Persistent Genital Arousal in Hindi: हर समय यौन उत्तेजना क्यों महसूस होती है? लगातार जननांग कामोत्तेजना विकार (PGAD) किसी भी पुरुष या महिला में अवांछित रूप से जननांग उत्तेजना की समस्या है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के जननांगों में यौन क्रिया की इच्छा के बिना ही रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है और महिलाओं में योनि स्राव में वृद्धि हो जाती है। अतः व्यक्ति की इच्क्षा के बिना जननांगों में उत्तेजना बने रहने की स्थिति लगातार जननांग कामोत्तेजना विकार कहलाती है। इसके सटीक कारणों का पता लगा पाना काफी कठिन होता है। अतः अज्ञात कारणों के आधार पर इस स्थिति की शुरुआत को रोक पाना मुश्किल हो सकता है। लगातार जननांग उत्तेजना विकार के प्रारंभिक लक्षणों को महसूस कर तथा चिकित्सकीय सहायता प्राप्त कर जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है।
अतः आज इस लेख में आप जानेंगे कि लगातार जननांग उत्तेजना विकार क्या है, इसके कारण, लक्षण, क्या हैं तथा इसकी जाँच और इलाज कैसे की जा सकती है, इत्यादि के बारे में।
विषय सूची
1. लगातार जननांग उत्तेजना विकार क्या है – What is persistent genital arousal disorder (PGAD) in hindi
2. लगातार जननांग उत्तेजना विकार के लक्षण – Persistent genital arousal disorder Symptoms in hindi
3. लगातार जननांग उत्तेजना विकार के कारण – persistent genital arousal disorder causes in hindi
4. लगातार जननांग उत्तेजना विकार का निदान – Persistent genital arousal disorder Diagnosis in hindi
5. लगातार जननांग उत्तेजना विकार का उपचार – Persistent genital arousal disorder treatment in hindi
6. लगातार यौन उत्तेजना सिंड्रोम के लिए दवाएं – persistent genital arousal disorder Medicines in hindi
7. लगातार जननांग उत्तेजना विकार के लिए थेरेपी – Persistent genital arousal disorder Therapy in hindi
8. लगातार जननांग उत्तेजना विकार की रोकथाम – Persistent genital arousal disorder prevention in hindi
लगातार जननांग उत्तेजना विकार क्या है – What is persistent genital arousal disorder (PGAD) in Hindi
लगातार जननांग उत्तेजना विकार (PGAD) को लगातार यौन उत्तेजना सिंड्रोम (persistent sexual arousal syndrome) भी कहा जाता है। इस स्थिति से पीड़ित व्यक्ति के जननांग किसी भी प्रकार की यौन गतिविधि या उत्तेजना के बिना ही उत्तेजित हो जाते हैं। अतः जब यौन उत्तेजना महसूस करने का कोई कारण नहीं होता है, फिर भी व्यक्ति यौन उत्तेजना के सभी लक्षणों को महसूस करता है, तो इस स्थिति को लगातार जननांग उत्तेजना विकार कहा जाता है।
पुरुष और महिलाएं दोनों ही लगातार जननांग उत्तेजना विकार को महसूस कर सकते हैं, लेकिन महिलाओं में PGAD की समस्या सबसे अधिक देखने को मिलती है। पुरुषों में लगातार यौन उत्तेजना सिंड्रोम की स्थिति प्रियापिज्म (Priapism) के रूप में उत्पन्न होती है।
लगातार जननांग उत्तेजना विकार रोज-मर्रा के कार्यों में हस्तक्षेप उत्पन्न करता है, जिसके कारण यह समस्या पीड़ित व्यक्ति में शारीरिक दर्द, तनाव और मनोवैज्ञानिक कठिनाइयों का कारण बन सकती है।
लगातार जननांग उत्तेजना की स्थिति में महिलाएं सहज संभोग का अनुभव कर सकती है। सम्भोग करने के बाद भी उत्तेजना कम नहीं होती है। अतः इस स्थिति में व्यक्ति की उत्तेजना, यौन इच्छा से जुड़ी नहीं होती है।
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लगातार जननांग उत्तेजना विकार के लक्षण – Persistent genital arousal disorder Symptoms in Hindi
लगातार जननांग उत्तेजना विकार एक व्यक्ति की जीवन शैली को प्रभावित कर सकता है और परेशानी तथा शर्मिंदगी का कारण बन सकता है।
हर समय यौन उत्तेजना महसूस होने के प्राथमिक लक्षण जननांग ऊतकों के अंदर और आसपास के क्षेत्र में चल रही संवेदनाओं से सम्बंधित हैं, जो असुविधाजनक हो सकते हैं। इस समस्या से सम्बंधित लक्षण यौन इच्छा (sexual desire) की अनुपस्थिति में उत्पन्न होते हैं। इन लक्षणों को भगशेफ (clitoris), लेबिया (labia), योनि, पेरिनेम (perineum) और गुदा आदि क्षेत्रों में महसूस किया जा सकता है।
लगातार जननांग उत्तेजना विकार में पीड़ित व्यक्ति द्वारा जिन संवेदनाओं का अनुभव किया जाता है, उन्हें dysesthesias के रूप में जाना जाता है। इन संवेदनाओं में निम्न शामिल हैं:
- नमी या गीलापन महसूस होना
- जननांगों में खुजली होना
- जननांगों में दबाव महसूस होना
- जननांग में जलन
- सनसनी बनी रहना
- असामान्य रूप से उच्च रक्तचाप
- उथली और तीव्र सांसे लेना
- शरीर की मांसपेशियों में ऐंठन उत्पन्न होना
- धुंधला दिखाई देना या धब्बेदार दृष्टि की समस्या
- जननांग क्षेत्र में दर्द होना
- पिंस और नीडल्स (pins and needles) की समस्या
- सहज संभोग सुख का अनुभव करना, इत्यादि।
चरमोत्कर्ष अस्थायी रूप से लक्षणों को कम कर सकता है, लेकिन ये लक्षण कुछ घंटों के अन्दर अचानक वापस आ सकते हैं। दिन-प्रतिदिन जीवनशैली में लगातार हस्तक्षेप और असुविधा उत्पन्न होने के कारण यह स्थिति कुछ मनोवैज्ञानिक लक्षणों को पैदा कर सकती है, जिनमें शामिल हैं:
क्रोनिक या बिना इलाज के लगातार जननांग उत्तेजना विकार से पीड़ित व्यक्ति, संभवतः यौन सुख की इच्क्षा को खो सकते हैं।
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लगातार जननांग उत्तेजना विकार के कारण – persistent genital arousal disorder causes in hindi
लगातार जननांग उत्तेजना विकार (पीजीएडी) के अनेक कारण हो सकते हैं, लेकिन इन सभी विशिष्ट कारणों का निदान करना मुश्किल होता है।
पुडेंडल तंत्रिका (pudendal nerve) में दबाब या संकुचन की स्थिति को पीजीएडी का कारण माना जाता है। यह पुडेंडल तंत्रिका जननांगों के आसपास संवेदनाओं को महसूस करने में मदद करती है। पुरुषों में प्रियापिज्म (priapism) की स्थिति हर समय यौन उत्तेजना महसूस होने का कारण बन सकती है। इसके साथ ही पुरुष नसबंदी प्रक्रियाओं, हस्तमैथुन या मूत्र पथ संक्रमण की जटिलताओं के फलस्वरूप भी पीजीएडी (PGAD) विकसित हो सकता है।
लगातार जननांग उत्तेजना विकार के कुछ अन्य मामले अक्सर मनोवैज्ञानिक या मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी मुद्दों से जुड़े हुए होते हैं। पुरुषों और महिलाओं दोनों में कुछ मानसिक स्थितियां हर समय यौन उत्तेजना महसूस होने (पीजीएडी) के जोखिम को बढ़ने में मदद कर सकती है, जिनमें शामिल हैं:
- चिंता
- तनाव
- अवसाद
- बाइपोलर डिसआर्डर
- ओसीडी (obsessive compulsive disorder), इत्यादि।
इसके अलावा अन्य स्थितियां भी लगातार जननांग उत्तेजना विकार का कारण बन सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
- केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में चोट
- नसों से सम्बंधित विकार
- टॉरेट सिंड्रोम (Tourette syndrome)
- हार्मोन या दवाओं में परिवर्तन
- सर्जिकल प्रक्रियां, इत्यादि।
हालांकि, लगातार जननांग उत्तेजना विकार के अनेक मामलों में, कारण अज्ञात होते हैं। जिससे इस समस्या के निदान और उपचार में कठिनाई पैदा होती है।
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लगातार जननांग उत्तेजना विकार का निदान – Persistent genital arousal disorder Diagnosis in hindi
लगातार जननांग उत्तेजना विकार (PGAD) का सटीक कारण अज्ञात है। हालांकि, पीड़ित महिलाओं के लिए एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ, दर्द और लक्षणों से राहत प्रदान करने में मदद कर सकता है।
यदि किसी व्यक्ति को लगता है कि वह लगातार जननांग उत्तेजना विकार (पीजीएडी) से ग्रस्त है, तो इस समस्या से सम्बंधित लक्षणों की जानकारी डॉक्टर को देनी चाहिए। पीड़ित व्यक्ति के लक्षणों के प्रमुख कारण को सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टर निम्न नैदानिक प्रक्रियाओं की मदद ले सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन और परीक्षण।
- एक पूर्ण शारीरिक परीक्षण, जिसके तहत लक्षणों और रोग की समयावधि तथा ली जाने वाली दवाओं के प्रभाव आदि की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
- शारीरिक जांच, जिसके तहत जननांग क्षेत्र की जाँच करना शामिल है।
- यौन उत्तेजना से पहले, यौन उत्तेजना के दौरान और यौन उत्तेजना के बाद जननांगों में रक्त प्रवाह की माप करने के लिए परीक्षण।
- न्यूरोलॉजिकल परीक्षण (neurological testing), जिसके तहत तंत्रिका क्षति से सम्बंधित स्थिति का पता लगाया जा सकता है।
ये सभी परीक्षण डॉक्टर को इस निष्कर्ष तक पहुंचा सकते हैं, कि पीड़ित व्यक्ति के लक्षण लगातार जननांग उत्तेजना विकार (पीजीएडी) से सम्बंधित हैं या नहीं।
इसके अतिरिक्त निम्न प्रकार के लक्षण भी लगातार जननांग उत्तेजना विकार का निदान करने में मदद करते हैं, जैसे:
- अनैच्छिक जननांग उत्तेजना जो कई घंटों, दिनों या महीनों तक जारी रहती है
- बगैर किसी कारण के जननांग उत्तेजना बनी रहना।
- जननांग उत्तेजना का सम्बन्ध यौन इच्छा की भावनाओं से नहीं होना।
- संभोग करने के बाद भी शारीरिक जननांग उत्तेजना समाप्त न होना, इत्यादि।
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लगातार जननांग उत्तेजना विकार का उपचार – Persistent genital arousal disorder treatment in hindi
यौन उत्तेजना महसूस होने के कारणों के आधार पर लगातार जननांग उत्तेजना विकार (पीजीएडी) का इलाज किया जाता है। कुछ मामलों में, हस्तमैथुन (masturbation) करने से उत्तेजना से सम्बंधित कुछ लक्षण कम हो सकते हैं। लेकिन यह तरीका लक्षणों से दीर्घकालिक राहत प्रदान नहीं करता है। बल्कि कुछ मामलों में हस्तमैथुन लक्षणों को और भी बदतर बना सकता है। अतः इस समस्या के इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक हो जाता है। डॉक्टर पीजीएडी की स्थिति में निम्न उपचार प्रक्रियाओं की सिफारिश कर सकता है, जैसे:
- सुन्न करने वाली जैल (numbing gels)
- इलेक्ट्रोकोनवल्सी थेरेपी (electroconvulsive therapy) – इस थेरेपी का उपयोग एक मानसिक विकार जैसे कि बाइपोलर डिसआर्डर (bipolar disorder) या गंभीर चिंता की स्थिति के कारण उत्पन्न लगातार जननांग उत्तेजना विकार का इलाज करने के लिए किया जा सकता है।
- ट्रांसक्यूटेनियस इलेक्ट्रिकल नर्व स्टिमुलेशन (transcutaneous electrical nerve stimulation (TENS)) – इस उपचार प्रक्रिया में तंत्रिका दर्द (nerve pain) को दूर करने के लिए विद्युत धाराओं का उपयोग किया जाता है।
- सर्जरी – लगातार जननांग उत्तेजना विकार के तंत्रिका संबंधी मामलों में, जैसे- टारलोव सिस्ट (Tarlov cyst) का उपचार करने के लिए डॉक्टर सर्जरी की सिफारिश कर सकता है।
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लगातार यौन उत्तेजना सिंड्रोम के लिए दवाएं – persistent genital arousal disorder Medicines in Hindi
लगातार जननांग उत्तेजना विकार (पीजीएडी) के उपचार के लिए उपयोग की जाने वाली कुछ संभावित दवाओं में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
- क्लोमिप्रामिन (clomipramine) – यह एक एंटीडिप्रेसेंट ड्रग है, जो जुनूनी बाध्यकारी विकार (obsessive-compulsive disorder (OCD)) का इलाज करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है।
- फ्लुओक्सेटिन (fluoxetine) – यह एक सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर (selective serotonin reuptake inhibitor) है, जिसकी सिफारिश आमतौर पर अवसाद, पैनिक डिसऑर्डर और बुलिमिया के इलाज के लिए की जाती है।
- लिग्नोकेन (lignocaine) – इसे लिडोकेन के नाम से भी जाना जाता है लिग्नोकेन जेल, का उपयोग शरीर के हिस्सों को सुन्न करने के लिए किया जाता है।
- हर्बल एस्ट्रोजन (herbal estrogen), इत्यादि।
नोट – किसी भी प्रकार की दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।
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लगातार जननांग उत्तेजना विकार के लिए थेरेपी – Persistent genital arousal disorder Therapy in Hindi
कुछ मनोवैज्ञानिक तरीके या परामर्श, PGAD के लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकते हैं। मनोवैज्ञानिक थेरेपी की मदद से चिंता या अवसाद जैसी स्थितियों से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त यह थेरेपी रिश्तों या निजी संबंधो में सुधार लाने और लगातार जननांग उत्तेजना के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है।
संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा (Cognitive behavioral therapy (CBT) भी PGAD के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है। यह थेरेपी मरीज की नकारात्मक भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को उजागर कर, उनको नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।
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लगातार जननांग उत्तेजना विकार की रोकथाम – Persistent genital arousal disorder prevention in hindi
लगातार जननांग उत्तेजना विकार का पूरी तरह से इलाज किया जाना संभव नहीं है। लेकिन प्रत्येक व्यक्ति कुछ घरेलू उपाय अपनाकर पीजीएडी के लक्षणों में सुधार कर मनोवैज्ञानिक नुकसान को कम करने में मदद प्राप्त कर सकता है। लगातार जननांग उत्तेजना विकार के घरेलू उपचार और रोकथाम उपाय के रहत निम्न तरीकों को अपना सकता है:
- तनाव, चिंता को कम करने के लिए उचित प्रयास करें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
- पेल्विक फ्लोर व्यायाम अपनाएं।
- लक्षण प्रगट होने पर मनोवैज्ञानिक चिकित्सक से परामर्श लें।
- अधिक समय तक बैठे रहने की स्थिति में डोनट तकिया (donut cushion) का प्रयोग करें, इससे जननांगों पर दबाव कम कम पड़ता है।
- मन की बेचैनी को कम करने के लिए पसंदीदा गाने सुनें, पार्क में टहलें या दोस्तों के साथ अधिक समय बिताएं।
- पीजीएडी के घरेलू उपचार के तहत जननांग क्षेत्र में बर्फ लगाने से दर्द, तनाव, दबाव और परेशानी को कम करने में मदद मिल सकती है।
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