Purani Se Purani Daad Ka Ilaj: दाद बहुत जिद्दी होती है यह स्किन से आसानी से नहीं जाती है, यह बहुत लंबे समय तक आपकी स्किन पर रह सकती है। यदि आप भी दाद की समस्या से परेशान है तो आज हम आपको पुरानी से पुरानी दाद का इलाज के बारे में बताएंगे।
दाद एक प्रकार का फंगल इन्फेक्शन है जो सिर, पैर, गर्दन या शरीर के अन्य अंदरूनी अंगों कहीं भी हो सकती है। यह देखने में तो ख़राब लगती ही है साथ में बहुत अधिक खुजली भी करती है। इसके अलावा यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है।
अगर आप दाद की समस्या से छुटकारा पाना चाहते है तो हम आपको पुराने से पुराने दाद का घरेलू इलाज बताएंगे। आइये इसे विस्तार से जानते है।
आपको बता दें कि दाद किसी कृमि के कारण नहीं होता है बल्कि यह डर्मेटोफाइट्स (Dermatophytes) के कारण होता है जोकि एक फंगस होता है। शरीर किरैटिन उत्पन्न करता है जिसका भोजन के रूप में डर्मेटोफाइट्स उपयोग करता है। किरैटिन बालों, नाखून एवं स्किन के बाहरी परतों पर होता है इसी वजह से दाद शरीर के इन हिस्सों पर सबसे अधिक दिखाई देता है।
रिंगवार्म या दाद के कवक बिस्तर, बंद कमरों और पूल में मौजूद होते हैं। यह तौलियों, कंघी, हेयर ब्रश और कपड़ो में भी चिपके होते हैं और एक इंसान से दूसरे में फैल जाते हैं। हाथ मिलाने और एक दूसरे से चिपक कर बैठने पर भी यह कवक दूसरे व्यक्ति में फैल जाते हैं और व्यक्ति सीधे दाद की समस्या से ग्रसित हो जाता है। इसलिए इससे बचना है तो साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।
पुराने दाद के लक्षण सामान्य होते हैं इनको हम आसानी से पहचान सकते हैं। अगर आपके त्वचा पर चकत्ते, लाल दाना, या ऐसा कुछ जो की खुजली देता हैं तो वह दाद हो सकता हैं और यह धीरे-धीरे बढ़ता जाता हैं।
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स्किन पर होने वाली पुरानी दाद आसानी से नहीं जाती है अगर यह कुछ दिन के लिए ठीक भी हो जाती है तो दोबारा फिर से उसी जगह पर हो जाती है।
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टमाटर और नींबू का रस दोनों ही खट्टे होते है, इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन सी स्किन से सभी प्रकार की समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। यह आपके खून को साफ करता है जो कि दाद का मुख्य कारण होता है। कुछ दिनों तक आप टमाटर के जूस का सेवन करें। इसके अलावा आप नींबू के रस के साथ इमली के बीज को पीस कर पुरानी दाद पर लगाएं।
नीम में एंटीफंगल एवं एंटीबैक्टीरियल गुण होते है जो दाद के इलाज में मदद करते है। नीम का तेल, नीम की पत्तयां पीसकर लगाने से दाद ठीक हो जाता है। आधे चम्मच नीम के पत्ते के पावडर में एक चम्मच गर्म पानी मिलाकर पेस्ट बना लीजिए और इसे दाद पर लगाने से इससे निजात मिलती है।
पुरानी दाद के इलाज में आप कपूर का इस्तेमाल भी कर सकते है। इसके उपयोग कई बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है। दाद के लिए कपूर के पावडर में एक चम्मच तिल का तेल मिलाकर दिन में दो से तीन बार लगाने से दाद से छुटकारा मिल जाता है।
नारियल के तेल में माइक्रोबियल एवं एंटीफंगल गुण होते है। इसलिए नारियल का तेल
दाद के संक्रमण के इलाज में उपयोग किया जाता है। पुरानी दाद के घरेलू उपचार के रूप में यह बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। इसका उपयोग करने से पहले इस ऑयल को पहले माइक्रोवेब में हल्का गर्म कर लीजिए औऔर फिर इसे दाद से प्रभावित जगहों पर लगा लीजिए। त्वचा इसे तुरंत सोख लेती है और तीन में कम से कम चार पर यह प्रक्रिया दोहराने से पुरानी से पुरानी दाद से निजात मिलता है।सरसों के बीज से दाद और दाद से होने वाली सूजन, लालिमा और खुजली को दूर किया जा सकता हैं। सरसों के बीज को पानी मिलाकर अच्छी तरह पीसकर इसे प्रभावित हिस्से पर लगाने के बाद इसपर पट्टी बांध लें। सूखने के बाद इसे पानी से धो लें। दो हफ्तों तक यह प्रक्रिया दोहराएं जब तक कि पुरानी दाद से राहत नहीं मिल जाती है।
लहसुन का इस्तेमाल तो हम सभी भोजन में करते है लेकिन इससे पुरानी दाद से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है। लहसुन में एंटीफंगल गुण पाया जाता है जो फंगल इंफेक्शन को दूर करने में मदद करता है। इसके साथ शहद एवं ऑलिव ऑयल लगाने से दाद की समस्या दूर हो जाती है। लहसुन की दो कलियों का पेस्ट बनाकर इसमें तीन चम्मच शहद और तीन चम्मच ऑलिव ऑयल मिलाकर दाद पर लगाएं और दो घंटे बाद पानी से धो लीजिए। पुरानी से पुरानी दाद इससे ठीक हो जाती है।
एप्पल साइडर विनेगर में शक्तिशाली एंटीफंगल गुण होते है जो रिंगवर्म के इलाज में बहुत ही प्रभावी होते है। यह पुरानी से पुरानी दाद का इलाज करने में मदद करता है। रूई के एक टुकड़े को सेब के सिरके में भिगोकर इसे दाद पर लगाएं। दिन में दिन बार यह प्रक्रिया दोहराएं, जल्द ही दाद ठीक हो जाएगी।
अदरक में एंटीफंगल गुण पाया जाता हैं जो कि फंगस को खत्म करता हैं। इसके लिए कच्चे और ताजे अदरक का पेस्ट बना ले और उसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाये, इसे 30 मिनिट तक लगा रहने दे, फिर इसे धो ले और सुखा ले। पुरानी दाद ठीक करने के लिए यह कार्य आपको दिन में दो बार करना हैं।
दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो लैक्टिक एसिड का उत्पादन करते हैं जो कि फंगल संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं। इसके लिए आप सदा बिना शक्कर वाला दही ले और कपास की रुई को लेके दही में गीला करें और उसे दाद वाले स्थान पर लगाये, उसे 30 मिनिट तक लगा रहने दे। फिर उसके बाद इसे ठंडे पानी से धो ले। यह उपचार बहुत ही असरदायक हैं, एक दो बार में पुरानी से पुरानी दाद का संक्रमण खत्म हो जायेगा।
हल्दी में एंटीबैक्टीरियल एवं सूजनरोधी गुण पाये जाते हैं। यह दाद के संक्रमण को बढ़ने से रोकने में बहुत सहायक होता है। हल्दी में पानी मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लीजिए और इसे त्वचा पर लगाकर सूखने तक छोड़ दीजिए। पुरानी से पुरानी दाद के संक्रमण से छुटकारा मिल जाएगा। इसके अलावा हल्दी को पानी में मिलाकर या चाय में मिलाकर पीने से अंदरूनी समस्याओं से राहत मिलती है।
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किस चीज में कितनी कैलोरी होती है (Calories Chart In Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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