गर्भावस्था

गर्भावस्था का तीसरा महीना लक्षण, बच्चे का विकास और शारीरिक बदलाव – Third month of pregnancy in Hindi

Pregnancy Ka Teesra Month गर्भावस्था का तीसरा महीना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में गर्भावस्था को आकार मिलना शुरू हो जाता है, क्योंकि पहली तिमाही के आखिरी महीने में आपके और शिशु के शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। इस समय हर मां को अपने बच्चे के आकर, वजन और मूवमेंट्स के बारे में जानने की इच्छा जागृत होती है। आज का हमारा ये आर्टिकल गर्भावस्था के तीसरे महीने पर बेस्ड है, जिसमें आप तीसरे महीने के लक्षणों , बच्चे का विकास और शारीरिक विकास के बारे में जान सकती हैं।

तीसरा महीना गर्भावस्था के 9 से 12 हफ्तों को संदर्भित करता है। यह आपके पहले ट्रायमेस्टर के अंत का प्रतीक है। इसलिए हर महिला अपने मातृत्व के बारे में काफी उत्साहित महसूस करती हैं। गर्भावस्था के तीसरे महीने में आपको कई तरह के शारीरिक बदलावों से गुजरना पड़ता है और इस महीने में शिशु की वृद्धि भी तेजी से होती है। इस दौरान आप अपने भीतर पल रहे गर्भ को महसूस करने लगते हैं। इसी तरह से गर्भ में हो रही कई तरह की उथल-पुथल को और आपके शरीर में हो रहे बदलावों के बारे में नीचे पढ़ सकते हैं।

विषय सूची

  1. गर्भावस्था के तीसरे महीने के लक्षण – 3 month pregnancy symptoms in Hindi
  2. गर्भावस्था के तीसरे महीने में महिला में होने वाले शारीरिक बदलाव – Physical Changes Of Pregnancy In 3rd Month In Hindi
  3. गर्भावस्था के तीसरे महीने में बच्चे का विकास – 3 month pregnancy baby growth in Hindi
  4. गर्भावस्था के तीसरे महीने में आहार – Third Month Pregnancy Diet in hindi
  5. गर्भावस्था के तीसरे महीने में करने वाली एक्सरसाइज – 3 month pregnancy exercise tips in Hindi
  6. गर्भावस्था के तीसरे महीने में होने वाले टेस्ट – Medical test during third month of pregnancy in Hindi
  7. गर्भावस्था के तीसरे महीने में अल्ट्रासाउंड  – Ultrasound During third month of pregnancy in Hindi
  8. गर्भावस्था के तीसरे महीने में क्या करना चाहिए – To-Do Tips For A Healthy Third-Month Pregnancy in Hindi
  9. गर्भावस्था के तीसरे महीने में क्या न करें – Don’ts During Third-Month Pregnancy in Hindi
  10. गर्भावस्था के तीसरे महीने में होने वाले पिता के लिए सुझाव – Tips For Dad-To-Be third month of pregnancy in hindi
  11. गर्भावस्था के तीसरे महीने में बरतनी चाहिए ये सावधानियां – Precaution during third month of pregnancy in Hindi
  12. क्या तीसरे महीने के दौरान न्यूरल ट्यूब दोष का पता लगाना संभव है – Is it possible to detect neural tube defect during the third month in Hindi
  13. गर्भावस्था के तीसरे महीने में आपको कितना वजन हासिल करना चाहिए – How much weight should you gain in the third month of pregnancy in hindi

गर्भावस्था के तीसरे महीने के लक्षण – 3 month pregnancy symptoms in Hindi

  • मॉर्निंग सिकनेस – गर्भावस्था के तीसरे महीने में मतली और उल्टी आने की समस्या बढ़ जाती है, लेकिन महीने के अंत तक यह कम हो जाती है। पहली तिमाही के अंत तक ज्यादातर महिलाओं में मतली के लक्षण दिखना कम हो जाते हैं।
  • थकान- गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान होने वाले हार्मोनज बदलाव आपको थका हुआ महसूस कराते हैं। चूंकि इस समय भ्रूण को आवश्यक पोषण तत्वों की आपूर्ति करने के लिए एक्स्ट्रा ब्लड की जरूरत होती है, इसलिए यह ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करता है जिससे आप थकावट महसूस करते हैं।
  • बार-बार पेशाब आना- बार-बार पेशाब आने जैसे लक्षण आपको पहली तिमाही में नजर आते ही हैं, लेकिन अंत के महीने में पेशाब आने की समस्या और बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपका शरीर गर्भावस्था हार्मोन एचसीजी का उतपादन करता है। रक्त की मात्रा में वृद्धि आपके गुर्दे पर दबाव डालती है। इसके अलावा बढ़ता गर्भाशय मूत्राशय पर प्रभाव डालता है, इस प्रकार आपको बार-बार और जल्दी-जल्दी पेशाब आती है।
  • कब्ज- प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन के स्तर में वृद्धि पाचन प्रक्रिया को धीमा कर सकती है। कब्ज के लिए अनुचित आहार लेना भी एक कारण हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था के तीसरे महीने में खाने-पीने में थोड़ा सा कंट्रोल करें अगर आपको कब्ज की समस्या या लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो।
  • वेजाइनल डिस्चार्ज- हाई एस्ट्रोजन लेवल के कारण के गर्भावस्था के तीसरे महीने वेजाइनल डिस्चार्ज में वृद्धि होने लगती है। गर्भाशय ग्रीवा फैलने लगती है। योनि से ऑफ-व्हाइट या म्यूकस डिस्चार्ज किसी भी इंफेक्शन को योनि से गर्भाशय में जाने से रोकने में मदद करता है। इस क्षेत्र को सूखे कपड़े से साफ करने से बचें क्योंकि इससे जलन और संक्रमण की समस्या पैदा हो सकती है।
  • पैरों में ऐंठन- गर्भावस्था के तीसरे महीने में आपको पैरों में ऐंठन होने जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। पोटेशियम और आर्यन की अपर्याप्त आपूर्ति गर्भावस्था के दौरान ऐंठन का कारण हो सकती है। ऐसे में आपको पैरों से जुड़ी एक्सरसाइज ऐंठन से बचने में मदद कर सकती है।
  • पीठ दर्द और पेट दर्द- गर्भावस्था के तीसरे महीने में हार्मोनल स्तर में बदलाव भी आपको पीठ दर्द की समस्या दे सकता है। इसके अलावा बढ़ता गर्भाशय आपके लिगामेंट्स को फैलाता है, जिससे आपको पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस होता है। कुछ एक्सरसाइज जैसे स्ट्रेचिंग आपके पेट दर्द को कम करने में मदद करेगी।
  • मूड स्विंग- गर्भावस्था के आपके तीसरे महीने के दौरान आपके शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों के कारण आपका मिजाज थोड़ा बदल जाएगा। कुछ महिलाओं का व्यवहार शांत हो जाता है तो कुछ का व्यवहार चिड़चिड़ा भी हो जाता है। लेकिन ये कुछ समय के लिए ही रहता है, इसलिए डरने की जरूरत नहीं है।
  • मसूड़ों में खून आना- गर्भावस्था के तीसरे महीने में हार्मोनल स्तर में बदलाव से मसूड़ों की सूजन और रक्त स्त्राव हे सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान अच्छी ओरल हाइजीन बहुत जरूरी है।
  • हार्टबर्न- गर्भावस्था के तीसरे महीने में बढ़ते हुए बच्चे के साथ शरीर फैलता है तो यह पाचन तंत्र के साथ भोजन की गति को भी धीमा कर देता है। आपका बढ़ता हुआ गर्भाशय पेट पर दबाव डालना शुरू कर देता है। स्टमक एसिड को ऊपर की ओर धकेलता है और हार्टबर्न की समस्या पैदा करता है।
  • भोजन के प्रति अरूचि या लालसा- गर्भावस्था के तीसरे महीने में या तो आपको कुछ भी स्वादिष्ट खाने की बहुत इच्छा होगा, जिसे फूड क्रेविंग कहते हैं या फिर किसी भी तरह के खाने की चीज से अरूचि होने लगेगी। कभी रोटी तो कभी किसी सब्जी की सुगंध से ही आपका जी मितलाने लगेगा। कई महिलाओं को तो इस दौरान प्याज की स्मेल भी बर्दाशत नहीं होती। हालांकि इस तरह का अनुभव होना बहुत आम बात है, लेकिन ये गर्भावस्था के तीसरे महीने का मुख्य लक्षण है ।

(और पढ़े – प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) के शुरूआती लक्षण…)

गर्भावस्था के तीसरे महीने में महिला में होने वाले शारीरिक बदलाव – Physical Changes Of Pregnancy In 3rd Month In Hindi

गर्भावस्था के तीसरे महीने में महिलाओं का गर्भाशय एक अंगूर के आकार का हो जाता है। यह एब्डोमन एरिया से उठता है और पूरे योनि क्षेत्र को कवर करता है।

  • स्तन भारी हो जाते हैं – गर्भावस्था के तीसरे महीने में महिलाओं के स्तन भारी हो जाते हैं और उनका आकार भी बढ़ जाता है। इस दौरान निपल भी डार्क और बड़े हो जाती हैं।
  • नसें दिखने लगती हैं – जैसे-जैसे आपके शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है और आपका दिल तेजी से पंप करता है तो आपके ब्रेस्ट की नसें दिखना शुरू हो जाती हैं।
  • वजन बढ़ने लगता है – तीसरे महीने में गर्भावस्था के दौरान आपको अपना वजन बढ़ता हुआ महसूस होगा।
  • स्ट्रेच मार्क्स दिखने लगेंगे – इस दौरान आपके पेट और स्तनों पर स्ट्रेच मार्क्स दिखाई देने लगेंगे। ये आम लक्षण है, लेकिन इससे बचने के लिए आप स्ट्रेच मार्क क्रीम या तेल का उपयोग शुरू कर सकती हैं।
  • त्वचा में सूखापन और खुजली – गर्भावस्था के तीसरे महीने में में हार्मोनल बदलाव के कारण त्वचा में सूखापन और खुजली होना भी एक लक्षण है। इसलिए इस दौरान ग्लिसरीन वाला कोई भी साबुन, मॉश्चराइजिंग लोशन का उपयोग कर इस समस्या से निपटा जा सकता है।
  • पेट पर डार्क लाइन – गर्भावस्था के तीसरे महीने में आप अपने पेट के मध्य भाग को अपनी प्यूबिक बोन के नीचे डार्क लाईन को बढ़ते हुए देख सकते हैं। यह नाल द्वारा निर्मित मेलानोसाइट उत्तेजित हार्मोन का रिजल्ट होती है। यह हार्मोन डार्क निपल्स का कारण भी बनते हैं।

(और पढ़े – स्तन (ब्रेस्ट) से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य और मिथक…)

गर्भावस्था के तीसरे महीने में बच्चे का विकास – 3 month pregnancy baby growth in Hindi

गर्भावस्था के तीसरे महीने में भले ही आप अपने शरीर में बदलाव देखते हों, लेकिन इस महीने में शिशु की हलचल महसूस नहीं कर सकते। हालांकि आप ये जरूर जानना चाहेंगे कि इस समय आपके पेट में बच्चे का विकास किस तरह हो रहा होगा। तो हम बताते हैं कि गर्भावस्था के तीसरे महीने में बच्चे के शरीर में क्या बदलाव होते हैं।

  • आकार गर्भावस्था के तीसरे महीने में बच्चा एक नींबू के आकार का होता है। महीने के अंत तक 3.5 इंच लंबा और वजन में 1.5 औंस का हो जाता है। जानते हैं और कई तरह के विकास के बारे में।
  • सिर- प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में बच्चे का सिर शरीर के आकार से बड़ा होता है और उसके ब्रेन का विकास शुरू हो जाता है।
  • स्किन- गर्भावस्था के तीसरे महीने में ट्रांसपेरेंट स्किन के कारण भीतर के नसें दिखाई देती हैं, इसके अलावा इस महीने में बच्चे की उंगलियों के निशान बनने लगते हैं।
  • पलकें- प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में पलकें बनती हैं, जो आखों को कवर करती हैं। इससे आंखों को पूरी सुरक्षा मिलती है।
  • मुंह- गर्भावस्था के तीसरे महीने में शिशु की जीभ और स्वययंत्र विकसित हो रहे होते हैं। ऊपरी होंठ बनना शुरू हो जाते हैं और जबड़ा भी अपनी जगह पर बनना शुरू हो जाता है।
  • अंगूठा- प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में सबसे दिलचस्प बात कि तीसरे महीने में शिशु अपना अंगूठा चूसना शुरू कर देता है। उसे हिचकी भी आने लगती है।
  • दिल- गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान दिल का विकास होता है और दिल की धड़कनों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से सुना जा सकता है।
  • मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम- इस दौरान यह सिस्टम आपके शिशु की हड्डियों और मांसपेशियों को व्यवस्थित करता है।
  • मूवमेंट्स- गर्भावस्था के तीसरे महीने में शिशु में मूवमेंट्स शुरू हो जाते हैं। वह किकिंग, स्ट्रेचिंग, ट्विस्टिंग के साथ मुड़ना शुरू कर देता है। हालांकि गर्भाशय योपि के उपर स्थित होने के कारण इस दौरान आप मूवमेंट्स को महसूस नहीं कर सकतीं।
  • इंटेस्टाइन- प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में आंत संकुचन और आराम करना शुरू कर देती है, जो स्वस्थ पाचन के लिए एक प्रैक्टिस की तरह है।
  • पेनक्रियाज- गर्भावस्था के तीसरे महीने में अग्नाशय यानि पेनक्रियाज काम करना शुरू कर देते हैं और इंसुलिन भी निकलने लगता है।
  • किडनी- अब तक किडनी पूरी तरह से विकसित हो जाती है। मूत्राशय में पेशाब का उत्सर्जन शुरू हो जाता है। अन्य भागों की उंगलियां, पैरों की उंगलियां, नाखून बनने लगते हैं। इस समय कान और नाक दिखाई देते हैं और गर्दन के आकार लेते समय निपल्स और बालों के रोम बनने लगते हैं।

(और पढ़े – जानें गर्भावस्था में कितने सप्ताह, महीने और ट्राइमेस्टर होते हैं…)

गर्भावस्था के तीसरे महीने में आहार – Third Month Pregnancy Diet in Hindi

गर्भावस्था के तीसरे महीने में दूध, पनीर, आइसक्रीम और दही जैसे पॉश्चुराइज्ड मिल्क प्रोडक्ट्स का सेवन कर सकती हैं। इससे पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिलता है। दूध में मुनक्का और खजूर मिलाकर भी पी सकते हैं। आप चाहें तो इसमें घी और शहद भी मिला लें। स्वाद अच्छा हो जाएगा। अगर कब्ज और बवासीर की समस्या है तो ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ लें। फाइबर युक्त फल, अनाज और सब्जियां गर्भावस्था में काफी फायदेमंद हैं। इसके अलावा आयरन और फॉलिक एसिड सप्लीमेंट्स भी लेते रहें।

(और पढ़े – गर्भावस्था के दौरान खाये जाने वाले आहार और उनके फायदे…)

गर्भावस्था के तीसरे महीने में करने वाली एक्सरसाइज – 3 month pregnancy exercise tips in Hindi

नीचे हम आपको कुछ ऐसी एक्सरसाइज बता रहे हैं जो आप गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान खुद को फिट रखने के लिए कर सकती हैं।

  • अगर आपको थकान या मॉर्निगं सिकनेस है, जो सुबह की सैर आपके लिए सबसे अच्छी एक्सरसाइज है। यह आपके मूड को फ्रेश रखने के साथ शरीर में रक्त प्रवाह को भी बढ़ाता है।
  • आप इस दौरान तैराकी भी कर सकती हैं। तैराकी यानि स्वीमिंग आपकी मांसपेशियों को खींचती है और ब्लड सकुर्लेशन भी बढ़ाती है।
  • पिलाटे एक्सरसाइज आपकी पॉवर बढ़ाती है और गर्भावस्था के दौरान शरीर के लचीलेपन को बढ़ाने में मदद करती है।
  • इस दौरान कम प्रभाव वाले एरोबिक्स दिल को मजबूत करते हैं, मांसपेशियों को टोन करने के साथ शरीर के दर्द से राहत दिलाते हैं।
  • गर्भावस्था के तीसरे महीने में आप कुछ योग कर सकती हैं। लेकिन घर पर योगा करने से अच्छा है कि आप किसी प्रोफेशनल योगा क्लासेस को जॉइन कर लें।

(और पढ़े – नॉर्मल डिलीवरी के लिए एक्सरसाइज और व्यायाम…)

गर्भावस्था के तीसरे महीने में होने वाले टेस्ट – Medical test during third month of pregnancy in Hindi

इस समय अगर आप डॉक्टर के पास जाएं तो इस समय डॉक्टर आपकी हेल्थ हिस्ट्री और पैरेंट्स की डीटेल मांगेगा।

  • डॉक्टर इस समय आपके ब्लड प्रेशर और वजन चैक करेगा।
  • डॉक्टर पेट के आकार को मापने के लिए गर्भाशय की मौलिक ऊंचाई का अनुमान लगाएगा।
  • इस दौरान आप बच्चे की धड़कन आसानी से सुन सकते हैं।

गर्भावस्था के तीसरे महीने में ये होते हैं लैब टेस्ट-

  • शुगर और प्रोटीन के स्तर का अनुमान लगाने और संक्रमण की जांच करने के लिए एक यूरीन टेस्ट होता है।
  • आपका ब्लड टाइप और आरएच फैक्टर को जानने के लिए और एनीमिया की जांच के लिए ब्लड सैंपल इकट्टा किया जाता है।
  • यदि इस समय आपके हाथ और पैरों में सूजन है तो फ्लूड रिटेंशन टेस्ट होता है।
  • भ्रूण को किसी प्रकार के जोखिम की जांच के लिए फस्र्ट ट्रायमेस्टर टेस्ट किया जाता है।
  • भ्रूण की गर्दन के पीछे के क्षेत्र में तरल मोटाई की जांच करने के लिए न्यूकल ट्रांसलेंसी अल्ट्रासाउंड टेस्ट किया जाता है। इसे “12 वीक स्कैन” के नाम से भी जाना जाता है। यह टेस्ट भ्रूण में किसी भी तरह की असामान्यता की जांच करता है। यदि द्रव्य की मोटाई सामान्य से ज्यादा है तो यह क्रोमोसोमल स्थितियों जैसे डाउन सिंड्रोम और ट्राइसॉमी 18 को इंडीकेट करता है।
  • पीएपीपीए प्राइमरी प्रेग्नेंसी में प्लेसेंटा द्वारा उत्पादित प्रोटीन के असामान्य स्तर को निर्धारित करता है, ताकि क्रोमोसोमल अबनॉर्मेलिटी के जोखिम का आकलन किया जा सके।
  • कोरियोनिक विलस सैंपलिंग गर्भावस्था के 11वें सप्ताह में डाउन सिंड्रोम या किसी अन्य क्रोमोसोमल अबनॉर्मेलिटीज की जांच करने के लिए किया जाने वाला एक टेस्ट है। इस प्रक्रिया के दौरान प्लेसेंटा से छोटा टिशू सैंपल के रूप में एकत्रित किया जाता है।

(और पढ़े – क्या है एनीमिया? कारण, लक्षण और आहार…)

गर्भावस्था के तीसरे महीने में अल्ट्रासाउंड  – Ultrasound During third month of pregnancy in Hindi

आपके और शिशु के किसी भी स्वास्थ्य जोखिम का पता लगाने के लिए गर्भावस्था के तीसरे महीने में अल्ट्रासाउंड स्कैन किए जाते हैं। वैसे तो गर्भवती महिलाओं को तीसरे महीने में अल्ट्रासाउंट कराने की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन फिर भी कुछ महिलाएं अपनी संतुष्टि के लिए करा लेती हैं। इस समय अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग से एमनियोटिक द्रव पैरामीटर्स और गर्भाशय में नाल की स्थिति को मापने में मदद करता है। कई लोगों का सवाल होता है कि क्या अल्ट्रासाउंड में लिंग का पता लगाया जा सकता है। तो बता दें कि तीन महीने में अल्ट्रासाउंड के जरिए भी बच्चे के लिंग का पता करना मुश्किल होता है। 12 हफ्ते से पहले किया गया स्कैन लिंग के मामले में ज्यादा एक्यूरेट नहीं होता है।

(और पढ़े – गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड कब और कितनी बार करवाना चाहिए…)

गर्भावस्था के तीसरे महीने में क्या करना चाहिए – To-Do Tips For A Healthy Third-Month Pregnancy in Hindi

  • अच्छा खाएं – Eat well: गर्भावस्था के तीसरे महीने में कुछ खाद्य पदार्थों के लिए आपकी लालसा बढ़ती है। एक स्वस्थ और संतुलित आहार पर भरोसा करें, जिसमें फल और सब्जियां, अंडे, दालें, नट्स, मांस, दूध, साबुत अनाज की किस्में, दही आदि शामिल हों। आपके आहार में एसिड, कैल्शियम, और फाइबर, विटामिन, ओमेगा -3 फैटी जैसे सभी आवश्यक पोषक तत्व होने चाहिए।
  • आराम करें – Take rest: गर्भावस्था के तीसरे महीने में आप थकान महसूस करना शुरू कर देंगे, इसलिए, जितना हो सके आराम करें। अपनी पीठ के बल सोने और अपनी बाईं ओर सोने से बचें। आप आराम से सोने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए मातृत्व तकियों का उपयोग कर सकती हैं।
  • सप्लीमेंट्स लें – Take supplements: तीसरे महीने के दौरान फोलिक एसिड की खुराक लें क्योंकि वे बच्चे में किसी भी जन्म दोष से बचने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यदि आपके डॉक्टर ने किसी अन्य विटामिन की खुराक निर्धारित की है, तो आपको उन्हें भी लेने की आवश्यकता है।
  • स्वच्छता बनाए रखें – Maintain hygiene: गर्भावस्था के तीसरे महीने में अपने आस-पास और उन सभी में स्वच्छता सुनिश्चित करें जो आप खाते हैं और उपयोग करते हैं। उन खाद्य पदार्थों के बारे में सावधान रहें जो जीवाणु संक्रमण का खतरा पैदा करते हैं। किसी भी गंदगी को हटाने के लिए फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोएं। बागवानी और सफाई करते समय दस्ताने पहनें। इसके अलावा, योनि क्षेत्र को हर समय साफ और सूखा रखना सुनिश्चित करें।
  • डेंटल चेक-अप – Dental check-up: गर्भावस्था के तीसरे महीने में नियमित रूप से डेंटल चेक-अप करवाएं क्योंकि इस दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण आपको मसूड़ों से खून आने की संभावना होती है। अपने दाँत ब्रश करने के लिए एक नरम टूथब्रश का उपयोग करें।
  • प्रसव शिक्षा – Childbirth education: इस समय के दौरान बच्चे की शिक्षा की कक्षाओं में दाखिला लेना। यह आपको तनाव, चिंता, और मिजाज से निपटने में मदद करेगा।
  • संवाद स्थापित करें – Communicate: गर्भावस्था के दौरान यह महत्वपूर्ण है। यदि आप तनाव से गुजर रहे हैं तो आपको अपने साथी और परिवार के साथ संवाद करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, किसी भी भावनात्मक उथल-पुथल, नींद की कमी, भय और चिंताओं, अकेलेपन की भावना और इस तरह के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
  • धूम्रपान और शराब पीना छोड़ दें – Quit smoking and drinking: गर्भावस्था के तीसरे महीने में निकोटीन और शराब से बचें, ये गर्भपात का कारण बन सकते हैं।
  • कैफीन का सेवन कम करें – Cut down on caffeine intake: गर्भावस्था के तीसरे महीने में बहुत अधिक कैफीन गर्भपात और कम जन्म के वजन के जोखिम को बढ़ाता है। इसलिए कैफीन का सेवन न करें।
  • सक्रिय रहें – Be active: गर्भावस्था के तीसरे महीने में उन गतिविधियों में लिप्त रहें जो आपको तनाव मुक्त करें। बच्चे के नाम की तलाश शुरू करें। याद के रूप में एक एल्बम या एक संक्षिप्त एनीमेशन फिल्म बनाएं।
  • व्यायाम – Exercise:  गर्भावस्था के तीसरे महीने में अपने आप को व्यायाम जैसे चलने और तैरने में व्यस्त रखें। यह आपको स्वस्थ रहने और शारीरिक परिवर्तनों का सामना करने में मदद करता है। हालांकि, किसी भी व्यायाम को शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से जांच लें। ऐसे किसी भी खेल से बचें, जिसमें जोड़ों पर गिरने और तनाव का जोखिम हो।

(और पढ़े – गर्भावस्था में सोते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान…)

गर्भावस्था के तीसरे महीने में क्या न करें – Don’ts During Third-Month Pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के तीसरे महीने में कोई भी भारी चीज उठाने से बचें और कोई भी तनाव देने वाली एक्टिविटी में इन्वॉल्व होने से भी बचें। इस तरह की एक्टिविटीज आपके गर्भ पर दबाव डाल सकती हैं।

  • इस दौरान तैलीय और मसालेदार भोजन खाने से बचें। क्योंकि इससे आपको गैस और मतली की शिकायत हो सकती है।
  • गर्भावस्था के तीसरे महीने में बढ़ते वजन की वजह से टाइट कपड़े पहनने से बचें।
  • आरामदायक फुटवियर पहनें। गर्भावस्था के तीसरे महीने में हील्स अवॉइड करें।
  • डॉक्टर की सुझाई गई दवाइयों के आलावा किसी भी प्रकार की अन्य दवाईयों के सेवन को छोड़ दें, क्योंकि ये आपके बच्चे के विकास के लिए अच्छी नहीं हैं।

(और पढ़े – मसालेदार खाना खाने के फायदे और नुकसान…)

गर्भावस्था के तीसरे महीने में होने वाले पिता के लिए सुझाव – Tips For Dad-To-Be third month of pregnancy in Hindi

गर्भावस्था एक मां की ही नहीं बल्कि पिता की भी जिम्मेदारी है। इस दौरान अपनी पत्नी की देखभाल करें। हम आपको गर्भावस्था के तीसरे महीने में होने वाले पिता के लिए भी कुछ सुझाव नीचे बता रहे हैं।

  • इस दौरान आपकी पत्नी कमजोर होती है, इसलिए घर के कामों में उनकी मदद करें। आपको भी अच्छा लगेगा।
  • गर्भावस्था के तीसरे महीने में कोशिश करें कि आप ज्यादा से ज्यादा समय उसके साथ बिताएं।
  • हार्मोनल बदलाव के कारण आपके साथी का मूड स्विंग हो सकता है, इसलिए गुस्सा होने के बजाय पॉजिटिव और सर्पोटिव बनकर उनका सहयोग करें।
  • एक बेबीमून हॉलीडे की योजना बनाएं और अपने साथी के साथ इस पल का सुखद आनंद लें।
  • गर्भावस्था का तीसरा महीना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। पहली तिमाही का अंत आपको मॉर्निंग सिकनेस में होने वाली समस्याओं को खत्म कर देता है। यह आपकी गर्भावस्था को एक आकार देता है और यही कारण है कि गर्भावस्था की खबर तीन महीने तक किसी को नहीं बतानी चाहिए।

(और पढ़े – जानिए गर्भवती पत्नी की देखभाल के लिए पति को क्या करना चाहिए…)

गर्भावस्था के तीसरे महीने में बरतनी चाहिए ये सावधानियां – Precaution during third month of pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के तीसरे महीने में गर्भवती महिला को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत  होती है। नीचे जानिए गर्भावस्था के तीसरे महीने में कौन-कौन सी सावधानी बरतनी चाहिए।

  • अगर आप वर्किंग हैं तो लगातार काम करती न रहें। गर्भावस्था के तीसरे महीने में काम से थोड़ा ब्रेक लें।
  • बिना ट्रेनर की सलाह के कोई भी एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए।
  • बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचने के लिए योनि को साफ और सूखा रखें।
  • गर्भावस्था के तीसरे महीने में कोई भी भारी चीज ना उठाएं।
  • मसालेदार और ऑयली फूड खाने से बचें।
  • टाइट और फिटिंग वाले कपड़े न पहनें। इससे आपको बेचैनी महसूस हो सकती है।

(और पढ़े – गर्भवती होने के लिए पूरा गाइड…)

क्या तीसरे महीने के दौरान न्यूरल ट्यूब दोष का पता लगाना संभव है – Is it possible to detect neural tube defect during the third month in Hindi

गर्भावस्था के दौरान 11वें और 13वें सप्ताह के दौरान एक अल्ट्रासाउंड के जरिए स्पाइना बिफिडा का पता लगाना संभव है। स्पाइना बिफिडा या न्यूरल ट्यूब दोष एक जन्मजात विकृति है, जहां अनुवांशिक और पर्यावरणीय कारकों के कारण रीढ़ के आसपास की तंत्रिका ट्यूब बंद हो जाती है। पहली तिमाही के दौरान एनटीडी (neglected tropical disease) का पता लगाया जा सकता है।

गर्भावस्था के तीसरे महीने में आपको कितना वजन हासिल करना चाहिए – How much weight should you gain in the third month of pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के तीसरे महीने के अंत तक 2-4 पाउंड (1 से 2 किग्रा) हासिल होने की संभावना है। चूंकि बच्चा अभी भी छोटा है, इसलिए आपको इससे अधिक वजन बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, कुछ महिलाओं को भोजन की गड़बड़ी और मॉर्निंग सिकनेस के कारण वजन कम हो सकता है।

(और पढ़े – गर्भावस्था के समय क्या न खाएं…)

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