Pregnancy Ka Dusra Mahina अगर आप दो महीने की गर्भवती हैं, तो आपको गर्भावस्था के दूसरे महीने में शरीर में होने वाले बदलावों, समस्या, लक्षणों और बच्चे के विकास के बारे में जरूर पता होना चाहिए। इससे आप अपनी प्रेग्नेंसी को अच्छे से एन्जॉय कर पाएंगी। आज का हमारा ये आर्टिकल खासतौर से उन महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है, जो गर्भावस्था के दूसरे महीने में कदम रखने जा रही हैं। यहां वे गर्भावस्था के दूसरे माह से जुड़ी समस्याओं और प्रेगनेंसी के दूसरा महीने में बच्चे के विकास के बारे में जान सकेंगी।
दूसरे महीने की गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में हार्मोन लेवल बढ़ने के कारण न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी परिवर्तन आता है। वहीं बच्चे के विकास के लिए प्रेगनेंसी का दूसरा महीना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस महीने के दौरान बच्चे के सभी अंग धीरे-धीरे विकसित होना शुरू होते हैं। प्रेगनेंसी का दूसरा महीना वह समय होता है जब गर्भवती महिला हर मायने में अपनी गर्भावस्था को महसूस करना शुरू कर देती हैं। हम आपको बता दें कि बच्चे के विकास के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण गमिविधियां पहले के कुछ महीनों में होती हैं। इसलिए गर्भावस्था के दूसरे महीने में गर्भवती महिला को देखभाल के साथ बहुत सावधानी बरतने के लिए कहा जाता है।
तो चलिए इस इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कैसा होता है गर्भावस्था का दूसरा महीना, प्रेगनेंसी का दूसरा महीना के लक्षण, दूसरे महीने की गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में होने वाली समस्याएं, प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में बच्चे का विकास और शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में।
विषय सूची
1. दूसरे महीने की गर्भावस्था में बच्चे का विकास – Second month of pregnancy baby development in Hindi
2. गर्भावस्था के दूसरे महीने के लक्षण – Second month of pregnancy symptoms in Hindi
3. गर्भावस्था के दूसरे महीने में होने वाले मेडिकल टेस्ट – Medical tests in the second month of pregnancy in Hindi
4. गर्भावस्था के दूसरे महीने में कैसे करें अपनी देखभाल – How to take care in second month of pregnancy in Hindi
5. गर्भावस्था के दूसरे महीने में बरतें सावधानी – Second month pregnancy precautions in Hindi
6. गर्भावस्था के दूसरे महीने में भूलकर भी न करें ये गलतियां – Don’t do these things in second month of pregnancy in Hindi
गर्भावस्था का दूसरा महीना महिलाओं के लिए बहुत ही अच्छा लेकिन सावधानी बरतने वाला महीना होता है। इस समय आपके शरीर के अंदर बहुत से बदलाव होना शुरू हो जाते हैं। आपका छोटा ब्लास्टोसिस्ट बनना शुरू हो जाता है, जिसे साइंस की भाषा में एम्ब्र्यो यानि भ्रूण कहते हैं। गर्भावस्था के दूसरे महीने में आपका शिशु हर मिनट एक लाख से ज्यादा नई कोशिकाओं का निर्माण करता है। ये कोशिकाएं यानि सेल्स आपके बच्चे के अंगों का निर्माण करने में मदद करती हैं। इस महीने के दौरान भ्रूण में कई बदलाव आते हैं, जिन्हें महसूस करना एक मां के लिए सुखद अनुभव से कम नहीं होता। तो जानिए दूसरे महीने की गर्भावस्था में बच्चे के इन बदलावों और बच्चे के विकास के बारे में।
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गर्भावस्था के दूसरे महीने में महिलाओं को शरीर में कुछ अलग सा महसूस होने लगता है। ये फीलिंग पहले महीने जैसी ही होती है। जो महिलाएं पहली बार गर्भवती होती हैं, उनके लिए ये समय थोड़ा परेशानी भरा हो सकता है, लेकिन बहुत अच्छा अनुभव भी होता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल चेंजेस आते हैं, जिसके कारण कुछ अलग लक्षण भी नजर आते हैं।
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आइये जानते है कि यदि आप गर्भवती है और यह आपका दूसरा महीना है तो आपको इस समय क्या-क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
डॉक्टर्स कहते हैं कि दूसरे महीने में जो भी आहार महिलाएं खाती हैं, उसका असर उनके बच्चे के विकास पर पड़ता है। लेकिन कुछ महिलाओं का मॉर्निंग सिकनेस और अन्य लक्षणों के कारण कुछ भी खाना-पीना मुश्किल हो जाता है। हालांकि इसके लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है, लेकिन जितना हो सके अपनी डाइट में पोषक तत्वों को लेने की कोशिश करें। नीचे हम आपको कुछ ऐसे पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं जो गर्भावास्था के दूसरे महीने के दौरान महिलाओं को अपने आहार में शामिल करने चाहिए।
प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में फॉलिक एसिड युक्त भोजन- गर्भावस्था के दूसरे महीने में महिलाओं को अपने आहार में फॉलिक एसिड और आयरन से भरपूर आहार लेना शुरू कर देना चाहिए। दरअसल, फॉलिक एसिड अजन्मे बच्चे को न्यूरल ट्यूब दोषों से बचाने में मदद करता है। हरी पत्तेदार सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स, अंडे और सभी तरह की दालें गर्भवती महिला के लिए प्राकृतिक खुराक है।
गर्भावस्था के दूसरे महीने में जरुरी है कैल्शियम युक्त भोजन – कैल्शियम एक ऐसा जरूरी मिनरल है, जिसकी गर्भावस्था के दूसरे महीने में बहुत जरूरत होती है। क्योंकि इस महीने में भ्रूण की हड्डी का विकास होना शुरू होता है। यदि इस दौरान महिलाएं हर दिन 1000 मिग्रा कैल्शियम की मात्रा लेती हैं, तो भविष्य में कभी भी भ्रूण को ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना नहीं रहेगी। गर्भावस्था के दूसरे महीने में महिलाओं को रोजाना बादाम और अखरोट खाने चाहिए। हर एक बादाम में 70-80 ग्राम कैल्शियम पाया जाता है, जो हड्डियों के लिए खासतौर से बहुत फायदेमंद है। डेयरी प्रोडक्ट्स कैल्शियम से भरपूर होते हैं। इसलिए हर दिन दो गिलास लो फैट मिल्क पीने की आदत डालें। अन्य उत्पाद जैसे दही, पनीर, कैल्शियम के लाभकारी स्त्रोत हैं। इसलिए हर दिन अपने रूटीन में दूध से जुड़े प्रोडक्ट का सेवन जरूर करें।
प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में खाएं आयरन युक्त भोजन – 5वें सप्ताह के गर्भावस्था के आहार में एक और महत्वपूर्ण पोषण तत्व आयरन रक्त की आपूर्ति के लिए बहुत जरूरी है। आयरन आपको मेथी, चुकंदर, पालक, ब्रोकली, मछली आदि से मिलेगा। हरी पत्तेदार सब्जियां कैल्शियम और आयरन से भरपूर होती हैं, इसलिए अपने दैनिक आहार में इन सब्जियों को जरूर शामिल करें।
गर्भावस्था के दूसरे महीने में लें प्रोटीन युक्त भोजन – गर्भावस्था के दूसरे महीने की अवधि के दौरान हर दिन महिलाओं को 25 ग्राम प्रोटीन लेने की जरूरत होती है। आप अंडा, चिकन और ड्रायफ्रूट्स के सेवन से अपने आहार में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा सकते हैं।
प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में सेवन करें फैट्स से भरपूर भोजन का– ये जरूरी नहीं कि फैट हमेशा स्वास्थ्य के लिए खराब हो। गर्भावस्था की स्थिति में तले हुए व्यंजन शिशु और आपके लिए हानिकारक हो सकते हैं, लेकिन घी और क्रीम के रूप में अच्छे फैट का सेवन आंखों, मास्तिष्क, ऊतकों के विकास और प्रसव के दौरान किसी भी तरह की असामान्यता को रोकने में मदद करता है।
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कच्चा मास- कच्चे मांस में लिस्टोरिया नामक बैक्टीरिया होता है, जो गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला और शिशु दोनों के लिए हानिकारक होता है। इसलिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कच्चा मास न खाने की सलाह दी जाती है।
सॉफ्ट चीज- ब्री और कैमेम्बर्ट जैसे पनीर खाने की सलाह गर्भावस्था के दूसरे महीने में नहीं दी जाती। इसमें मौजूद ई-कोली बैक्टीरिया प्रेग्नेंसी में कॉम्प्लिकेशन पैदा करता है।
कच्चे अंडे- गर्भवती महिलाओं को दूसरे महीने में कच्चे अंडे भूलकर भी नहीं खाने चाहिए। दरअसल, इन्हें खाने से शरीर में साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया फैल जाते हैं और बच्चे के सामान्य विकास में बाधा बनते हैं। इसलिए जब भी आप अंडों का सेवन करें तो इन्हें उबालकर या पकाकर ही खाएं।
अनपाश्चराइज्ड मिल्क- महिलाएं गर्भावस्था के दूसरे महीने में अनपाश्चराइज्ड दूध का सेवन न करें। इस प्रकार के दूध में माइक्रोऑर्गेनिज्म और सल्मोनेला नामक बैक्टीरिया होते हैं, जो बच्चे के विकास में बाधा उत्पन्न करते हैं।
शराब- महिलाओं को इस दौरान गलती से भी शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। यह गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में कई कॉम्प्लिेकेशन पैदा कर सकती है साथ ही भ्रूण के विकास को भी बाधित कर सकती है। इसलिए पूरे 9 महीने तक महिलाओं को शराब से दूर रहना चाहिए।
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२ महीने की प्रेगनेंसी के लिए सुबह के लिए डाइट – प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में सुबह के समय गर्भवती महिलाए अपनी डाइट में सब्जी, दूध, फल और कुछ डेयरी प्रोडक्ट्स लेने की कोशिश करें।
गर्भावस्था के दूसरे महीने में दोपहर के लिए डाइट – प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में दोपहर के समय आप सलाद ले सकती हैं, यह आपको एनर्जेटिक और फ्रेश रखेगा। दोपहर के खाने में आप उबले हुए अंडे, रोटी, पकी हुई सब्जियां, चावल और दाल का सेवन भी कर सकती हैं। यह भोजन पूरी तरह से आपके लिए पौष्टिक होगा।
2 महीने की गर्भावस्था में रात के लिए डाइट- प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में अगर आपको मॉर्निंग सिकनेस होती है, तो रात के खाने यानी की डिनर में आप कुछ भी हल्का खाना खाएं। कम मसाले और सलाद के साथ उबली और पकी हुई सब्जियों में अपने आहार में शामिल करें।
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प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में अपने फिटनेस लेवल को बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज या वर्कआउट करना बहुत जरूरी है। रोजाना 30 मिनट तक व्यायाम करने से आपका शरीर भी फिट रहेगा और डिलीवरी के दौरान आने वाली समस्याओं से भी कुछ राहत मिलेगी। नीचे बताई जा रही एक्सरसाइज आप घर बैठे कर सकते हैं।
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गर्भावस्था के दौरान शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों से तनावमुक्त रहना बहुत महत्वपूर्ण है। गर्भावस्था का दूसरा महीना बच्चे के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए इस दौरान सावधानी बरतनी की बहुत ज्यादा आवयकता होती है। जानिए दूसरे महीने में क्या बरतें सावधानियां।
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