PCOD me pregnancy in Hindi पीसीओएस यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS-polycystic ovarian syndrome) की वजह से बांझपन या इनफर्टिलिटी की समस्याएं तेज़ी से बढ़ रही हैं। यदि आपको पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम है जिसे आमतौर पर पीसीओएस के रूप में जाना जाता है तो यह गर्भवती होने के लिए एक चुनौती उत्पन्न कर सकता है। इस समस्या से महिलाओं को अनियमित पीरियड्स और गर्भधारण करने में समस्याएं उत्पन्न होती हैं। पीसीओएस (Polycystic ovarian syndrome) एक तरह की स्थिति है जिसकी वजह से हार्मोनल असंतुलन और मेटाबोलिज्म डिसऑर्डर की समस्या उत्पन्न होती है। पीसीओएस के साथ गर्भवती होना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, इस समस्या से महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या उत्पन्न होती है, लेकिन सही समय पर और सही तरीके से उपचार किए जाने के बाद आप पीसीओएस के साथ माँ बन सकती हैं।
पीसीओएस एक ऐसी सामान्य स्वास्थ्य स्थिति है जिससे भारत में प्रसव उम्र की 5 से 10 प्रतिशत महिलाएं पीड़ित होती है। पीसीओएस की वजह से महिलाओं में अन्य गंभीर बीमारियाँ पैदा होने की संभावना भी रहती है जिसमें शामिल है डायबिटीज, हृदय संबंधी समस्याएं, अवसाद और एंडोमेट्रियल कैंसर जैसी बीमारियाँ जिनसे जान का जोखिम भी हो सकता है। यदि किसी महिला को पीसीओएस की समस्या है तो उन्हें गर्भवती होने में भी समस्या होगी इसकी पूरी संभावना रहती है, क्योकि पीसीओएस की स्थिति महिलाओं में बांझपन (infertility) की समस्या उत्पन्न करती है और यदि कोई महिला इस स्थिति के साथ गर्भवती हो भी जाती है तो उनके साथ अन्य तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है जैसे उनको गर्भावस्था और प्रसव (delivery) के दौरान अधिक जटिलताओं का खतरा बना रहता है।
पीसीओएस की समस्या वाली महिलाओं में गर्भपात (miscarriage) होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है। इन महिलओं में प्रीक्लेम्पसिया (preeclampsia), गर्भकालीन मधुमेह (gestational diabetes) जैसी बीमारियाँ विकसित होने की अधिक संभावना होती हैं, और कई बार सामान्य से बड़ा बच्चा पैदा होना और समय से पहले प्रसव होने की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। इससे प्रसव या सिजेरियन डिलीवरी के दौरान भी कई तरह की कठिनाई होती है।
विषय सूची
1. पीसीओएस के कारण उत्पन्न होने वाली समस्यांए – PCOS complications in Hindi
2. प्रजनन क्षमता पर पीसीओएस का प्रभाव – Effect of PCOS on Fertility in Hindi
3. प्राकृतिक तरीके से पीसीओएस के साथ गर्भवती होने के घरेलू उपाय – How to get pregnant with pcos naturally tips in Hindi
पीसीओएस के साथ महिलाओं में जीवन भर कई चिकित्सा जटिलताओं के विकास होने का खतरा होता है, जिसमें शामिल हैं-
इसलिए इस समस्या का इलाज पूरी तरह से संभव तो नहीं है, परन्तु कुछ घरेलू उपाय अपनाकर आप प्राकृतिक तरीके से गर्भवती हो सकती है। इसलिए आज इस लेख में हम जानेंगे की पीसीओएस के साथ प्राकृतिक तरीके से गर्भवती होने के कुछ घरेलू उपाय।
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यदि आपको पीसीओएस है, तो आपके शरीर में पुरुष हार्मोन, जिसे एण्ड्रोजन (androgens) कहा जाता है, की अधिकता पायी जाती है। जबकि कम मात्रा में सभी महिलाओं के अंडाशय एण्ड्रोजन का उत्पादन करते हैं, एण्ड्रोजन का अधिक मात्रा में बनना अन्य प्रजनन हार्मोन के संतुलन को परेशान करता है, जैसे कि एस्ट्रोजन (estrogen) और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (luteinizing hormone)। ये हार्मोन हर महीने महिला के शरीर में अंडे के विकास और परिपक्वता के लिए आवश्यक होते हैं। यदि आप अंडाशय से एक परिपक्व अंडे का उत्पादन और उसे रिलीज नहीं करती हैं, तो आप गर्भवती नहीं हो सकतीं हैं, हर महीने अंडे को रिलीज करने की इस प्रक्रिया को ओव्यूलेशन कहा जाता है। ओव्यूलेशन (ovulation) की कमी, जिसे एनोव्यूलेशन (anovulation) कहा जाता है, पीसीओएस की पहचान में से एक है। जो महिलाएं ओव्यूलेट नहीं करती हैं उनमें अनियमित या अनुपस्थित मासिक धर्म चक्र होते हैं।
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जिन महिलाओं को पीसीओएस की समस्या होती है उन्हें अक्सर यही चिंता होती है की वह गर्भवती कैसे होंगी क्योकि पीसीओएस के साथ यही सबसे बड़ी समस्या उत्पन्न होती है परन्तु चिंता की कोई बात नहीं है कुछ ऐसे घरेलू उपाय भी है जिनकी मदद से आप पीसीओएस होने बाद भी गर्भवती हो सकती है और बिना किसी परेशानी के एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है। तो आईये जानते है ऐसे ही कुछ घरेलू उपचारों के बारे में-
पीसीओएस से संबंधित बांझपन के इलाज के लिए वजन कम करना पहली पंक्ति की चिकित्सा मानी जाती है। “इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ ओबेसिटी” में प्रकाशित पीसीओएस की जुलाई 2002 की समीक्षा बताती है की पीसीओ होने पर लगभग 50 प्रतिशत महिलाएं अधिक वजन या मोटापे के साथ संघर्ष करती हैं। अतिरिक्त वजन पीसीओएस में अधिक प्रजनन मुद्दों का कारण बनता है क्योंकि अतिरिक्त वसा ऊतक इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ावा देता है, जो बदले में अतिरिक्त एण्ड्रोजन उत्पादन को बढ़ावा देता है। पीसीओ के साथ मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में पीसीओ के साथ गैर-महिलाओं की तुलना में एण्ड्रोजन का उच्च स्तर होता है। मार्च 2008 के अंक “फर्टिलिटी एंड स्टेरिलिटी” में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार आपके शरीर के वजन का 5 प्रतिशत कम होने से ओव्यूलेशन फिर से उत्तेजित हो सकता है, जिससे आपको पीसीओएस के साथ प्राकृतिक तरीके से गर्भवती होने का मौका मिल सकता है।
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सही तरह के खाद्य पदार्थ खाने और कुछ नुकसान करने वाले खाद्य पदार्थो से बचने से आपको अपने पीसीओएस के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है। एक पौष्टिक आहार आपके हार्मोन और आपके मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में मदद कर सकता है। परन्तु प्रसंस्कृत (processed), भारी मात्रा में संरक्षित खाद्य पदार्थ (highly preserved food) आपके शरीर में सूजन और इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) की क्षमता को बढ़ा सकते है और आपके लिए समस्या उत्पन्न कर सकते हैं।
आप अपनी डाइट में संपूर्ण खाद्य पदार्थ (whole food) की मात्रा को बढ़ा कर कृत्रिम शर्करा (artificial sugar ) और संरक्षक (preservatives) से मुक्त हो सकती हैं। यह खाद्य पदार्थ एकदम प्राकृतिक, असंसाधित (unprocessed) अवस्था के होते हैं। फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और फलियाँ आदि पूरे खाद्य पदार्थ की श्रेणी में आते है जिन्हें आप अपने आहार में शामिल कर सकती हैं और अपनी डाइट को संतुलित कर सकती हैं।
हार्मोन और परिरक्षकों (preservatives) के बिना, आपका एंडोक्राइन सिस्टम आपके रक्त शर्करा को बेहतर ढंग से नियंत्रित कर सकता है।जिससे आपको पीसीओएस की स्थिति में भी गर्भवती होने में आसानी होगी।
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)कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन दोनों ही आपकी ऊर्जा और हार्मोन के स्तर को प्रभावित करते हैं। प्रोटीन का सेवन करने से आपके शरीर में इंसुलिन का उत्पादन होता है। असंसाधित, उच्च-कार्ब वाले खाद्य पदार्थ इंसुलिन संवेदनशीलता (insulin sensitivity) को सुधार सकते हैं इसलिए कम कार्ब वाले आहार को लेने के बजाय, पर्याप्त स्वस्थ प्रोटीन प्राप्त करना चाहिए।
वह पौधे जिनमे प्रोटीन का स्रोत होता है, जैसे कि नट्स, फलियां और साबुत अनाज यह सभी प्रोटीन के सबसे अच्छे और असरदार स्रोत है इनका सेवन करके आप प्राकृतिक तरीके से गर्भवती हो सकती है।
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पीसीओएस की स्थिति के साथ कुछ महिलाएं अपने पीरियड्स के दौरान भारी रक्तस्राव का अनुभव करती हैं। जिसकी वजह से उनके शरीर में आयरन की कमी या एनीमिया हो सकता है। आप अपने डॉक्टर से सलाह लेकर आयरन की कमी को दूर कर सकती है। आप अपने आहार में आयरन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे पालक, अंडे और ब्रोकोली शामिल कर सकती हैं। यह सभी पदार्थ आयरन के बहुत ही अच्छे स्रोत है जिनसे आप अपने शरीर में आयरन की कमी को पूरा करके प्राकृतिक तरीके से गर्भवती हो सकती है।
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बादाम, काजू, पालक और केले मैग्नीशियम से भरपूर पीसीओएस फ्रेंडली खाद्य पदार्थ हैं। जिनका सेवन करके आप इस पीसीओएस स्थिति में भी आसानी से गर्भवती हो सकती हैं। यह सबसे अच्छा और आसन प्राकृतिक तरीका है।
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उच्च फाइबर युक्त आहार आपके पाचन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। दाल, लिमा बीन्स, ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, नाशपाती, और एवोकाडो यह सभी फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ हैं। जो आपके शरीर को उर्जा प्रदान करेंगे और आप आसानी से पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) के साथ गर्भवती हो पाएंगी।
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पीसीओएस की स्थिति में कॉफ़ी या चाय की जगह आप हर्बल टी ले सकती हैं। यह काफी फायदेमंद हो सकता है गर्भवती होने के लिए क्योकि ग्रीन टी इन्सुलिन प्रतिरोध में सुधार करता है और इससे महिलाओं का वजन भी कम होता है जिससे पीसीओएस की समस्या को कम किया जा सकता है और प्राकृतिक तरीके से गर्भवती होने की संभावना को बढ़ाया जा सकता है।
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दालचीनी पेड़ो की छाल से बनती है। दालचीनी के अर्क का एक सकारात्मक प्रभाव है इंसुलिन प्रतिरोध के लिए। दालचीनी भी पीसीओएस वाली महिलाओं के लिए मासिक धर्म को नियंत्रित करने का काम कर सकती है जिससे महिलओं को गर्भवती होने में आसानी होगी। यह भी एक बहुत अच्छा प्राकृतिक और घरेलू उपाय हो सकता है।
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हल्दी एक बहुत ही अच्छा घरेलू और प्राकृतिक उपचार हो सकता है गर्भवती होने के लिए क्योंकि हल्दी में एक तरह का सक्रिय संघटक (active ingredient) होता है जिसे करक्यूमिन (curcumin) कहा जाता है। यह संघटक इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद करता है। हल्दी के सेवन से कई बीमारियों का इलाज संभव है जिसमे से एक है पीसीओएस।
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जिंक एक ट्रेस एलिमेंट है जो प्रजनन क्षमता और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। जिंक की खुराक अत्यधिक या अवांछित बालों का विकास होने से भी बचाती है। यह एक बहुत ही बेहतर घरेलू उपचार हो सकता है गर्भ धारण के लिए और आप अपने आहार में अधिक जिंक के लिए रेड मीट, बीन्स, ट्री नट्स और सीफूड भी खा सकते हैं। यह सभी पदार्थ जिंक से परिपूर्ण और प्राकृतिक है।
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पीसीओएस में प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण करने का सबसे अच्छा उपाय है माका रूट क्योंकि माका पौधे की जड़ एक पारंपरिक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग प्रजनन क्षमता और कामेच्छा को बढ़ाने के लिए किया जाता है। माका रूट हार्मोन और कोर्टिसोल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह अवसाद के इलाज में भी फायदेमंद है, जो पीसीओएस का सबसे बड़ा लक्षण है। इसका सेवन करके आप आसानी से गर्भवती हो सकती है और यह एक बहुत ही अच्छा घरेलू उपाय भी है।
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अश्वगंधा को “भारतीय जिनसेंग” भी कहा जाता है क्योकि यह कोर्टिसोल के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे तनाव और पीसीओएस के लक्षणों में सुधार किया जा सकता है और आप आसानी से प्राकृतिक तरीके से गर्भवती हो सकती हैं। पीसीओएस के इलाज में यह एक बहुत ही अच्छा विकल्प और घरेलू उपाय है।
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तुलसी का पौधा रासायनिक और मेटाबोलिक तनाव को कम करता है। इसे “जड़ी-बूटियों की रानी” के रूप में जाना जाता है। क्योकि तुलसी आपके रक्त शर्करा को कम करती है, वजन बढ़ने से रोकती है और आपके कोर्टिसोल स्तर को कम करने में मदद करती है। तुलसी एक सबसे अच्छा घरेलू और प्राकृतिक उपाय है पीसीओएस में गर्भवती होने के लिए।
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इन सभी खाद्य पदार्थो को नजरअंदाज करके आप पीसीओएस की वजह से गर्भवती होने में समस्या उत्पन्न करने वाले कारकों से बच सकती है और अपने शरीर को स्वस्थ रख सकती है।
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नियमित रूप से व्यायाम करना एक और सकारात्मक कदम है जो पीसीओ के साथ गर्भवती होने की संभावना बढ़ाने के लिए आप ले सकती है। व्यायाम एक महिला को अपना वजन कम करने और इसे कम बनाये रखने में मदद करता है, जो उसके हार्मोन को विनियमित करने और ओव्यूलेशन की संभावना को बढ़ाने में मदद करता है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्सटेट्रिशियंस एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स 2009 अभ्यास दिशा-निर्देशों में सलाह दी गई है कि पीसीओएस के साथ गर्भधारण करने के लिए महिलाएं ओवुलेशन को उत्तेजित करने के लिए उपचार और वजन घटाने के प्रयास एक साथ शुरू करें। व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने से पहले किसी भी शारीरिक सीमा या स्वास्थ्य समस्याओं जैसे हृदय रोग को ध्यान में रखें। एक नया व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से बात करें।
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