Putra Prapti Ke Vaigyanik Upay: क्या आपके मन में भी पुत्र प्राप्ति की लालसा है? यदि हां तो आज हम आपको पुत्र प्राप्ति के वैज्ञानिक उपाय के बारे में बताएंगें। भले ही लड़का और लड़की में कोई अंतर नहीं होता है लेकिन फिर भी भारत में आज भी लोग पुत्र प्राप्ति की कामना करता है।
ऐसा पहले कहा जाता था कि पुत्र या पुत्री का पैदा होना ईश्वर के हाथ में है। लेकिन विज्ञान के इस दौर में पुत्र प्राप्त करने के तरीके भी खोज लिए गए हैं। यदि आप पुत्र प्राप्ति के लिए वैज्ञानिक तरीका के बारे जानना चाहते है तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको पुत्र प्राप्ति के साइंटिफिक उपाय (Putra Prapti Ke Scientific Upay) के बताएंगें।
पुरुष के वीर्य में 2 तरह के शुक्राणु होते है, ये दोनों तरह के शुक्राणु ही निर्धारित करते है की गर्भ में लड़का बनेगा या लड़की। आइये माँ के गर्भ में लड़का या लड़की बनने की प्रक्रिया को विस्तार से जानते है।
शुक्राणु दो टाइप के होते है, जिन्हें क्रोमोसोम (chromosome) कहते है। पुरुष के वीर्य में X क्रोमोसोम और Y क्रोमोसोम होते है, जो पुत्र या पुत्री का निर्धारण करते है। संभोग के दौरान पुरुष वीर्य में दोनों में से कोई भी गुणसूत्र उत्सर्जित हो सकता है।
जबकि स्त्री के अंडाशय में केवल दो XX क्रोमोसोम ही होते हैं। जब सम्भोग के बाद पुरुष के वीर्य का Y क्रोमोसोम महिला के अंडे (eggs) से मिलता है तब लड़का पैदा होता है। यदि गर्भाधान के समय यदि स्त्री के X क्रोमोसोम पुरुष के X क्रोमोसोम से मिल जाये तो लड़की का जन्म होता है।
इस वैज्ञानिक तथ्य से यह साबित होता है की लड़की या लड़के के जन्म के लिए पुरुष ही जिम्मेदार होता है। किसी स्त्री को लड़के को जन्म न देने के लिए दोषी ठहराना सर्वथा अनुचित है।
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पुत्र की प्राप्ति के लिए आपको पुरुष के X क्रोमोसोम की लाइफ साइकिल का नेचर पता होना चाहिए। पुत्र प्राप्ति के वैज्ञानिक उपाय में आपको निम्न दो बातों को जानना बहुत ही महत्वपूर्ण है।
साइंटिफिक तरीके से पुत्र प्राप्ति के लिए ओवुलेशन पीरियड का टाइम बहुत महत्वपूर्ण है।
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पुत्र प्राप्ति की संभावना पुरुष शुक्राणु और समय चक्र पर निर्भर करता है। इसलिए गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने के लिए ओव्यूलेशन के आस-पास विशेष रूप से सेक्स किया जाना चाहिए। यदि आप अंडोत्सर्जन के कई दिन पहले सेक्स करते हैं तो पुरुष शुक्राणु ओव्यूलेशन के समय तक स्वत: ही नष्ट हो जाते हैं। हालांकि यह निश्चित करना भी मुश्किल है महिला ओव्यूलेशन कर रही है या नहीं। इसलिए महिलाओं को अपने मासिक चक्र का पूरा रिकार्ड रखना चाहिए। इसके अलावा महिलाओं को ओव्यूलेशन टेस्ट किट का भी उपयोग करना चाहिए।
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ओवुलेशन पीरियड में ही महिला का X क्रोमोसोम या अंडाणु उपलब्ध होता है। यह समय पीरियड साइकिल के 30 दिनों में केवल 5 दिन के आस पास का होता हैं। इस समय संबंध बनाने से पुत्र प्राप्ति की संभावना अधिक रहती है।
पीरियड की सही गिनती करें मासिक धर्म शुरू होने वाले दिन को पहला दिन गिनना चाहिए। पुत्र प्राप्ति के लिए मासिक धर्म (Period) शुरू होने वाले दिन से गिन कर चौथी, छठी, 8वीं, 10वीं, 12वीं, 14वीं और 16वीं रात को सम्भोग करना चाहिए।
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हमारे द्वारा खाया जाने वाला आहार भी लड़का पुत्र प्राप्ति की संभावना को बढ़ा सकता है। कुछ ऐसे विशेष खाद्य पदार्थ भी होते हैं जो पुत्र प्राप्ति के गर्भधान प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। आइए जाने पुत्र प्राप्ति की संभावना को बढ़ाने के लिए किस प्रकार का आहार करना चाहिए।
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पुत्र प्राप्ति के वैज्ञानिक उपाय (Putra Prapti Ke Vaigyanik Upay) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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