Progesterone hormone in Hindi महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरोन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह एक ऐसा हार्मोन है जो महिलाओं के शरीर के विभिन्न कार्यों में भाग लेता है। यही कारण है कि ज्यादातर महिलाएं मेनोपॉज के समय कुछ विशेष लक्षणों (sign) को कम करने के लिए प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन (estrogen) का कंबिनेशन लेती हैं। इसके अलावा कुछ महिलाएं स्वस्थ प्रेगनेंसी के लिए प्रोजेस्टेरोन के सप्लिमेंट लेती हैं। प्रोजेस्टेरोन के कार्य एवं गर्भावस्था में इसकी भूमिका क्या होती है आइये जानते है।
विषय सूची
1. प्रोजेस्टेरोन क्या है – What is Progesterone in Hindi
2. प्रोजेस्टेरोन की कमी के कारण – Causes of Low Progesterone Levels in Hindi
3. प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की कमी के लक्षण – Symptoms of low progesterone in Hindi
4. गर्भावस्था में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की कमी के लक्षण – Symptoms of progesterone deficiency in pregnancy
5. महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन की भूमिका – Role of Progesterone hormone in Women in Hindi
6. प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के कार्य – Functions of progesterone hormone in Hindi
7. प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने वाले पदार्थ – Food to increase progesterone in Hindi
Progesterone hormone एक फीमेल सेक्स हार्मोन है जो महिलाओं के शरीर में स्वतः बनता है। यह हार्मोन मुख्य रूप से अंडाशय (ovaries) में बनता है और महिलाओं को प्रति माह होने वाले मासिक धर्म, प्रेगनेंसी एवं प्रजनन क्षमता (fertility) बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आमतौर पर प्रोजेस्टेरोन का मुख्य कार्य गर्भाशय (uterus) को गर्भावस्था के लिए तैयार करना होता है। हर महीने मासिक धर्म होने के बाद प्रोजेस्टेरोन गर्भाशय की लाइनिंग को पतला कर निषेचित अंडे के लिए तैयार करने में मदद करता है। इसके अलावा यह हार्मोन स्तन के विकास में भी सहायता करता है।
शरीर में प्रोजेस्टेरोन की कमी होने के आमतौर पर कई कारण होते हैं। शरीर में इस हार्मोन की कमी हो जाने पर पीरियड में अत्यधिक ब्लीडिंग होने साथ ही त्वचा शुष्क पड़ जाती है, नींद की समस्या (insomnia) के साथ वजन भी बढ़ने लगता है। आइये जानते हैं कि शरीर में किन कारणों से प्रोजेस्टेरोन की कमी होती है।
शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन एक दूसरे को बैलेंस करने का कार्य करते हैं। लेकिन जब किन्हीं कारणों से एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है तो प्रोजेस्टेरोन का लेवल कम हो जाता है क्यों कि एस्ट्रोजन की अधिक मात्रा प्रोजेस्टेरोन के उत्पादन (production) को रोक देती है। जिसके कारण महिलाओं के शरीर में इस हार्मोन की कमी हो जाती है।
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प्रोजेस्टेरोन के उत्पादन में रेगुलर एक्सरसाइज और संतुलित आहार (balanced diet) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। एक्सरसाइज या शारीरिक क्रिया की कमी से हार्मोन उत्पन्न करने वाली ग्रंथियां इस हार्मोन को बनाना बंद कर देती है। इसके अलावा असंतुलित भोजन एवं खराब जीवनशैली के कारण मोटापा बढ़ता है जिसके कारण एस्ट्रोजन अधिक जमा होने लगता है और प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है।
अधिक तनाव (stress) लेने के कारण शरीर में कार्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है जिसके कारण प्रोजेस्टेरोन का लेवल घट जाता है।इसलिए शरीर में प्रोजेस्टेरोन की कमी होने के कारणों में स्ट्रेस सबसे अहम कारण माना जाता है।
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कुछ विशेष दवाएं जैसे स्टेरॉयड और हार्मोनल थेरेपी प्रोजेस्टेरोन के स्तर को प्रभावित करती हैं। इसके अलावा कुछ अन्य दवाएं शरीर की अवशोषण क्षमता और प्रोजेस्टेरोन के प्रभावी तरीके से उपयोग को बाधित करती हैं जिसके कारण इनका स्तर घट जाता है।
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)यदि किसी महिला के शरीर में प्रोजेस्टेरोन की कमी हो जाती है तो उसे गर्भधारण करने में परेशानी होती है। जब अंडाशय अंडे को रिलीज रता है तब प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ जाता है। यह गर्भाशय को निषेचित अंडे ग्रहण करने में मदद करता है। प्रेगनेंसी से पहले लड़कियों और महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरोन की कमी होने के मुख्य लक्षण निम्न हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान भी महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरोन की कमी हो जाती है। इस दौरान निम्न लक्षण दिखायी देते हैं।
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प्रोजेस्टेरोन एक ऐसा हार्मोन है जो अंडाशय और एड्रिनल ग्रंथियों से स्रावित होता है। यह हार्मोन महिलाओं के शरीर की विभिन्न क्रियाओं को नियंत्रित एवं उत्तेजित करता है और प्रेगनेंसी को बनाए रखने में मदद करता है। हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी में एस्ट्रोजन के साथ संयोजन (combination) के रूप में भी प्रोजेस्टेरोन का उपयोग किया जाता है। यह शरीर में पहुंचने वाले एस्ट्रोजन की मात्रा को नियंत्रित करने का कार्य करता है। एक रिसर्च में पाया गया है कि यदि एस्ट्रोजन को प्रोजेस्टेरोन के साथ न देने पर ब्रेस्ट कैंसर और गर्भाशय कैंसर का खतरा रहता है।
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शरीर में प्रोजेस्टेरोन की कमी होने पर आमतौर पर दवाओं सहित प्रोजेस्टेरोन युक्त भोजन लेकर शरीर में इस हार्मोन के स्तर को बढ़ाया जा सकता है। आइये जानते हैं कि प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ाने का तरीका क्या है।
प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने के लिए विटामिन बी 6
विटामिन बी 6 लिवर की क्रिया को ठीक रखता है और हार्मोन के स्तर को भी बैलेंस करने में मदद करता है। विटामिन बी 6 प्राप्त करने के लिए टूना मछली, पालक, केला, आलू, सूरजमुखी का बीज (sunflower seed) और लीन रेड मीट का सेवन करना चाहिए। इससे शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ता है।
जिंक से बढ़ता है प्रोजेस्टेरोन हार्मोन
छोले बनाने वाले चने (Chickpeas) में उच्च मात्रा में जिंक पाया जाता है जो प्रजनन की क्षमता को बढ़ता है। यह शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर को घटने नहीं देता है और प्रेगनेंसी के दौरान भ्रूण के विकास में सहायता करता है। शेल फिश (hellfish), बादाम, सेम और राजमा और लौकी से पर्याप्त जिंक प्राप्त किया जा सकता है।
विटामिन सी प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने के लिए
विटामिन सी एंटीऑक्सीडेंट का कार्य करता है और अंडाशय में स्वस्थ अंडों के उत्पादन में मदद करता है। संतरे, ब्रोकली, डार्क हरी सब्जियों में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। इसलिए शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ाने के लिए इस खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
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