Pregnancy Me Mehndi Lagana Chahiye Ya Nahi प्रेगनेंसी में मेहंदी लगाना चाहिए या नहीं ये कई महिलाओं का सवाल रहता है और इंटरनेट पर खोजा जाता है की गर्भावस्था में हाँथ, पैर और बालों में मेहंदी लगाना कितना सुरक्षित है। मेहंदी भारतीय संस्कृति का एक जरूरी हिस्सा है। यहां हर मौके और तीज त्योहारों पर मेहंदी लगाने की परंपरा है। यही वजह है कि हर महिला को हाथ-पैरों में मेहंदी लगाना खूब सुहाता है। यहां तक की गर्भावस्था में भी महिलाओं में गोदभराई के दौरान हाथ-पैर, कमर यहां तक की बैली पर भी मेहंदी लगाने का ट्रेंड शुरू हो गया है।
लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान मेहंदी लगाने से जुड़े कई सवाल महिलाओं के मन में होते हैं। पहला ये कि गर्भावस्था में मेहंदी लगानी चाहिए या नहीं। दूसरा क्या गर्भावस्था में बालों में मेहंदी लगाना सही है और सही है तो कौन सी मेहंदी लगाना ज्यादा बेहतर है। ऐसे सभी सवालों के जवाब हम इस आर्टिकल के जरिए आपको देंगे। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे मेहंदी गर्भवती महिला को नुकसान पहुंचा सकती है। गर्भावस्था में महिलाएं अगर मेहंदी लगाना भी चाहें तो उनके लिए कौन सी मेहंदी लगाना फायदेमंद है।
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अब गर्भावस्था के दौरान महिलाएं मेहंदी लगाएं या नहीं ये बड़ा और जरूरी सवाल है। मेहंदी लगाते समय गर्भवती महिलाएं अक्सर कंफ्यूजन में रहती हैं कि मेहंदी लगाएं या नहीं। इससे किसी तरह के नुकसान होने की आशंका उन्हें बनी रहती है। तो बता दें कि आप गर्भावस्था में मेहंदी लगा तो सकती हैं, लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखकर। जैसे मेहंदी लगाने से पहले मेहंदी की क्वालिटी पर ध्यान देना जरूरी है। केमिकल वाली कोई भी मेहंदी गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसानदायक हो सकती है, वहीं अगर वे इसकी जगह नेचुरल मेहंदी लगाएंगी, तो इससे उनका शौक भी पूरा हो जाएगा और कोई साइड इफैक्ट भी नहीं होगा।
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आमतौर पर आजकल शरीर के कई अंगों पर मेहंदी लगाने का ट्रेंड है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान मेहंदी लगाने का मौका पड़े तो महिलाएं हाथों, पैरों पर मेहंदी लगा सकती हैं। आजकल गोदभराई जैसे फंक्शन के लिए महिलाएं बैली पर भी मेहंदी के खूबसूरत डिजाइन्स लगवा रही हैं।
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गर्भावस्था में बालों में मेहंदी लगाना कितना सही है, ये सवाल भी महिलाओं के अंदर बना रहता है। तो जो बात हाथों पर मेहंदी लगाने को लेकर लागू होती है, वही बालों के लिए भी अपनाई जानी चाहिए। यानि की बालों में भी अच्छी क्वालिटी की मेहंदी लगाई जाए तो अच्छा है। प्रेगनेंसी में नेचुरल मेहंदी लगाने से भी कोई नुकसान नहीं होता। केमिकल वाली मेहंदी जहां गर्भावस्था में आपके बालों को नुकसान पहुंचा सकती है, वहीं बालों में नेचुरल मेहंदी लगाना प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए एकदम सेफ है।
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गर्भावस्था में महिलाएं हाथों में मेहंदी लगा सकती हैं। बशर्ते उनके द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला प्रोडक्ट सुरक्षित हो। वैसे आप हिना मेहंदी का इस्तेमाल बिना कुछ सोचे कर सकती हैं, क्योंकि प्रेग्नेंसी की अवस्था में हाथों में ये मेहंदी लगाना आपके लिए सबसे ज्यादा सेफ है। नेचुरल हिना मेहंदी हीना प्लांट से बनती है, जिसके कोई साइड इफैक्ट नहीं होते। ऐसे में आप हाथों में मेहंदी लगाने के लिए हिना मेहंदी का ही उपयोग करें।
अब महिलाओं के मन में ये सवाल जरूर होता है कि आखिर प्रेगनेंसी में मेहंदी लगाना कौन सी बेहतर है। तो बता दें कि गर्भवती महिलाओं को हाथों या बालों में नेचुरल हिना मेहंदी लगानी चाहिए। ये महेंदी केमिकल फ्री होती है, इसलिए किसी भी त्योहार पर इस मेहंदी को अपने हाथों और बालों में डाई की तरह लगा सकती हैं। छूटने के बाद ये मेहंदी ऑरेंज और ब्राउन दिखने लगती है।
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गर्भावस्था में आपके बालों को कई तरह से नुकसान होता है। ये काफी कमजोर हो जाते हैं। इसलिए बालों को कलर करने के लिए कोई भी मेहंदी लगाने से बचें। बालों को डाई करने के लिए ब्राउन हिना का इस्तेमाल बेहतर ऑप्शन है। ध्यान रखें कि प्रेगनेंसी में आपके बाल कई तरह से रिएक्ट करते हैं, इसलिए बालों में मेहंदी लगाने से पहले एक छोटा सा टेस्ट जरूर करके देखना चाहिए। बालों में लगाई जने वाली हिना मेहंदी का रंग ब्राउन होना चाहिए। हिना मेहंदी इस स्थिति में न केवल आपके बालों की दशा सुधारती है, बल्कि आपके स्कैल्प के लिए भी ये फायदेमंद है।
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अब सवाल ये है कि मार्केट में मिल रही हिना मेहंदी शुद्ध है या फिर मिलावटी। इस बात का अनुमान कैसे लगाया जाए। ये पहचानना जरा मुश्किल है। ऐसे में बेहतर है कि आप मेहंदी पाउडर बाजार से खरीदकर लाएं और घर पर ही इसे हाथ-पैरों पर लगाने के लिए तैयार करें। जानिए कैसे मेहंदी करें तैयार।
सबसे पहले मेहंदी पाउडर को छान लें। इसमें नींबू का रस, चुटकीभर चीनी, पिसी हुई लोंग, ईथर का तेल, कड़क चाय या कॉफी को मिला लें। ईथर का तेल डालने से पहले सुनिश्चित कर लें कि ये तेल प्रेग्नेंसी में फायदेमंद है या नहीं। हो सके तो इस पेस्ट को रातभर लोहे के बर्तन में ढंककर रख दें और सुबह लगाएं।
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दरअसल बाजार में मौजूद मेहंदी में केमिकल भरपूर मात्रा में होता है। इसी कारण इसका रंग काला होता है और रचने के बाद ये डार्क कलर छोड़ती है। जिसके कई साइड इफेक्ट होते हैं। इससे स्किन पर रैशेज आ जाते हैं, खुजली मचने लगती है साथ ही गर्भावस्था के दौरान इसकी तेज स्मेल महिलाओं को परेशान कर सकती है, ये गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए भी नुकसानदायक है। इसलिए प्रेग्नेंसी में महिलाओं को इस तरह की केमिकल युक्त मेहंदी लगाने से परहेज करना चाहिए।
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मेहंदी में आप सिर्फ नेचुरल हिना मेहंदी का ही इस्तेमाल कर सकती हैं। जबकि बाजार में ब्लैक हिना मेहंदी भी उपलब्ध है। लेकिन गर्भवती महिलाएं इसे भूलकर भी ना लगाएं। इससे कई साइड इफैक्ट देखे गए हैं। पहली बात तो ब्लैक हिना महेंदी छूटने के बाद गहरा रंग छोड़ती है, जिससे साफ है कि उसमें केमिकल मिला होता है। ब्लैक हिना में पैरा फैनीलिनीडियामाइन (phenylenediamine) होता है, जिसे प्रेग्नेंसी में स्किन पर कहीं भी लगाने की पूरी तरह मनाही होती है। इससे महिलाओं को स्किन पर डर्मेटाइटिस और एलर्जी भी हो सकती है। बता दें कि इस समय गर्भवती महिलाओं का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है, इसलिए इस मेहंदी को लगाने से बचना चाहिए। यूएसए और यूरोपियन देशों में इस मेहंदी को सीधे स्किन पर लगाने पर बैन है। लेकिन भारत में पीपीडी के इस्तेमाल को लेकर ऐसे कोई नियम नहीं बनाए गए हैं।
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वैसे तो हिना मेहंदी लगाना पूरी तरह से सेफ है, लेकिन फिर भी कुछ स्थितियों में इसे लगाने से बचना चाहिए। अगर आपका पहला बच्चा जी6डीपी डिफिशियंसी, एनीमिया, हाइपरबिलिरूबीनिमिया या इम्यून सिस्टम से संबंधित किसी बीमारी से पीडि़त है, तो ऐसी स्थिति में हिना लगाना अवॉइड करना बेहतर है। क्योंकि इसका गलत असर आपके गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ सकता है।
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