Petha Benefits In Hindi पेठा के फायदे आपको पता हों या ना हों लेकिन इससे बनने वाली मिठाई आपको जरूर पसंद होगी। पेठा को शीतकालीन तरबूज से बनाया जाता है जो कि कुकुर्बिटेसा परिवार का सदस्य है। यह दुनिया भर में बहुत से व्यंजनों में उपयोग किया जाता है। विंटर मेलन को हम पेठा के नाम से भी जानते हैं। यह वजन घटाने में बहुत ही फायदेमंद होता है। औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण पेठा का उपयोग बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए भी किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि पेठा का नियमित सेवन करने से यह हृदय स्वास्थ्य, पाचन, मानसिक स्वास्थ्य, कब्ज आदि समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। आइए पेठा के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानते है।
विषय सूची
1. पेठा के बारे में जानकारी – What is Petha in Hindi
2. पेठा के पोषक तत्व – Nutritional Value of Winter Melon in Hindi
3. पेठा खाने के फायदे इन हिंदी – Petha Benefits in Hindi
4. सफेद पेठे का जूस बनाने की विधि – How to make petha juice in Hindi
5. पेठा खाने के नुकसान – Petha Khane Ke Nuksan in Hindi
शीतकालीन तरबूज कई नामों से जाना जाता है जैसे सफेद गौर्ड, अॅस गौर्ड, टैल गौर्ड और विंटर गौर्ड आदि। भारत में क्षेत्रीय भाषा में इसे कद्दू, भूरा या सफेद कद्दू भी कहा जाता है। इस फल का व्यापक रूप से खाद्य व्यंजनों को बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके बाहरी आवरण के अंदर मौजूद सफेद मांस (गूदा) का उपयोग खाद्य के रूप में किया जाता है। प्रारंभ में इस फल के ऊपर छोटे-छोटे रूऐं होते हैं लेकिन धीरे-धीरे इसकी सतह पर मोम जैसी परत विकसित होती है जिससे यह अपने बालों को खो देता है। इसके पत्ते वड़े होते हैं। यह वेल के रूप में फैलता है। आइए जाने पेठा में पाए जाने वाले पोषक तत्व क्या हैं।
विंटर मेलन (पेठा) में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मौजूद रहते हैं जो हमें विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करते हैं। इसमें बहुत सारे खनिज और विटामिन जैसे कि विटामिन सी, विटामिन बी1, बी3, रिबोफाल्विन, नियासिन और थियामिन जैसे विटामिन मौजूद रहते हैं। इसके अलावा इस खाद्य फल में पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, जस्ता, कॉपर, सेलेनियम, मैग्नीज, कैल्शियम और सोडियम आदि भी अच्छी मात्रा में होते हैं। इस फल में पानी की मात्रा 96 प्रतिशत होती है। इस फल का सेवन कर स्वस्थ कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और आहार फाइबर की अच्छी मात्रा प्राप्त की जा सकती है। इन सभी पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा होने के कारण यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
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अपने औषधीय गुणों के कारण सफेद पेठा बहुत ही लोकप्रिय हो चुका है। इस औषधीय फल के गुणों में मिठास, कसैला (styptic), उपचय (anabolic) शीतलन, पेट साफ करने वाले गुण (Laxative), मूत्रवर्धक, कामोदृदीपक, एंटी-मर्कुरियल, एंटी-आवधिक आदि होते हैं जो मधुमेह, मोटापे आदि के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। इसमें कैलोरी बहुत ही कम होती है जिससे मोटापे को कम करने में मदद मिलती है। गर्मी के मौसम में इस फल और इससे बने उत्पादों का सेवन करने से यह शीतलता प्रदान करता है। पेठा फल के बीजों में भी लाभकारी गुण होते हैं। इसके बीज से तेल निकाला जाता है इसके अलावा इनका उपयोग मिठाइयों को बनाने और सजाने के लिए भी किया जाता है। आइए विस्तार से जाने पेठा के फायदे और नुकसान क्या हैं।
पोटेशियम और विटामिन सी की अच्छी मात्रा पेठा फल में पाई जाती है। इन तत्वों की पर्याप्त मात्रा के साथ ही इसमें अन्य पोषक तत्व भी होते हैं जो कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। पोटेशियम एक वासोडिलेटर के रूप में काम करता है और रक्तवाहिकाओं और नसों में तनाव को कम करके रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। रक्तचाप नियंत्रित रहने से शरीर में उचित रक्त प्रवाह बना रहता है। इस तरह यह हृदय समस्याओं और कोरोनरी हृदय रोग के खतरे को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन सी दिल के दौरे
की संभावनाओं को भी कम करने के लिए जाना जाता है।(और पढ़े – दिल मजबूत करने के उपाय…)
यदि आपको एसिडिटी की समस्या है तो पेठा के रस को तैयार करें और अम्लता से राहत पाने के लिए थोड़ी मात्रा में हींग मिलाने के बाद इसका खाली पेट का सेवन करें। आप शाम को ऐसे पेठा ड्रिंक का उपभोग कर सकते हैं, इसका मतलब है कि आपके शरीर को ठीक से एसिडिटी दूर करने के लिए दिन में दो बार इसका सेवन करें।
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यदि कोई व्यक्ति नाक से खून बहने की समास्या से परेशान है तो उसके लिए पेठा का रस बहुत अच्छा होता है। नाक से खून बहने से राहत पाने के लिए व्यक्ति पेठे की मिठाई और रस दोनों का उपभोग कर सकता है।
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यदि आप बवासीर की समस्या से ग्रसित हैं तो आपके लिए पेठा का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद हो सकता है। बवासीर का उपचार करने के लिए आप पेठा और इसके साथ अन्य औषधीय गुणों वाले खाद्य पदार्थों का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आपको पेठा की 2 चम्मच लुग्दी, 1 चम्मच गुड़ का चूरा, 1 चम्मच तिल के बीज और ½ चम्मच हरीतकी (टर्मिनलिया चेबुला) की लुग्दी लें। गुड़ और तिल के बीजों को मिलाकर एक पेस्ट बनाएं और इसमें हरीतकी मिलाएं। इस मिश्रण को दिन में दो बार दूध के साथ सेवन करें। इस मिश्रण का सेवन तब तक करें जब तक की आपको लाभ प्राप्त नहीं होता है। यह विशेष रूप से मल त्याग के साथ खून बहने की समस्या को दूर करने में मदद करता है। यदि आप बवासीर के प्रभाव को कम करना चाहते हैं तो पेठा का उपयोग कर सकते हैं।
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यदि आप वजन नियंत्रण के उपाय ढूंढ रहे हैं तो पेठा आपकी मदद कर सकता है। इसके लिए आप पेठा के जूस का सेवन कर सकते हैं। इसकी फाइबर सामग्री और कम कैलोरी आपके वजन को कम करने में मदद कर सकती है। इसका सेवन करने से यह आपकी भूख को संतुष्ट रखता है, जिसके कारण आप के बार-बार खाने की इच्छा में कमी आती है, यह भी आपके वजन को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। पेठा में मौजूद आवश्यक पोषक तत्व और खनिज पदार्थ मांसपेशियों के विकास को बढ़ावा देने में मदद करते है। जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
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मनुष्य की अधिकतर स्वास्थ्य समस्याएं पेट से प्रारंभ होती हैं। जिनमें किड़नी संभावित समस्याएं विशेष रूप से आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। गुर्दे की की समस्याओं के लिए शीतकालीन फल सफेद कद्दू का नियमित उपभोग फायदेमंद होता है। क्योंकि इस फल का सेवन रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। यह दिल और गुर्दे दोनों के लिए लाभकारी होते हैं। पेठा का सेवन करने से आप अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत कर सकते हैं जो आपके गुर्दे के कामकाज में मदद करता है। आप भी अपने गुर्दे को स्वस्थ्य रखने के लिए पेठा और इससे बने व्यंजनों का उपभोग कर सकते हैं।
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विंटर मेलन में आयरन की अच्छी मात्रा होती है। आयरन की अच्छी मात्रा होने के कारण पेठा का सेवन करने से यह शरीर के सभी हिस्सों में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है। आयरन लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाता है। इसका एक और प्रमुख कार्य आक्सीजन का अवशोषण करना है। जिससे आयरन आक्सीजन को शरीर के सभी हिस्सों में पहुंचाता है। शीतकालीन तरबूज एनीमिया के खतरे को कम करने में मदद करता है साथ ही यह मस्तिष्क में रक्त के उचित प्रवाह को सुनिश्चित करता है। जिससे मस्तिष्क में शुद्ध आक्सीजन की आपूर्ति बनी रहती है और यह स्मृति, एकाग्रता और ध्यान की क्षमता में वृद्धि करने में मदद करता है।
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ऐश गौर्ड या पेठा के गूदे से निकाले गए रस का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
लेकिन इस रस का नियमित सेवन कर पेट के अल्सर से भी बचा जा सकता है।
पेट के अल्सर से बचने के लिए पेठा के रस में बराबर मात्रा में पानी मिलाएं और नियमित रूप से सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। यह गैस्ट्र्रिटिस के इलाज में मदद कर सकता है।
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यदि आप पेशाब की जलन से पीड़ित हैं तो पेठा का सेवन आपके लिए फायदेमंद है। इसका नियमित सेवन करने मूत्राशय पथ को साफ किया जा सकता है। यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होता है जो पीलिया से ग्रसित हैं। पेशाब की जलन को रोकने के लिए आप सफेद पेठा के 4 बड़े चम्मच लुग्दी का रस, 1 छोटा चम्मच पोटेशियम कार्बोनेट, 1 चम्मच हींग (Asafoetida) और 5 चम्मच चीनी लें। बार-बार पेशाब करने की इच्छा (micturition) और पेशाब के दौरान जलन होने पर इस मिश्रण को दिन में दो बार सेवन करें। यह पेशाब की जलन को कम करने में मदद करता है।
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मानसिक बीमारियों के साथ-साथ पेठा का उपयोग मिर्गी के उपचार के लिए भी किया जा सकता है। मिर्गी का उपचार करने के लिए 1 चम्मच गाय के शुद्ध घी में 9 चम्मच मुलेठी (Glycyrrhizaglabra) और 9 चम्मच पेठा का रस लें। सभी को एक साथ मिलाएं और इसका सेवन करें। यह मिर्गी का सबसे इलाज माना जाता है।
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जिन पुरुषों में प्रजनन क्षमता कम होती है उन्हें पेठा का नियमित सेवन करना चाहिए।
पेठा का नियमित सेवन करके शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाया जा सकता है।
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यह ज्ञात है कि अधिकांश दृष्टि संबंधित समस्याएं रिबोफाल्विन की कमी के कारण होती है। इसका एक और प्रमुख कारण विटामिन बी2 की कमी भी माना जाता है। पेठा में पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी2 होता है। पेठा का केवल एक बार सेवन करने से ही दैनिक आवश्कता का 11 प्रतिशत विटामिन बी2 प्राप्त किया जा सकता है। इस तरह से पेठा का नियमित सेवन कर आप अपनी आंखों की दृष्टि और इससे संबंधित अन्य समस्याओं को कम कर सकते हैं। इसके अलावा सफेद कद्दू में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो रेटिना के ऑक्सीडेटिव तनाव और मैकुलर अपघटन को कम करने में मदद करते हैं।
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हमारी चयापचय प्रणाली को बढ़ाने के लिए विटामिन बी2 बहुत ही आवश्यक होता है। यह आपके द्वारा खाए गए आहार से पोषक तत्वों को अवशोषित कर शरीर के लिए ऊर्जा में परिवर्तित करने में मदद करता है। पेठा फल में विटामिन बी2 की अच्छी मात्रा हार्मोनल संतुलन करने और अधिक मात्रा में ऊर्जा उपलब्ध कराने में मदद करते हैं।
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सफेद पेठा का रस बनाने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स अपनाये जा सकते हैं:
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कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दिलाने वाले सफेद कद्दू के कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं वे इसका कम मात्रा में सेवन करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन यदि वे अधिक मात्रा में पेठे का सेवन करते हैं तो यह उनके वजन को और अधिक बढ़ा सकता है। जो लोग अस्थमा, सर्दी या श्वसनीशोध (bronchitis) आदि से परेशान हैं, उन्हें पेठा का सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि यह उन लोगों में कफ बढ़ा सकता है। यदि आप किसी विशेष बीमारी के लिए दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है।
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