PCOS in hindi पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) महिलाओं में होने वाली एक आम बीमारी होती है। इस लेख में आप जानेंगे PCOS क्या होता है पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारण, लक्षण और इलाज के बारें में आइए जानते हैं कि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से जुड़ी कुछ बातों के बारे में।
यह बीमारी हार्मोन्स के बैलेंस ना होने का नतीजा होती है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से ग्रस्त महिलाओं की ओवरी (अंडाशय) पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का महिलाओं के हार्मोन एस्ट्रोजन की तुलना में अधिक उत्पादन करना शुरु कर देती है। इससे महिलाओं में पीरियड्स और गर्भधारण से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती है साथ ही त्वचा पर बाल आना, चेहरे पर बहुत अधिक बालों का आना मुहासे और गंजेपन जैसी परेशानियां भी हो सकती है। आज इस आर्टिकल में हम पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम क्या होता है, इसके कारण, लक्षण और उपचारों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
1. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम क्या होता है – What is Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) in hindi
2. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण – Symptoms of Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) in hindi
3. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारण – Polycystic Ovary Syndrome Causes (PCOS) in hindi
4. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की जाँच – Polycystic Ovary Syndrome diagnosis (PCOS) in hindi
5. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का इलाज – Polycystic Ovary Syndrome treatments (PCOS) in hindi
6. PCOD में दवाएं हो सकती मददगार – Medicine for PCOS in hindi
7. PCOS में हेल्दी लाइफस्टाइल से होने वाले फायदे – healthy lifestyle for PCOS in hindi
महिलाओं की ओवरी (अंडाशय) फीमेल हार्मोन्स जैसे- एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन करती है। ये हार्मोन महिलाओं में ओव्यूलेशन (अंडे बनने की प्रक्रिया) में मदद करते हैं जिससे गर्भाधारण में परेशानी नहीं होती और साथ ही मासिक धर्म चक्र को भी नियमित करते हैं। महिलाओं की ओवरी कुछ मात्रा में पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का भी उत्पादन करती है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक हार्मोनल डिसऑर्डर से पैदा होने वाली बीमारी है जिसमें पुरुष हार्मोन का स्तर महिलाओं के हार्मोन की तुलना में बढ़ जाता है। यह बीमारी महिलाओं को आमतौर पर 15 से 44 साल की उम्र के बीच में हो सकती है।
(और पढ़े – एस्ट्रोजन हार्मोन की महिलाओं के शरीर में भूमिका)
इस बीमारी के लक्षण निम्न है।
आपको बता दें की पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारण पूरी तरह से पता नहीं चल पाए है इसके कुछ संभावित कारण निम्न है।
महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपके लक्षणों की जांच करते हैं। ब्लड टेस्ट करके पता लगाया जाता है कि पुरुष हार्मोन महिला हार्मोन की तुलना में कितना अधिक है। इसी के साथ पेल्विक टेस्ट और अल्ट्रासांउड से भी पता लगाया जाता है।
रोजाना एक्सरसाइज करने, हेल्दी डाइट अपनाने , वजन कम करने, धूम्रपान ना करने जैसी हेल्दी आदतों को अपनाकर PCOS के बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है। अपने हार्मोन्स को बैलेंस करने के लिए आप दवाएं भी ले सकते है। (और पढ़े – जानें कॉपर टी का इस्तेमाल, इसके फायदे और नुकसान)
दवाओं की मदद से महिला हार्मोन का स्तर बढ़ाया जाता है। इस दौरान बर्थ कंट्रोल पिल्स और इंसुलिन उत्तेजक दवाओं का भी सहारा लिया जाता है। किसी भी दवा के सेवन से पहले डॉक्टर का मार्गदर्शन जरूर लेना चाहिए।
(और पढ़े – गर्भनिरोधक दवाओं और उनके शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानें)
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