गर्भावस्था का तीसरा हफ्ता प्रेगनेंट महिला के लिए कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण होता है। वास्तव में थर्ड वीक की प्रेगनेंसी के दौरान ही स्पर्म एक से मिलता है और एम्ब्रियो का निर्माण करता है। महिलाओं को गर्भावस्था के तीसरे हफ्ते में दूसरे सप्ताह के मुकाबले ज्यादा बदलाव नजर आते हैं। इसलिए प्रेगनेंसी का तीसरा हफ्ता प्रेगनेंट महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको प्रेगनेंसी के तीसरे हफ्ते के लक्षण और होने वाले परिवर्तनों के बारे में जानकारी देंगे।
थर्ड वीक ऑफ प्रेगनेंसी में कुछ लक्षण भी नजर आते हैं जो गर्भधारण का एहसास कराते हैं जिससे महिलाओं को प्रेगनेंट होने की खुशी होती है। तीसरे हफ्ते की प्रेगनेंसी इसलिए भी अहम होती है क्योंकि इस हफ्ते जब भ्रूण डेवलप होना शुरू होता है तो गर्भवती महिला के शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों की जरुरत होती है और इस हफ्ते से ही आपको अपने खानपान में बदलाव कर लेना चाहिए।
यदि आप 3 सप्ताह की गर्भवती हैं, तो आप अपनी गर्भावस्था के पहले महीने में हैं। आंगे के लिए केवल 8 महीने बचे हैं! यदि आपका अभी भी कोई प्रश्न हैं? तो जानें गर्भावस्था में कितने सप्ताह, महीने और trimesters होते हैं।
प्रेगनेंसी के तीसरे हफ्ते में शुक्राणु कोशिका (sperm cell) अंडे को खोज लेता है और फेलोपियन ट्यूब में जाने के लिए तैयार हो जाता है। आमतौर पर अगले पीरियड के दो हफ्ते पहले ओवरी अंडे रिलीज करती है और सेक्स के बाद स्खलन से निकले स्पर्म सेल जो पांच दिनों तक जिंदा रहते हैं, अंडे से मिल जाते हैं। गर्भावस्था के तीसरे सप्ताह में स्पर्म अंडे के साथ निषेचित होकर कुछ दिनों बाद यूटेरिन ट्यूब (uterine tube) से गर्भाशय में पहुंच जाता है और वहां बॉल के आकार के सैकड़ों छोटी कोशिकाओं का निर्माण करता है जिसे ब्लास्टोसिस्ट कहते हैं।
फिर यह यूटेरिन वॉल के श्लेष्म झिल्ली से जुड़ता है और पोषक तत्वों एवं ऑक्सीजन को ग्रहण करता है। इसके बाद ब्लास्टोसिस्ट कोशिकाएं प्लेसेंटा यानी भ्रूण में विकसित होने लगती हैं और आपका नेस्ट पीरियड रुक जाता है। इस तरह प्रेगनेंसी हफ्ते दर हफ्ते आगे बढ़ती है।
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3 सप्ताह गर्भावस्था के लक्षण बहुत सारे होते हैं। यदि महिला तीन सप्ताह की गर्भवती है तो प्रेगनेंसी हार्मोन में बदलाव के कारण उसमे गर्भावस्था के संकेत नजर आते हैं। आमतौर पर थर्ड वीक प्रेगनेंसी में निषेचित अंडा गर्भाशय में प्रत्यारोपित (implant) हो जाता है जिसके कारण बॉडी में हार्मोन का स्तर बदल जाता है और इसके कारण बहुत से लक्षण सामने आते हैं। आइये जानतें हैं प्रेगनेंसी के तीसरे हफ्ते के लक्षण क्या होते हैं –
प्रेगनेंसी के तीसरे हफ्ते में जब फर्टिलाइज एग गर्भाशय के अंदर जगह बना लेता है तो इस दौरान प्रेगनेंट महिला को हल्की इंप्लांटेशन ब्लीडिंग होती है जो पीरियड से बिल्कुल अलग होती है।
गर्भावस्था के तीसरे सप्ताह में बॉडी में प्रेगनेंसी हार्मोन एचसीजी (वह हार्मोन जो आपके रक्त या मूत्र में पाया गया है, जो आपको बताता है कि आप गर्भवती हैं) बनने लगता है जिसके कारण पूरे दिन मितली या उबकाई आती है। इसके साथ ही मॉर्निंग सिकनेस का भी अनुभव होता है और महिला को गर्भधारण की फीलिंग होने लगती है।
तीसरे हफ्ते की प्रेगनेंसी के दौरान स्तन के निप्पल का रंग गहरा हो जाता है और ब्रेस्ट में हल्का दर्द होता है। वास्तव में गर्भवती महिला का शरीर ब्रेस्ट में मिल्क बनाने के लिए तैयार हो रहा होता है जिसके कारण ब्रेस्ट में इस तरह के बदलाव नजर आते हैं।
यदि किसी महिला की मेंस्ट्रुअल साइकिल 28 दिनों से कम की है तो गर्भावस्था के तीसरे हफ्ते में महिला का पीरियड रुक सकता है और यह प्रेगनेंसी के सबसे बड़े लक्षणों में से एक है। हालांकि प्रेगनेंसी टेस्ट के बाद ही गर्भधारण की पुष्टि हो सकती है क्योंकि कुछ महिलाओं का पीरियड दूसरे कारणों से भी रुक सकता है।
हल्की ऐंठन गर्भावस्था का लक्षण हो सकती है, थर्ड वीक प्रेगनेंसी के दौरान हार्मोन के स्तर में परिवर्तन के कारण महिला को हल्की ऐंठन होती है और लाल या गुलाबी डिस्चार्ज होता है।
गर्भावस्था के तीसरे हफ्ते में सूंघने की क्षमता बढ़ जाती है और प्रेगनेंट महिला हर वो फूड नहीं खा पाती जो उसे पहले बहुत पसंद थे। भोजन के दौरान उल्टी आती है और कम खाने का मन करता है या फिर खूब खट्टा, खूब मीठा या खून तीखा के अलावा कुछ अलग टेस्ट की चीजें खाने का मन करता है।
3 वीक प्रेगनेंसी में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन पाचन तंत्र को धीमा कर देता है जिसके कारण पेट फूलने या पेट में सूजन की समस्या का सामना करना पड़ता है।
प्रेगनेंसी के तीसरे हफ्ते के लक्षण में हार्मोन लेवल चेंज होने के कारण गर्भवती महिला के मुंह का स्वाद बिगड़ जाता है और उसे खाने पीने वाली ज्यादातर चीजें फीकी लगती हैं। इस दौरान खट्टे फलों का जूस या खट्टी कैंडी खाने से मुंह का स्वाद ठीक रहता है।
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प्रेगनेंसी के तीसरे वीक में भी आप सामान्य रुप से वैसे ही सेक्स कर सकती हैं जैसे की आप पहले करती थीं। गर्भधारण के बाद तीसरे हफ्ते में शारीरिक संबंध बनाने में कोई परेशानी नहीं होती है। जब तक गायनेकोलॉजिस्ट मना न करें, तब तक प्रेगनेंसी के बाद भी आपको अपनी सेक्स लाइफ नॉर्मल ही रखनी चाहिए।
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गर्भावस्था के तीसरे हफ्ते में महिला का पेट नहीं बढ़ता है क्योंकि इस दौरान भ्रूण का महज विकास होना शुरू होता है। हालांकि थर्ड वीक की प्रेगनेंसी में शरीर में कुछ बदलाव जरुर महसूस होते हैं जिससे महिला को हमेशा यह फीलिंग रहती है कि वह प्रेगनेंट है। अगर तीसरे हफ्ते के गर्भावस्था में पेट निकलने की बात करें तो प्रेगनेंट महिला का हल्का सा वजन बढ़ जाता है जिसके कारण उसे अपना शरीर भारी महसूस होता है। इसके साथ ही प्रेगनेंसी हार्मोन के कारण पेट फूलने या पेट में सूजन की समस्या रहती है जिसके कारण कुछ महिलाएं इसे पेट निकलना मान लेती हैं जबकि यह एक भ्रम है। आमतौर पर प्रेगनेंसी के 12वें हफ्ते में गर्भवती महिला का पेट निकलना शुरू होता है।
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तीसरे हफ्ते में भ्रूण का विकास शुरू हो जाता है। प्रेगनेंसी के तीसरे सप्ताह में निषेचित अंडा गर्भाशय में पहुंच कर ब्लास्टोसाइट या ब्लास्टोसिस्ट बन जाता है। ब्लास्टोसिस्ट छोटी छोटी कोशिकाओं का एक समूह होता है और इसका आकार पिन के हेड (pinhead) यानी सौ उत्तकों के एक बॉल की तरह होता है। इसका अर्थ यह है कि गर्भावस्था के तीसरे हफ्ते में आपके शिशु का आकार पिन हेड के बराबर होता है। इसके बाद यह डेवलप होने लगता है और फिर प्लेसेंटा प्रेगनेंसी हार्मोन एचसीजी का निर्माण करता है। इस हार्मोन के कारण ओवरी से अंडे रिलीज होना बंद हो जाते हैं और एस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन के कारण भ्रूण का आकार धीरे-धीरे बढ़ने लगता है।
तीन हफ्ते की प्रेगनेंसी में अल्ट्रासाउंड कराना थोड़ी जल्दबाजी हो सकती है। आमतौर पर गर्भावस्था के तीसरे सप्ताह में अल्ट्रासाउंड में कुछ भी पता (detect) नहीं चल पाता है क्योंकि इस दौरान फर्टिलाइज एग नमक के एक दाने से भी छोटा होता है। ज्यादातर गायनेकोलॉजिस्ट 8 हफ्तों की प्रेगनेंसी के बाद गर्भवती महिला को अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह देती हैं।
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गर्भावस्था के तीसरे हफ्ते में प्रेगनेंसी टेस्ट किया जा सकता है। लेकिन जरुरी नहीं है कि थर्ड वीक में ही आपको अपनी प्रेगनेंसी पता चल जाए। आमतौर पर गर्भावस्था के तीसरे हफ्ते में प्रेगनेंट महिला के शरीर में एचसीजी हार्मोन (hCG hormone) का स्तर बहुत ही कम होता है जिसके कारण प्रेगनेंसी टेस्ट करने के बाद भी गर्भधारण का पता नहीं चल पाता है। लेकिन कुछ अच्छे ब्रांड के हाई सेंसिटिव प्रेगनेंसी टेस्ट किट्स से गर्भावस्था के तीसरे हफ्ते में ही गर्भधारण का पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा तीसरे हफ्ते के गर्भावस्था में ब्लड टेस्ट के जरिए भी एचसीजी हार्मोन को डिटेक्ट करके प्रेगनेंसी का पता लगाया जा सकता है।
गर्भावस्था में उचित खानपान लेना बेहद जरूरी है। वैसे तो पूरी प्रेगनेंसी के दौरान ही महिला को संतुलित आहार लेने की जरुरत होती है लेकिन प्रेगनेंसी के थर्ड वीक से अच्छी डाइट शुरु करना बेहद जरुरी होता है क्योंकि तीसरे सप्ताह से ही भ्रूण डेवलप होना शुरु हो जाता है। थर्ड वीक प्रेगनेंसी में निम्न आहार लेने चाहिए:
कैल्शियम: थर्ड वीक प्रेगनेंसी में कैल्शियम युक्त आहार जैसे दूध, दही, शीशम, सोयाबीन और चीज का भी खूब सेवन करना चाहिए। इनमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है जो प्रेगनेंसी के दौरान आवश्यक होता है। साथ ही फल एवं जूस लेते रहें।
सब्जिया: गहरे हरे रंग की सब्जियों जैसे बीन्स, मटर, स्टार्ची वेजीटेबल, लाल और नारंगी सब्जियों में पर्याप्त मात्रा में फोलिक एसिड पाया जाता है जो भ्रूण के विकास में मदद करता है।
प्रोटीन: तीसरे सप्ताह के गर्भावस्था में मीट, अंडे और दालों को पर्याप्त मात्रा में लेना चाहिए। ये प्रोटीन के अच्छे स्रोत होते हैं।
ओमेगा 3 फैटी एसिड: प्रेगनेंसी के तीसरे हफ्ते से ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन शुरु कर देना चाहिए। सी फूड ओमेगा 3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत है।
फाइबर: थर्ड वीक ऑफ प्रेगनेंसी की डाइट में होल ग्रेन जैसे ब्राउन राइस, ह्वीट, ओट्स, जौ, पास्ता, ब्राउन ब्रेड आदि को शामिल किया जाता है। ये फाइबर के अच्छे सोर्स हैं।
फोलिक एसिड: शिशु को जन्म दोष जैसे स्पाइन बिफिडा (spina bifida) से बचाने के लिए गर्भावस्था के तीसरे हफ्ते से ही फोलेट सप्लीमेंट्स, फोर्टिफाइड अनाज, ब्रोकली, काले, बीन्स और मटर लेना शुरु कर देना चाहिए।
आयरन: प्रेगनेंसी के दौरान आयरन हर महिला के लिए बेहद जरुरी होता है। तीसरे हफ्ते के गर्भावस्था से ही बीफ, पोर्क, चिकन और मछली खाना शुरू कर देना चाहिए। इनमें भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है।
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प्रेग्नेंसी कंफ़र्म करने के लिए अभी भी जरुरी गर्भावस्था हार्मोन मानव कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) का पर्याप्त उत्पादन करने में एक सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। यदि आप होम प्रेगनेंसी टेस्ट करतीं हैं और उसके परिणाम नेगेटिव आते हैं तो निराश होने की जरुरत नहीं हैं, कुछ दिनों बाद में फिर से टेस्ट करें।
गर्भावस्था का तीसरा हफ्ता वह समय होता है जब अधिकतर महिलाओं को प्रेगनेंट होने का पता चलता है। इस दौरान मां के शरीर में परिवर्तन के साथ बच्चे का विकास भी शुरू हो जाता है। प्रेगनेंसी का तीसरा हफ्ता आने तक महिलाओं की जीवन शैली में काफी परिवर्तन आ जाता है। आपनें इस लेख को पढ़कर इस हफ्ते में क्या-क्या लक्षण होते हैं जान लिए होगें। प्रेगनेंसी के तीसरे हफ्ते में डायट का विशेष ध्यान रखें। प्रेगनेंसी का तीसरा हफ्ता बहुत अहम होता है। इस सप्ताह आपके शरीर में बाहरी बदलाव नहीं दिखाई देते हैं। लेकिन अंदरूनी बदलावों का अहसास आपको बखूबी होने लगता है, इसलिए आपना धयान रखें और खुश रहें।
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