Pregnancy me yoni dard जानें गर्भावस्था में योनि में दर्द के कारण और उपचार: आमतौर पर जब एक महिला गर्भवती होती है, उसके शरीर में कई तरीके के बदलाव शुरू होते हैं जो पूरे गर्भावस्था तक बने रहते हैं। गर्भाशय में भ्रूण को संभालने के लिए कई हार्मोलन परिवर्तन होते हैं जिसके कारण महिला के आंतरिक अंगों (internal organs) में उथल पुथल शुरू हो जाती है। इस दौरान प्रेगनेंट महिला आमतौर पर अपने शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द का अनुभव करती है, जिसमें उसकी पीठ के निचले हिस्से दर्द (lower back), पेट (abdomen), स्तन और पेट शामिल हैं।
इसके अलावा कुछ गर्भवती महिलाओं को योनि में दर्द का अनुभव हो सकता है। यह दर्द या तो दूसरी तिमाही में शुरू होता है या कभी-कभी गर्भावस्था के दौरान ही शुरू हो जाता है। इस लेख में हम आपको गर्भावस्था में योनि में दर्द के कारण और उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं।
विषय सूची
1. प्रेगनेंसी के दौरान योनि में दर्द के कारण – Causes of Vaginal Pain During Pregnancy in Hindi
2. गर्भावस्था में योनि दर्द का उपचार – Treatments of Vaginal Pain During Pregnancy in hindi
गर्भावस्था के दौरान योनि में दर्द कई कारणों से होता है। कुछ गर्भवती महिलाओं को तेज योनि दर्द जबकि कुछ को हल्के दर्द का अनुभव होता है। दर्द की तीव्रता के आधार पर यह हल्का या गंभीर हो सकता है। आइये जानते हैं कि किन कारणों से गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की योनि में दर्द होता है।
यह गर्भावस्था के दौरान योनि में दर्द (yoni me dard in pregnancy) का एक आम कारण है। आमतौर पर गर्भाशय का आकार भ्रूण को समायोजित (accommodate) करने के लिए बढ़ता है और इससे योनि और आसपास की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। जिसके कारण योनि में दर्द का अनुभव होता है।
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प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं जिसके कारण योनि में एक अजीब (uncharacteristic) तरह का सूखापन आ जाता है। योनि में इसी सूखेपन (dryness) के कारण दर्द होता है। अगर आप गर्भावस्था में संभोग करती हैं तो यह दर्द अधिक बढ़ जाता है।
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जैसे ही गर्भाशय में भ्रूण का आकार बढ़ता है, श्रोणि क्षेत्र (pelvic area) में स्नायुबंधन (ligaments) भी इस वृद्धि को समायोजित करने के लिए खिंचाव पैदा करना शुरू कर देता है। इसके कारण योनि के आसपास की मांसपेशियां और स्नायुबंधन में वृद्धि हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप योनि में तेज दर्द और सनसनाहट (sensation) का अनुभव होता है।
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गर्भावस्था के दौरान यदि आपको जननांगों (genital area) के बाहर और योनि में दर्द हो रहा हो तो यह संक्रमण के कारण हो सकता है। सबसे आम प्रकार के संक्रमण को कैंडिडा (Candida) कहा जाता है, जो गर्भवती महिलाओं को आसानी से प्रभावित करता है क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा बहुत कम है। सबसे आम प्रकार के संक्रमण को कैंडिडा कहा जाता है, जो गर्भवती महिलाओं को आसानी से प्रभावित करता है क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा (immunity) बहुत कम है। कैंडिडा संक्रमण से उबरना भी एक लंबी प्रक्रिया है।
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गर्भाशय ग्रीवा के पतला होने या फैलने से योनि में तेज दर्द हो सकता है। पूरे गर्भावस्था के दौरान कई बार गर्भाशय ग्रीवा फैलती है लेकिन सबसे ज्यादा लेबर पेन शुरू होने से पहले फैलती है। यही कारण है कि गर्भवती महिलाओं की योनि में दर्द होता है।
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हालांकि शुरूआत में एक्टोपिक प्रेगनेंसी का निदान करना काफी मुश्किल हो सकता है लेकिन इसके कारण भी योनि में काफी दर्द होता है। इसकी वजह से गर्भावती महिला को हल्का रक्तस्राव (minor bleeding) या स्पॉटिंग और चक्कर आने की समस्या हो सकती है।
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योनि में रक्त का प्रवाह बढ़ जाना गर्भावस्था के दौरान योनि में दर्द का अन्य सामान्य कारण है। जब अधिक रक्त गर्भाशय की ओर बहता है, तो यह योनि में और उसके आसपास दर्द शुरू हो जाता है। गर्भावस्था के दौरान रक्त का प्रवाह तीन गुना तक बढ़ जाता है जो गर्भाशय पर दबाव डालता है जिससे योनि में तेज दर्द होता है। योनि और इसके आसपास सूजन (swelling) हो सकती है, जिससे हल्का सा छूने पर दर्द हो सकता है।
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हर मां बनने वाली महिला को पूरे गर्भावस्था के दौरान किसी न किसी स्तर पर योनि में दर्द का अनुभव जरुर होता है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान योनि के दर्द को कैसे कम किया जाए। हालांकि दर्द निवारक (Pain relief) दवाएं अस्थायी राहत प्रदान करती हैं लेकिन डॉक्टर से परामर्श लेना भी काफी जरूरी होता है। आइये जानते हैं कि प्रेगनेंसी में जब योनि में दर्द हो तो कौन से उपाय करने चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान अगर आपकी योनि में दर्द का अनुभव हो तो जब भी आप बिस्तर पर आराम करने या फिर सोने के लिए जाएं तो हमेशा अपनी बांयी तरफ (left side) सोएं। प्रेगनेंसी में बांयी तरफ सोने से रक्त परिसंचरण (blood circulation) बेहतर होता है और योनि पर कम दबाव पड़ता है जिसके कारण योनि में दर्द नहीं होता है।
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प्रेगनेंसी के दौरान यदि आपको बैठकर काम करने की आवश्यकता पड़े तो हमेशा अपने पैरों या एड़ियों पर ही बैठें। इस मुद्रा में बैठने से योनि पर बहुत कम दबाव पड़ता है जिसके कारण योनि का दर्द समाप्त हो जाता है। इसके अलावा कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय ग्रीवा में दर्द (cervix pain) होता है। इस स्थिति में महिलाओं को अपने कूल्हे (hips) थोड़ा ऊपर उठाकर लेटना चाहिए।
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आमतौर पर गर्म पानी से स्नान करने से आपको गर्भावस्था के दौरान तेज योनि दर्द से आराम और राहत मिल सकती है। वास्तव में हल्का गुनगुना पानी योनि और जननांगों के आसपास संक्रमण को खत्म कर देता है जिसके कारण गर्भवती महिला को काफी राहत महसूस होती है और योनि का दर्द ठीक हो जाता है।
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डॉक्टर आमतौर पर गर्भावस्था में गर्भवती महिलाओं की योनि में होने वाले दर्द को कम करने के लिए श्रोणि की मसाज (pelvic massage) करने की सलाह देते हैं। हल्के हाथों से अच्छी तरह से मालिश करने के बाद योनि में कम खिंचाव उत्पन्न होता है और दबाव भी कम पड़ता है जिसके कारण योनि का दर्द ठीक हो जाता है।
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प्रेगनेंसी के दौरान योनि में दर्द से बचने के लिए आप कुछ सामान्य एक्सरसाइज जैसे तैराकी और योगा कर सकती हैं। यह गर्भवती महिला के शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और शरीर की मांसपेशियों को भी मजबूत रखता है। जिसके कारण योनि में दर्द का अनुभव नहीं होता है।
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गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान कभी कभी अचानक ही योनि में बहुत तेज दर्द होने लगता है। इस स्थिति में सपोर्ट बेल्ट पहनना या फिर हीट पैक (heat packs) से सिंकाई करना फायदेमंद हो सकता है। सपोर्ट बेल्ट और हीट पैक वास्तव में स्नायुबंधन (ligaments) को खींचने में मदद करता है जिसके कारण योनि के दर्द से राहत मिलती है।
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