pregnancy se bachne ke gharelu upay in Hindi बच्चे हर किसी को प्यारे होते हैं लेकिन ज्यादातर कपल सही समय पर बच्चा पैदा करने की चाहत रखते हैं। बच्चा पैदा करना प्रत्येक महिला के जीवन का एक सुंदर दौर होता है और इसलिए पति-पत्नी दोनों मिलकर अपने बच्चे की प्लानिंग भी बहुत सावधानीपूर्वक करते हैं। आज के लेख में हम आपको प्रेगनेंसी से बचने के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies to Prevent Pregnancy in Hindi) बताने जा रहे है।
1. अनचाहे गर्भ से बचने के घरेलू उपाय – home remedies for unwanted pregnancy in hindi
आमतौर पर देखा जाता है कि ज्यादातर महिलाएं असुरक्षित सेक्स के बाद प्रेगनेंसी से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों (contraceptive pills) का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन ये गोलियां आपके शरीर पर लंबे समय तक प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। ऐसी स्थिति में यह सवाल पैदा होता है कि आखिर अनचाही प्रेगनेंसी से बचने का क्या उपाय है। हम आपको बता दें कि प्रेगनेंसी से बचने के लिए कई हर्बल और नैचुरल औषधियां उपलब्ध हैं, जिनकी सहायता से गर्भधारण को रोका जा सकता है। ये घरेलू और हर्बल औषधियां माहवारी को उत्तेजित करती हैं और निषेचन की क्रिया (fertilization) को रोकती हैं जिससे कि आप प्रेगनेंसी की चिंता छोड़कर अपनी सेक्स लाइफ का आनंद उठा सकती हैं।
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अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए नीम का सेवन एक बढ़िया प्राकृतिक उपाय है। सेक्स के बाद नीम का सेवन करने से यह शुक्राणुओं की गतिशीलता (sperm motility) को कम कर देता है और गर्भधारण को रोकता है। प्रेगनेंसी से बचने के लिए नीम की पत्तियों, तेल और छाल इन तीनों का उपयोग किया जा सकता है। नीम ऑयल को गर्भाशय के फैलोपियन ट्यूब (Fallopian tubes) में प्रवेश कराने 30 सेकेंड के भीतर ही सभी स्पर्म मर जाते हैं। नीम का टैबलेट भी उपलब्ध है बाजारों में, इसके अलावा नीम के पत्तों का उपयोग करने से यौन रोगों और एसटीडी से सुरक्षा मिलती है।
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शारीरिक संबंध बनाने के बाद अंजीर का सेवन करने से प्रेगनेंट होने की संभावना नहीं रहती है। प्रेगनेंसी से बचने का यह एक लोकप्रिय तरीका और बेहतर घरेलू उपचार है। इंटरकोर्स के बाद 2 या 3 अंजीर प्रतिदिन खाएं। यह प्रेगनेंसी रोकने के अलावा ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ाता है।
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यदि आपने अभी मां बनने की प्लानिंग नहीं की है और शारीरिक संबंध बनाने के बाद आपको प्रेगनेंट होने का डर सता रहा है तो इंटरकोर्स के बाद पपीते का सेवन करने से प्रेगनेंसी से बचाव होता है। सेक्स के बाद दिन में कम से कम दो बार 3 से 4 दिनों तक लगातार पपीता खाएं, इससे आप गर्भवती होने से बच जाएंगी। लेकिन अगर आपका प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव हो तो पपीते का सेवन न करें।
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माहवारी की ब्लीडिंग को उत्तेजित करने में अदरक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए प्रगनेंसी से बचने के लिए अदरक का सेवन करना बेहतरीन उपाय है। अदरक को कद्दूकस करके इसे पानी में अच्छी तरह उबालें। इसके बाद इसे छानकर थोड़ी देर ठंडा होने दें और फिर इसे पी जाएं। प्रतिदिन दो कप अदरक-पानी पीने से प्रेगनेंसी से बचाव होता है।
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गर्भावस्था से बचने के लिए दालचीनी का सेवन बहुत उपयोगी माना जाता है। दालचीनी गर्भाशय को उत्तेजित करता है जिसकी वजह से मासिक धर्म शुरू हो सकता है। इसलिए इंटरकोर्स के बाद ज्यादातर महिलाएं प्रेगनेंसी से बचने के लिए घरेलू उपाय के तौर पर दालचीनी का प्रयोग करती हैं। लंबे समय तक दालचीनी का सेवन करने से गर्भ धारण की आशंका खत्म हो जाती है, लेकिन दालचीनी का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।
अनचाहे गर्भ से बचने के लिए खुबानी का प्रयोग भी किया जा सकता है। लेकिन यदि प्रेगनेंसी रिपोर्ट पॉजिटिव हो तो इसे नहीं खाना चाहिए। प्रेगनेंसी से बचने के लिए 100 ग्राम सूखी खुबानी में दो बड़े चम्मच शहद और पानी मिलाकर इस मिश्रण को आधे घंटे तक उबाले और फिर छानकर पी लें। यह प्रेगनेंसी को रोकने में मदद करता है।
शुद्ध विटामिन सी का सेवन करने से यह प्रेगनेंसी को रोकने में बहुत अच्छी तरह से कार्य करता है। विटामिन सी में एस्कॉर्बिक एसिड मौजूद होता है जोकि गर्भाशय को गर्भावस्था के लिए तैयार करने वाले प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन को असंतुलित कर देता है। 1500 मिलीग्राम के विटामिन सी के कैप्सूल का दिन में दो बार 2 से 3 दिनों तक असुरक्षित सेक्स के बाद सेवन करने से गर्भधारण करने से बचा जा सकता है।
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लंबे समय तक प्राकृतिक रूप से गर्भावस्था को रोकने के लिए अजमोद (Parsley) का इस्तेमाल ज्यादातर महिलाएं करती हैं। प्रेगनेंसी से बचने के लिए प्रतिदिन अजमोद का चाय बनाकर सेवन करने से यह बहुत फायदेमंद साबित होता है। अजमोद बहुत आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है और प्रेगनेंसी को रोकने के लिए इसका सेवन करने से कोई साइड-इफेक्ट भी नहीं होता है।
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इसका इस्तेमाल जड़ी-बूटियों के रूप में किया जाता है। प्रेगनेंसी को रोकने के लिए इस जड़ी-बूटी का चाय के रूप में सेवन करने से गर्भधारण को रोकने में आसानी होती है। हालांकि इसका सेवन डॉक्टर की सलाह लेकर करना चाहिए।
माना जाता है कि कपास के पेड़ के जड़ों में ऑक्सीटोसिन पाया जाता है और ऑक्सीटोसिन को लव हार्मोन के नाम से जाना जाता है। इसका अर्थ यह है कि यह गर्भाशय के संकुचन (contraction) को उत्तेजित करता है और प्रेगनेंसी से बचाव करता है। कपास के जड़ को उबालकर चाय के रूप में दिन में दो बार इसका सेवन करने से प्रेगनेंसी से बचा जा सकता है।
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