Pregnant Hone Me Kitna Samay Lagta Hai यह कहना असंभव है कि गर्भवती (pregnant) होने में कितना समय लगता है क्योंकि यह समय प्रत्येक महिला के लिए अलग-अलग हो सकता है। गर्भवती (pregnant) होने में कितना समय लगता है? यह काफी मुश्किल सवाल है। क्योंकि कोई भी इस सवाल का सटीक उत्तर नहीं दे सकता है। लेकिन आप इस लेख के माध्यम से जान सकते हैं कि आमतौर पर किसी महिला को गर्भधारण करने में कितना समय लगता है।
बांझपन (Infertility) चिकित्सा से सम्बंधित एक स्थिति है, जो लाखों जोड़ों को प्रभावित कर सकती है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान रूप से प्रभावित करती है। कोशिश किए जाने पर अधिकांश जोड़े केवल तीन महीने के भीतर गर्भवती (pregnant) हो जाते हैं। यदि जोड़ो की उम्र अधिक बहुत अधिक है, तो गर्भवती होने का समय लम्बा हो सकता है, कुछ जोड़े बुरी आदतों (जैसे नशे का सेवन) के कारण प्रजनन क्षमता (Fertility) को कम कर लेते हैं।
विषय सूची
1. गर्भधारण की संभावनाओं को प्रभावित करने वाले कारक – factors affecting ovulation in Hindi
2. गर्भधारण करने में कितना समय लगता है – how long does it take to get pregnant in Hindi
3. क्या उम्र गर्भवती होने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है – Can age affect the ability to become pregnant in Hindi
4. बांझपन का कारण – Causes of Infertility in Hindi
5. बांझपन का इलाज – Infertility treatment in Hindi
ऐसे कई कारक है जो गर्भधारण (ovulation) की संभावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं, जिसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हैं:
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अधिकांश जोड़े (लगभग 84%) जो नियमित यौन संबंध रखते हैं और गर्भनिरोधक का उपयोग नहीं करते हैं, वे 1 वर्ष के भीतर गर्भावस्था प्राप्त कर लेते हैं।
उम्र अधिक होने पर या बूढ़े होने पर महिलाओं की प्रजनन क्षमता कम हो जाती हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि नियमित रूप से असुरक्षित यौन संबंध रखने वाले जोड़ों में गर्भ धारण (ovulation) का समय इस प्रकार है:
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जिन जोड़ों की उम्र 35 वर्ष से अधिक होती हैं, उनको चिकित्सा सहायता लेने से पहले गर्भवती (pregnant) होने के लिए केवल छह महीने का प्रयास करना चाहिए। और यदि उम्र 40 वर्ष या उससे अधिक है, तो बच्चे के लिए प्रयास करने का निर्णय लेने से पहले चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए।
गर्भवती होने की संभावना में आपकी आयु एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 20 वर्ष की उम्र के बाद एक महिला की प्राकृतिक प्रजनन क्षमता (natural fertility) धीरे-धीरे घटने लगती है। क्योंकि उसके पास अण्डों की संख्या कम (fewer eggs) होती है, और जो बचे हुए अंडे होते हैं उनकी गुणवत्ता (quality) उम्र बढ़ने के साथ कम होती जाती है।
35 साल के बाद अंडे की बहुत ज्यादा कमी आ जाती है और 40 साल बाद गर्भावस्था को प्राप्त करने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
ह्यूमन फर्टिलाइजेशन और भ्रूणविज्ञान प्राधिकरण (Human Fertilization and Embryology) के अनुसार 35 वर्ष की 95% महिलाएं नियमित रूप से असुरक्षित यौन संभोग रखते हुए लगभग तीन साल के बाद गर्भवती हो सकती हैं, लेकिन 38 वर्ष की केवल 75% महिलाएं ही प्रेगनेंट होने में सफल हो पाती हैं।
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बांझपन (Infertility) के बहुत से कारण हो सकते हैं। मुख्य रूप से डॉक्टर बांझपन के निम्न कारकों की तलाश कर सकते हैं।
डॉक्टर महिला बांझपन के कारणों का पता लगाने के लिए, अंडाशय (ovaries), अंडे, फैलोपियन ट्यूब (fallopian tubes) और गर्भाशय (uterus) की असामान्यताओं की जाँच करता है। महिलाओं में बांझपन का सबसे सामान्य कारण अनियमित (irregular) या अनुपस्थित अंडाशय होता है।
एक महिला भी फैलोपियन ट्यूब (fallopian tubes) को अवरुद्ध या गर्भाशय (uterus) में संरचनात्मक समस्याओं को उत्पन्न कर सकती है। ये स्थितियां शुक्राणु को अंडे से मिलने या निषेचित अंडे (fertilized egg) को गर्भाशय में स्थापित करने से रोक सकती हैं। इसके अतिरिक्त महिलाओं में हार्मोनल या जेनेटिक असामान्यताएं (genetic abnormalities) भी हो सकती हैं, जो बांझपन या बार-बार गर्भपात का कारण बनती हैं।
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शुक्राणु कोशिकाओं (sperm cells) के साथ उत्पन्न कोई भी समस्या पुरुष बांझपन (Infertility) का कारण बन सकती है। शुक्राणु कोशिकाओं (sperm cells) से सम्बंधित कोई भी समस्या का निदान करने के लिए डॉक्टर शुक्राणु कोशिकाओं की संख्या, गतिशीलता और पुरुष द्वारा उत्पन्न सामान्य शुक्राणु कोशिकाओं के प्रतिशत का मापन कर सकता है।
इनमें से किसी भी प्रकार के कारक में असामान्यता पुरुष बांझपन (Infertility) का कारण बन सकती है। पुरुष बांझपन के कारण अलग-अलग होते हैं, लेकिन वे संरचनात्मक, हार्मोनल, अनुवांशिक और चिकित्सकीय कारणों से सम्बंधित हो सकते हैं।
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लगभग 5 से 10 प्रतिशत जोड़े अस्पष्ट बांझपन (unexplained infertility) से पीड़ित होते हैं। इसका मतलब है, कि डॉक्टर सम्बंधित जोड़े में बांझपन का कारण ढूंढने में असमर्थ रहते हैं। यह सम्बंधित जोड़ों के लिए काफी निराशाजनक बात होती है, क्योंकि इस स्थिति में बांझपन को दूर करने के लिए कोई उपचार नहीं किया जा सकता है।
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कुछ जोड़ों में पुरुष कारक और मादा कारक दोनों बांझपन (Infertility) का कारण होते हैं। उदाहरण के लिए किसी जोड़े में से पुरुष के पास शुक्राणु की संख्या कम हो सकती है और महिला में अवरुद्ध फलोपियन ट्यूब (blocked fallopian tube) पाई जा सकती है। गर्भ धारण करने के लिए इस प्रकार के जोड़ों को आमतौर पर चिकित्सकीय मदद की ज़रूरत होती है।
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बांझपन (Infertility) का इलाज करने के लिए बहुत से विकल्प उपलब्ध हैं। बांझपन की स्थिति, आयु और बजट के अनुसार डॉक्टर इसके इलाज को निर्धारित कर सकते हैं। मुख्य रूप से बांझपन का उपचार करने के लिए डॉक्टर निम्न तरीकों की सिफारिश कर सकता है।
यह सभी उपलब्ध बांझपन के उपचार में से सबसे सरल तरीका है। यह उन महिलाओं के लिए उपयुक्त है, जो अंडोत्सर्ग (ovulate) नहीं करती हैं या जिनके डिंबोत्सर्जन (ovulation) का पता लगाने में कठिनाई होती है।
चिकित्सक महिला को अंडोत्सर्ग (ovulate) बनाने के लिए दवा देगा या फिर प्राकृतिक अंडाशय की जाँच करेगा। अतः इस उपचार के तहत डिंबोत्सर्जन का सही समय आने पर अगले कुछ दिनों में यौन संबंध बनाने के लिए निर्देश दिया जाता है। यदि इसके तहत कोई महिला कुछ चक्रों (महीनों) में गर्भवती नहीं होती है, तो डॉक्टर अधिक प्रभावशाली उपचार की सिफारिश कर सकता है।
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अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (intrauterine insemination) के दौरान, किसी जोड़े में से पुरुष साथी, एक शुक्राणु नमूना उत्पन्न करता है। अतिरिक्त कोशिकाओं को हटाने के लिए इस नमूने को विशेष रूप से धोया जाता है। फिर डॉक्टर सम्बंधित महिला के गर्भाशय में एक छोटा कैथेटर (catheter) स्थापित करता है। अंत में, शुक्राणु को कैथेटर (catheter) के माध्यम से गर्भाशय में प्रवेश कराया जाता है या इंजेक्शन (injections) दिया जाता है। यह उपचार प्राकृतिक रूप से अंडोत्सर्ग के दौरान या डिंबोत्सर्जन (ovulation) के लिए दवा लेने के दौरान किया जा सकता है।
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इस प्रक्रिया के तहत महिला को अंडाशय में बहुत सारे अंडे बनाने में मदद करने के लिए इंजेक्शन (injections) की एक श्रृंखला दी जाती है। उन अंडे के परिपक्व (mature) या तैयार होने के बाद, उन्हें एक साधारण शल्य चिकित्सा की मदद से अंडाशय से बाहर निकाल दिया जाता है।
प्रयोगशाला में उस महिला के साथी के शुक्राणु के साथ इन अंडे को निषेचित (fertilized) किया जाता है। अतः इस तरह निषेचित अंडे को भ्रूण के रूप में जाना जाता है, जिसे कुछ दिनों तक प्रयोगशाला में विकसित होने दिया जाता है। तीन या पांच दिनों के बाद, एक या दो अच्छी गुणवत्ता वाले भ्रूण (embryos) को एक प्रक्रिया के माध्यम से महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
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थर्ड पार्टी प्रजनन प्रक्रिया के तहत प्रेगनेंट या गर्भवती होने के लिए किसी तीसरे व्यक्ति का उपयोग करना शामिल है। यह तीसरा व्यक्ति एक शुक्राणु दाता, एक अंडे दाता (egg donor) या एक गर्भावस्था धारण करने वाला हो सकता है।
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