Pregnancy Test Negative Kyu Aata Hai: प्रेगनेंसी टेस्ट नेगेटिव आने का मतलब है, महिला को कई प्रकार की चिंता का होना। एक महिला के लिए सबसे ज्यादा चिंताजनक बात तब होती है जब उसकी पीरियड की डेट आने के बाद भी उसे पीरियड्स नहीं होते हैं और जब वह प्रेग्नेंसी टेस्ट करती है तो वह भी निगेटिव आता है।
मां बनाना हर महिला का सपना होता है और वह अपने इस सपने को साकार करना चाहती है। चाहे आप बच्चे के लिए ट्राई कर रही हों या नहीं, लेकिन पीरियड्स समय पर न होने और प्रेग्नेंसी टेस्ट नेगेटिव आने की स्थति में अपने डॉक्टर से सम्पर्क अवश्य करें।
प्रेग्नेंसी टेस्ट नेगेटिव आना निश्चित रूप से उस महिला के लिए बुरी खबर है, जो प्रेग्नेंट होना चाहती है।
कई महिलाओं को तब बहुत आश्चर्य होता है जब प्रेग्नेंसी टेस्ट करने पर उसके परिणाम नेगेटिव आते है बावजूद इसके कि उनका पीरियड नहीं आया है। यह बात एक महिला के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है कि आखिर प्रेग्नेंसी टेस्ट नेगेटिव आने के क्या कारण हो सकते है। और प्रेग्नेंसी टेस्ट नेगेटिव कब आता है आइए हम आपको इस लेख में बताते है कि ऐसे कौन से कारण हैं जिसकी वजह से प्रेग्नेंसी टेस्ट नेगेटिव आता है।
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नेगेटिव प्रेग्नेंसी टेस्ट के साथ मिस्ड पीरियड्स आखिर ऐसा क्यूँ होता है, इसके पीछे कुछ कारण होते हैं। ऐसा केवल आपके साथ ही नहीं होता बल्कि बहुत बार बहुत सारी महिलाओं के साथ ऐसा होता है जिसके पीछे पीसीओएस, तनाव, एफएसएच, ज्यादा जल्दी टेस्ट कर लेना आदि समस्याओं को प्रमुख माना जाता है।
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गर्भवस्था परीक्षण के परिणाम नेगेटिव आने का सीधा सा मतलब यह होता है कि आप प्रेग्नेंट नही है, आपके पीरियड न होने के कोई और कारण हो सकते है। यह मोटापा, तनाव, हार्मोनल असंतुलन, डिप्रेशन और लाइफ स्टाइल से संबंधित समस्याओं के कारण या अन्य किंही कारणों की वजह से हो सकता है।
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प्रेग्नेंसी टेस्ट नेगेटिव का कारण फाल्स प्रेग्नेंसी भी हो सकती है। प्रेग्नेंसी टेस्ट नेगेटिव तब भी आता है जब अस्थानिक गर्भावस्था (ectopic pregnancy) हो गयी हो या शरीर में एचसीजी हार्मोन की मात्रा बहुत ही कम हो। अस्थानिक गर्भावस्था होना किसी महिला के लिए गंभीर चिंता का कारण हो सकती है और इस मामले में महिला को तुरन्त डाक्टर से परामर्श लेना चाहिए। एक्टोपिक गर्भधारण दुर्लभ हैं – 40 में से लगभग 1, लेकिन वे घातक हो सकते हैं। गर्भावस्था से संबंधित मौतों में से 9 प्रतिशत अस्थानिक गर्भावस्था के कारण हैं।
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प्रेग्नेंसी टेस्ट के नेगेटिव आने का एक और मुख्य कारण यह भी है की आपने घर पर प्रेगनेंसी चेक करने वाली प्रेग्नेंसी टेस्ट किट का प्रयोग प्रेग्नेंसी का पता लगाने के लिए काफी जल्दी कर लिया हो, जिससे पर्याप्त मात्रा में एचसीजी हार्मोन न होने के कारण प्रेग्नेंसी टेस्ट किट का रिजल्ट नेगेटिव आया हो लेकिन यदि आप गर्भवती है तो कुछ समय बाद एचसीजी हार्मोन का स्तर बाद में शरीर में बढ़ जाता है।
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प्रेग्नेंसी टेस्ट उन महिलाओं में भी नेगेटिव आता है जिन्होंने हाल ही में अपनी मौखिक गर्भनिरोधक दवाओं को लेना बंद किया हो। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनके शरीर को कुछ नए कार्य को समायोजित करने में समय लगता है। और यह पीरियड आने में आसानी से देर या चूक कर देता है।
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कई बार होम प्रेग्नेंसी टेस्ट का सही इस्तेमाल न करना भी प्रेग्नेंसी टेस्ट को नेगेटिव दिखा देता है, अगर आपने यूरीन का नमूना टेस्ट करने के लिए बहुत जल्दी लिया हो या फिर आपने टेस्ट करने से पहले बहुत ज्यादा तरल पदार्थ पिया हो। अधिक पानी या तरल पदार्थ का सेवन मूत्र में एचसीजी होर्मोन की मात्रा को कम कर देता हैं, जिससे प्रेग्नेंसी टेस्ट नेगेटिव आ सकता है। होम प्रेग्नेंसी टेस्ट का इस्तेमाल करने के लिए हमेशा सुबह के पहले पेशाब का इस्तेमाल करना सही माना जाता है।
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एक और कारण है प्रेग्नेंसी टेस्ट के नेगेटिव आने का हो सकता है जब आपके पीरियड नही हुए है वह है, प्री मेनोपॉज। प्री रजोनिवृत्ति को समयपूर्व रजोनिवृत्ति के नाम से भी जाना जाता है और यह पीरियड में देरी या चूक का कारण हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि यह जानने के लिए कि यह प्री मेनोपॉज के कारण हुआ है या नहीं तुरन्त डॉक्टर से संपर्क करें।
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महिलाओं का घर में ही प्रेग्नेंसी टेस्ट सही से उपयोग नहीं करना भी प्रेग्नेंसी टेस्ट नेगेटिव आने की एक बड़ी वजह हो सकती है। क्योंकि अधिकतर महिलाएं किट के बॉक्स पर दी गयी जानकारी और नियमों का पालन नहीं करतीं हैं। टेस्ट के रिजल्ट के लिए आमतौर पर 5 से 10 मिनट का समय निर्धारित किया जाता है, जिसके बाद सही परिणाम स्पष्ट होते हैं। लेकिन कुछ महिलाएं किट में उरीन डालने के कुछ ही मिनटों के बाद परिणाम सही न आने पर किट को फैंक देती है। जिससे सही परिणाम का पता नहीं लग पता है।
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किसी भी महिला में अचानक से नियमित मासिक धर्म का रूक जाना अचानक होने वाली घटना नहीं है। बल्कि यह शरीर में धीरे-धीरे होने वाले परिवर्तनों के कारण होता है। जिसका प्रमुख कारण तनाव को माना जाता है। काम का भारी दबाव, या भारी मानसिक तनाव महिला के मासिक धर्म की नियमितता को प्रभावित कर सकता है। जो महिलाएं इस प्रकार के तनाव का सामना करती हैं उनमें कुछ मासिक अवधि की कमी होने की संभावना अधिक होती है। पीरियड मिस होने की इस प्रकार की समस्या के लिए उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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बहुत सी महिलाओं में पीरियड मिस होने का प्रमुख कारण अधिक व्यायाम को बताया जाता है। अत्याधिक व्यायाम करने से पिट्यूटरी हार्मोन और थॉयरॉयड हार्मोन में परिवर्तन हो सकता है। जिसके परिणाम स्वरूप ओव्यूलेशन और मासिक धर्म में परिवर्तन होता है।
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महिलाओं के दैनिक जीवन शैली में परिवर्तन के कारण भी उनका मासिक चक्र प्रभावित हो सकता है। क्योंकि शेड्यूल बदलने से आपकी बॉडी क्लॉक बंद हो सकती है। यदि आप बार बार काम की शिफ्ट बदलते हैं (दिन से रात) तो इससे भी आपके शरीर में हार्मोन परिवर्तन होना स्वाभाविक है। जो कि पीरियड्स में देरी कर सकता है और पीरियड मिस होने का कारण हो सकता हैं।
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महिलाओं में अधिक वजन, कम वजन या फिर शारीरिक वजन में अचानक होने वाले परिवर्तन पीरियड मिस होने के कारण हो सकते हैं। क्योंकि अधिक मोटापा एस्टोजेन और प्रोजेस्टेरोन को प्रभावित करता है। यहां तक की यह प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करता है। इस तरह से मोटोपे को कम करने से महिलाएं नियमित अवधि प्राप्त कर सकती हैं। लेकिन यदि महिलाओं के शरीर का वजन अचानक से बहुत कम हो जाता है तो यह भी उनके मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकता है।
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पीसीओएस, या पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जो महिलाओं के शरीर में एण्ड्रोजन का उत्पादन बढ़ा सकती है। जबकि एण्ड्रोजन एक पुरुष हार्मोन है जिसके असंतुलन के कारण अंडाशय पर अल्सर होने की संभावना बढ़ जाती है। यह महिलाओं में ओव्यूलेशन को अनियमित बना सकता है या इसे पूरी तरह से रोक सकता है।
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महिलाओं में पीरियड मिस होने का एक प्रमुख कारण स्तनपान कराना भी हो सकता है। स्तनपान कराने के दौरान महिलाओं के पीरियड हल्के या पूरी तरह से खत्म भी हो सकते हैं। कुछ महिलाएं स्तनपान को जन्म नियंत्रण के रूप में भी मानती हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। यहां तक स्तनपान कराने के दौरान यदि पीरियड नहीं आते हैं तब भी महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं। इसलिए यदि आप इस दौरान गर्भधारण नहीं करना चाहती हैं तो जन्म नियंत्रण के दूसरे विकल्पों का उपयोग करें।
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घर पर किट के द्वारा किया जाने वाला प्रेग्नेंसी टेस्ट तभी सही रिजल्ट देता है जब महिला के शरीर में एचसीजी हार्मोन निश्चित स्तर पर होता है। यदि एचसीजी हार्मोन का स्तर इससे कम हुआ तो गर्भावस्था होने के बाद भी रिजल्ट निगेटिव ही आता है। ऐसे में आप कुछ दिनों बाद फिर से नयी टेस्ट किट के साथ प्रेगनेंसी टेस्ट करें।
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कुछ मामलों में, एक अनियमित मासिक धर्म चक्र के कारण किसी महिला का पीरियड मिस हो सकता है। यह अनियमितता एक ओवुलेशन विकार, अधिक तनाव, नींद की कमी या चिंता के कारण हो सकती है। इसके अलावा अपने तनाव प्रबंधन पर भी ध्यान देना चाहिए। तनाव को कम करने से महिलाएं फिर से नियमित मासिक धर्म प्राप्त कर सकती हैं।
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सामान्य रूप से महिलाओं में पीरियड मिस होना गंभीर समस्या हो सकती है। इस स्तिथ में आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि आपके 1 या 2 पीरियड मिस हो गए हैं या आपको इनके मिस होने का कारण भी पता है। तब भी आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इसके अलावा पीरियड मिस होने के साथ ही आपको निम्न लक्षणों का अनुभव हो तब भी आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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