गर्भावस्था

गर्भाधारण से बचने के लिए प्रजनन जागरूकता विधि – Fertility Awareness Methods in Hindi

Fertility Awareness Methods in Hindi अनचाहे गर्भाधारण से बचने के लिए प्रजनन जागरूकता विधि अपनायी जा सकती है जैसा कि हम सभी जानते हैं सेक्‍स मानव जीवन का अभिन्‍न अंग है। लेकिन प्रजनन जागरूकता के तरीके जानना भी जरूरी है। क्‍योंकि हमारे लिए गर्भाधारण को रोकना भी बेहद आवश्‍यक है। हालांकि आज बहुत सी जन्‍म नियंत्रण विधियां प्रचलित हैं जिनका उपयोग कर आप गर्भावस्‍था से बच सकते हैं। लेकिन फिर भी सभी लोगों को बर्थ कंट्रोल के सभी तरीके पता नहीं होते हैं जिनके कारण लोगों को यौन संबंध बनाने में हमेशा गर्भाधान होने की शंका बनी रहती है। आज इस आर्टिकल में आप फर्टिलिटी अवेयरनेस मेथड्स (Fertility Awareness Methods) या प्रजनन जागरूकता विधि जानेगें जो आपके लिए फायदेमंद हैं।

विषय सूची

1. प्रजनन जागरूकता विधि क्‍या हैं – Fertility Awareness Methods Kya hai in Hindi
2. प्रजनन जागरूकता विधि के प्रकार – Fertility Awareness Methods Different Kinds in Hindi
3. प्रजनन जागरूकता विधि कितनी प्रभावी हैं – How effective are Fertility awareness methods in Hindi
4. फर्टिलिटी अवेयरनेस मेथड को अधिक प्रभावी कैसे बनाये – Fertility awareness ko More effective kaise Banaye in Hindi
5. मासिक धर्म और प्रजनन क्षमता के बारे में जानना – menstruation and fertility ke bare me janna in Hindi
6. FAMs की तापमान विधि क्या है – FAMs ki Temperature method kya hai in Hindi

7. प्रजनन जागरूकता की ग्रीवा बलगम विधि क्‍या है – FAMs ki Cervical Method Kya Hai in Hindi

8. 2 दिन की विधि क्‍या है – What’s the 2-day method in Hindi
9. प्रजनन जागरूकता की कैलेंडर विधि क्‍या है – What’s the calendar method of FAMs in Hindi

10. मानक दिनों की विधि क्‍या है – What’s the Standard Days method in Hindi

11. प्रजनन जागरूकता विधियों के दुष्‍प्रभाव – FAMs Side effects in Hindi

12. क्‍या प्रजनन जागरूकता विधि यौन संक्रमण से बचाते हैं – Kya FAMs STDs se bachate hai in Hindi

प्रजनन जागरूकता विधि क्‍या हैं – Fertility Awareness Methods Kya hai in Hindi

फर्टिलिटी अवेयरनेस मेथड्स (FAMs) किसी महिला के ओव्‍यूलेशन को ट्रैक करने के तरीके हैं। जिनकी मदद से किसी महिला को गर्भवती होने से रोका जा सकता है। प्रजनन जागरूकता विधि को प्राकृतिक परिवार नियोजन या फिर लय विधि (the rhythm method) के नाम से भी जाना जाता है। आइए जाने प्रजनन जागरूकता से संबंधित अन्‍य जानकारियां क्‍या हैं।

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प्रजनन जागरूकता विधि के प्रकार – Fertility Awareness Methods Different Kinds in Hindi

फर्टिलिटी अवेयरनेस मेथड्स आपके मासिक धर्म चक्र को ट्रैक करने में आपकी मदद करते हैं जिससे कि आपको पता लग सके कि आपके अंडाशय हर महीने कब अंडोत्‍सर्जन करते हैं। इस स्थिति को ही ओव्‍यूलेशन या अंडाशय कहा जाता है। आव्‍यूलेशन के आसपास के दिनों के समय संभोग करने पर आपके गर्भवती होने की अधिक संभावना होती है। इसलिए बहुत सी महिलाएं इन दिनों सेक्‍स करने से बचती हैं या अन्‍य जन्‍म नियंत्रण विधियों का उपयोग करती हैं।

लेकिन प्रजनन जागरूकता के कुछ ऐसे तरीके भी हैं जो आपके प्रजनन संकेतों को ट्रैक करने में आपकी सहायता करते हैं। इन तरीकों को अपना कर आप यह पहले से जान सकते हैं कि आप अगली बार अंडोत्‍सर्जन कब करने वाली हैं। आइए इन तरीको को जानें :

प्रजनन जागरूकता की तापमान विधि :

इस विधि के अनुसार आप प्रतिदिन सुबह नींद खुलने पर या बिस्‍तर से उठने के बाद अपने शरीर का तापमान जांचें और इसे नोट करें।

प्रजनन जागरूकता की सरवाइकल बलगम विधि :

आप नियमित रूप से प्रतिदिन अपने गर्भाशय ग्रीवा बलगम या योनि स्राव की जांच करें।

प्रजनन जागरूकता की कैलेंडर विधि :

आप एक कैलेंडर पर अपने मासिक धर्म चक्र का चार्ट बनायें।

इन सभी विधियों में सबसे प्रभावी विधि इन तीनों के संयोजन से बनाई जा सकती है। इन तीनों विधियों का एक साथ प्रयोग करने पर इसके परिणाम अधिक प्रभावी होते हैं।

य‍ह विधि मानक दिन विधि कैलेंडर पद्धति से कुछ भिन्‍न है। यदि आपको मासिक धर्म चक्र हमेशा 26 से 32 दिनों के बीच होता है तो यह पता लगाने के लिए आप अपने मासिक धर्म चक्र को कई म‍हीनों तक ट्रैक करते हैं। यदि यह लंबा या छोटा है तो आप इस पद्धति का उपयोग नहीं कर सकते हैं। लेकिन जब आपके चक्र सही सीमा में होते हैं तो आपको 8-19 दिनों के बीच योनि सेक्‍स से बचना चाहिए। क्‍योंकि यह समय महिलाओं के लिए अंडोत्‍सर्जन का होता है।

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प्रजनन जागरूकता विधि कितनी प्रभावी हैं – How effective are Fertility awareness methods in Hindi

जन्‍म नियंत्रणों की प्रभावशीलता के आधार पर ही इनका उपयोग किया जाता है। इसलिए अधिकांश महिलाएं यह जानना चाहती हैं कि प्रजनन जागरूकता विधि कितनी प्रभावी होती हैं। फर्टिलिटी अवेयरनेस मेथड्स जन्‍म नियंत्रण के लिए लगभग 76 से 88 % तक प्रभावी होती है। इसका मतलब यह है कि जिन 100 जोड़े ने प्रजनन जागरूकता के तरीकों को अपनाया है उनमें 12-24 महिलाएं प्रतिवर्ष गर्भवती हो सकती हैं। हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनके द्वारा किन तरीकों या पद्धतियों का उपयोग किया जा रहा है। यदि आप एक साथ कई प्रजनन जागरूकता तरीको को पालन करें तो ये और भी अधिक प्रभावी हो सकते हैं।

फर्टिलिटी अवेयरनेस का सही तरीके से उपयोग किया जा सकता है जब अपने प्रजनन संकेतों को प्रतिदिन ट्रैक करते हैं और सुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं। हालांकि फिर भी संभावना होती है कि आप गर्भवती हो सकती हैं। क्‍योंकि प्रजनन जागरूकता विधियां और जन्‍म नियंत्रण की विधियों का एक साथ उपयोग करने में मुश्किल हो सकती है। यदि आप गर्भावस्‍था को रोकने के लिए प्रभावी तरीका चाहते हैं तो आइयूडी या इम्‍प्‍लांट जैसे जन्‍म नियंत्रण विधियों का उपयोग कर सकती हैं।

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फर्टिलिटी अवेयरनेस मेथड को अधिक प्रभावी कैसे बनाये – Fertility awareness ko More effective kaise Banaye in Hindi

अन्‍य सभी जन्‍म नियंत्रण विधियों की तरह फर्टिलिटी अवेयेरनेस मेथड को अधिक प्रभावी कैसे बनाये यह जानना भी आवश्‍यक है। यह विधि भी उस समय अधिक प्रभावी होती है जब इनका सही तरीके से उपयोग किया जाये। इसके अलावा फर्टिलिटी अवेयरनेस मेथड्स का प्रभावी होना दोनों भागीदारों पर निर्भर करता है। आइए जाने फर्टिलिटी अवेयरनेस को अधिक प्रभावी कैसे बनाये।

  • आप प्रजनन जागरूकता के तरीकों को प्रभावी बनाने के लिए अपने डॉक्‍टर या नर्स की मदद लें। वे आपको इनका सही तरीके से उपयोग करना और इन्‍हें उपयोग करते समय आने वाली परेशानियों को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
  • आप अपने प्रजनन संकेतों की जांच करने और हर दिन अपने चक्र को चार्ट करें। इसके लिए आप किसी भी प्रकार की गलति या चूक न करें।
  • आप और आपके साथी को चाहिए कि आव्‍यूलेशन के आसपास के दिनों में योनि सेक्‍स करने से बचें। या फिर इस दौरान प्रभावी जन्‍म नियंत्रण विधियों का उपयोग करें।
  • फर्टिलिटी अवेयरनेस मेथड्स का उपयोग करने का सबसे अच्‍छा तरीका नियमित शरीर के ताप की जांच, गर्भाशय बलगम की जांच और कैलेंडर विधियों का उपयोग करना। इन विधियों का उपयोग कर आप ओव्‍यूलेशन के दिनों की पहचान कर सकते हैं। इसलिए इन सभी विधियों को एक साथ उपयोग किया जाना चाहिए।

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मासिक धर्म और प्रजनन क्षमता के बारे में जानना – menstruation and fertility ke bare me janna in Hindi

बहुत सी महिलाएं जानना चाहती हैं क्‍या प्रजनन जागरूकता के लिए मासिक धर्म और प्रजनन क्षमता के बारे में जानना आवश्‍यक है। प्रजनन जागरूकता विधि का उपयोग करने के लिए आपको अपने मासिक धर्म चक्र के बारे में बहुत कुछ जानने की आवश्‍यकता है। आपको यह जानना होगा कि आप ओवुलेटिंग  और फर्टाइल (ovulating and fertile) कब होते हैं। साथ ही आपको यह भी जानना होगा कि आप गर्भावस्‍था के जोखिम के बिना सुरक्षित सेक्‍स कब कर सकते हैं।

गर्भावस्‍था हाने के लिए शुक्राणु को महिलाओं के अंडों से संपर्क करना होता है जिसे निषेचन कहा जाता है। मासिक धर्म के दौरान कुछ दिन निर्धारित होते हैं जब शुक्राणु को निषेचित करने के लिए महिलाओं की योनि में अंडे उपलब्‍ध होते हैं। इन दिनों को ही फर्टिलिटी डे (fertile days) या उपजाऊ दिन कहते हैं।

हर महीने महिलाओं का अंडाशय फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) में अंडा जारी करता है इसे ही ओव्‍यूलेशन कहा जाता है। यह अंडा महिलाओं के फैलोपियन ट्यूब में लगभग 12-24 घंटों तक रहता है। जबकि शुक्राणु सेक्‍स के बाद गर्भाशय और फैलोपियन ट्यबू में 6 दिनों तक आराम से जीवित रहता है। यदि एक भी शुक्राणुकोशिका अंडों के संपर्क में आता है तो यह निषेचित हो जाता है जिसके बाद अंडा फैलोपियन ट्यूब से गर्भशय तक जाता है। इसके बाद किसी महिला के लिए गर्भावस्‍था शुरू हो जाती है। यदि आपका अंडा निषेचित नहीं होता है तो यह स्‍वत: ही नष्‍ट हो जाता है और महिलाओं को उनकी अवधि (पीरियड) प्राप्‍त हो जाती है।

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FAMs की तापमान विधि क्या है – FAMs ki Temperature method kya hai in Hindi

जन्‍म नियंत्रण के लिए प्रजनन जागरूकता तरीके भी बेहद प्रभावी माने जाते हैं। प्रजनन जागरूकता विधि के तरीकों में सुबह उठने के दौरान नियमित रूप से शरीर के तापमान की जांच की जानी चाहिए। आपके मासिक धर्म चक्र के दौरान आपके शरीर के तापमान में होने वाले परिवर्तनों को ट्रैक करने से आपको अपने ओव्‍येलेट करने के समय का पता लगाने में मदद मिलती है।

तापमान विधि का उपयोग कैसे करें – Temperature Method Ka Upyog kaise kare in Hindi

मासिक धर्म चक्र के दौरान महिलाओं के शरीर का तापमान स्‍वाभाविक रूप से थोड़ा बदल जाता है। यह आपके चक्र के पहले भाग में थोड़ा निम्‍न रहता है। लेकिन जब आप ओव्‍यूलेट करते हैं तब शरीर का तापमान बढ़ जाता है। अधिकांश महिलाओं के लिए ओव्‍यूलेशन से पहले विशिष्‍ट तापमान 96-98 डिग्री फारेनहाइट होता है। लेकिन ओव्‍यूलेट करने के बाद यह तापमान 97-99 डिग्री फेरनहाइट तक चला जाता है।

तापमान विधि का उपयोग करने के लिए आपको अपने तापमान को नियमित रूप से हर दिन चेक करना चाहिए। इस तापमान को प्रजनन जागरूकता चार्ट पर लिखना चाहिए। आप एक नर्स या डॉक्‍टर से फर्टिलिटी अवेयरनेस चार्ट प्राप्त कर सकते हैं। शुरुआत में इस चार्ट को पढ़ने और समझने के लिए आप अपने डॉक्‍टर या नर्स की मदद ले सकते हैं। इसके बाद आप खुद ही इस चार्ट को पढ़ना और समझना सीख जाएगें। लेकिन जब आप प्रजनन जागरूकता के अन्‍य तरीकों के रूप में आप ग्रीवा बलगलम विधि के साथ उपयोग करने पर तापमान विधि को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।

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मैं अपना तापमान कैसे चेक करूं – How do I take my temperature in Hindi

अपने शरीर के तापमान को सही ढंग से ट्रैक करने के लिए आपको बिस्‍तर से बाहर निकलने के पहले जांच करनी चाहिए। इसके अलावा अपने खाने, पीने, यौन संबंध बनाने से पहले अपना तापमान चेक करें। इसके लिए आप थर्मामीटर का उपयोग लगभग 5 मिनिट तक करें।

बार-बार तापमान चेक करने पर आपके शरीर के तापमान में बहुत छोटा परिवर्तन जैसे 1 या 2 डिग्री का हो सकता है। शरीर का तापमान लेने के लिए आपको कुछ अधिक बेसल थर्मामीटर की आवश्‍यकता होती है। कुछ बेसल थर्मामीटर आपके मुंह में उपयोग किये जाते हैं जबकि अन्‍य आपके मलाशय में उपयोग किये जाते हैं। रेक्‍टल थर्मामीटर आमतौर पर अधिक सटीक और विश्वसनीय होते हैं। आप इन्‍हें ऑनलाइन या दवा दुकानों से प्राप्‍त कर सकते हैं। शरीर का तापमान लेने के बाद आप इसे अपने चार्ट में लिखें। जब आप चार्ट में अपने पिछले तापमान की जांच करते हैं तब आपको एक पैर्टन समझ में आएगा। आपके तापमान में परिवर्तन धीमा या तेज हो सकता है और पैटर्न चक्र से चक्र तक भिन्‍न हो सकता है।

इसके अलावा तनाव होने पर या पर्याप्‍त नींद न लेने पर भी आपके शरीर के तापमान में परिवर्तन हो सकता है। धूम्रपान, शराब पीना, बीमार होना और इलेक्ट्रिक कंबल का इस्‍तेमाल करना भी आपके शरीर के तापमान को बदल सकता है।

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तापमान विधि के अनुसार सेक्‍स के लिए सुरक्षित समय – Safe time for sex according to the temperature method in Hindi

आपके तापमान में वृद्धि के बाद सुरक्षित दिन कम से कम 3 दिनों तक रहते हैं जो कि आपकी अगली अवधि शुरू होने से ठीक पहले खत्‍म हो जाते हैं। आप अपने सुरक्षित दिनों के दौरान असुरक्षित सेक्‍स कर सकते हैं। लेकिन ओव्‍यूलेशन दिनों में आपको असुरक्षित सेक्‍स करने से बचना चाहिए। यदि आप इन दिनों सेक्‍स करना चाहते हैं तो अन्‍य जन्म नियंत्रण विधियों जैसे कंडोम आदि का उपयोग कर सकते हैं।

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प्रजनन जागरूकता की ग्रीवा बलगम विधि क्‍या है – FAMs ki Cervical Method Kya Hai in Hindi

महिलाओं के लिए प्रजनन जागरूकता की विधियों की पूरी जानकारी होनी चाहिए। क्‍योंकि अधिकांश महिलाओें को प्रजनन जागरूकता की ग्रीवा विधि क्‍या है यह पता नहीं होता है। जब आप अपने मासिक धर्म चक्र के दौरान अपने गर्भाशय ग्रीवा बलगम या योनि स्राव में हुए बदलाव का पता लगा कर गर्भाशय ग्रीवा के बलगम के तरीकों का अनुमान लगाने में मदद करती है।

मैं ग्रीवा बलगम विधि का उपयोग कैसे करूँ – How do I use the cervical mucus method in Hindi

सभी लोग प्राकृतिक परिवार नियोजन विधि का उपयोग करना चाहते हैं। लेकिन महिलाओं में अक्‍सर यह दुविधा होती है कि मैं ग्रीवा बलगम विधि का उपयोग कैसे करूँ। महिलाओं के मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने वाले हार्मोन आपके गर्भाशय ग्रीवा का उत्‍पादन करते हैं। यह महिलाओं की योनि से स्राव के रूप में निकलता है। महिलाओं के मासिक धर्म चक्र और विशेष रूप से ओव्‍यूलेशन के आसपास के दिनों में इसके रंग, बनावट और मात्रा में परविर्तन होता है।

गर्भावस्‍था को रोकने के लिए गर्भाशय ग्रीवा बलगम विधि का उपयोग करने के लिए आप हर दिन अपने बलगम की जांच करें और इन परिणाम को चार्ट में लिखें। जब आप डिंबोत्‍सर्जन (ovulate) करते हैं तो इस स्थिति में बलगम में होने वाले परिवर्तन आपको यह पता लगाने में मदद करते हैं कि आप गर्भवती हो सकती हैं। अपने सुरक्षित दिनों के दौरान आप असुरक्षित संभोग कर सकते हैं। लेकिन आव्‍यूलेशन के दौरान आपको असुरक्षित योनि सेक्‍स करने से बचना चाहिए।

ग्रीवा बलगम विधि को ओव्‍यूलेशन विधि या बिलिंग्‍स विधि भी कहा जाता है। इसे उपयोग करने के लिए आप किसी डॉक्‍टर या नर्स की मदद ले सकते हैं।

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मैं अपने ग्रीवा बलगम की जांच कैसे करूँ – How do I check my cervical mucus in Hindi

बहुत सी महिलाओं के लिए यह एक समस्‍या है कि मैं अपने ग्रीवा बलगम की जांच कैसे करूँ। ग्रीवा बलगम की जांच के लिए महिलाओं को अपने बलगम या डिस्‍चार्ज को हर एक दिन जांचना और इसके रिकार्ड लिखने की आवश्‍यकता होती है। आपकी अवधि पूरी तरह से रूकने के बाद आप अपने बलगम को ट्रैक करना शुरु कर सकते हैं।

आप अपने बलगम की जांच 3 तरह से कर सकते हैं।

  • सफेद टॉयलेट पेपर या ऊतक के साथ अपनी योनि को पोंछें। इसके बाद इस पर लगे अपने बलगम के रंग की जांच करें।
  • अपने अंडरवियर पर निर्वहन के रंग और बनावट को देखें।
  • अपनी योनि में साफ उंगलियों को रखें और फिर अपनी उंगलियों पर बलगम के रंग और बनावट की जांच करें।

अपने बलगम की स्थिरता को महसूस करने का सबसे अच्‍छा तरीका अपनी उंगली और अंगूठे के बीच रख कर रगड़ना और खींचना है। अपने म्‍यूकस के बारे में जो भी जानकारी प्राप्‍त हो आप उसे अपने चार्ट पर नोट करें। आपकी अवधि के दिन, शुष्‍क दिन, गीले दिन, चिपचिपे दिन, धुंधले स्राव वाले दिन आदि हो सकते हैं। इन सभी को क्रम से अपने चार्ट पर नोट करें।

जब आप पहली बार अपने बलगम को बाहर निकालना शुरू करते हैं तो 1 पूरे चक्र के लिए असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचें। इस दौरान सेक्स करने से आपका शरीर अधिक बलगम का उत्‍पादन कर सकता है।

मेरा ग्रीवा बलगम कैसा होना चाहिए – What should my cervical mucus feel like in Hindi

आपके मासिक धर्म चक्र के आधार पर आपके गर्भाशय ग्रीवा का बलगम बदलते रहता है जो इस प्रकार हो सकता है।

  • आपकी अवधि के दौरान रक्‍त प्रवाह आपके बलगम को कवर करता है। इस बजह से बलगम को आप नोटिस नहीं कर पाते हैं। जबकि ये दिन आपके लिए असुरक्षित होते हैं।
  • आपकी अवधि के बाद आपके पास आमतौर पर बलगम के बिना कुछ दिन होते हैं और आपके अंडरवियर में चिपक जाते हैं। इन्‍हें शुष्‍क दिन (dry days) कहा जाता है और यदि आपका चक्र लंबा है तो वे सुरक्षित दिन हो सकते हैं।
  • आपका शरीर अधिक बलगम बनाता है जब एक अंडा परिपक्‍व होना शुरू होता है। इससे पहले कि ओव्‍यूलेशन होने वाला है। यह बलगम आमतौर पर पीला, सफेद या धुंधले रंग का हो सकता है। जो कि चिपचिपा महसूस होता है।
  • आमतौर पर आपके पास ओव्‍यूलेशन से ठीक पहले सबसे अधिक बलगम होता है। यह साफ और चिपचिपा होता है जो अंडे के सफेद भाग की तरह दिखाई देता है। जब बलगम में इस तरह के लक्षण हों तो ये दिन आपके लिए असुरक्षित होते हैं। इस समय सेक्‍स करने पर आप गर्भवती हो सकते हैं क्‍योंकि यह समय आव्‍यूलेशन का होता है।
  • फिसलन भरे बलगम आने के लगभग 4 दिनों के बाद आपको अचानक बलगम कम हो सकते हैं और यह फिर से धुंधले और चिपचिपे हो सकते हैं। इसके बाद आपको कुछ शुष्‍क दिन भी मिल सकते हैं जिन्‍हें सुरक्षित दिन कहा जा सकता है। इसके बाद आपकी अविध शुरु होती है और चक्र दोहराया जाता है।

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ग्रीवा बलगम विधि का उपयोग के दौरान सेक्‍स करने के दिन – What are the safe days to have sex when using cervical mucus method in Hindi

  • सुरक्षित और असुरक्षित दिन अलग अलग महिलाओं के लिए भिन्‍न हो सकते हैं और ये अ‍वधि के लंबे समय पर निर्भर करते हैं।
  • सामान्‍य तौर पर सुरक्षित दिन की शुरुआत सबसे फिसलन वाले बलगम या म्‍यूकस के चले जाने के बाद हाती है। इस दौरान आपका डिस्‍चार्ज धुंधला हो जाता है और फिर से चिपचिपा महसूस होता है। इस तरह से धीरे धीरे सूखे दिन आते हैं जो कि सुरक्षित होते हैं। यदि आपके पास एक लंबा चक्र है तो आपकी अवधि के बाद के सूखे दिन भी सुरक्षित हो सकते हैं।
  • असुरक्षित दिन के लक्षण फिसलन बलगम के 2 या 3 दिन पहले शुरू होते हैं। आपकी अवधि के दौरान के दिन भी असुरक्षित होते हैं विशेष रूप से उस समय जब आपकी अवधि चक्र छोटा हो।
  • अपने सुरक्षित दिनों में आप असुर‍क्षित यौन संबंध बना सकते हैं। लेकिन असुरक्षित दिनों में योनि सेक्‍स करने से बचना चाहिए या जन्‍म नियंत्रण की अन्‍य विधियों का उपयोग करना चाहिए।

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मेरे ग्रीवा बलगम में क्‍या परिवर्तन हो सकते हैं – What can cause changes to my cervical mucus in Hindi

ग्रीवा बलगम विधि का उपयोग करने के दौरान महिलाओं का यह प्रश्‍न होता है कि मेरे ग्रीवा बलगम में क्‍या परिवर्तन हो सकते हैं। कुछ गतिविधयां या स्थितियों के अनुसार आपके प्राकृतिक ग्रीवा बलगम में कुछ परिवर्तन हो सकते हैं। जो कि इस विधि का उपयोग करने और इसकी प्रभाविता को मुश्किल बना सकते हैं। इन स्थितियों में शामिल हैं :

  • स्‍तनपान
  • गर्भाशय ग्रीवा पर सर्जरी
  • डचिंग (Douching)
  • प्रारंभिक रजोनिवृत्ति
  • हाल ही में हार्मोनल जन्‍म नियंत्रण का उपयोग करना
  • यौन जनित संक्रमण होना।
  • योनिशोथ (Vaginitis)

गर्भाशय ग्रीवा के बलगम विधि के तरीके उन लोगों के लिए एक अच्‍छा मेल नहीं है जिनके शरीर में बहुत अधिक स्राव नहीं होता है। आप अपने डॉक्‍टर से बात करें यदि आप गर्भावस्‍थ को रोकने के लिए इस विधि का उपयोग कर रहे हैं।

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2 दिन की विधि क्‍या है – What’s the 2-day method in Hindi

  • 2-दिवसीय विधि एक सरल प्रकार की ग्रीवा बलगम विधि है। यह सबसे अधिक प्रभावी होता है यदि आप पूरी तरह से अश्वस्‍त हैं कि आप बता सकें कि आपको बलगम आता है या नहीं।
  • 2-दिन की विध का उपयोग करना बहुत ही आसान है। इस विधि को अपनाने के लिए आपको अपने आप से ही कुछ प्रश्‍न पूछें।
  • क्‍या आज मुझे आज ग्रीवा बलगम प्राप्त हुआ है।
  • क्‍या मुझे कल ग्रीवा बलगम प्राप्‍त हुआ था।
  • यदि आप इन सवालों के जबाव नहीं में होता है तो योनि सेक्‍स करना आपके लिए सुरक्षित है। लेकिन यदि आप निश्चित नहीं कर पा रहे हैं तो आपको योनि सेक्‍स करने से बचना चाहिए। इस पद्धति का उपयोग करने वाली महिलाओं के पास प्रत्‍येक चक्र के दौरान केवल 12 सुरक्षित दिन हो सकते हैं।

प्रजनन जागरूकता की कैलेंडर विधि क्‍या है – What’s the calendar method of FAMs in Hindi

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि प्रजनन जागरूकता के लिए कई प्रकार की विधियों का उपयोग किया जा सकता है। कैलेंडर विधि भी फर्टिलिटी अवेयरनेस मेथड्स का हिस्‍सा है। कैलेंडर विधि आपको कई महीनों में आपके मासिक धर्म चक्र की लंबाई को ट्रैक करके अपने आव्‍यूलेशन के दिनों की पहचान करने में मदद करती है। आइए जाने प्रजनन जागरूकता की कैलेंडर विधि क्‍या है और इससे जुडी कुछ जानकारीयां।

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मै कैलेंडर विधि का उपयोग कैसे करूं – How do I use the calendar method in Hindi

कैलेंडर विधि का उपयोग शुरू करने से पहले महिलाओं को लगभग अपनी 6 अ‍वधियों की लंबाई पर नजर रखने की आवश्‍यकता है। आप इसे नियमित कैलेंडर या अवधि ट्रैकिंग ऐप के साथ कर सकते हैं।

अपनी अवधि के पहले दिन को कैलेंडर में नोट करें। फिर अपनी अगली अवधि के पहले दिन को नोट करें। प्रत्‍येक चक्र के बीच दिनों की कुल गणना करें। जो कि प्रत्‍येक अवधि के पहले दिनों के बीच के दिनों की संख्‍या है। आपको ऐसा कम से कम 6 चक्रों का चार्ट बनाना चाहिए। लेकिन कुछ और महीनों तक चार्ट बनाना और बेहतर हो सकता है।

कैलेंडर विधि उपयोग करने के दौरान सेक्‍स करने का दिन – What are the safe days to have sex when using the calendar method in Hindi

महिलाएं ओव्‍यूलेशन के दिनों की जानकारी प्राप्त करने के लिए कैलेंडर विधि का उपयोग कर सकती हैं। कैलेंडर विधि का उपयोग करने के दौरान सेक्‍स करने का दिन निश्चित किया जा सकता है। इसका मतलब यह है कि आप यह पता कर सकते हैं कि आपके सुरक्षित दिन कौन से हैं।

  • आप अपने पिछले चक्र में सबसे छोटे चक्र को खोजें।
  • उस चक्र में दिनों की कुल संख्‍या से 18 घटायें।
  • अपने वर्तमान चक्र के पहले दिन से उस संख्‍या को गिनें और इस दिन में एक निशान लगाएं। लेकिन जब आप गिनती शुरु करते हैं तो पहले दिन को भी साथ में गिनें।
  • जिस दिन में आपने निशान लगाया है वह आपके ओव्‍यूलेशन का पहला दिन है।

उदाहरण के लिए यदि आपका सबसे छोटा चक्र 26 दिन लंबा है तो आपको 26 में से 18 घटाना है जिससे आपको 8 प्राप्‍त होगा। फिर आपकी अवधि के पहले दिन से शुरू करें और 8 तक गिनें। यदि पहला दिन महीने की 4 तारीक को था तो आप 11 तारीक पर निशान लगाएं। यह 11 तारीक इस चक्र का पहला उपजाऊ दिन है। इस दिन से आपको योनि सेक्‍स करना बंद कर देना चाहिए या जन्‍म नियंत्रण विधियों का उपयोग करना चाहिए।

वर्तमान चक्र में अंतिम उपजाऊ या ओव्‍यूलेट दिन खोजना।

  • आप अपने रिकॉर्ड में सबसे लंबा चक्र खोजें।
  • उस चक्र में कुल दिनों में से 11 घटा दें।
  • उस संख्‍या को अपने वर्तमान चक्र के पहले दिन से गिने और उस दिन में निशान लगा दें।
  • जिस दिन में निशान लगा होता है वह आपका आखिरी उपजाऊ दिन होगा।

उदाहरण के लिए यदि आपका सबसे लंबा चक्र 30 दिनों का है तो 30 में से 11 को घटा दें। आपको 19 प्राप्‍त होगा। फिर अवधि शुरु होने के पहले दिन से 19 तक गिनती करें। यदि पहला दिन 4 तारीक को था तो आप 19 तक गिनते हुए 22 तारीक पर निशान लगाएं। इस तरह से 22 तारीक को इस चक्र का अंतिम उपजाऊ दिन होगा। आप अगले दिन असुरक्षित यौन संबंध बना सकते हैं।

कैलेंडर विधि केवल यह अनुमान लगा सकती है कि सबसे सुरक्षित या असुरक्षित दिन होने की क्‍या संभावनाएं हो सकती हैं। यह आपको निश्चित रूप से नहीं बतायेगा कि आप कब अंडोत्‍सर्जन कर सकते हैं। इसलिए इस विधि का उपयोग करना कठिन होता है। यदि आपके चक्र हमेशा एक ही लंबाई में चलते हैं तो आपको इस विधि का उपयोग नहीं करना चाहिए।

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मानक दिनों की विधि क्‍या है – What’s the Standard Days method in Hindi

बहुत सी महिलाओं को पता नहीं है कि मानक दिनों कि विधि क्‍या है। मानक दिन विधि (Standard Days) एक प्रकार की कैलेंडर विधि है। यह अन्‍य प्रजनन जागरूकता विधियों की तुलना में सरल है लेकिन आप इसका उपयोग केवल तभी कर सकते हैं जब आपके चक्र एक निश्चित लंबाई और नियमित हों।

मैं मान‍क दिनों की विधि का उपयोग कैसे करूं – How do I use the Standard Days method in Hindi

अधिकांश महिलाओं को प्रजनन जागरूकता विधियों का पता नहीं है। उनके लिए यह प्रश्‍न महत्वपूर्ण है कि मैं मानक दिनों की विधि का उपयोग कैसे करूं। आप केवल मानक दिनों की विधि का उपयोग कर सकते हैं यदि :

  • आपका मासिक धर्म वास्‍तव में नियमित है या आपके पीरियड्स निश्चित समय पर आते हैं।
  • आपका चक्र 26 दिनों से छोटा नहीं है।
  • यदि अवधि चक्र 32 दिनों से लंबा नहीं है।
  • यदि आप प्रत्‍येक चक्र के 8 से 19 वे दिन तक सेक्‍स नहीं करते हैं या जन्‍म नियंत्रण का उपयोग करते हैं।

स्‍टैंडर्ड डेज विधि का उपयोग करने वाली अधिकांश महिलाएं एक एप का उपयोग करती हैं या उनके पास एक विशेष स्ट्रिंग (string) होती है। इसे साइकल बेड्स (CycleBeads) कहा जाता है। यह महिलाओं को अवधि चक्र पर नजर रखने में मदद करता है। साइकल बेंड में 33 रंगीन मोती और एक काले रबर की रिंग होती है जो मनके से मनके तक चलती है।

(और पढ़े – गर्भवती होने से कैसे बचें…)

क्‍या मेरे लिए प्रजनन जागरूकता के तरीके सही हैं – Are fertility awareness methods right for me in Hindi

प्रजनन जागरूकता सुरक्षित, सस्‍ती और हार्मोन मुक्‍त है। लेकिन इनका उपयोग करना कुछ मुश्किल होता है इसलिए ये असुविधा का कारण भी बन सकती हैं। इसके अलावा इन विधियों को सही तरीके से करने में भी दिक्‍कतें आती हैं। इसलिए ये विधियां जन्‍म नियंत्रण की अन्‍य विधियों के मुकाबले कम प्रभावी होती हैं।

(और पढ़े – डायाफ्राम क्या है, कार्य, उपयोग और सावधानियां…)

फर्टिलिटी अवेयरनेस मेथड्स कितनी सुरक्षित हैं – How safe are fertility awareness methods in Hindi

प्रजनन जागरूकता के तरीके पूरी तरह से सुरक्षित हैं यदि इनका सही तरीके से उपयोग किया जाये। इसके अलावा इनका उपयोग करने के दौरान आपको किसी प्रकार की दवाओं या हार्मोन आदि लेने की आवश्‍यकता भी नहीं होती है। इस तरह से इन विधियों का उपयोग करना पूरी तरह से सुरक्षित होता है। इसके कोई भी दुष्‍प्रभाव नहीं होते हैं।

प्रजनन जागरूकता के तरीके कितने प्रभावी हैं – How effective are fertility awareness methods in Hindi

उपयोग करने से पहले सभी के मन में यह प्रश्‍न जरूर उठता होगा कि प्रजनन जागरूकता के तरीके कितने प्रभावी हैं। फर्टिलिटी अवेयरनेस मेथड्स लगभग 76 से 88 % तक प्रभावी माने जाते हैं। इसका मतलब यह है कि इस विधि का उपयोग करने वाली 100 महिलाओं में 12 से लेकर 24 महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि वे कौन सी विधि का उपयोग कर रही हैं।

FAMs उन महिलाओं के लिए प्रभावी नहीं होते हैं जो अपने प्रजनन संकेतों को प्रतिदिन ट्रैक नहीं कर सकती हैं। या फिर जो अपने ओव्‍यूलेशन के दिनों के दौरान असुरक्षित यौन संबंध बनाती हैं। इसके अलाव ये विधियां उन महिलाओं के लिए भी सही नहीं हैं जिन्‍हें अनियमित मासिक धर्म चक्र होता है। ऐसी स्थिति में उन्‍हें डॉक्‍टर की सलाह पर ही इन विधियों का उपयोग करना चाहिए।

यदि आप गर्भावस्‍था को रोकने के लिए अधिक प्रभावी तरीका चाहते हैं तो जन्‍म नियंत्रण की विधियों का उपयोग करें। ये आपको निश्चित ही गर्भावस्‍था से बचा सकते हैं।

(और पढ़े – गर्भनिरोधक दवाओं और उनके शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानें…)

प्रजनन जागरूकता विधियों के दुष्‍प्रभाव – FAMs Side effects in Hindi

फर्टिलिटी अवेयरनेस मेथड्स का उपयोग करने से किसी भी प्रकार के दुष्‍प्रभाव नहीं होते हैं। लेकिन इन विधियों के उपयोग करने के तरीके इनके प्रभाव को बदल सकते हैं। इसके अलावा कुछ विशेष स्थितियां जैसे आप हाल ही में बीमार हुए हों, आप कोई विशेष दवा का सेवन कर रहे हैं या फिर आप स्‍तनपान करा रही हैं। ऐसी स्थिति में आपके लिए कुछ परिवर्तन हो सकते हैं।

इन विधियों का उपयोग कौन कर सकता है – Who can use these FAMs methods in Hindi

प्रजनन जागरूकता विधियां सभी महिलाओं के लिए सुरक्षित है इसलिए इन विधियों को कोई भी उपयोग कर सकता है। लेकिन यह कुछ ही महिलाओं की गर्भावस्‍था को रोकने में मदद करता है।

ये विधियां इन स्थिति में काम नहीं करती हैं जैसे :

  • यदि आपके पीरियड्स अनियमित हैं।
  • आप या आपका साथी योनि सेक्‍स से दूर नहीं रह सकते हैं। या प्रत्‍येक चक्र के कुछ दिनों के लिए जन्‍म नियंत्रण के अन्‍य विकल्‍पों का उपयोग नहीं करते हैं।
  • आपके पास यौन संचारित संक्रमण या योनिशोथ है। या फिर आप सामान्‍य से बहुत अधिक निर्वहन करती हैं।
  • आप प्रतिदिन अपने प्रजनन संकेतों को ट्रैक नहीं करती हैं और पूरे रिकॉर्ड नहीं बनाती हैं।

(और पढ़े – अनियमित मासिक धर्म के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार…)

प्रजनन जागरूकता विधि के फायदे क्‍या हैं – fertility awareness methods Ke Fayde Kya Hai in Hindi

क्‍या आप फर्टिलिटी अवेयरनेस मेथड्स के फायदे जानते हैं। इन्‍हें प्राकृतिक परविार नियोजन विधि के नाम से भी जाना जाता है। ये आमतौर पर मुफ्त या सस्ते होते हैं। इन विधियों का उपयोग करने पर किसी भी प्रकार के दुष्‍प्रभाव नहीं होते हैं। इन विधियों का उपयोग करने पर आपको अपने शरीर और फर्टिलिटी के बारे में जानकारी प्राप्‍त होती है।

क्‍या प्रजनन जागरूकता विधि यौन संक्रमण से बचाते हैं – Kya FAMs STDs se bachate hai in Hindi

जिन लोगों का यह प्रश्‍न है कि क्‍या प्रजनन जागरूकता विधि यौन संक्रमण से बचाते हैं तो यह यौन संक्रमण से नहीं बचाते हैं। प्रजनन संबंधी जागयकता विधियां केवल आपको आव्‍यूलेशन के दिनों की संभावित स्थिति बता सकते हैं। यदि आप इन विधियों के उपयोग के दौरान यौन संबंध बनाते हैं और यौन संक्रमण से सुरक्षा चाहते हैं तो जन्‍म नियंत्रण के रूप में महिला या पुरुष कंडोम का उपयोग कर सकते हैं। वे आपको गर्भावस्‍था के साथ ही यौन संक्रमण से पूरी सुरक्षा दिला सकते हैं।

(और पढ़े – यौन संचारित रोग एसटीडी को रोकने के तरीके…)

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