Pet Saaf Karne Ka Yoga पेट साफ करने और कब्ज दूर करने के लिए योगासन आपकी बहुत मदद कर सकते हैं, योग की मदद से पेट से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। पेट का अच्छे से साफ ना होना आपकी दिन भर की योजनाओं पर ताला लगा सकता हैं। हम में से हर एक ने कभी न कभी कब्ज की असुविधा का अनुभव किया है। कब्ज काफी कष्टप्रद हो सकता है, खासकर अगर यह रोजमर्रा की समस्या बन जाए। आज कल के हमारे खान-पान और आहार के कारण यह समस्या होना आम हो गयी है। ज्यादातर लोग कब्ज को हल्के में लेते हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि यह एक बीमारी है, लेकिन वास्तव में यह केवल एक लक्षण है आने वाली एक गंभीर समस्या का, अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है।
अगर आपका पेट सुबह पूरी तरह से साफ नहीं होता हैं तो किसी भी कार्य को आप पूरी लगन से नहीं कर पाते हैं और विभिन्न प्रकार की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए योग का सहारा ले सकते हैं। योग आसन से पेट के साफ ना होने की समस्या से छुटकारा मिल सकता हैं। योग हमारी पाचन क्रिया को ठीक करने और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता हैं। आइये कुछ योग आसन को विस्तार से जानते हैं जो आपके पेट को साफ करने और कब्ज दूर करने में मददगार हैं।
विषय सूची
1. पेट साफ न होने का कारण – Reason for upset stomach in Hindi
2. योग कब्ज से छुटकारा कैसे दिलाता है – Yoga Helps Relieve Constipation in Hindi
3. पेट साफ करने के योगासन – Pet Saaf Karne Ke Yogasan In Hindi
पेट साफ ना होने का कारण बहुत अधिक शराब या कैफीन के सेवन से हो सकता है। इसके अलावा बहुत अधिक वसायुक्त भोजन या बहुत अधिक भोजन खाने से भी पेट खराब हो सकता है। फ़ास्ट फ़ूड और उच्च प्रोटीन युक्त मांसाहारी भोजन से भी पेट ख़राब हो सकता है जिसके कारण पेट ठीक तरह से साफ नहीं हो पाता हैं। योग की मदद से पेट से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। पेट को साफ करने के लिए योग बहुत ही अच्छा माध्यम हैं।
(और पढ़े – पेट साफ करने के घरेलू उपाय…)
योग कब्ज और पेट को साफ करने के लिए एक बढ़िया विकल्प है। योग आपके शरीर को स्फूर्ति देता है और शरीर में रक्त के प्रवाह और ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाने में मदद करता है। योग में अधिकांश आसन पेट के अंगों की मालिश करते हैं, जो कब्ज को कम करने में बहुत मदद करता है। कुछ योग आसन मल त्याग की समस्या को ठीक करने के साथ पेट की सूजन और खिंचाव को भी कम करते हैं। आइये इन योग आसन को विस्तार से जानते हैं।
(और पढ़े – कब्ज के कारण और इलाज…)
कब्ज दूर करने और पेट साफ करने के कुछ प्रमुख योगासन आसन निम्न हैं-
पेट साफ करने के लिए बद्ध कोणासन बहुत ही लाभदायक योग है। जब आप बद्ध कोणासन में आगे की ओर झुकते हैं तो यह पाचन तंत्र को उत्तेजित और ठीक करने में मदद करता है। इस आसन से पेट की गैस, सूजन और ऐंठन से राहत मिलती है। इस मुद्रा का अभ्यास तनाव को कम करने में भी योगदान देता है, जो उचित पाचन में सहायक होता है। बद्ध कोणासन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को साफ जगह में बिछा के दोनों पैरों को सीधा करके बैठ जाएं। इसके बाद दोनों पैर को अपनी ओर मोड़ लें और दोनों पैरों के पंजों से पंजे मिलाएं।
अब दोनों हाथों से घुटनों को धीरे-धीरे दबाएँ जिससे दोनों घुटने फर्श पर रख जाएं। इस मुद्रा को आप 2 से 3 मिनिट के लिए करें। ध्यान रखें की अगर आपके घुटने जमीन पर नहीं आ रहे हैं तो इसे जबरजस्ती करने का प्रयास ना करें।
(और पढ़े – बद्ध कोणासन करने का तरीका और फायदे…)
हलासन या हल मुद्रा कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए एक आरामदायक मुद्रा है। यह आसन आंतों की मालिश करता है और इनसे सभी विषाक्त पदार्थों को निकालता है। इस आसन में अपने शरीर को उलटा किया जाता है। जो श्रोणि क्षेत्र में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है। और यह पाचन को अच्छा बनाता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक चटाई बिछा के सीधे हाथ और पैर करके लेट जाएं। अब अपने दोनों पैरों को कमर के यहाँ से मोड़ें और उनकों ऊपर करें। अपने दोनों हाथों को सीधा जमीन पर ही रखें रहने दें। अब दोनों पैरों को धीरे-धीरे अपने सिर के पीछे की ओर जमीन से लगाने की कोशिश करें। इस स्थिति में अपने क्षमता के अनुसार करने ओर अपनी प्रारंभिक अवस्था में आयें।
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बालासन या चाइल्ड पोज़ एक आराम करने वाली मुद्रा है। यह पेट के अंगों सहित पूरे शरीर को शांत और तनाव मुक्त करने में मदद करता है। यदि आप बारीकी से देखते हैं तो इस आसन को करने में पेट फोल्ड होता हैं जो पाचन अंगों की भी मालिश करता है। इस आसन से पाचन और मल त्याग में सुधार होता है।
यह एक अत्यंत प्रभावी नॉन-ट्विस्टिंग (non-twisting) मुद्रा है जो कब्ज से राहत दिलाने में सहायक है।
इस योग आसन को करने के लिए सबसे पहले आप किसी योगा मैट पर वज्रासन में या घुटने टेक के बैठ जाएं। अपने हिप्स को अपनी एड़ियों पर रखें, साँस को अंदर की ओर लें और अपने दोनों हाथों को सीधा ऊपर की ओर रखें, इसमें अपनी हथेली को खुली रखें तथा उंगलियों को सीधा रखना हैं। साँस को बाहर की ओर छोड़ते हुयें शरीर के ऊपर के हिस्से को को धीरे-धीरे फर्श पर झुकाते जाएं और अपने माथे (सिर) को जमीन पर रख दें। इसमें आपके दोनों हाथ भी फर्श पर सीधे रहेंगे। इस आसन को कम से कम 1 से 2 मिनिट तक करें।
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पवनमुक्तासन का शाब्दिक अर्थ है गैस विमोचन मुद्रा। कब्ज से पीड़ित लोगों के पेट की अंत में बहुत सारी गैस फंसी होती है। इस योग आसन का नियमित रूप से अभ्यास करने से अपच और पाचन संबंधी कई विकार ठीक हो जाते हैं। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे लेट जाएं। अपने दोनों पैर को घुटने से मोड़ें और घुटने को अपने मुँह की ओर कर लें। अपने कंधों को ऊपर उठायें अपनी नाक से घुटने को छूने का प्रयास करें। इस आसन को आप 10 से 60 सेकंड के लिए करने का प्रयास करें।
(और पढ़े – पवनमुक्तासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां…)
मयूरासन या मयूर पोज़ पाचन में सुधार करता है और अस्वास्थ्यकर भोजन के प्रभावों को नकारता है। यह आसन पेट के अंदर दबाव को भी बढ़ाता है, जो बदले में यकृत और प्लीहा के विस्तार को कम करता है। यह आसन मल त्याग को आसान बनाता है। मयूरासन करने के लिए आप किसी स्वच्छ स्थान पर चटाई बिछा के घुटनों बल बैठ जाएं। अपने हाथों को जमीन पर रखें और हाथ की उंगली को अपने पैरों की ओर रखना हैं। दोनों घुटनों के बीच में अपने दोनों हाथ रखें और कोहिनी को अपने पेट पर अच्छे सेट करें। अपने दोनों पैरों को पीछे की ओर फैला के सीधा कर लें। शरीर को आगे की ओर झुकाएं और अपने दोनों हाथों पर शरीर का पूरा वजन रखें। अपनी क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में आप कुछ सेकंड के लिए करें।
(और पढ़े – मयूरासन करने की विधि और फायदे…)
जब आप अर्ध मत्स्येन्द्रासन योग आसन करते हैं, तो यह गुर्दे, प्लीहा, अग्न्याशय, पेट, यकृत और कोलन (colons) की मालिश करता है। यह न केवल क्षेत्र को डिटॉक्स (detoxes) करता है, बल्कि मल त्याग को बेहतर बनाने में भी मदद करता है, जिससे कब्ज से राहत मिलती है। कब्ज की समस्या ठीक करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर दण्डासन में बैठ जाएं। अपने दायं पैर को बाएं पैर के घुटने के सामने रखें। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें अपने सिर और कमर दाहिनी ओर घुमा लें। कुछ देर इस मुद्रा में रहे और फिर यही पूरी प्रक्रिया दूसरे पैर से करें।
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उत्तानासन योग आसन तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और पेट के क्षेत्र में संपीड़न का कारण बनता है, जो पाचन में सहायता करता है। उत्तानासन करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों को पास-पास रखें और अपने दोनों हाथों को ऊपर सीधा कर लें। अब धीरे-धीरे सामने को ओर कमर से नीचे झुकते जाएं और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजों को छूने की कोशिश करें।
इस आसन में आप 60 से 90 सेकंड के लिए रहें फिर आसन से बाहर आयें।
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