Pregnancy me pet dard in Hindi: क्या आप भी गर्भावस्था के दौरान पेट में दर्द का अनुभव कर रही हैं। प्रेगनेंसी के दौरान पेट में दर्द की क्या वजह हो सकती हैं और इसके उपचार क्या हैं? जानें हमारे इस लेख में। प्रेगनेंसी में गर्भवती को अक्सर पेट में दर्द होता है, जो सामान्य है। विशेषज्ञ कहते हैं, कि प्रेगनेंसी के दौरान भ्रूण का विकास और महिला के अंगों में भी परिवर्तन हो रहा होता है, ऐसे में पेट दर्द होना स्वभाविक है। लेकिन, जब प्रेगनेंसी में पेट दर्द लगातार हो रहा है, तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए। क्योंकि, ये किसी खतरे का संकेत भी हो सकता है। वैसे, तो गर्भावस्था में कभी-कभी पेट दर्द हो, तो अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करते हुए इस स्थिति से बचा जा सकता है, लेकिन अगर पेट दर्द बंद न हो, तो डॉक्टर के पास जाने में देरी नहीं करनी चाहिए।
प्रेग्नेंसी के दिनों में महिलाओं को कई तरह की समस्याएं होती हैं। उसमें से पेट में दर्द होना भी एक समस्या है। गर्भावस्था की पहली तिमाही में गर्भवती को अक्सर पेट में दर्द की शिकायत रहती है। ये हार्मोनल परिर्वतन और बढ़ते गर्भ के कारण होता है। हालांकि, यह तय करना मुश्किल होता है कि पेट में दर्द हल्का है या गंभीर। अगर दर्द सामान्य है, तो इसे कुछ उपायों की मदद से ठीक किया जा सकता है, लेकिन दर्द लगातार बना हुआ है, तो ये चिंता की बात है। आज के हमारे इस आर्टिकल में हम आपको गर्भावस्था के दौरान पेट में दर्द के संभावित कारणों और बचाव के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपने स्वास्थ्य की ज्यादा अच्छे से देखभाल कर सकती हैं।
विषय सूची
गर्भावस्था में जब किसी महिला को पेट में दर्द हो, तो एक पल के लिए चिंतित होना स्वभाविक है। प्रेग्नेंसी में पेट दर्द प्रेग्नेंसी की वजह से या अन्य कारणों जैसे गैस बनने आदि की वजह से भी हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चा जैसे-जैसे गर्भ में बढ़ता है, तब शरीर में मौजूद आंत, मांसपशियों, राउंड लिगामेंट्स में भार पड़ता है। जिस प्रकार गर्भावस्था में यूट्रस बढ़ जाता है, उसी प्रकार राउंड लिगामेंट्स आदि में खिंचाव आने लगता है, तब गर्भवती को पूरे नौ महीने में पेट में थोड़े खिंचाव के साथ दर्द महसूस होता है। ये दर्द होना एकदम नॉर्मल है, इससे डरने की जरूरत नहीं है।
लेकिन, कुछ स्थितियों में यह पेट दर्द चिंता का विषय बन जाता है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। प्रेग्नेंसी की वजह से कई बार गर्भवती को उल्टी और बेचैनी महसूस हो सकती है। डॉक्टर कहते हैं, कि गर्भावस्था में पेट दर्द ज्यादा देर तक भूखा रहने की वजह से भी होता है। इसलिए थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए।
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प्रेग्नेंसी के शुरूआती दिनों में कब्ज और कई कारणों से भी पेट में दर्द होना सामान्य है। इस दौरान गर्भवती के यूट्रस का आकार बढ़ता है, इसलिए पेट में हल्का दर्द महसूस हो सकता है। कई बार हल्की सी अंगड़ाई या शरीर को स्ट्रेच करने पर भी दर्द पेट के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव होता है। वैसे, तो यह दर्द बहुत धीरे-धीरे होता है, लेकिन गर्भावस्था की दूसरी तिमाही और तीसरी तिमाही में होने वाले पेट दर्द को जरा भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ब्रैक्सन हिक्स कॉन्ट्रेक्शन (Braxton Hicks contractions) की स्थिति में पेट में बहुत परेशानी होती है। जब भी आपको लगे, कि ये बर्दाश्त से बाहर है, तो डॉक्टर से संपर्क करने में बिल्कुल देरी नहीं करनी चाहिए।
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वैसे तो, गर्भावस्था में पेट में दर्द होना सामान्य है। लेकिन जब पेट दर्द लगातार हो रहा हो, तो चिंता की बात है। कब्ज से लेकर लिगामेंट पेन जैसी कई चीजें गर्भावस्था में पेट दर्द का कारण बनती हैं। नीचे जानते हैं, प्रेग्नेंसी में पेट दर्द के आम कारणों के बारे में।
गर्भावस्था के पहले हफ्ते में एग्ब्रयो यानि बीज को यूट्रस की दीवार से चिपक जाने को इंप्लांटेशन कहते हैं। यह गर्भधारण के शुरूआत में होता है, जिसमें गर्भवती को पेट में दर्द होने के साथ वजाइना से खून भी आ सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान यूट्रस का आंतों पर दबाव पड़ने से कब्ज यानि कॉन्स्टीपेशन की समस्या हो जाती है। इससे बचने के लिए खूब पानी पीएं और फाइबर युक्त भोजन खाएं। यदि इसके बाद भी आपको इस समस्या से छुटकारा नहीं मिलता, तो डॉक्टर फाइबर सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं।
डिलीवरी नजदीक आने पर हर पांच-पांच मिनट में पेट दर्द होता है। ये दर्द पीरियड्स में होने वाले दर्द जैसा महसूस होता है। इसके साथ ही योनि से पानी और खून भी आ सकता है। कई बार ये दर्द गर्भकाल पूरा हाने से पहले भी होने लगता है, जिसे प्री-मैच्योर लेबर पेन कहा जाता है।
जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी बढ़ती है, गर्भवती के गर्भाशय का आकार भी बढऩे लगता है और पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस होने लगता है। इस कारण कुछ महिलाओं को उल्टी तक होने लगती हैं।
गर्भावस्था में दूषित पानी और बासा भोजन खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है, जिसके बाद पेट में दर्द का अनुभव हो सकता है। इससे बचने के लिए हेल्दी व फ्रेश खाना खाएं और स्वच्छ पानी पीएं।
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कई महिलाओं को स्वस्थ गर्भधारण होता है, लेकिन कभी- कभी गंभीर जटिलताएं भी विकसित हो सकती हैं, जिसके लिए डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता होती है। नीचे हम आपको गर्भावस्था में पेट दर्द के कुछ गंभीर मामलों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे आपको सावधान रहना चाहिए।
इसे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी भी कहते हैं। इसमें अंडाणु गर्भाशय के अलावा कहीं और इंप्लांट हो जाता है। ज्यादातर फैलोपियन ट्यूब में। हालांकि, ऐसी स्थिति 50 में से एक किसी एक महिला के साथ ही होती है। यदि, आपको एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की समस्या है, तो गर्भावस्था के पहले महीन में पेट दर्द यानि गर्भावस्था के 6वें और 10वें सप्ताह में दर्द और रक्तस्त्राव का अनुभव हो सकता है, क्योंकि यह नली विकृत हो जाती है। डॉक्टर इस बात की पुष्टि करने के लिए अल्ट्रासाउंड कर सकता है, कि क्या अंडे को गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया गया है।
अगर गर्भवती को पहली तिमाही में पेट दर्द का अनुभव हो, तो यह चिंता का विषय है। इसके कारण गर्भपात तक हो सकता है। गर्भपात के लक्षणों में रक्त्स्त्राव और ऐंठन शामिल है।
प्रीटर्म लेबर भी गर्भावस्था में पेट दर्द का गंभीर मामला है। यदि आप 37वें सप्ताह की गर्भवती होने के पहले ही नियमित संकुचन का अनुभव कर रही हैं और आपको लगातार पीठ दर्द हो रहा है, तो प्रीटर्म लेबर की कंडीशन बन सकती है।
आपकी नाल बच्चे के लिए ऑक्सीजन और पोषक तत्वों का स्त्रोत होती है। यह आमतौर पर गर्भाशय पर होती है और बच्चे के जन्म के बाद तक अलग नहीं होती। लेकिन, दुलर्भ मामलों में ज्यादातर तीसरी तिमाही में नाल यानि प्लेसेंटा गर्भाशय से अलग हो जाती है। कुछ मामलों में महिला प्रसव में तब आती है, जब महिला की नाल अलग हो जाती है, उस स्थिति में उसका सिजेरियन डिलीवरी करना पड़ता है। इस स्थिति के लिए जोखिम वाली महिलाओं में वे शामिल हैं, जिन्हें हाई बीपी, प्री-क्लेम्पसिया या एब्डोमिनल ट्रामा है।
अगर किसी महिला को यूरीनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन है, तो भी ये पेट दर्द का गंभीर मामला हो सकता है। इसके विशिष्ट लक्षणों में पेशाब करने में अचानक दर्द, पेशाब के साथ दर्द, जलन और खूनी पेशाब शामिल है। लेकिन, यूटीआई के साथ कुछ गर्भवती को पेट दर्द का अनुभव भी होता है। अगर यूटीआई को जल्दी पहचान लिया जाए, तो एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए इसका इलाज जल्दी किया जा सकता है।
हिंदी में इसे पित्ताशय की पथरी कहते हैं। महिलाओं में ये समस्या ज्यादा होती है। खासतौर से वे अगर 35 वर्ष की ओवरवेट महिला है। पित्ताशय की पथरी से होने वाला दर्द आपके पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में गंभीर होता है। कुछ मामलों में दर्द पीठ के आसपास और दाहिने कंधे के ब्लेड के नीचे भी फैल सकता है।
एपेंडिसाइटिस का निदान मुश्किल होता है, क्योंकि जैसे जैसे गर्भाशय का विस्तार होता है, अपैंडिक्स ऊपर खिंचता है और बैली बटन या लिवर पर सेट हो जाता है, इसी वजह से पेट दर्द होता है। आपको बता दें, कि एपेंडिसाइटिस से गर्भवती महिलाओं के मरने का खतरा ज्यादा होता है। गर्भावस्था में पेट के दाहिने निचले हिस्से में एपेंडिसाइटिस होने से पेट दर्द महसूस हो सकता है।
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प्रेग्नेंसी में पेट में दर्द कई जगहों पर हो सकता है। शरीर के अंगों में होने वाले दबाव के कारण भी पेट दर्द की समस्या हो सकती है। नीचे हम आपको बता रहे हैं, कि गर्भावस्था में पेट दर्द कहां-कहां होता है।
पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द (pregnancy me pet ke upari hisse me dard) – यह दर्द नाभि के बीच में और पसलियों के निचले हिस्से में हो सकता है।
पेट के निचले हिस्से में दर्द (pregnancy me pet ke nichle hisse me dard) – लोअर एब्डोनल पेन यह नाभि से नीचे की तरफ होने वाला दर्द होता है।
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वैसे तो, गर्भावस्था में पेट दर्द होना आम है, लेकिन फिर भी आपको लगे, कि सबकुछ ठीक नहीं है, तो आप डॉक्टर से संपर्क कर सकती हैं। नीचे हम आपको कुछ लक्षणों के बारे में बता रहे हैं। इनमें से कोई भी लक्षण आपको दिखे, तो डॉक्टर के पास तुरंत जाएं।
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प्रेग्नेंसी में पेट दर्द होने की कंडीशन में बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है। साथ ही कुछ बातों का ध्यान भी रखना होता है। नीचे आप जान सकती हैं, कि गर्भावस्था में पेट दर्द होने पर किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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गर्भावस्था में कभी-कभी पेट में दर्द होना एकदम सामान्य है, लेकिन लगातार ऐसा होने पर ये गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है। इसलिए लगातार हो रहे पेट दर्द को नजरंअदाज न करें। अगर दर्द आराम करने के बाद भी बंद न हो तो, डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि पेट दर्द के दौरान असामान्य योनि स्राव, ब्लीडिंग, ठंड लगना, बुखार आना, चक्कर आना, पेशाब के समय दर्द महसूस होना, मतली या उल्टी आने जैसे हालात दिखे, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
बिल्कुल नहीं। हालांकि, कई महिलाएं गर्भावस्था में होने वाले पेट दर्द में दवा ले लेती हैं, लेकिन ये उनके और शिशु के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। जो महिलाएं पेन किलर लेती हैं, उन्हें अन्य गर्भवती महिलाओं की तुलना में खतरा सात गुना ज्यादा रहता है। डॉक्टर्स के अनुसार, बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी पेन किलर लेना हानिकारक हो सकता है। इससे बच्चे के मानसिक विकास पर नकरात्मक प्रभाव पडऩे की संभावना बहुत ज्यादा होती है।
गर्भावस्था के दौरान ऐंठन के साथ पेट दर्द होना सामान्य नहीं है। ये गंभीर लक्षणों के साथ होता है। जैसे- उल्टी आना, चक्कर आना, योनि स्त्राव या सिरदर्द या फिर बुखार आना। शुरूआती गर्भावस्था में ऐंठन अस्थानिक गर्भावस्था या एक्टोपिक प्रेग्नेंसी या गर्भपात का भी संकेत हो सकती है।
गर्भावस्था की पहली तिमाही में पेट में दर्द होना आम है। लेकिन इसके साथ ऐंठन या तेज मरोड़ उठें, तो यह चिंता की बात है। क्योंकि, ये गर्भपात का संकेत हो सकता है। इसी तरह दूसरी तिमाही में भी अगर पेट दर्द हो, तो यह सामान्य बात है। क्योंकि दूसरी तिमाही में गर्भपात की आंशका थोड़ी कम होती है। लेकिन अगर 12वें से 24वें सप्ताह के बीच ब्लीडिंग के साथ पेट दर्द हो, तो तुंरत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। वहीं, तीसरी तिमाही में पेट दर्द के कारण तो कई होते हैं, लेकिन ये चिंताजनक होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी वजह से समय से पहले डिलीवरी होने के चांसेस बढ़ जाते हैं।
भले ही गर्भावस्था में पेट दर्द को सामान्य माना जाता है, लेकिन इसके लक्षणों को कभी अनदेखा नहीं करना चाहिए। कई बार, अगर पेट दर्द गैस के कारण हो, तो यह कुछ देर में सही हो जाता है, लेकिन आपको लगता है, कि पेट दर्द सही नहीं हो रहा है, तो किसी भी तरह के उपाय अपनाने से बचें और तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपना इलाज कराएं।
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