Pneumonia Ke Liye Gharelu Upay in Hindi: निमोनिया के एक बहुत ही घातक बीमारी हैं जो किसी बच्चे, व्यस्क और 65 वर्ष के व्यक्ति को भी हो सकती हैं, वैसे तो निमोनिया का इलाज चिकित्सक के बिना पूर्णत: संभव नहीं हैं, पर कुछ घरेलू उपचार कर के इसे कम और नियंत्रित किया जा सकता हैं। इन उपायों को जानने से पहले हमें इसके कारण को जनना जरूरी हैं। आइये जानते है कि निमोनिया क्या है और निमोनिया के लिए घरेलू उपाय क्या है।
निमोनिया एक संक्रमण से होने वाली बीमारी हैं, यह संक्रमण वायु के माध्यम से फैलता हैं निमोनिया एक वायरल और बैक्टीरिया से होने वाला एक रोग हैं यह छींकने या खांसने से फैलता हैं।
निमोनिया एक या दोनों फेफड़ों में संक्रमण है। यह बैक्टीरिया, वायरस, या कवक के कारण हो सकता है। जीवाणु निमोनिया वयस्कों में सबसे आम प्रकार है। निमोनिया आपके फेफड़ों में वायु कोशिकाओं में सूजन का कारण बनता है, जिसे अल्वेली (alveoli) कहा जाता है। अल्वेली तरल पदार्थ या पुस से भरता है, जिससे सांस लेने में मुश्किल होती है।
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निमोनिया एक संक्रमण से होने वाली बीमारी हैं, यह कई प्रकार से फ़ैल सकती हैं ये मुख्यतः वायरस, वैक्टेरिया और कवक के कारण से होती हैं, ये हवा के माध्यम से व्यक्ति के शरीर में चले जाते हैं, ये भोजन के माध्यम से और पानी से भी शरीर में जा सकते हैं, किसी भी निमोनिया संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आने से यह उसकी प्रयोग कि हुई वास्तु के प्रयोग से भी यह हो सकता हैं।
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निमोनिया एक किसी भी व्यक्ति के शरीर में धीरे धीरे बढ़ने वाली बीमारी हैं इसके लक्षण कुछ समय के बाद समझ में आ पाते हैं शुरुआत में यह आसानी से समझ में नहीं आते हैं। इसके कुछ लक्षण जैसे बुखार होना, सीने में दर्द होना, धड़कन का तेज होना, साँस लेने में परेशानी होना, खांसी होना, खांसी में खून आना आदि लक्षण हो सकते हैं।
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निमोनिया के उपचर के लिए आप कुछ घरेलू तरीके अपना सकते हैं कुछ घरेलू उपचार नीचे दिए जा रहे हैं जिनको अपना के आप निमोनिया पर नियंत्रण कर सकते हैं।
लहसुन एक बहुत ही गुणकारी खाद्य पदार्थ हैं जो कि हमारे घर में होता ही हैं इसका उपयोग घर में सब्जी बनाने में प्रयोग किया जाता हैं, निमोनिया के लिए सबसे अच्छा उपचार लहसुन हैं यह एंटीऑक्सीडेंट और एंटी फंगल के कारण संक्रमण को खत्म करने में असरदायक हैं। इसे लेने का तरीका आप लहसुन कि 3-4 कलि खाए या आप इसका पेस्ट बना के अपने सीने पर लगाये, यह आपको दिन में सिर्फ एक बार करना हैं।
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निमोनिया में सेब के सिरका का प्रयोग बहुत लाभकारी होता हैं, सेब का सिरका एक बहुत ही गुणकारी उपचार हैं, बहुत से रोगों में इसका उपयोग किया जाता हैं, यह एक एंटी इंफ्लामेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरिया हैं जो कि आपको बीमारी से लड़ने में मदद करता हैं। इसे लेने के लिए एक चम्मच सेब सिरका लेकर इसे ½ ग्लास गर्म पानी में डाले और आधा चम्मच शहद मिला के इसका उपयोग करें।
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पुदीना के तेल में एंटीमाइक्रोबायल और एनाल्जेसिक जैसे गुण होने के कारण यह हमें निमोनिया जैसी संक्रमण से होने वाली बीमारी से बचाता हैं, पुदीना का तेल संक्रमण को फैलने से रोकता हैं इसका उपयोग करने के लिए पुदीना के तेल कि 2-3 बुँदे लेकर किसी भी अन्य तेल में मिला लें और इसको अपनी छाती और पीठ पर लगाये जिस से निमोनिया में लाभ होगा।
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अदरक तो हम सभी के घर में आसानी से उपलब्ध हो जाता हैं, घर में सभी लोग अदरक का प्रयोग अधिकतर चाय में करते हैं, अदरक एक बहुत ही गुणकारी जड़ी बूटी हैं, यह घरेलू उपचार में बहुत प्रयोग किया जाता हैं, एंटी इंफ्लामेटरी तथा जीवाणु रोधी गुणों के कारण यह निमोनिया में लाभदायक होता हैं, यह संक्रमण से लड़ने में मदद करता हैं। अदरक को लेने के लिए इसे एक कप पानी में एक से दो इंच अदरक को डाल के उबले उसके अपने स्वाद के अनुसार इसमे शहद मिला ले और इसके सेवन दिन में दो से तीन बार करे, इससे निमोनिया में लाभ होता हैं।
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निमोनिया को ठीक करने के सभी घरेलू उपचार हमारे रसोई घर से ही प्रारंभ हो जाते हैं, उन्ही में से एक और अत्यंत गुणकारी खाद्य पदार्थ हल्दी हैं। वैसे तो हल्दी बहुत फायदेमंद होने के कारण सभी प्रकार से लाभकरी होता हैं. यह निमोनिया के लिए भी बहुत अच्छी औषधि हैं, हल्दी में पाए जाने वाले एंटी इंफ्लामेटरी और एंटीमाइक्रोबायल गुण निमोनिया में पाए जाने वाले जीवाणु से लड़ने में सहायता करता हैं, हल्दी में पाया जाने वाला म्यूकोलिटिक (mucolytic ) शरीर के ब्रोन्कियल नलिकाओं (bronchial ducts ) से कफ और सर्दी जुखाम (catarrh) निकालने में सहायता करता हैं। हल्दी का प्रयोग निमोनिया में करने के लिए एक चम्मच हल्दी पाउडर को लेकर एक ग्लास गर्म दूध में मिला ले और इसे बादाम के साथ दिन में कम से कम एक बार जरूर पीयें।
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सलाद के रूप में प्रयोग वाले गाजर को हम बच्चे के निमोनिया के लिए घरेलू उपचारों में कर सकते हैं, यह आसानी से बाजार में मिल जाती हैं। गाजर में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबायल गुण हमारे शरीर को बीमारी से लड़ने में सहायता करते हैं, गाजर ने फाइबर कि मात्रा अधिक पाई जाती हैं और यह विटामिन, खनिज पदार्थ से भरपूर होते हैं गाजर से हमें विटामिन A व B प्राप्त होते हैं। एक कप कटा हुआ गाजर खाए इसे आप दिन में दो तीन बार खा सकते है।
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कपूर एक बहुत ही गुणकारी पदार्थ हैं यह अनेक प्रकार के रोगों के उपचार में प्रयोग किया जाता हैं, यह हमें बाजार में आसानी से मिल जाता हैं। कपूर में बहुत ही शक्तिशाली एंटीसेप्टिक गुण हैं और यह सर्दी खाँसी की दवा के रूप में प्रयोग किया जाता हैं। कपूर के गुण के कारण इसका प्रयोग निमोनिया के उपचार में किया जाता हैं। कपूर का उपयोग करने के लिए इसके तेल कि 2-3 बुँदे ले और इसे एक चम्मच किसी भी तेल जैसे जैतून का तेल आदि में मिला के रोगी कि छाती और पीठ पर लगाये, यह आप को रात में सोते समय करना हैं।
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मेथी का उपयोग हम रोज खाना में करते ही हैं, इसके बहुत से गुण होते हैं जो कि कुछ रोगों के उपचारों में प्रयोग में लाया जाता हैं, मेथी में पाए जाने वाले एंटी इंफ्लामेटरी गुण के कारण कारण इसके प्रयोग निमोनिया के उपचार में किया जा सकता हैं। यह सूजन के कम करने में मदद करता हैं। मेथी के प्रयोग करने के लिए एक चम्मच मेथी के लेकर एक कप गर्म पानी में 10 मिनिट तक गर्म करे फिर इसे ठंडा करने के बाद इसमें अपने स्वाद अनुसार शहद मिला के इसके सेवन करे। यह आपको दिन में दो से तीन बार करना हैं।
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बहुत सारी सब्जियों के जूस में बहुत अच्छे एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं जो कि आप के शरीर कि प्रतिरक्षा में मदद करते हैं, और आपकि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देते हैं जिनसे संक्रमण का खतरा कम हो जाता हैं। ककड़ी, पालक, गाजर, चुकंदर आदि निमोनिया में लाभदायक होते हैं और यही जूस वैक्टीरिया वायरस से भी लड़ता हैं।
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शहद से तो हम सब अच्छे से परिचित हैं और इसका उपयोग हम किसी न किसी रूप में करते ही हैं, शहद एक बहुत ही गुणकरी औषधी हैं, यह एक प्रकार के यौगिकों का मिश्रण है शहद में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण पाया जाता है यह खांसी सर्दी जुखाम में असरदायक होती हैं। शहद को लेने के लिए आप एक चम्मच शहद को ¼ ग्लास गर्म दूध में मिला के पीना हैं।
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फेफेड़ो में जमे हुए कफ पिघला के बहार निकलने और खांसी को ठीक करने के लिए भाप एक बहुत ही अच्छा उपचार होती हैं, यह एंटीमाइक्रोबायल हैं जो कि संक्रमण को भी खत्म कर देती हैं। इसके लिए गर्म पानी को एक कटोरे में लेके अपना सिर उसमे झुकाये और अपने सिर को किसी कपड़े से ढक ले फिर भाप कि साँस अन्दर तक ले।
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