Periods ke blood colour se janiye apni bimari आमतौर पर यह माना जाता है कि महिलाओं के मासिक धर्म की नियमितता (regularity) और अनियमितता (irregularity) उनके स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ बताती है। पीरियड के ब्लड कलर के आधार पर महिला की अंदरुनी हेल्थ से जुड़ी समस्यायों का पता चल सकता है। लेकिन सिर्फ यही नहीं बल्कि माहवारी में स्रावित होने वाले खून का रंग भी सेहत के बारे में कुछ न कुछ संकेत देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि खानपान, जीवनशैली, फिटनेस, चिंता और डिप्रेशन सहित शरीर में पहले से मौजूद बीमारियां मासिक धर्म को बहुत ज्यादा प्रभावित करती हैं। जिसके कारण महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान अलग अलग लक्षणों का सामना करना पड़ता है।
अगर आप भी अपने स्वास्थ्य के बारे में पता लगाना चाहती हैं तो इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि पीरियड्स के खून से रंग से कैसे जानें कि आपको क्या बीमारी है।
विषय सूची
ज्यादातर लड़कियों को 12 से 13 वर्ष की उम्र के बीच माहवारी शुरू हो जाती है, जो आमतौर पर 21 से 35 दिन या उससे अधिक की अवधि पर हर महीने आती है, जिसे पीरियड कहा जाता है। प्रत्येक महिला की माहवारी के रंग के अलावा रक्त की बनावट भी अलग अलग होती है। माहवारी के खून का रंग आमतौर पर शरीर में हार्मोन एवं आयरन के स्तर पर निर्भर करता है। माहवारी के दौरान गर्भाशय की परत टूटकर बहती है लेकिन यदि अलग अलग रंग के खून के रुप में बड़ा थक्का निकलता हो तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इसी तरह आपको रक्त के प्रवाह की गति पर भी ध्यान रखना चाहिए और असामान्य दिखने पर तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए।
(और पढ़े – लड़की के पहले मासिक धर्म या पीरियड से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी…)
मासिक धर्म के दौरान लाल रंग का खून आने का मतलब यह है कि रक्त हाल ही में गर्भाशय (uterus) में उत्पन्न हुआ है। मासिक धर्म के चटक लाल रंग के खून को नया खून (newer blood) माना जाता है और यह इस बात का संकेत है कि पीरियड्स की पूरी अवधि के दौरान आपको इसी तरह की ब्लीडिंग होगी या फिर रक्त का प्रवाह (flow) धीमा होने पर यह गहरे रंग का हो सकता है। अगर आपको क्लैमीडिया (chlamydia) या गोनोरिया (gonorrhoea) जैसे कुछ संक्रमण हैं तो पीरियड्स के बीच में ही आपको चटख लाल रंग का रक्तस्राव शुरू हो सकता है।
गर्भावस्था के दौरान किसी भी रंग का रक्तस्राव (Bleeding) होना हमेशा खतरे की घंटी नहीं होती है। हालांकि कभी-कभी यह गर्भपात होने का संकेत
हो सकता है। जब गर्भाशय में एक नॉन कैंसरस (noncancerous) उभार यानि पॉलिप्स या फाइब्रायड्स हो जाता है तो मासिक धर्म के दौरान बहुत तेज ब्लीडिंग होती है। ये पॉलिप्स चटख लाल रंग के और बड़े या छोटे हो सकते हैं जिसके कारण महिला को अधिक दर्द हो सकता है।(और पढ़े – मेनोरेजिया (मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव…)
अगर आपके पीरियड्स का खून गुलाबी रंग का दिखता है तो यह इस बात का संकेत है कि आपके शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर (estrogen levels) कम हो गया है। यह उन महिलाओं में अधिक आम है जो धावक हैं और लगातार दौड़ती (frequent runners) हैं। वास्तव में ऐसी महिलाओं के शरीर में अत्यधिक वर्कआउट के कारण ही एस्ट्रोजन का लेवल घट जाता है। अगर इस समस्या का समय पर इलाज न कराया जाए तो भविष्य में महिला को ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) हो सकता है। माहवारी के दौरान गुलाबी रंग का खून स्रावित होने का दूसरा कारण लाल रक्त कोशिकाओं का खराब घनत्व (density) या फिर आयरन की कमी हो सकती है।
यह खून की कमी असंतुलित भोजन (imbalanced diet) और पोषक तत्वों की कमी के कारण हो सकती है।
(और पढ़े – पीरियड के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं…)
जब गर्भाशय ग्रीवा का तरल पदार्थ (cervical fluid) रक्त के साथ मिल जाता है तब माहवारी के दौरान नारंगी रंग का रक्तस्राव होता है। वास्तव में पीरियड्स में इस रंग का खून आना योनि में इंफेक्शन (vaginal infection) का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है। इसके साथ ही माहवारी के खून से एक अप्रिय (unpleasant) गंध आती है। नारंगी रंग का खून यौन संचारित संक्रमण (STI) का भी संकेत हो सकता है। इसलिए अपनी माहवारी के खून पर नजर रखें और असामान्य दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
(और पढ़े – योनि से बदबू आने के कारण और दूर करने उपाय…)
पीरियड्स के दौरान भूरे रंग के खून का स्राव आमतौर पर पुराने रक्त (old blood) का संकेत है। जब रक्त को ऑक्सीकरण (oxidize) करने का समय मिलता है तो यह मानक लाल रंग (standard red) से बदलकर भूरे रंग का हो जाता है। अगर माहवारी के दौरान भूरे रंग के रक्त का स्राव धीमा हो तो इसका अर्थ यह है कि इसे आपके शरीर से पूरी तरह से निकलने में समय लग सकता है और आपका अगला पीरियड भी ऐसा ही हो सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गर्भपात (miscarriage) होने पर भी गर्भाशय से भूरे रंग का रक्त निकलता है।
(और पढ़े – अनियमित मासिक धर्म के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार…)
अगर आपकी माहवारी के खून का रंग काला है तो इसमें अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है। वास्तव में यह भूरा खून ही होता है जो काला पड़ जाता है। काले रंग के खून को गर्भाशय (uterus) से निकलने में अतिरिक्त समय लगता है। जब गर्भाशय गुहा (uterine cavity) में लंबे समय तक खून रुका रहता है या फिर शरीर में हार्मोन का असंतुलन हो जाता है तो इस स्थिति में माहवारी का खून काला हो जाता है। इसके अलावा यह फाइब्रॉयड्स (fibroids) या एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis) का भी संकेत हो सकता है।
(और पढ़े – फाइब्रॉएड (गर्भाशय में रसौली) क्या है, लक्षण, कारण, जांच और इलाज…)
जब महिलाओं के शरीर में पोषण की कमी (nutritional deficiencies) हो जाती है तो पीरियड्स के दौरान पानी के रंग का पतला खून निकलता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह सफेद और पतला दिखता है, तो यह गंभीर एनीमिया का संकेत हो सकता है। इसके अलावा यह फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube ) में कैंसर या फिर गर्भाशय के कैंसर (ovarian cancer) का भी संकेत हो सकता है। इस स्थिति में महिलाओं को लगातार अपने तीन मासिक धर्म चक्र पर नजर रखनी चाहिए और इसके बाद भी माहवारी में पानी की तरह पतले रंग का खून आता हो तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
(और पढ़े – क्या है एनीमिया? कारण, लक्षण और आहार…)
अगर आपको माहवारी के दौरान गहरे लाल रंग का रक्तस्राव होता है तो इसका मतलब यह है कि आपके गर्भाशय में इस रक्त का निर्माण बहुत पहले (long back) ही हो गया था लेकिन शरीर में कुछ हार्मोन्स की कमी के कारण इसे बाहर निकलने में समय लगा है। कभी कभी गर्भाशय की परत (lining ) टूटने के कारण खून योनि के कैनाल (vaginal canal) में जमा हो जाता है और बाद में पेशाब के दौरान तेजी से बाहर आता है। यदि यह सिर्फ सुबह के समय हो रहा हो तो सामान्य है लेकिन अगर पूरे दिन यह स्थिति एक समान रहती है तो यह हार्मोन असंतुलन का संकेत है।
(और पढ़े – महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण, लक्षण और इलाज…)
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…