन सकता है

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पायरिया के प्रकार – Types of Periodontitis (pyriya) in Hindi

पायरिया (Periodontitis) के कई अलग-अलग प्रकार हैं। जिनमें से कुछ सामान्य प्रकार इस तरह के हैं।

क्रोनिक पीरियडोंटाइटिस (Chronic periodontitis) – यह पायरिया का सबसे सामान्य प्रकार है, जो ज्यादातर वयस्कों को प्रभावित करता है, इससे बच्चों के प्रभावित होने की सम्भावना कम होती है। समय पर इलाज नहीं होने पर मसूड़ों, हड्डियों और दांतों को अत्यधिक नुकसान होता है।

अग्रेसिव पीरियडोंटाइटिस (Aggressive periodontitis) – यह आमतौर पर बच्चों या नव युवाओं में शुरू होता है। यह कम लोगों को प्रभावित करता है। इसका इलाज न होने पर हड्डी और दाँत को बहुत तीव्र गति से नुकसान पहुंचता है।

नेक्रोटाइज़िंग पेरियोडोंटाइटिस (Necrotizing periodontal) – यह एक गंभीर संक्रमण है जो कि मसूड़ों के ऊतक, दाँत के अस्थि बंधन और सहायक हड्डी को रक्त की आपूर्ति (नेक्रोसिस) में कमी के कारण होता है, यह आम तौर पर उन लोगों में होता है जो एचआईवी संक्रमण, कैंसर उपचार या अन्य कारणों से – कुपोषण के शिकार होते है।

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पायरिया रोग के लक्षण – Symptoms of Periodontitis (Pyorrhea) in Hindi

पायरिया के लक्षण रोग के चरण पर निर्भर करते हैं, फिर भी आम तौर पर पायरिया होने पर निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं।

  • जब आप दांतों को ब्रश करते है तो उस समय मसूड़ों से खून निकलता है।
  • सांसों से बदबू आती है।
  • दांत ढीले हो जाते है, या दांतों की स्थिति में परिवर्तन हो जाता है।
  • पायरिया मसूड़ों को पीछे हटा देता है।
  • मसूड़ों का लाल होना, मुलायम होना , या मसूड़ों में सूजन आना पायरिया के लक्षण को प्रगट करते है।
  • चबाने पर दर्द महसूस होता है।
  • दांतों के बीच अंतराल बढ़ जाता है, और दांत टूटकर गिरने लगते है।
  • अपने मुंह का स्वाद परिवर्तित हो जाता है।
  • आपके शरीर में सूजन आने लगती है।

ये सभी समस्या होने पर आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि ये सभी लक्षण पायरिया रोग के होते है

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पायरिया का निदान – Diagnosis of Periodontitis (pyria) in Hindi

दंत चिकित्सक सामान्यता लक्षणों को देखकर और शारीरिक परीक्षण कर पीरियडोंटाइटिस (पायरिया) का निदान कर सकता है। दंत चिकित्सक दाँत और मसूड़ों में एक पीरियडोंटल जांच (periodontal probe) करेगा। पीरियडोंटाइटिस के मामलों में मसूड़ों की जाँच गहराई तक की जाएगी, जिससे यह पता लगा लिया जाता है कि यह कितनी दूर तक पहुंचा है। ये जाँच दर्द रहित होती है

यदि आपके दांतों पर प्लेक, टार्टार (plaque, tartar ) या दोनों पाए जाते हैं, तो दंत चिकित्सक इन पदार्थों को सफाई का इसे हटा देता है। वे हड्डी और दांत की स्थिति का आकलन करने के लिए एक्स-रे किरण का भी सहारा ले सकते हैं।

डॉक्टर आपके मसूड़ों और दांतों के बीच pocket depth को मापते है। एक स्वस्थ मुंह में, pocket depth आमतौर पर 1 से 3 मिलीमीटर (मिमी) के बीच होती है यदि pocket depth 4 मिमी से 6 मिमी के बीच है तो इसका इलाज किया जा सकता है।

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पायरिया  का इलाज – Treatment of Periodontitis (pyria) in Hindi

पायरिया का उपचार 2 तरीकों से किया जा सकता है-

नॉनसर्जिकल उपचार (Nonsurgical treatments) – इसके अंतर्गत वे उपचार शामिल किये जाते है जिन्हें आप राहत पाने के लिए सामान्य रूप से करवा सकते है जैसे-

स्केलिंग (Scaling)- इस प्रिक्रिया में एक यंत्र अर्थात एक लेजर या अल्ट्रासोनिक डिवाइस का उपयोग कर दाँत की सतह से और मसूड़ों के नीचे tartar (दांत का मैल) और बैक्टीरिया को हटाया जा सकता है।

रूट प्लानिंग (Root planning) – यह दांत की सतहों को चिकना करता है, जिससे टारटर (दांत का मैल) और बैक्टीरिया के निर्माण पर रोक लगती है, इससे पायरिया रोग का खतरा कम हो जाता है।

एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) – Topical or oral antibiotics (एंटीबायोटिक्स) बैक्‍टीरिया के संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। बैक्टीरिया संक्रमण को पूरी तरह से खत्म करने के लिए oral एंटीबायोटिक दवाएं आवश्यक हो सकती हैं।

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पायरिया  का सर्जिकल उपचार – Surgical treatments of Periodontitis (pyria) in Hindi

डॉक्टर द्वारा पायरिया रोग निवारण के लिए निम्न सर्जरी को अपनाया जाता है :–

  • फ्लैप सर्जरी (Flap surgery)
  • साफ्ट टिश्यू ग्राफ्ट्स (Soft tissue grafts)
  • बॉन ग्राफ्टिंग (Bone grafting)
  • गाइडेड टिश्यू रेगेनरसन (Guided tissue regeneration)
  • टिश्यू स्तिमुलेसन प्रोटीन्स (Tissue-stimulating proteins)

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पायरिया  से  बचाव के तरीके – Prevention of Periodontitis (pyriya) in Hindi

पीरियडोंटाइटिस (पायरिया) रोग से बचने का सबसे अच्छा तरीका दाँतों की स्वच्छता नियमित तरीके से की जाये, दांतों को अच्छी  तरह से साफ कर पायरिया रोग से बचा जा सकता है नीचे कुछ उपाय बताये जा रहे है जिनकी मदद से आप पायरिया रोग से ग्रसित होने से खुद को बचा सकते है

अच्छी मौखिक स्वच्छता रखना (Good oral hygiene) – इसका मतलब है कि सुबह के समय कम से कम दो बार, और सोने से पहले भी दो बार और दिन में कम से कम एक बार कुल्ला करना (flossing) चाहिये। ब्रश से पहले फ़्लॉसिंग कर दांतों में फंसे भोजन और बैक्‍टीरिया को दूर किया जा सकता है।

नियमित दांतों की जांच कराना (Regular dental visits) – दांतों की साफ-सफाई के लिए नियमित रूप से अपने दंत चिकित्सक या दंत स्वास्थ्य विशेषज्ञ को दिखाए, जिससे पायरिया के प्रारम्भिक लक्षण में ही उसकी जाँच हो सके, और रोग होने से पहले ही उसका उपचार किया जा सके।

कुछ दवाएं या धूम्रपान करना पायरिया रोग होने के कारण बन सकते हैं  शुष्क मुंह भी इसका कारण बन सकता है अतः शुष्क मुंह ना रखे और धूम्रपान का सेवन ना करें।

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पायरिया के घरेलू उपचार –  home remedies of Periodontitis in Hindi

पायरिया के निवारण में घरेलू उपचार का काफी योगदान होता है, घरेलू उपचार अपनाकर काफी हद तक पायरिया होने से रोका जा सकता है।

  • मुंह की स्वच्छता में सुधार करने के लिए या दांतों की सफाई करने के लिए सोंधा नमक (Rub rock salt), अनार के छिलके या कपूर पाउडर का उपयोग करना चाहिए, इससे  पायरिया के बैक्‍टीरिया का संक्रमण नहीं होता है।
  • पायरिया में राहत के लिए गाजर और पालक के रस को पीना लाभदायक माना जाता है।
  • मुंह, मसूड़ों और दांतों की सफाई के लिए तिल का तेल या सरसों का तेल का उपयोग कर ऑइल पुल्लिंग करें, जिससे की मुंह और दांत में जीवाणु वृद्धि नहीं कर पाते और पायरिया नहीं होता है।
  • ब्रश करने के बाद एक जीवाणुरोधी mouthwash का उपयोग करें।
  • ब्रश करने के लिए फ्लोराइड टूथपेस्ट का उपयोग करें।

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पायरिया में क्या खाएं और जीवन शैली – Diet & Lifestyle Advice of Periodontitis (pyria) in Hindi

पायरिया के इलाज में कुछ खाद्य पदार्थ, और पोषक भी है, जिनका सेवन कर मसूड़ों और मुहँ को स्वस्थ्य रखने में सहायता मिलती है। अब हम यहाँ यह जानेंगे की पायरिया के इलाज में क्या खाना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होगा।

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