गर्भावस्था का चौथा सप्ताह बहुत महत्वपूर्ण होता है। आमतौर पर इस हफ्ते यह पूरी तरह कन्फर्म हो जाता है कि महिला प्रेगनेंट हैं। प्रेगनेंसी के 4 वीक में कुछ महिलाओं को प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजीटिव मिलता है और वह मां बनने की खुशी जाहिर करती हैं। गर्भावस्था का चौथा सप्ताह ही वह हफ्ता होता है जब प्रेगनेंट महिला को फोलिक एसिड, कैल्शियम और आयरन की खुराक बढ़ा देनी चाहिए और एक हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए अपनी सेहत का ख्याल रखना चाहिए। प्रेगनेंसी के चौथे हफ्ते के लक्षण कुछ बढ़ जाते हैं और महिला को पहले से अधिक मितली और उल्टी का अनुभव होता है। कुछ महिलाएं इस समय मॉर्निंग सिकनेस से बहुत परेशान होती हैं। हालांकि प्रेगनेंसी के हफ्ते बढ़ने पर लक्षण बदलते जाते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको प्रेगनेंसी के चौथे हफ्ते के बारे में बताएंगे।
प्रेगनेंसी के तीसरे हफ्ते में स्पर्म और अंडे मिलकर फर्टिलाइज हो चुके होते हैं और गर्भावस्था के चौथे सप्ताह में निषेचित अंडा गर्भाशय में इंप्लांट होता है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रेगनेंसी फेज होता है क्योंकि प्रेगनेंसी के 4 वीक से ही गर्भ में एम्ब्रियो लगातार डेवलप होना शुरु कर देता है। इस दौरान महिला को अपनी प्रेगनेंसी महसूस होने लगती है। जब भ्रूण येटेरिन लाइनिंग से अटैच हो जाता है तो यह एससीजी हार्मोन बनाने लगता है। यह हार्मोन एंडोमेट्रियम लाइनिंग को बनाए रखता है और आने वाले महीनों में ओवरी से कोई अंडा रिलीज नहीं होता है। महिला के यूटेरस में भ्रूण एक्टोडर्म, मेसोडर्म और इंडोडर्म ये तीन परत बनाता है जिससे बच्चे के शरीर के अंगों और ऊत्तकों का निर्माण होता है और ये अंग प्रेगनेंसी के सभी हफ्ते पूरे होने तक पूर्ण रुप से बन चुके होते हैं।
यदि आप अपनी प्रेगनेंसी के चौथे हफ्ते में हैं तो इसका मतलब यह है कि आप अपनी प्रेगनेंसी का एक महीना पूरा करने वाली हैं और आपकी प्रेगनेंसी की पहली तिमाही शुरु हो गयी है। जैसे जैसे गर्भावस्था के हफ्ते आगे बढ़ते हैं, महिला का शरीर अलग-अलग तरह का संकेत देना शुरू कर देता है।
चौथे हफ्ते की प्रेगनेंसी में बच्चे का आकार बहुत सूक्ष्म यानी खसखस के बीज (poppy seed) से भी छोटा होता है। इस दौरान भ्रूण का आकार 0.08 इंच यानी 2 मिमी लंबा होता है जो गर्भ में तेजी से बढ़ता है। गर्भावस्था के चौथे सप्ताह के अंत तक भ्रूण अमिनोटिक थैली से कवर हो जाता है और छोटी सी यॉक थैली से जुड़ जाता है जो इसे पोषण प्रदान करती है। भ्रूण का आउटर लेयर बाद में प्लेसेंटा के रुप में विकसित होता है और आपके बच्चे को ऑक्सीजन एवं न्यूट्रिएंट पहुंचाता है।
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प्रेगनेंसी के चौथे हफ्ते से भ्रूण यूटेरस लाइनिंग के अंदर डेवलप होने लगता है। भ्रूण की बाहरी कोशिकाओं में मां से ब्लड की आपूर्ति होती हैं जबकि अंदर की तीन कोशिकाएं अलग अलग परत बनाती हैं।
एम्ब्रियो की आंतरिक परत (inner layer) का विकास फेफड़े, पेट, गैस्ट्रोइंटेस्टाइल सिस्टम और ब्लैडर के रुप में होता है। जबकि मध्य परत (middle layer) से हृदय, रक्त वाहिकाएं, मांसपेशियां और हड्डियों का निर्माण होता है। इसके अलावा बाहरी परत (outer layer) से मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम, त्वचा एवं नाखून का निर्माण होता है।गर्भावस्था का चौथा हफ्ते से प्रेगनेंसी की पहली तिमाही शुरु होती है, इस अवधि में बच्चे के आंखों, मुंह, निचले जबड़े, गर्दन का आकार बनना शुरु हो जाता है। इसके साथ ही ब्लड कोशिकाएं भी बनने लगती हैं जिनमें सर्कुलेशन शुरु हो जाता है।
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चौथे वीक प्रेगनेंसी में भ्रूण का आकार बहुत सूक्ष्म होता है इसलिए गर्भावस्था के चौथे सप्ताह में महिला का पेट नहीं बढ़ता है। हालांकि पेट में हल्की सूजन दिखती है जो कहीं से भी गर्भावस्था का संकेत नहीं देती है। पहली तिमाही में ज्यादातर महिलाओं के पेट नहीं निकलते हैं। प्रेगनेंसी के 12वें हफ्ते के आसपास पेट बढ़ना शुरु हो जाता है।
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4 सप्ताह की प्रेग्नेंसी में गर्भावस्था के लक्षण तेजी से महसूस होने लगते हैं। चौथे हफ्ते की गर्भावस्था में प्रेगनेंट महिला के शरीर में प्रेगनेंसी हार्मोन में अधिक बदलाव होता है जिसके कारण जी मिचलाना, उल्टी आना, थकान और सिरदर्द जैसे लक्षण बहुत आम हो जाते हैं। चौथे हफ्ते की प्रेगनेंसी के मुख्य लक्षण निम्न हैं:
आमतौर पर 50 से 90 प्रतिशत प्रेगनेंट महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस होती है जिसमें महिला को उल्टी, मितली और भारीपन महसूस होता है। गर्भावस्था के कम से कम 9 हफ्तों तक मॉर्निंग सिकनेस होती है और फिर धीरे धीरे यह कम होने लगती है। दूसरी तिमाही में मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण खत्म हो जाते हैं।
4 वीक प्रेगनेंसी में तेज थकान महसूस होती है। दरअसल, गर्भावस्था के चौथे हफ्ते में गेंद के आकार की छोटी कोशिकाएं भ्रूण का रुप धारण करती हैं, जिसके कारण प्रेगनेंट महिला को अधिक थकान महसूस होती है।
स्तन में सूजन और दर्द गर्भावस्था के चौथे हफ्ते का लक्षण है। यह हार्मोन के कारण होता है। बच्चा जब गर्भ में आ जाता है तो मिल्क डक्ट में दूध बनना शुरु होता है जिसके कारण स्तन में सूजन और दर्द महसूस होता है।
इंप्लांटेशन के कारण 4 वीक प्रेगनेंसी के दौरान हल्की ब्लीडिंग होती है, हालांकि यह पूरी तरह नॉर्मल होता है। लेकिन यदि यह पीरियड की तरह हो या अधिक ब्लड निकले तो तुरंत डॉक्टर से बात करें।
गर्भावस्था के चौथे हफ्ते में शिशु गर्भाशय में सही तरीके से इंप्लांट होने की कोशिश करता है जिसके कारण शरीर में हल्की ऐंठन महसूस होती है। इसके साथ ही प्रेगनेंसी हार्मोन प्रोजेस्टेरोन के कारण पेट में सूजन भी नजर आती है।
गर्भावस्था के चौथे सप्ताह में हार्मोन में बहुत तेजी से उतार चढ़ाव होता है जिसके कारण मूड स्विंग रहता है। प्रेगनेंसी के 12 हफ्तों तक महिला को चिड़चिड़ापन और गुस्सा महसूस होता है। इसके बाद मूड स्विंग के लक्षण धीरे धीरे कम होने लगते हैं।
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4 वीक की प्रेगनेंसी में अल्ट्रासाउंड स्कैन आमतौर पर नहीं कराया जाता है। चार हफ्ते के गर्भावस्था में सिर्फ जेस्टेशनल थैली ही दिखायी देती है। प्रेगनेंसी के चौथे हफ्ते के कुछ और हफ्ते बाद जेस्टेशनल थैली में भ्रूण दिखायी देता है। इसलिए अधिकांश प्रेगनेंट महिलाएं अपना अल्ट्रासाउंड 4 हफ्ते की प्रेगनेंसी की बजाय 8 से 14 हफ्ते की प्रेगनेंसी के दौरान कराती हैं। हालांकि इसमें डॉक्टर की सलाह भी महत्वपूर्ण है।
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प्रेगनेंसी के चौथे हफ्ते में पीरियड मिस हो चुका होता है इसलिए गर्भावस्था के चौथे सप्ताह में प्रेगनेंसी टेस्ट जरुर कर लेना चाहिए। चूंकि फोर्थ वीक प्रेगनेंसी में हर महिला के यूरिन में एचसीजी हार्मोन का लेवल एक जैसा नहीं होता है इसलिए कुछ महिलाओं की प्रेगनेंसी पॉजीटिव होती है जबकि कुछ महिलाओं की नेगेटिव। ऐसा होने पर घबराना नहीं चाहिए और अभी भी आपका पीरियड रुका हुआ है तो एक हफ्ते बाद यानी प्रेगनेंसी के 5वें हफ्ते में अच्छी प्रेगनेंसी किट से दोबारा से प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए। इसके अलावा ब्लड टेस्ट से भी प्रेगनेंसी के चौथे हफ्ते में एचसीजी का लेवल मापकर प्रेगनेंसी कन्फर्म की जाती है लेकिन इसके लिए आपको क्लिनिक जाना पड़ेगा।
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चौथे हफ्ते के गर्भावस्था में आप अपनी सेक्स लाइफ को जारी रख सकती हैं। आमतौर पर प्रेगनेंसी के शुरूआती हफ्तों में नॉर्मल रुप से पहले की तरह सेक्स किया जा सकता है। लेकिन जब गायनेकोलॉजिस्ट आपको सेक्स न करने की सलाह दें तब आपको एक हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए सेक्स करना बंद कर देना चाहिए।
4 वीक की प्रेगनेंसी डाइट में वह सभी चीजें शामिल करनी चाहिए जिनमें अधिक से अधिक पोषक तत्व मौजूद हों और जो बच्चे के विकास में मदद करे।
प्रेगनेंसी के चौथे हफ्ते में रोजाना पांच से सात बार फल और सब्जियों का सेवन करने चाहिए। इस दौरान फलों के जूस, स्मूदी, सब्जियों का सूप, शोरबा आदि लेना चाहिए। अपने आहार में गहरी हरे रंग की सब्जियों को अधिक मात्रा में शामिल करें और नाश्ते में फल जरुर खाएं।
प्रेगनेंसी के चौथे सप्ताह में स्टार्ची फूड लेना न भूलें। पर्याप्त मात्रा में चुकंदर, पोटैटो, ब्राउन राइस, क्विनोआ, ब्रेड, पास्ता, अनाज और होलग्रेन का सेवन करें।
गर्भावस्था के चौथे सप्ताह में भ्रूण के विकास के लिए प्रोटीन की बहुत जरुरत होती है। प्रोटीन प्राप्त करने के लिए लीन मीट, मछली, अंडे, दालें, बीन्स रोजाना खाना चाहिए।
डेयरी फूड न सिर्फ भ्रूण के विकास में मदद करते हैं बल्कि महिला के शरीर को पर्याप्त ऊर्जा भी प्रदान करते हैं। डेयरी उत्पादों जैसे दूध, चीज, दही कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं इसलिए इनका सेवन अधिक मात्रा में करें।
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निष्कर्ष: प्रेगनेंसी के चौथे हफ्ते में अच्छी और संतुलित डाइट, एक बेहतर लाइफ स्टाइल, समय समय पर स्वास्थ्य परीक्षण से आप अपनी हेल्दी प्रेगनेंसी के सभी हफ्ते बेहद आसानी से पूरी कर सकती है। ऊपर बताया गया है कि चौथे हफ्ते के गर्भावस्था में आपके शरीर में क्या परिवर्तन आते हैं और भ्रूण का विकास किस तरह से होता है। उम्मीद है कि प्रेगनेंसी के चौथे हफ्ते को समझने में आपको मदद मिलेगी।
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