7th Month Pregnancy Diet in Hindi: प्रेगनेंसी का सातवां महीना गर्भावस्था की अंतिम तिमाही की शुरुआत है जो महिलाओं के लिए बहुत ही अहम होती है। प्रेगनेंसी के सातवें महीने का आहार: क्या खाएं और क्या न खाएं यह बच्चे के संपूर्ण स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है। इसलिए महिलाओं को प्रेगनेंसी के इस दौर में संपूर्ण पोषण को सुनिश्चित करने के लिए डाइटिंग की एक सुनियोजित योजना बनानी चाहिए। अधिकांश पोषण विशेषज्ञों का मानना है कि इस दौरान महिलाओं को स्वस्थ और फिट बच्चे को जन्म देने के लिए अतिरिक्त मात्रा में प्रतिदिन 460 कैलोरी लेना अनिवार्य है। इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए यह जानना बहुत ही आवश्यक है कि प्रेगनेंसी के सातवे माह में क्या खाना उचित है और क्या नहीं।
बहुत सी महिलाओं के मन में यह प्रश्न उठता है कि गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के शुरुआती महीनों में क्या खाना चाहिए। जिससे उनका बच्चा स्वस्थ और तंदरुस्त हो और प्रसव के दौरान महिलाओं को किसी प्रकार की समस्या न हो। ऐसी स्थिति में महिलाओं के लिए कुछ सुरक्षित आहार होते हैं जो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। आइए विस्तार से जाने प्रेगनेंसी के सातवे महीने में महिलाओं को किस प्रकार का डाइट प्लान तैयार करना चाहिए।
गर्भावस्था के 7 वे महीने में महिलाओं को मैग्नीशियम आधारित खाद्य पदार्थों का विशेष रूप से सेवन करना चाहिए। इस दौरान महिलाओं को प्रतिदिन लगभग 360 से 400 मिली ग्राम मैग्नीशियम खनिज की आवश्यकता होती है। इस दौरान मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने का फायदा कैल्शियम को अवशोषित करने में होता है। इसके अलावा मैग्नीशियम मांसपेशियों के संकुचन और शुरुआती श्रम दर्द को भी कम करता है। इस दौरान मैग्नीशियम प्राप्त करने के लिए महिलाएं जौ, जई, कद्दू के बीज और बादाम आदि को अपने आहार में शामिल कर सकती हैं।
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गर्भावस्था का सातवा महीने में ट्राइमेस्टर एनीमिया (anaemia) होने की संभावना बहुत अधिक होती है। जो कि रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी के कारण होता है। प्रेगनेंसी के 7 वे महीने के दौरान महिलाओं को आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का पर्याप्त सेवन करना चाहिए। यह शरीर में रक्त के उत्पादन को बढ़ाता है। इस दौरान महिलाओं को दैनिक आधार पर लगभग 27 मिली ग्राम आयरन की आवश्यकता होती है। शरीर में आयरन की कमी को दूर करने के लिए चावल, बीन्स, सभी प्रकार के बीज, मांस आदि का सेवन किया जा सकता है।
7 मंथ प्रेगनेंसी डाइट में प्रोटीन युक्त खाद्य प्रेगनेंसी डाइट में होना चाहिए। क्योंकि प्रोटीन गर्भावस्था आहार का सबसे प्रमुख और आवश्यक हिस्सा है। प्रेगनेंसी के दौरान गर्भ में भ्रूण के विकास के लिए प्रोटीन बहुत ही आवश्यक होता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को सातवे माह के दौरान अपने आहार में उन खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जिनमें प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों में अंडे, मछली, सोया उत्पाद, चिकन, दूध और हरी सब्जियां आती हैं।
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डीएचए फैटी एसिड का एक प्रमुख घटक है। यह भ्रूण के मस्तिष्क विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है। गर्भावस्था के सातवे महीने के दौरान महिलाओं को लगभग 200 मिली ग्राम फैटी एसिड का सेवन करना अनिवार्य है। स्वस्थ फैटी एसिड प्राप्त करने के लिए महिलाएं ताजे फल और जूस, अंडे, दूध जैसे खाद्य पदार्थों को 7 मंथ प्रेगनेंसी डाइट में शामिल कर सकती हैं।
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही या प्रेगनेंसी के सातवे महीने के दौरान कैल्शियम सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक है। क्योंकि यह जन्म लेने वाले बच्चे के कंकाल की संरचना (skeleton structure) का निर्माण करने और अस्थि मज्जा को मजबूत बनाने में मदद करता है। गर्भवती महिलाओं के लिए 7 वे महीने के दौरान आहार में लगभग 1000 मिली ग्राम कैल्शियम होना चाहिए। कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए महिलाओं को दूध, जई, दही और अन्य कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को प्रेगनेंसी डाइट चार्ट में शामिल करना चाहिए।
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गर्भवती महिलाओं को 7 मंथ की प्रेगनेंसी के दौरान पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थों का पर्याप्त सेवन करना चाहिए। यह खनिज घटक शरीर के तरल पदार्थ, रक्तचाप, सेलुलर गतिविधियों और मांसपेशियों के कार्यों को नियंत्रित करता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को प्रतिदिन 2000 मिली ग्राम पोटेशियम की आवश्यकता होती है। उच्च पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थों में साबुत अनाज, केला, दूध, तरबूज, फलियां आदि का सेवन किया जा सकता है।
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गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के सातवे महीने के दौरान प्रतिदिन 600 से 800 मिली ग्राम फोलिक एसिड की आवश्यकता होती है। फोलिक एसिड विटामिन बी का एक रूप है जो शिशु के तंत्रिका विकास को बढ़ाने में मदद करता है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में महिलाओं को विशेष रूप से फोलिक एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इस प्रकार के भोजन में सभी प्रकार के अनाज, हरी सब्जियां, संतरा, स्ट्राबेरी आदि अच्छे विकल्प हैं।
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प्रेगनेंसी के सातवे महीने के दौरान महिलाओं को उचित मात्रा में विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। क्योंकि विटामिन सी शरीर में आयरन के अवशोषण को बढ़ाने और कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स (Free radicals) के प्रभाव से बचाने में सहायक होता है। इस दौरान महिलाओं को दैनिक आधार पर 80 मिली ग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है। विटामिन सी को प्राप्त करने के लिए नारंगी, ब्रोकोली, नींबू, हरी मिर्च और खरबूजे आदि को प्रेगनेंसी के 7 मंथ डाइट प्लान शामिल किया जा सकता है।
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फास्फोरस कंकाल की संरचना (skeleton structure), संचार प्रणाली और मांसपेशियों के विकास में मदद करता है। इस कारण महिलाओं को अपने शिशु के शारीरिक विकास को ध्यान में रखते हुए अधिक से अधिक फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इस दौरान महिलाओं को प्रतिदिन लगभग 800 से 1200 मिली ग्राम फॉस्फोरस की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के सातवे महीने में फास्फोरस की कमी को दूर करने के लिए मशरूम, कद्दू, मीट आदि का सेवन किया जा सकता है।
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प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही के दौरान महिलाओं में अधिक वजन, हार्मोन परिवर्तन और कम शारीरिक गतिविध के कारण कब्ज होने की संभावना बढ़ जाती है। इस प्रकार की समस्या से बचने के लिए महिलाओं को दैनिक आधार पर पर्याप्त मात्रा में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। फाइबर प्राप्त करने के लिए ताजी हरी सब्जियां, फल, फलियां और साबुत अनाज आदि का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा शरीर में पानी के स्तर को संतुलित करने के लिए महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में पानी भी पीना चाहिए।
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गर्भावस्था की तीसरी तिमाही प्रसव के बहुत ही करीब होती है। इसलिए इस दौरान महिलाओं को किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करनी चाहिए विशेष रूप से आहार संबंधी। क्योंकि कुछ ऐसे विशेष खाद्य पदार्थ होते हैं जिन्हें गर्भावस्था के सातवें महीने के दौरान खाने से बचना चाहिए। क्योंकि ये खाद्य पदार्थ न केवल महिला बल्कि शिशु के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकते हैं। आइये जाने प्रेगनेंसी के सातवे महीने में क्या नहीं खाना चाहिए।
गर्भावस्था के सातवे महीने में महिलाओं को अधिक नमक वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए। इस दौरान महिलाओं में पेट की सूजन या पेट का फूलना एक सामान्य लक्षण होता है। इस प्रभाव को कम करने के लिए महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही भोजन में नमक का कम से कम ही उपयोग करना चाहिए। प्रेगनेंसी के सातवे महीने में महिलाओं को डिब्बांद खाद्य पदार्थ, सॉस, चिप्स, अचार, केच अप और अन्य अधिक नमक वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए।
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गर्भाशय की वृद्धि के कारण हार्टबर्न जैसी समस्याएं हो सकती हैं। गर्भवती महिलाओं को सीने में जलन और इससे जुडी अन्य समस्याओं से बचने के लिए मसालेदार भोजन में कटौती करनी चाहिए। गर्भावस्था के सातवे महीने के दौरान महिलाओं को अपने दैनिक आहार में अधिक वसा वाले मसालेदार भोजन को शामिल नहीं करना चाहिए। हालांकि गर्भावस्था के दौरान अधिक समय तक पेट को खाली भी नहीं रखना चाहिए। इसलिए जब भी भूख लगे या रात के भोजन में हल्के खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
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चाय और कॉफी में मौजूद कैफीन की मात्रा गर्भावस्था के सातवे महीने में कब्ज की संभावनाओं को बढ़ासकता है। इसलिए महिलाओं को गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में दैनिक आहार के रूप में चाय या कॉफी के सेवन को कम या पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। क्योंकि अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन करना शिशु के मस्तिष्क स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
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सड़क के किनारे मिलने वाले और अन्य प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का सेवन गर्भावस्था के सातवे महीने के दौरान अच्छा नहीं होता है। क्योंकि ऐसे खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की कमी होती है साथ ही यह अस्वस्थ्यकर वसा से भरे होते हैं। भूख लगने पर गर्भवती महिलाओं को बाजार से खरीदे गए खाद्य पदार्थों की अपेक्षा घर में बने स्वच्छ और पौष्टिक भोजन करने की सलाह दी जाती है।
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गर्भवती महिलाओं को अपनी इस अंतिम तिमाही बल्कि पूरी गर्भावस्था के दौरान शराब और तंबाकू उत्पादों का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इन नशीले पदार्थों में मौजूद निकोटिन बच्चे मस्तिष्क संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकता है। यदि आप स्वस्थ और हेल्दी बच्चे को जन्म देना चाहती हैं तो गर्भावस्था के दौरान शराब, धूम्रपान और तंबाकू उत्पादों का सेवन करने से बचें।
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