गर्भावस्था

गर्भावस्था में सोते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान – Things to take care while sleeping during pregnancy in Hindi

Pregnancy Sleeping Tips In Hindi गर्भावस्था में सोते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है प्रेगनेंसी के नाजुक दौर में एक स्त्री हर छोटी से छोटी बात का ध्यान रखती है, फिर चाहे बात उसके खान-पान से जुड़ी हो या फिर एक्सरसाइज से संबंधित हो या गर्भावस्था में सोने की हो।

गर्भावस्था में महिला द्वारा किए जाने वाले छोटे से छोटे क्रियाकलाप का असर उसके गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है। बहुत सी महिलाएं तो इस बात से अनभिज्ञ ही होती हैं कि उनके सोने की पोजिशन भी उसके गर्भ में पल रही एक नन्हीं सी जान के विकास को प्रभावित कर सकती हैं।

गर्भावस्था में गलत तरीके से सोने के कारण एक ओर जहां बच्चे का विकास बाधित होता है, वहीं दूसरी ओर गर्भावस्था में साते समय गलत तरीके अपनाने के कारण महिला को स्वयं भी सोने में काफी परेशानी होती है। आइये जानतें हैं गर्भावस्था में सोते समय कौन सी बातों का विशेष ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है।

विषय सूची

  1. गर्भावस्था में सोते समय आती है ये समस्याएं – Sleeping Problem During Pregnancy In Hindi
  2. गर्भावस्था में सोते समय इन बातों का रखें ध्यान – Pregnancy Sleeping Tips In Hindi
  3. प्रेगनेंसी में कैसे सोना चाहिए – Pregnancy Me Kaise Sona Chahiye In Hindi
  4. प्रेगनेंसी के समय सोने में मदद करते हैं विशेष तकिए – Pregnancy Takiya In Hindi

गर्भावस्था में सोते समय आती है ये समस्याएं – Sleeping Problem During Pregnancy In Hindi

प्रेगनेंसी का समय जैसे-जैसे बीतता जाता है, महिला को रात में नींद न आने या फिर सोने के बाद बार-बार उठने और फिर उसके बाद नींद न आने की समस्या का सामना करना पड़ता है।

इसका एक मुख्य कारण गर्भावस्था में उनका गलत तरीके से सोना या स्लीप हाईजीन का ध्यान न रखना भी होता है। तो चलिए जानते हैं कि गर्भावस्था में सोते समय किन बातों का रखें ध्यान-

गर्भावस्था में नींद में आती है मुश्किल

आमतौर पर गर्भावस्था की पहली तिमाही में स्त्री को नींद से संबंधित कोई समस्या नहीं होती। पहली तिमाही में स्त्री बेहद आसानी से अपनी नींद पूरी कर लेती है, लेकिन समय बीतने के साथ ही उसकी समस्या बढ़ने लगती है।

मां के शरीर में भ्रूण के विकास के साथ-साथ शरीर का आकार बढ़ने लगता है। जिसके कारण महिला को करवट लेने में परेशानी होती है। इसके अतिरिक्त गर्भावस्था में कमर दर्द, पैर में दर्द, हार्टबर्न, सांस लेने में परेशानी व इनसोमनिया की समस्या आदि भी नींद में परेशानी का मुख्य कारण बनती है।

इतना ही नहीं, कई बार गलत पोजिशन में सोने या एक ही तरह की पोजीशन में सोना स्त्री के लिए काफी कठिनाई भरा हो सकता है। ऐसे में जरूरत होती है कि दिनचर्या की कुछ आदतों में बदलाव किया जाए और गर्भावस्था में सोते समय इन बातों पर भी पर्याप्त ध्यान दिया जाए।

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गर्भावस्था में नींद में परेशानियां के कारण

बहुत सी महिलाओं को इस बारे में पता ही नहीं होता कि उनकी कुछ छोटी-छोटी गलतियां रात्रि में नींद न आने या फिर ठीक तरह से नींद आने का कारण बनती हैं।

मसलन, इस अवस्था में भी अधिकतर महिलाएं किसी न किसी बात से चिंतित रहती हैं। इतना ही नहीं, गर्भावस्था का समय बीतने के साथ ही वह प्रसव व उस दौरान होने वाली पीड़ा को लेकर परेशान होती है।

लेकिन यही तनाव हमेशा ही नींद में खलल का कारण बनता है। इसलिए किसी भी तरह के तनाव व चिंता से दूर ही रहे। यह स्लीप क्वालिटी को तो प्रभावित करेगा ही, साथ ही अगर मां तनावग्रस्त होती है तो उसका विपरीत असर बच्चे के विकास पर भी पड़ता है। अगर आपके लिए स्वयं ही तनावमुक्त होना संभव नहीं है तो डॉक्टर की मदद लें।

(और पढ़े – मानसिक तनाव के कारण, लक्षण एवं बचने के उपाय…)

गर्भावस्था में सोते समय इन बातों का रखें ध्यान – Pregnancy Sleeping Tips In Hindi

प्रेगनेंसी के दौरान क्वालिटी स्लीप के लिए जरूरी है कि महिला अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव करे। गर्भावस्था में साते समय अगर कुछ बातों का विशेष ध्यान दिया जाए तो गर्भावस्था में नींद की समस्या से काफी हद निपटा जा सकता है-

गर्भावस्था के दौरान सोने से पहले तरल पदार्थ का सेवन कम करें

सबसे पहले तो वाटर इनटेक पर जोर दिया जाना चाहिए। दिन की शुरूआत में ही गर्भवती स्त्री को पानी या फलों का रस आदि का सेवन करना चाहिए।

इसके बाद दिनभर में नियमित अंतराल में लिक्विड इनटेक किया जाना चाहिए। व

हीं रात के समय में तरल पदार्थों का सेवन कम करें। दरअसल, सोने से पहले अगर तरल पदार्थों का सेवन किया जाता है तो इससे रात में बार-बार पेशाब आता है और नींद टूटती है।

(और पढ़े – अच्छी नींद के लिए सोने से पहले खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ…)

गर्भावस्था में सोने से पहले पैदल चलना होता है लाभदायक

इसके अतिरिक्त हर दिन नियमित रूप से व्यायाम किया जाना चाहिए। गर्भवती महिला हमेशा ही इस बात को लेकर दुविधाग्रस्त रहती है कि उसके लिए किस तरह ही एक्सरसाइज सुरक्षित रहेगी।

ऐसे में आप हर दिन वॉक करने का नियम बनाएं। यह एक बेहद सुरक्षित व्यायाम है और इससे शरीर में रक्त संचार बेहतर होगा। अगर हो सके तो डिनर के बाद 15 से 20 मिनट धीरे-धीरे टहलें।

(और पढ़े – पैदल चलने के फायदे हिंदी में…)

प्रेगनेंसी में सोने से पहले एक कप गर्म दूध पीना अच्छा आईडिया हो सकता है

गर्भावस्था के दौरान रात में बेहतर नींद पाने के लिए सोने से पहले खुद को रिलैक्स करना बेहद आवश्यक है। मसलन, रात को सोने से पहले एक कप गर्म दूध पीना अच्छा आईडिया हो सकता है या फिर अपनी पसंदीदा कोई अच्छी किताब पढ़ें या फिर अपने पार्टनर से होने वाले बच्चे को लेकर कुछ अच्छी बातें करें।

इस तरह की चीजें मूड को अच्छा बनाकर आपको रिलैक्स करती हैं, जिससे रात को बेहद अच्छी नींद आती है।

(और पढ़े – अगर आप दूध पीते है तो इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो फायदे की जगह होगा नुकसान…)

गर्भावस्था के समय स्पाइसी या मसालेदार भोजन करने से बचें

गर्भावस्था के दौरान बहुत सी महिलाओं को सोते समय सीने में जलन या एसिडिटी की समस्या का सामना करना पड़ता है।

अगर किसी स्त्री को यह समस्या हो तो डिनर में स्पाइसी या मसालेदार भोजन करने से बचें। और भोजन करने के तुरंत बाद सोने से बचें। इससे समस्या हो सकती है। भोजन व सोने के बीच दो घंटे का गैप अवश्य रखें।

(और पढ़े – मसालेदार खाना खाने के फायदे और नुकसान…)

गर्भावस्था के दौरान दिन में नैपिंग लेना हेल्थ के लिए अच्छा रहेगा

गर्भावस्था में एक व्यवस्थित जीवन जीएं। मसलन, दिन में नैपिंग लेना हेल्थ के लिए अच्छा रहेगा। वहीं हर दो-तीन घंटे में कुछ न कुछ अवश्य खाएं। लंबे समय तक खाली पेट न रहें। आपको शायद पता न हो लेकिन यह सब चीजें स्लीप क्वालिटी पर प्रभाव डालती हैं।

(और पढ़े – गर्भावस्था के दौरान खाये जाने वाले आहार और उनके फायदे…)

गर्भावस्था के दौरान स्लीपिंग पॉजिशन पर ध्यान देना है जरूरी

एक अच्छी दिनचर्या के साथ गर्भावस्था में स्लीपिंग पॉजिशन एक अहम रोल निभाती है। गलत तरीके से सोने पर नींद तो प्रभावित होती है ही, साथ ही भ्रूण पर भी विपरीत असर पड़ता है। इतना ही नहीं, गर्भावस्था का समय बीतते के साथ-साथ पेट के बल लेटने से परहेज करें। दरअसल, इस तरह से सोने पर सांस लेने में काफी तकलीफ होती है।

(और पढ़े – सोने के तरीके बताते हैं महिलाओं का स्वभाव…)

प्रेगनेंसी में कैसे सोना चाहिए – Pregnancy Me Kaise Sona Chahiye In Hindi

गर्भावस्था के दौरान बायीं तरफ सोना सर्वोत्तम माना जाता है क्योंकि इससे रक्त परिसंचरण में सुधार होता है। वैसे किसी भी महिला को उस तरफ सोना चाहिए, जो उसके पेट को सपोर्ट करे और सोते समय पेट में किसी भी तरह के दर्द या असहजता का अनुभव न हो।

वहीं गर्भावस्था में सोते समय करवट लेते समय या एक पॉजिशन से दूसरी पॉजिशन में जाते समय कभी भी एकदम से झटका नहीं देना चाहिए। यह परेशानी खड़ी कर सकता है।

(और पढ़े – प्रेगनेंसी के आठवें महीने की जानकारी और केयर टिप्स…)

प्रेगनेंसी के समय सोने में मदद करते हैं विशेष तकिए – Pregnancy Takiya In Hindi

हर व्यक्ति अपनी सुविधानुसार रात को सोते समय छोटे-बडे़ तकिए का इस्तेमाल करता है या फिर बहुत से लोग तकिए का इस्तेमाल करना पसंद नहीं करते। लेकिन अगर किसी गर्भवती स्त्री को रात्रि को सोने में परेशानी हो तो तकिए का इस्तेमाल करना अच्छा विचार हो सकता है।

दरअसल, गर्भावस्था के लिए बाजार में अलग से तकिए उपलब्ध हैं। डाॅक्टर की सलाह पर उसका इस्तेमाल करके रात्रि में होने वाली परेशानी को न्यूनतम किया जा सकता है। इतना ही नहीं, तकिए की स्थिति भी स्त्री की शारीरिक समस्या पर निर्भर करती है।

जिस महिला को गर्भावस्था में सीने में जलन या एसिडिटी की समस्या हो, उन्हें शरीर के उपरी हिस्से में तकिए का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे एसिड उपर नहीं आता और महिला को अपनी स्थिति से काफी राहत मिलती है। हालांकि इस तरीके का प्रयोग तभी करें, जब आपको सोते समय कंफर्टेबल महसूस हो।

तकिए के प्रयोग के पीछे का मुख्य उद्देश्य गर्भवती स्त्री को नींद के दौरान होने वाली परेशानियों को न्यूनतम करना है। इसलिए किसी भी तकिए का प्रयोग करने के पहले उसे एक बार इस्तेमाल अवश्य करके देखें। जब आप खुद को आरामदायक स्थिति में पाएं, तभी प्रेगनेंसी के समय उसका रेग्युलर इस्तेमाल करें।

(और पढ़े – प्रेगनेंसी के नौवे महीने में रखें इन बातों का ध्यान…)

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