Potassium Benefits In Hindi पोटैशियम मानव शरीर के लिए एक आवश्यक तत्व है, जिसका शरीर में लगभग 98 प्रतिशत भाग जीवित कोशिकाओं के अंदर पाया जाता है। पोटैशियम, मानव शरीर के अच्छे स्वास्थ्य और उचित कार्यों को करने के लिए अत्यधिक आवश्यक तत्व है। यह इलेक्ट्रोलाइट (Electrolyte) के रूप शरीर की सभी मांसपेशियों में विद्युत सिग्नल या सूचनाओं का संचालन करता है। इसके अलावा, पोटैशियम स्ट्रोक (stroke) के जोखिम को कम करके कार्डियोवैस्कुलर (cardiovascular) स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में भी मदद करता है। यह उच्च रक्तचाप को कम करने या नियंत्रित करने में मदद करता है और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। मानव शरीर में पोटैशियम की मात्रा में 1% की भी कमी बहुत हानिकारक प्रभाव डालती है।
शरीर में पोटैशियम की कमी या अधिकता अनेक समस्याओं को जन्म दे सकती है। इसलिए एक नियमित मात्रा में पोटैशियम का सेवन किया जाना अतिआवश्यक होता है। इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि पोटैशियम (potassium) क्या है, इसके स्रोत, फायदे और नुकसान क्या हैं।
विषय सूची
1. पोटैशियम क्या है – What Is Potassium In Hindi
2. पोटैशियम की कमी के कारण – Potassium Deficiencies Causes In Hindi
3. पोटैशियम के स्रोत – Potassium Sources In Hindi
4. दैनिक पोटैशियम का सेवन – Daily Potassium Intake In Hindi
5. पोटैशियम के कार्य – Potassium function in Hindi
6. पोटैशियम के फायदे – Potassium Benefits In Hindi
7. पोटैशियम के नुकसान – Potassium Side Effects In Hindi
पोटैशियम (potassium) एक क्षार धातु तत्व है। इसे व्यक्ति के जीवन के लिए सभी आवश्यक खनिजों में से एक माना जाता है। यह मानव शरीर के अन्दर इलेक्ट्रोलाइट (Electrolyte) के रूप में कार्य करता है। यह किडनी, दिल और शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों के उचित कामकाज के लिए एक आवश्यक तत्व है। यह मानव शरीर के लिए आवश्यक सभी सात महत्वपूर्ण मैक्रोमिनरल्स (macro minerals) में से एक है, इन सात मैक्रोमिनरल्स (macro minerals) में मैग्नीशियम, कैल्शियम, सोडियम, फॉस्फोरस, सल्फर, पोटैशियम और क्लोराइड शामिल हैं।
मानव शरीर को नियमित रूप से महत्वपूर्ण शारीरिक क्रियाओं का समर्थन करने के लिए पोटैशियम की एक निश्चित मात्रा की आवश्यकता होती है। पोटैशियम (potassium) की उच्च मात्रा का सेवन कम रक्तचाप (lower blood pressure), स्ट्रोक, मांसपेशियों द्रव्यमान में नुकसान, किडनी स्टोन (kidney stones) के जोखिमों को कम करने में मदद कर सकता है।
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मानव शरीर में पोटैशियम की कमी (Potassium deficiencies) के कारण अनेक बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं अतः एक स्वास्थ्य पोटैशियम युक्त आहार में कमी के अलावा निम्न कारण भी हो सकते हैं:
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मानव शरीर के लिए पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम (potassium) प्रदान करने का सबसे अच्छा तरीका फल और सब्जियां का सेवन करना है। इसके अलावा यह डेयरी उत्पादों, साबुत अनाज, मांस और मछली जैसे आहार से प्राप्त किया जा सकता है।
पोटैशियम (potassium) के अन्य उच्चतम स्रोतों में निम्न शामिल हैं:
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पोटैशियम (potassium) एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जिसे पर्याप्त मात्रा में सेवन करने के लिए वयस्कों को प्रति दिन 4,700 मिलीग्राम (mg) की सिफारिश की जाती है। यह मात्रा सभी प्रकार के पोषक आहार से प्राप्त की जा सकती है। इसके अतिरिक्त विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) प्रति दिन 3,510 मिलीग्राम का सेवन करने की सिफारिश करता है। अतः प्रत्येक व्यक्ति के लिए सिफारिश की जाने वाली पोटैशियम (potassium) की मात्रा निम्न है:
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मानव शरीर में पोटैशियम के विभिन्न महत्वपूर्ण कार्य होते है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं :
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पोटैशियम (potassium) शारीरिक क्रियाओं को नियंत्रित करने और तंत्रिका कार्यों को संचालित करने के लिए आवश्यक तत्व है। इसे आहार के रूप में शरीर के द्वारा ग्रहण किया जाता है, जिसकी उचित मात्रा सम्पूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए आवश्यक होती है।
अतः मानव शरीर के लिए पोटैशियम के फायदे (Potassium Benefits) निम्न हैं:
पोटैशियम (potassium) के सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ के रूप में दिल और किडनी को स्वस्थ्य रखना शामिल है। यह चयापचय (metabolism) में सुधार करने तथा दिल और किडनी के कार्यों को सुचारु रूप से नियंत्रित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अतिरिक्त, यह अपशिष्ट को शरीर से बाहर निकालने में किडनी की सहायता करता है। जिससे दिल से सम्बंधित समस्याओं की कम करने में सहायता मिलती है।
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व्यक्ति के शरीर की मांसपेशियां पूरे दिन, सभी प्रकार के कार्यों को करने में मदद करती हैं। यदि मांसपेशियां उचित तरीके से काम न करें, तो व्यक्ति किसी भी कार्य को पूरा नहीं कर पाता है। अतः पोटैशियम (potassium) मांसपेशियों के कार्यों में सुधार कर लम्बे समय तक बिना थके कार्य को संपन्न करने में मदद कर सकता है और मांसपेशियों को लंबे समय तक स्वस्थ रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
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तनाव (stress), आज के समय में लोगों के जीवन की सभी सामान्य समस्याओं में से एक है, इस समस्या को आसानी से पोटैशियम (potassium) की उचित मात्रा के सेवन से दूर किया जा सकता है। पोटैशियम मानव शरीर की प्रत्येक कोशिका द्वारा उपयोग में लाया जाता है। अतः यह प्रत्येक कोशिकाओं के कार्य को बेहतर बनाकर व्यक्तियों को तनाव (stress) का सामना करने में मदद करता है।
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पोटैशियम (potassium) की उच्च मात्रा रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि करने में मदद कर सकती हैं। अतः शरीर में रक्त शर्करा के सामान्य स्तर को बनाए रखने के लिए पोटैशियम बेहद जरूरी है। मानव शरीर में रक्त शर्करा में कमी से सिरदर्द, पसीना आना, कांपना, घबराहट और कमजोरी आदि लक्षण उत्पन्न होते है। ऐसी स्थिति पोटैशियम (potassium) का सेवन तत्काल राहत प्रदान कर सकता है।
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मांसपेशी संकुचन (Muscle contraction) में पोटैशियम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उचित आराम प्राप्त करने और मांसपेशियों संकुचन के कार्यों को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पोटैशियम की आवश्यकता होती है। मानव शरीर के अन्दर पोटैशियम (potassium) की उचित मात्रा तंत्रिका और मांसपेशियों के कार्य को संचालित करने तथा मस्तिष्क और मांसपेशियों के बीच तंत्रिका कनेक्टिविटी (neural connectivity) को उत्तेजित करके शरीर को तेजी कार्य करने के लिए प्रेरित करने में मदद करती है।
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कार्डियोवैस्कुलर बीमारी (Cardiovascular disease) और कम रक्तचाप, व्यक्ति द्वारा पोटैशियम का कम मात्रा में सेवन के कारण उत्पन्न समस्याएं है। अतः फलों, सब्ज़ियों और कम वसायुक्त डेयरी खाद्य पदार्थ, जिनमें पर्याप्त मात्रा में उच्च पोटैशियम पाया जाता है, का सेवन उच्च रक्तचाप (low blood pressure) और हृदय रोग का इलाज करने में मदद कर सकता है। कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करने के लिए पोटैशियम (potassium) सहायक होता है।
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पोटैशियम (potassium) से समृद्ध खाद्य पदार्थ के सेवन का सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह है, कि यह मांसपेशी में ऐंठन (cramps) की समस्या को कम कर, मांसपेशियों को शक्ति प्रदान करता है। मांसपेशियों में दर्द, मांसपेशी ऐंठन और मांसपेशी में कमजोरी ये सभी समस्याएं शरीर में पोटैशियम के निम्न स्तर के कारण उत्पन्न होती हैं। अतः प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम (premenstrual syndrome) के परिणाम स्वरूप उत्पन्न ऐंठन का इलाज करने के लिए पोटैशियम का उपयोग किया जा सकता है।
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पोटैशियम मानव शरीर में एक जरूरी इलेक्ट्रोलाइट (electrolytes) है। यह शरीर में तरल पदार्थ के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इलेक्ट्रोलाइट्स मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र से विद्युत सिग्नल को पूरे शरीर में संचारित करने में मदद करते हैं। पोटैशियम (potassium) शरीर में तरल के स्तर को भी संतुलित करने में मदद करता है, जो सोडियम के कार्य के विपरीत है।
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किडनी की बीमारी वाले व्यक्ति के लिए बहुत अधिक पोटैशियम (potassium) का सेवन हानिकारक हो सकता है। अत्यधिक पोटैशियम खपत से हाइपरकलेमिया (Hyperkalemia) हो सकता है। इस समस्या में मरीज की किडनी शरीर से पर्याप्त पोटैशियम को हटाने में सक्षम नहीं होती हैं। इस स्थिति में पोटैशियम (potassium) का उच्च स्तर शरीर में विषाक्तता (Toxicity) का कारण बनता है, जिससे गंभीर स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।
पोटैशियम (potassium) की उच्च मात्रा पेट में परेशानी का कारण बन सकती है। तथा कुछ लोगों में पोटैशियम से एलर्जी भी उत्पन्न हो सकती है।
पोटैशियम (potassium) का उच्च स्तर व्यक्तियों में मांसपेशी कमजोरी या लकवा (paralysis), अनियमित दिल की धड़कन (irregular heartbeat), भ्रम, अंगों में संवेदनशील झुनझुनी, कम रक्तचाप और कोमा (coma) जैसी समस्याओं का कारण बनता है।
गुर्दे की बीमारी, मधुमेह, हृदय रोग, एडिसन की बीमारी (Addison’s disease), पेट के अल्सर या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को डॉक्टर की सिफारिश के बिना पोटैशियम सप्लीमेंट (potassium supplements) नहीं लेनी चाहिए। तथा पोटैशियम आहार के अत्यधिक सेवन से परहेज करना चाहिए।
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