8th Month Pregnancy Diet in Hindi: गर्भावस्था के आठवे महीने में पहुंचने के बाद महिलाएं भारीपन महसूस करने लगती हैं। इस दौरान तक यदि महिलाएं उचित और पौष्टिक आहार चार्ट का पालन करती हैं तो उन्हें स्वस्थ बच्चे को जन्म देने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है। लेकिन गर्भावस्था के 8वें महीने का आहार: क्या खाएं और क्या न खाएं इसकी पूरी जानकारी न होने से महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि कब्ज, एसिडिटी और पाचन संबंधी अन्य समस्याएं। इसलिए महिलाओं को प्रेगनेंसी के आठवे महीने और पूरी गर्भावस्था के दौरान उचित पौष्टिक भोजन करना चाहिए। जिससे कि आप गर्भ में बढ़ रहे बच्चे की जरूरतों को पूरा कर सकें। इस लेख में हम जानेगें कि गर्भावस्था के आठवे महीने में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक और उचित मात्रा में भोजन करना बहुत ही अनिवार्य है। क्योंकि इस दौरान आपके होने वाले बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए केवल पौष्टिक भोजन ही एक मात्र विकल्प होता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण हैं कि आप गर्भावस्था के 8 वे महीने के दौरान प्रेगनेंसी डाइट प्लान में भोजन की सही मात्रा और विभिन्न प्रकारों को शामिल करें। इस दौरान एक साथ अधिक भोजन करने के बजाये आपको थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कई बार भोजन करना चाहिए। स्वस्थ बच्चे के जन्म के लिए गर्भवती महिलाओं के लिए पौष्टिक आहार का विशेष महत्व होता है।
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जो महिलाएं आठ माह की गर्भावस्था प्राप्त कर चुकी हैं उन्हें अपने बच्चे के पर्याप्त पोषण के लिए कुछ विशेष खाद्य पदार्थों को गर्भावस्था आहार में शामिल करना चाहिए। 8 मंथ प्रेगनेंसी डाइट में शामिल किये जाने वाले आहार महिलाओं को वे सभी पोषक तत्व उपलब्ध कराते हैं जो प्रेगनेंसी के दौरान बहुत ही आवश्यक होते हैं। इसके अलावा आठवे महीने के लिए गर्भावस्था आहार योजना आपको यह तय करने में मदद करती है कि इस दौरान आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
गर्भावस्था के आठवें महीने में खाए जाने वाले आहार का विशेष महत्त्व है। गर्भावस्था का आठवा महीना प्रसव के बहुत करीब का समय होता है। इसलिए महिलाओं को स्वस्थ प्रसव सुनिश्चित करने के लिए उचित और पौष्टिक खाद्य पदार्थों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। आइए जाने स्वस्थ प्रसव और हेल्दी बेबी के जन्म के लिए महिलाओं को कौन से खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
स्वस्थ बच्चे के जन्म के लिए महिलाओं को गर्भावस्था के 8 वे महीने के दौरान उच्च आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन सुनिश्चित करना चाहिए। इस दौरान पर्याप्त आयरन की उपस्थिति प्रसव के दौरान अधिक रक्तस्राव से बचा सकता है। इस दौरान महिलाओं को प्रतिदिन 27 मिली ग्राम आयरन का सेवन करने की आवश्यकता होती है। प्रसव के दौरान अधिक रक्तस्राव को रोकने के लिए गर्भावस्था के आठवे महीने में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों में अंडे, मछली, मांस, खुबानी, बीन्स और विभिन्न प्रकार के बीजों का सेवन किया जा सकता है।
कैल्शियम गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत आवश्यक खनिज पदार्थ है विशेष रूप से तीसरी तिमाही के दौरान। गर्भवती महिलाओं को अपनी गर्भवास्था के आठवे माह के समय अपने आहार में विभिन्न खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जो कैल्शियम से भरपूर होते हैं। 8 मंथ की प्रेगनेंसी में महिला को प्रतिदिन लगभग 1000 मिली ग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है। क्योंकि यह कैल्शियम न केवल महिला बल्कि शिशु के कंकाल की संरचना के निमार्ण करने और अस्थि मज्जा को मजबूत बनाने में मदद करता है। इस दौरान महिलाएं कैल्शियम प्राप्त करने के लिए अंडे, मछली, मांस, नट्स, केला, हरी पत्तेदार सब्जियां और दुग्ध उत्पादों का सेवन कर सकती हैं।
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स्वस्थ शरीर के लिए पोटेशियम एक आवश्यक घटक है। लेकिन प्रेगनेंसी के 8 वे महीने के दौरान महिलाओं को अपने आहार में पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थों को विशेष रूप से शामिल करना चाहिए। क्योंकि पोटेशियम रक्तचाप, मांसपेशियों के काम-काज और शरीर में तरल पदार्थों के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। गर्भावस्था के इस दौर में महिलाओं को प्रतिदिन कम से कम 1500 मिली ग्राम पोटेशियम की आवश्यकता होती है। इस दौरान गर्भवती महिलाएं अपने आहार में केला, साबुत अनाज, दूध, तरबूज, फलियां आदि को शामिल कर सकती हैं जो पोटेशियम के अच्छे स्रोत माने जाते हैं।
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गर्भावस्था की तीसरी तिमाही और विशेष रूप से 8 माह की गर्भावस्था के दौरान प्रोटीन का सेवन करना बहुत ही आवश्यक है। यह मांसपेशियों को ताकत देने और भ्रूण के उचित विकास में मदद करता है। गर्भावस्था की इस अवस्था में महिलाओं को आहार के रूप में प्रतिदिन 60 से 75 ग्राम प्रोटीन का सेवन किया जाना चाहिए। प्रोटीन प्राप्त करने के लिए मछली, सोया मिल्क, बीन्स, अंडे का सफेद भाग (egg whites), दूध, लेन मीट, दही, टोफू आदि का सेवन किया जा सकता है।
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प्रेगनेंसी के आठवे महीने में जटिल कार्बोहाइड्रेट (Complex carbohydrates), साधारण कार्बोहाइड्रेट की अपेक्षा बहुत ही उपयुक्त होता है। यह गर्भ में शिशु के लिए अच्छी पोषण सामग्री है। इस दौरान महिलाएं कार्बोहाइड्रेट की कमी को पूरा करने के लिए हरी सबिजयां, साबुत अनाज, फलियां, पास्ता, शकरकंद, बीन्स और तरबूज आदि का सेवन कर सकती हैं।
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गर्भावस्था के दौरान आठवे महीने में महिलाओं को अधिक से अधिक फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। क्योंकि इस समय महिलाओं को कब्ज की समस्या हो सकती है जो प्रसव संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है। इस दौरान महिलाओं को अपने आहार चार्ट में उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे ब्लैक बीन्स, अजवाइन, ब्राउन राइस, मक्का, गेहूं की रोटी, फूल गोभी, एवोकाडो, ब्रोकोली, हरी सब्जियां आदि को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा इस दौरान महिलाओं को खूब मात्रा में पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन करने की भी सलाह दी जाती है।
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गर्भावस्था के आठवे महीने के दौरान स्वस्थ वसा की एक निश्चित मात्रा का सेवन करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि दैनिक आधार में आवश्यक कैलोरी के 30 प्रतिशत से अधिक वसा का सेवन नहीं किया जाना चाहिए। इस दौरान महिलाओं को कुछ विशेष फैटी एसिड जैसे ओमेगा-3 आदि की आवश्यकता होती है। स्वस्थ वसा को प्राप्त करने के लिए महिलाएं अपने दैनिक आहार में मूंगफली का मक्खन, अंडे, नट्स और मछली आदि का सेवन कर सकती हैं।
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स्वस्थ गर्भावस्था के लिए विटामिन सी का पर्याप्त सेवन करना बहुत ही आवश्यक है। विशेष रूप से प्रेगनेंसी के आठ महीने के दौरान प्रतिदिन लगभग 80 मिली ग्राम विटामिन सी का सेवन किया जाना चाहिए। यह शिशु के विकास को बढ़ाने और कोशिकाओं की क्षति को कम करने में अहम योगदान देता है। 8 मंथ प्रेगनेंसी डाइट में विटामिन सी प्राप्त करने के लिए स्ट्रॉबेरी, टमाटर, अंगूर, संतरा, गोभी, ब्रोकोली आदि को शामिल किया जा सकता है।
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गर्भावस्था के आठवे महीने के दौरान शिशु के विकासशील शरीर के लिए फोलिक एसिड की अहम भूमिका होती है। फोलिक एसिड डीएनए, तंत्रिका तंत्र और लाल रक्त कोशिकाओं को तैयार करने में मदद करता है। सभी गर्भवती महिलाओं को इस अंतिम चरण में प्रतिदिन 600 से 800 मिली ग्राम फोलिक एसिड को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। फोलिक एसिड प्राप्त करने के लिए चिकन, हरी पत्तेदार सब्जियां, अनाज, दाल, शतावरी, जई और संतरा आदि को गर्भावस्था आहार चार्ट में शामिल किया जा सकता है।
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फास्फोरस एक और ऐसा खनिज पदार्थ है जिसे विशेष रूप से गर्भावस्था के महीने में प्राप्त किया जाना चाहिए। यह गर्भाशय के अंदर भ्रूण की हड्डियों को मजबूत करता है। गर्भावस्था के आठवे महीने के दौरान महिलाओं को 800 से 1200 मिली ग्राम के बीच फास्फोरस के सेवन को सुनिश्चित करना चाहिए। फास्फोरस को प्राप्त करने के लिए महिलाएं अपने आहार में हरी सब्जियां, कद्दू, मशरूम आदि को शामिल कर सकती हैं।
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गर्भावस्था का आठवां महीना महिलाओं के लिए बहुत ही संवेदनशील होता है। इसलिए महिलाओं को इस दौरान अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कुछ ऐसी खाने की चीजें भी हैं जिन्हें इस दौरान खाने से बचना चाहिए। क्योंकि ये खाद्य पदार्थ महिला और शिशु के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइए जाने प्रेगनेंसी के आठवें महीने में क्या नहीं खाना चाहिए।
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गर्भावस्था के आठवे महीने के दौरान महिलाओं को उन दुग्ध उत्पादों से बचना चाहिए जिन्हें बिना पाश्चुरीकृत दूध से तैयार किया जाता है। इस दौरान गाय, भैंस या बकरी किसी का भी दूध महिलाओं की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है यदि उसे अच्छी तरह से पाश्चुरीकृत नहीं किया जाता है। इसके अलावा महिलाओं को गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में विशेष रूप से बकरी के दूध का सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि बकरी के दूध में ऑक्सोप्लाज्मोसिस (toxoplasmosis) जैसे उच्च जोखिम वाले तत्व होते हैं।
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गर्भावस्था के अंतिम चरण में कब्ज जैसी पाचन समस्याओं से बचने के लिए कैफीन युक्त चीजों से गर्भवती महिलाओं को बचना चाहिए। इस दौरान आपको अपनी अधिक मात्रा में चाय या कॉफी पीने की आदत को बदलने की आवश्यकता है। आप अपनी दैनिक दिनचर्या में अधिक मात्रा में पानी पीने की आदत बना सकते हैं।
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गर्भावस्था के आठवे महीने के दौरान महिलाओं को अध पके या कच्चे मीट का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। क्योंकि इस प्रकार का भोजन करने से गर्भवती महिलाओं के शरीर में लिस्टिरिया नामक बैक्टीरिया स्थानांतरित हो सकते हैं। जिससे लिस्टेरियोसिस के कारण महिलाओं को गंभीर फ्लू हो सकता है। जिससे महिला और शिशु के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। यह गर्भपात (miscarriage), स्टिलबर्थ (stillbirth) या अन्य गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
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गर्भावस्था के इस चरण में महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए कि शराब और तंबाकू उत्पादों का सेवन न किया जाये। क्योंकि शराब और तंबाकू आपके बच्चे को जन्म देने वाली गर्भावशय शक्ति को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए शराब या धूम्रपान तम्बाकू का सेवन आपके लिए खतरनाक हो सकता है। इस दौरान महिलाओं को इस प्रकार के पदार्थों सेवन करने से बचना चाहिए।
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स्वस्थ प्रेगनेंसी के लिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। क्योंकि उचित और पौष्टिक खाद्य पदार्थ आपके बच्चे को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यहां कुछ ऐसे भारतीय खाद्य पदार्थों की जानकारी दी जा रही हैं जिन्हें गर्भावस्था के आठवे महीने के दौरान सेवन किया जा सकता है।
गर्भावस्था के आठवे महीने के दौरान महिलाओं को सुबह के नाश्ते से पहले निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
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गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के आठवे महीने के दौरान अपने नाश्ते में कुछ पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जो इस प्रकार हैं।
महिलाओं को प्रेगनेंसी के आठवे महीने के दौरान बिल्कुल भी भूखा नहीं रहना चाहिए। इसलिए सुबह के नाश्ते और दोपहर के भोजन के बीच में भी उन्हें कुछ हल्का भोजन करना चाहिए। जैसे कि
दोपहर का भोजन संतुलित आहार होना चाहिए। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
दोपहर के भोजन और रात के भोजन के बीच में भूख लगना स्वाभाविक है। इसलिए शाम के समय हल्के नाश्ते के रूप में गर्भवती महिलाएं निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकती हैं।
प्रेगनेंसी के आठवे महीने के दौरान महिलाओं को रात के समय में हल्का भोजन करना चाहिए। जैसे कि :
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प्रेगनेंसी के 8 माह के दौरान किन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए और किन का नहीं यह जानना बहुत ही आवश्यक है। इसके अलावा और भी कुछ बातें हैं जिनका गर्भवती महिलओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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आठ माह की गर्भावस्था में पहुंचने के बाद महिलाओं के मन में कुछ प्रश्न उठते हैं। जो उनके और उनके बच्चे के स्वास्थ्य से संबंधित होते हैं। इसी तरह के कुछ प्रश्न और उनके जबाव नीचे बताए गए हैं।
गर्भावस्था के आठवे महीने के दौरान महिलाओं को अपने आहार का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान उन्हें केवल उन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो वास्तव में उनके लिए अच्छे होते हैं। इस दौरान महिलाओं को ताजे फल, हरी सब्जियां, सभी प्रकार के अनाज, फलियां और दूध आदि को अपने दैनिक आहार में शामिल करना चाहिए। इसके अलावा महिलाओं को मल्टीविटामिन की मध्यम खुराक के साथ ही फोलिक एसिड के पूरक की न्यूनतम 400 माइक्रोग्राम मात्रा की आवश्यकता होती है।
सामान्य वजन वाली गर्भवती महिला को पहली तिमाही के दौरान प्रतिदिन 1800 कैलोरी, दूसरी तिमाही के दौरान प्रतिदिन 2200 कैलोरी और तीसरी तिमाही के दौरान 2400 कैलोरी का सेवन करना चाहिए। जैसा कि गर्भावस्था का 8 वां महीना तीसरी तिमाही में आता है इसलिए प्रतिदिन न्यूनतम 2400 कैलोरी का सेवन किया जाना चाहिए।
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गर्भावस्था के दौरान कई बार डॉक्टर वजन बढ़ाने की सलाह देते हैं। क्योंकि इस दौरान महिलाओं को अतिरिक्त पोषण और ऊर्जा की आवश्यकता होती है। गर्भवती महिलाएं आठवे महीने के दौरान अपने वजन को बढ़ाने के लिए निम्न प्रयास कर सकती हैं।
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