PMS in Hindi प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) महिलाओं से जुड़ी समस्या है। इस समस्या के संबंध में ज्यादातर शोधकर्ता यह दावा करते हैं कि प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षण सेक्स हार्मोन (sex hormone) और सेरोटोनिन (serotonin) नामक हार्मोन के स्तर में बदलाव के कारण मासिक धर्म से पहले दिखाई देते हैं। माहवारी आने से पहले महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर भी बढ़ जाता है। इन हार्मोन्स का लेवल बढ़ जाने के कारण महिलाओं को चिंता, चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग होना और तनाव की समस्या होती है। आइये जानते है पीएमएस क्या है, कारण, लक्षण, जांच, इलाज, और उपचार के बारे में।
विषय सूची
- पीएमएस क्या है – What is PMS (Premenstrual Syndrome) in Hindi
- पीएमएस के कारण – PMS (Premenstrual Syndrome) Causes in Hindi
- पीएमएस के लक्षण – Symptoms of PMS (Premenstrual Syndrome) in Hindi
- प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) का निदान – Diagnosis of PMS (Premenstrual Syndrome) in Hindi
- पीएमएस का इलाज – PMS (Premenstrual Syndrome) Treatment in Hindi
- पीएमएस के लक्षणों को दूर करने के उपाय – How to reduce symptoms of PMS in Hindi
पीएमएस क्या है – What is PMS (Premenstrual Syndrome) in Hindi
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम या पीएमएस (PMS) एक ऐसी समस्या है जो महिलाओं को हर महीने मासिक धर्म शुरू होने से कुछ दिन पहले प्रभावित करती है। पीएमएस के दौरान महिलाओं को शारीरिक और भावनात्मक कमजोरी महसूस होती है। पीएमएस एक आम समस्या है। मासिक धर्म से गुजरने वाली लगभग 85 प्रतिशत महिलाओं को पीएमएस के लक्षण महसूस होते हैं। पीएमएस के लक्षण आमतौर पर मासिक धर्म शुरू होने के पांच से ग्यारह दिन पहले महसूस होने लगते हैं और जैसे ही मासिक धर्म शुरू हो जाता है ये लक्षण संभवतः खत्म हो जाते हैं।
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पीएमएस के कारण – PMS (Premenstrual Syndrome) Causes in Hindi
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम महिलाओं में एक सामान्य समस्या है। लेकिन यह किन कारणों से होता है, यह अभी तक अज्ञात है। लेकिन इस समस्या के पीछे कई कारक (factors) जिम्मेदार होते हैं।
हार्मोन चक्र में परिवर्तन हो सकता है पीएमएस का कारण
पीएमएस हार्मोनल उतार चढ़ाव के कारण होता है और गर्भावस्था या मेनोपॉज होने पर यह खत्म हो जाता है।
मस्तिष्क में रसायनों के परिवर्तन के कारण पीएमएस का होना
मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमिटर (neurotransmitter) में सेरोटोनिन (serotonin) नामक रसायन के उतार-चढ़ाव के कारण प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम होता है। यह हार्मोन मूड को स्थिर या अस्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सेरोटोनिन की मात्रा पर्याप्त न होने पर मासिक धर्म से पहले महिला को डिप्रेशन, थकान, अत्यधिक भूख लगना और नींद की समस्या होती है।
डिप्रेशन के कारण प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम या पीएमएस (PMS) का होना
कुछ महिलाओं में प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) अत्यधिक डिप्रेशन के कारण भी होता है।
इसके अलावा धूम्रपान करने, प्रतिदिन एक्सरसाइज न करने, पर्याप्त नींद न लेना, अधिक शराब पीने, अधिक नमक या शुगर खाने और अधिक मात्रा में रेड मीट खाने के कारण प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम होता है।
यदि महिला को किसी अन्य तरह की स्वास्थ्य समस्या (health issue) जैसे, अस्थमा, माइग्रेन, सिरदर्द और एलर्जी हो तो इस स्थिति में प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम अधिक गंभीर हो जाता है।
पीएमएस के लक्षण – Symptoms of PMS (Premenstrual Syndrome) in Hindi
पीएमएस के लक्षण आमतौर पर हल्के या मध्यम(moderate) होते हैं। यह लक्षण मासिक धर्म शुरू होने से 5 से 11 दिन पहले महसूस होने लगते हैं। लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं हर महीने मासिक धर्म शुरू होने से पहले पीएमएस के एक या इससे अधिक लक्षणों को महसूस करती हैं जो उनके दैनिक कार्यों को अधिक प्रभावित नहीं करता है। 20 से 32 प्रतिशत महिलाएं PMS के गंभीर लक्षण महसूस करती हैं जिसके कारण उन्हें मासिक धर्म आने तक काफी परेशानी उठानी पड़ती है। पीएमएस के मुख्य लक्षण निम्न हैं।
- पेट में सूजन
- स्तन में दर्द
- चेहरे पर मुंहासे
- पेट में दर्द
- अधिक मीठा खाने का मन करना
- कब्ज एवं डायरिया
- सिरदर्द
- तेज प्रकाश एवं तेज आवाज से घबराहट
- थकान, मूड स्विंग होना
- चिड़चिड़ापन, काम में मन न लगना
- नींद के पैटर्न में बदलाव
- चिंता, दुख और डिप्रेशन
- भावनात्मक रूप से कमजोर महसूस करना
- पैरों, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द
- वजन बढ़ना।
- सेक्स की इच्छा में बदलाव
- ज्यादातर महिलाओं को हर महीने प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षणों से गुजरना पड़ता है और कुछ महिलाओं को इस दौरान पूरे शरीर में दर्द होता है।
- लेकिन मासिक धर्म शुरू होने के चार दिनों बाद यह लक्षण आमतौर पर खत्म हो जाता है।
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प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) का निदान – Diagnosis of PMS (Premenstrual Syndrome) in Hindi
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के निदान के लिए कोई विशेष शारीरिक परीक्षण या लैब टेस्ट नहीं किया जाता है। डॉक्टर महिला द्वारा बताए गए लक्षणों के आधार पर ही एक कैलेंडर या डायरी पर कम से कम दो मासिक धर्म चक्र के लक्षणों को रिकॉर्ड करते हैं। डॉक्टर डायरी में यह नोट करते हैं कि पीएमएस के लक्षण कम शुरू हुए और कम खत्म हुए। इसके अलावा यह भी ध्यान दिया जाता है कि पीरियड शुरू होने पर ये लक्षण बने रहे या खत्म हो गए। साथ में ही थकान की समस्या, थॉयराइड और मूड स्विंग (mood swing) के बारे में भी डॉक्टर विस्तार से बात करते हैं। क्योंकि डिप्रेशन, चिंता और तनाव के कारण प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम की समस्या सबसे अधिक होती है। लेकिन थॉयराइड के कार्यों की जांच के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट किया जाता है।
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पीएमएस का इलाज – PMS (Premenstrual Syndrome) Treatment in Hindi
जीवनशैली (lifestyle) में बदलाव कर ज्यादातर महिलाएं प्रीमेंस्ट्रुअल के लक्षणों से राहत पा सकती हैं। पीएमएस के लक्षणों के आधार पर डॉक्टर दवा लेने की सलाह देते हैं। कुछ दवाएं महिलाओं में प्रीमेंस्ट्रुअल के लक्षणों को कम कर देती हैं जिससे उन्हें राहत मिलती हैं।
फ्लूओजेक्टिन (fluoxetine) और सेरट्रैलिन (sertraline) जैसी दवाएं मस्तिष्क में सेरोटोनिन को बढ़ाती हैं जिससे मूड स्विंग होना एवं चिंता और डिप्रेशन की समस्या से राहत मिलती है। ये दवाएं नियमित लेनी पड़ती हैं जबकि प्रीमेंस्ट्रुल सिंड्रोम के लक्षण शुरू होने से दो हफ्ते पहले भी इन दवाओं को लिया जा सकता है।
इसके साथ ही प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने के लिए प्रतिदिन एक्सरसाइज और कम मात्रा में नमक खाने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर स्पिरोनोलाक्टोन (Spironolactone) जैसी पानी की गोलियां देते हैं जो प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम से राहत दिलाने में मदद करती है।
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पीएमएस के लक्षणों को दूर करने के उपाय – How to reduce symptoms of PMS in Hindi
महिलाएं कुछ आसान से उपायों के जरिए पीएमएस के लक्षणों को कम कर सकती हैं या इससे मुक्ति पा सकती हैं। PMS के लक्षणों को कम करने के उपाय निम्न हैं।
- मासिक धर्म शुरू होने से पहले जब पेट में दर्द या सूजन (bloating) हो तो पर्याप्त पानी पीएं। (और पढ़े – क्या आप जानतें है आपको रोज कितना पानी पीना चाहिए)
- शरीर में ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने के लिए संतुलित भोजन करें और शुगर कम खाएं, फलों के रस का पर्याप्त सेवन करें। इस दौरान अधिक नमक, कैफीन और एल्कोहल का सेवन न करें।
- पीएमएस के लक्षणों को कम करने के लिए फोलिक एसिड, विटामिन बी 6, कैल्शियम, मैग्नीशियम लें। ये खनिज मूड स्विंग होना और पेट में ऐंठन से राहत दिलाते हैं।
- पर्याप्त विटामिन डी लेने से भी PMS कम हो जाते हैं।
- इस दौरान होने वाले अनावश्यक तनाव एवं डिप्रेशन को कम करने के लिए एक्सरसाइज जरूर करें।
- मांसपेशियों में दर्द, पेट दर्द और सिर दर्द को दूर करने के लिए एस्पिरिन (aspirin) या इबुप्रोफेन (ibuprofen) जैसी दवाएं भी ली जा सकती हैं।
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