मिंट (Mint) जिसे भारत में पुदीना के नाम से जाना जाता है, एक औषधीय जड़ी बूटी है जिसके अनेक फायदे हैं। पुदीने के पत्ते का उपयोग पाचन तंत्र में सुधार करना और वजन घटाना, मतली (जी मचलना), डिप्रेशन, थकान और सिरदर्द आदि समस्याओं में आराम प्रदान करने में सहायता करता है। इसके अलावा भी पुदीना की पत्तियों के फायदे व स्वास्थ्य लाभ अनेक है, जैसे कि अस्थमा, स्मरण शक्ति की क्षति और त्वचा की देखभाल संबंधित कई परेशानियों से निजात दिलाने में यह अहम भूमिका निभाता है। आज के लेख में आप पुदीना के फायदे, उपयोग और पुदीना के नुकसान और पुदीना की चाय बनाने की विधि के बारें में जानेगे।
पुदीना का वैज्ञानिक नाम मेन्था है, इसका इस्तेमाल मुँह और सांसों की बदबू को दूर करने के लिए भी किया जाता है। पुदीना की वैज्ञानिक तौर पर 24 से ज्यादा नस्ल व 100 से अधिक प्रजातियों के होने की पुष्टि हो चुकी है। इस जड़ी बूटी का उपयोग सैकड़ों वर्षों पूर्व से इसके औषधीय गुणों के लिए किया जाता रहा है। मार्केट में दन्त मंजन (toothpastes), चुइंग गम्स, माउथ फ्रेशनर (breath fresheners), कैंडीज और इनहेलर जैसे अनेको प्रोडक्ट्स की भरमार है, जिसमे पुदीना (mint) मूल तत्व के रूप में मौजूद होता हैं।
अधिकतर लोग पुदीना के फायदे व औषधीय गुणों से अच्छी तरह से परिचित हैं, लेकिन इसमें कौन-कौन से विशिष्ट तत्वों का समावेस है इसकी जानकारी उन्हें नहीं होती है। आइये जानते है पुदीना की पत्तियों में पाए जाने वाले पोषक तत्व और फायदे व सवास्थ्य लाभ के बारे में !
सामान्य तौर पर पुदीना में भारी मात्रा में पोषक तत्वों का भंडार समाहित रहता है जिसका पूर्ण इस्तेमाल हम नहीं कर पाते।
पुदीना में, एक तिहाई कप या आधे औंस (14 ग्राम) में पोषक तत्व इस अनुपात में शामिल होते है:
पुदीना को अक्सर भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए हल्की मात्रा में उपयोग में लाया जाता है. इसके अलावा पुदीना को एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) व विटामिन A का एक उचित स्रोत के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसके इस्तेमाल से आंखों की रोशनी को बरकरार व नाइट विजन जैसी समस्याओ से छुटकारा दिलाता है। पुदीना में पाया जाने वाला एंटीऑक्सिडेंट, ऑक्सीडेटिव तनाव से हमारे शरीर की सुरक्षा में सहायता करते हैं। यद्यपि इसकी बड़ी मात्रा आम तौर पर खपत नहीं की जाती है, पुदीना में कई पोषक तत्वों की उचित मात्रा होती है और विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्रोत होता है।
औषधीय गुणों से भरपूर पुदीना का इस्तेमाल आयुर्वेद के अनुसार जड़ी बूटी के रूप में किया जाता है। आइए जाने पुदीना के फायदे स्वास्थ्य के लिए क्या हैं।
मेंथाल पाचन प्रणाली (Digestive system) को शक्तिशाली बनाने में मदद करता है, जिससे कि पाचन के सभी कार्य ठीक प्रकार से हो सके, क्योंकि यदि आपकी पाचन शक्ति दुरुस्त नहीं होगी तो भोजन पचाने में आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. जैसे अपच व पेट ख़राब होना आदि।
जब आपका पेट खराब हो रहा हो तो एक कप पुदीने की चाय पीने से आपको राहत मिल सकती है पुदीना की खुशबू आपके मुंह में लार ग्रंथियों को सक्रिय करती है, साथ ही साथ ग्रंथियों जो पाचन एंजाइम को निकलने का कार्य करती है को प्रेरित करती है, जिससे पाचन में सुविधा मिलती है।
पुदीना की सुगंध आपके मुंह में लार ग्रंथियों को सक्रिय करती है, जिसके संपर्क में आने से मुंह में लार और पाचन एंजाइमों का बनाना शुरू हो जाता है। इन्ही विशिष्ट गुण के कारण पुदीना को बड़े पैमाने पर इस्तेमाल में लाया जाता है।
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हमे पुदीना में उपस्थित पोषक तत्वों का आभार व्यक्त करना चाहिए की जब आपका लीवर धीरे- धीरे अपना कार्य उचित प्रकार से नहीं कर पाता। जिससे आपके चेहरे पर मायूसी छा जाती है और इन सभी परिस्थति से निपटने में पुदीना का उपयोग सराहनीय होता है।
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एक ताजा रिसर्च के मुताबिक, पुदीना को जागरूकता, धारण शक्ति और संज्ञानात्मक क्रिया के प्रभावो को बढ़ाते हुए देखा गया है। जिसके अनुसार विशेषज्ञ इस नतीजे पर पहुंचे है की जो शख्स च्यूइंग गम का सेवन करते है, जिसमें प्रमुख सक्रिय संघटक पुदीना होता है, उनमें उच्च स्तर की धारन करने की शक्ति और उन लोगों की तुलना में दिमागी सतर्कता ज्यादा थी जो ऐसा नहीं करते थे।
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि पेपरमिंट तेल की सुगंध में स्मृति और सतर्कता बढ़ सकती है, जबकि अन्य अध्ययनों में कोई प्रभाव नहीं दिखाई देता है। मस्तिष्क फंक्शन में पुदीना के प्रभाव को और अधिक समझने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है।
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अन्य लाभों की तरह ही वजन घटाने में भी आपकी मदद करता है, पुदीना एक तरह का प्रेरक पदार्थ है जो भिन्न-भिन्न प्रकार के पाचन एंजाइमों को प्रेरित करता है जो आपके खाने में मौजूद पोषक तत्व को अवशोषित करते है, साथ ही वसा के रूप में एकत्रित चरबी को इस्तेमाल करने योग्य ऊर्जा में बदलते हैं। इसलिए, आप वजन कम करने के लिए आहार में पुदीना शामिल करले जिससे आप अतिरिक्त चर्बी को जमने से रोक पायेगे।
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अपने दांत की देखभाल करने में पुदीना आपकी मदद कर सकता है आपको लगता है कि टूथपेस्ट मिन्टी क्यों होता है? ऐसा इसलिए है क्योंकि पुदीना के पत्तों के स्वास्थ्य लाभों में से एक यह है कि वे दांत की स्वच्छता के लिए अच्छे हैं सबसे पहले, पुदीना आपकी सांस को ताज़ा करती है जो इसकी विशेषता है। पुदीना भी रोगाणुओ से रक्षा करता है पुदीना मुंह में बैक्टीरिया के विकास को रोकता है और दांतों और जीभ को साफ करता है
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कैंसर से बचने में पुदीना हेल्प करता है क्योकि पौष्टिक पौधों की तरह, पुदीने में कैंसर से लड़ने वाली शक्तियां मोजूद होती हैं पुदीना के पत्तों का यह स्वास्थ्य लाभ संभवतः विभिन्न प्रकार के एंजाइमों के कारण होता है जो पुदीना में होता है।
कई प्रकार के दर्द वाले बाम पुदीना के अर्क को अपने उत्पादों में मुख्य घटक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इसका कारण यह है कि जब उस क्षेत्र में पुदीना से निकालने वाले पदार्थ का उपयोग किया जाता है जहाँ चोट लगी हो या दर्द हो रहा हो, तो यह तुरंत एक ठंडा प्रभाव प्रदान करता है। यह दर्द कम करने में मदद करता है। एक और तरीका है पुदीने से निकालने वाली वाष्प को श्वास के द्वारा लेना (inhale the fumes of mint extract)। यह तंत्रिकाओं को शांत करता है और पूरे शरीर को एक आराम महसूस करता है। यह अप्रत्यक्ष रूप से दर्द और सिरदर्द
से जुड़ी मतली को दूर करता है।(और पढ़ें – सिरदर्द दूर करने के घरेलू उपाय )
मिथॉल में एक अनूठी प्रॉपर्टी होती है जो खुजली और संक्रमित त्वचा को ठीक करती है। इसमें एंटी इन्फ्लामेंट्री और एंटी बैक्टीरियल गुण होते है जो मुँहासे के कारण त्वचा पर बने गड्डो को हटाने में मदद करता है, और अक्सर कई cleansers, toners और कुछ होंठ बाम में भी प्रयोग किया जाता है। टकसाल के पत्तों में मौजूद मजबूत एंटीऑक्सिडेंट त्वचा को प्राकृतिक चमक देते हैं और सुस्त और सूखी त्वचा को फिर से नई बनाते हैं। पुदीना में salicylic acid की एक उच्च सामग्री होती है जो कि मुंहसो को रोकने में मदद करती है और ब्लैकहैड्स से छुटकारा पाने में भी मदद करती है।
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मिंट की एक बहुत मजबूत गंध जो नाक के मार्गों और वायुमार्ग को खोलने के लिए आराम से श्वास लेने की अनुमति देता है। यह कफ को निकलने में मदद करता है, जब आप खांसी से पीड़ित होते हैं तब इसकी एंटी बैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लामेंट्री गुण श्वसन तंत्र के साथ सूजन को दूर करने में मदद करते हैं। यदि आप खांसी से पीड़ित हैं, तो पुदीना की पत्ती के रस को गर्म पानी में जोड़ें और मुंह के माध्यम से भाप को श्वास से लें और अपने नाक से भाप को बापिस करें। इस तरह पुदीना दोनों गले और नाक से गुजरता है जिससे दोनों क्षेत्रों में राहत मिलती है।
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चूंकि पुदीना के पत्ते खून को शुद्ध करते हैं और हमारे शरीर की शांत मांसपेशियों पर anti-spasmodic effect पड़ता है, इसलिए मासिक धर्म के ऐंठन के दर्द को दूर करने के लिए यह एक बहुत अच्छा उपाय है। यह स्थिति के साथ जुड़े मतली को भी राहत देता है। बस पुदीना की चाय के एक गर्म कप या काढ़ा बना लें और दिन में कई बार घूंट घूंट पीती रहें । इससे आप अपने गर्भाशय को भी शांत कर सकेंगे।
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इसके पेट पर होने वाले प्रभावों के कारण, यह गर्भवती महिलाओं के लिए एक अच्छा उपाय है। यह पाचन के लिए आवश्यक एंजाइम को सक्रिय करके सुबह की बीमारी (morning sickness) से संबंधित मतली को दूर करने में मदद करता है। कुछ पत्तों को खाने या हर सुबह पुदीना के कुचले पत्ते की महक इस मुश्किल से उबरने के लिए एक बढ़िया तरीका है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं को इसके इस्तेमाल में सावधान रहना चाहिए बच्चा पैदा होने के बाद इसका उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि यह स्तनपान को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है।
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इसके पत्ते कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन सी, विटामिन डी, विटामिन ई और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की थोड़ी मात्रा जैसे पोषक तत्वों पाये जाते हैं। इन सभी यौगिकों एक साथ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करते है, जिससे शरीर को संक्रमण और सूजन से सुरक्षित रखा जाता है।
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तनाव और चिंता से राहत पाने के लिए, पेपरमिंट चाय सर्वश्रेष्ठ सहयोगियों में से एक है। जड़ी-बूटियों में मौजूद मेन्थॉल मांसपेशियों में आराम करने वाला है और प्रकृति में एंटीस्पास्मोडिक है, पुदीने की चाय का सेवन कर आप मानसिक तनाव से आराम पा सकते हैं।
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आप आसानी से पुदीना को हरी सलाद, डेजर्ट, चिकन और यहां तक कि पानी में जोड़ सकते हैं। पेपरमिंट चाय एक और लोकप्रिय तरीका है जिसे आप अपने आहार में शामिल कर सकते है। आप पुदीना का उपयोग इस तरह से भी कर सकते है।
पेपरमिंट चाय के बारे में सबसे अचछी बात यह है कि आप इसे घर पर बना सकते है यहां बताया गया है कि आप पुदीना की चाय कैसे बना सकते हैं-
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