Raat Me Pasina Aana In Hindi रात में पसीना आना एक आम समस्या है। ऐसा आमतौर पर तब होता है, जब या तो आपने ज्यादा कपड़े पहने हों या फिर कमरा गर्म हो, या फिर कभी -कभी संक्रमण के कारण सोते समय पसीना आ जाता है। लेकिन अगर ऐसा कुछ न हो और फिर भी आपको रात में सोते वक्त पसीना आए, तो यह गंभीर मामला है। बेशक ये किसी बीमारी का संकेत न हो, लेकिन रात में पसीना क्यों आता है इसका पता लगाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। क्योंकि रात को पसीना आने के पीछे कई कारण होते हैं और अगर समय रहते इस समस्या से निजात नहीं पाया जाता है तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकती है। आइए जानते हैं रात को पसीना आने के पीछे क्या कारण होते हैं।
1. रात को पसीना आने के कारण – Night Sweating Causes in Hindi
2. रात में पसीना आने के जोखिम कारक – Risk factors for night sweats in Hindi
3. रात में पसीना आने का इलाज कैसे किया जाता है – How to treat night sweats in Hindi
4. आपको कब डॉक्टर की मदद लेनी होगी – When do you need to get help from a doctor in Hindi
5. सोते समय पसीना आने से बचने के लिए आहार – Diet to avoid night sweats in Hindi
6. रात के पसीने से बचने के उपाय – Tips to avoid night sweats in Hindi
बड़ी संख्या में लोग रात में पसीना आने की समस्या से जूझ रहे हैं। वैसे, तो यह चिंता का कारण नहीं है, लेकिन अगर रात में सोते वक्त जरूरत से ज्यादा पसीना आए, इतना कि आपकी चादर और कपड़े गीले हो जाएं और बेचैनी महसूस हो, तो यह किसी खतरे की घंटी हो सकती है। इस समस्या को अनदेखा करने के बजाय तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार, रात में पसीना आने की एक नहीं बल्कि कई वजह हो सकती हैं। अगर आप भी इस समय से परेशान हैं, तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको रात में पसीना आने से बचने के कुछ उपाय बताएंगे, लेकिन इससे पहले जानना जरूरी है कि रात में पसीना किन कारणों से आता है।
रात में पसीना आने के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं। हम आपको यहां कुछ ऐसी स्थितियों के बारे में बता रहे हैं, जो रात में पसीना आने का कारण बन सकती है।
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रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज के साथ आने वाले हॉट फ्लैशिस रात के पसीने का कारण बन सकते हैं। यह महिलाओं में रात में पसीना आने का बहुत ही सामान्य कारण है। रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को अचानक से अधिक गर्मी की अनुभूति होने लगती है। जिससे उन्हें खासतौर पर रात में नींद के दौरान अधिक पसीना आने लगता है। कुछ मामलों में, उनका पसीना इतना ज्यादा होता है कि महिला के कपड़े तक भीग जाते है। यह महिलाओं में रात को पसीना आने का एक आम कारण होता है। (और पढ़े – रजोनिवृत्ति के कारण, लक्षण और दूर करने के उपाय…)
यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर बिना किसी कारण रात में अधिक पसीना पैदा करते हैं। कई बार इसे पहचानना मुश्किल होता है। जो लोग इस समस्या से पीड़ित होते हैं उनके पसीने के ग्लैंड्स आवश्यकता से अधिक सक्रिय होते हैं।
ज्यादा वजन होने के कारण इंसुलेशन जुड़ जाता है, जो आपके शरीर को सोते समय ठीक से थर्मोरेगुलेट नहीं कर पाता, जिससे रात को पसीना आता है। (और पढ़े – मोटापे से होने वाले रोग और उनसे बचाव…)
महिलाओं को रात में पसीना आने के पीछे हार्मोनल बदलाव भी एक कारण हो सकता है। गर्भावस्था में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन कभी-कभी रात में सोते समय पसीना आने का कारण बनते हैं। हालांकि, यह लक्षण आम है। गर्भावस्था के दौरान लगभग 35 प्रतिशत महिलाओं को और जन्म देने के बाद के हफ्तों में 29 प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित करता है। पसीना भी शरीर के लिए तरल पदार्थ को कम करने का एक तरीका है।
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ट्यूबरक्लोसिस से जुड़ा संक्रमण भी रात में पसीना आने की समस्या का एक कारण है। लेकिन कभी-कभी बैक्टीरियल इंफेक्शन जैसे कि एंडोकार्डिटिस, ऑस्टियोमाइलाइटिस और फोड़े रात के पसीने का कारण बन सकते हैं। रात का पसीना एचआईवी संक्रमण का लक्षण भी हो सकता है।
रात में पसीना आना कैंसर का शुरूआत लक्षण और कारण हो सकता है। कैंसर के कुछ प्रकार के प्रारंभिक लक्षणों में रात में पसीना आना शामिल हैं। रात के पसीने से जुड़े कैंसर का सबसे आम प्रकार लिम्फोमा है। हालाकि, जिन लोगों को अनडायग्नोज्ड कैंसर होता है, उनमें वजन घटने और बुखार आने जैसी स्थिति भी देखी जाती है। (और पढ़े – महिलाओं में कैंसर के लक्षण…)
कुछ दवाएं भी रात को अधिक पसीना उत्पन्न कर सकती है। रात में पसीना आना कुछ दवाओं का दुष्प्रभाव भी हो सकता है। यानि कुछ दवाओं को नियमित रूप से लेने पर भी रात में पसीना आ सकता है। एंटीडिप्रेसेंट एक प्रकार की दवा है, जिसे लेने पर रात को पसीना आ सकता है। एंटीडिप्रेसेंट ड्रग्स लेने वाले 8 से 22 प्रतिशत लोगों को रात में बहुत पसीना आता है। इसके अलावा कम बुखार में ली जाने वाली दवा जैसे एस्पिरीन या एसिटामिनोफोन कभी-कभी पसीने की वजह बन सकती है। इसी तरह दर्द या सूजन के लिए किसी प्रकार की दवा लेना भी रात के पसीने की वजह बन सकता है।
लो ब्लड शुगर के कारण भी आपको रात में अधिक पसीना आ सकता है। जो लोग इंसुलिन या ओरल डायबिटीज की दवाएं ले रहे हैं, उन्हें रात में हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है, जो अक्सर पसीने के साथ होता है। ऐसा उनके ग्लूकोज लेवल में असंतुलन आने के कारण होता है। इसमें पैनक्रियाज इंसुलिन का स्त्राव नहीं करता। इसलिए इस परिवर्तन को बैलेंस करने के लिए शरीर ज्यादा पसीना पैदा करना शुरू कर देता है।
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पसीना कई हार्मोन विकारों के साथ देखा जा सकता है, जिसमें फियोक्रोमोसाइटोमा , कॉर्सिनॉयड सिंड्रोम और हाइपरथायरायडिज्म शामिल है।
कई बार खराब पाचन भी रात के पसीने का कारण होता है। रात में जब आप ज्यादा खा लेते हैं या कुछ ऐसा खा लेते हैं, जो आपको ठीक से पच नहीं पाता और आपको बीमार सा महसूस होता है, तो आप रात में बेचैनी से जाग उठते हैं। ऐसे में आप पूरी तरह से भीग जाते हैं। (और पढ़े – एसिड रिफ्लक्स के कारण, लक्षण, जांच, इलाज, और परहेज…)
असामान्य रूप से ऑटोनॉमिक डिस्फ्लेक्सिया, स्ट्रोक और ऑटोनॉमिक न्यूरोपैथी सहित न्यूरोलॉजिकल कंडीशन्स पसीने में वृद्धि का कारण बन सकती हैं।
रात में हॉट फ्लैशेस आने के कारण भी पसीना आता है। जिससे कपड़ों के साथ बेडशीट भी भीग जाती है। हालांकि, यह पसीना कमरे के गर्म तापमान के कारण आता है। हालांकि रात में पसीना आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। कारणों को सफलतापूर्वक जानने के लिए, डॉक्टर आपके चिकित्सा इतिहास के बारे में जानकारी लेकर टेस्ट कराने को कह सकता है।
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रात में कभी-कभी पसीना आना तो सामान्य बात है, लेकिन अगर आपके साथ लगातार ऐसा हो रहा है, तो इसके कई रिस्क फैक्टर हो सकते हैं, जिनके बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं।
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रात में पसीना आने का इलाज करने के लिए आपका डॉक्टर अंतर्निहित कारण का पता लगाएगा। आपका उपचार आपके विशिष्ट निदान पर निर्भर करेगा। यदि आपको मेनोपॉज के परिणामस्वरूप रात में पसीना आता है, तो इस स्थिति में डॉक्टर हार्मोन थैरेपी की सलाह देते हैं। यह इलाज आपके हॉट फ्लैश की संख्या को कम करने और अन्य लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
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रात का पसीना आमतौर पर चिंता का कारण नहीं है। यह एक आम समस्या है। लेकिन यदि आपको रात के पसीने के साथ तेज बुखार, खांसी हो, तो यह गंभीर चिकित्सा स्थिति का संकेत हो सकता है। ऐसे में आपको डॉक्टर की मदद जरूर लेनी चाहिए। जिन लोगों में लिम्फोमा या एचआईवी है, अगर उन्हें रात में पसीना आए, तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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अगर आपको नियमित रूप से रात में पसीना आने की समस्या है, तो अपने आहार में प्राकृतिक खाद्य पदार्थों और पूरक आहार शामिल करें। इससे हॉट फ्लैशेस और पसीने को कम करने में मदद मिल सकती है। कई शोधों में बताया गया है, कि रात में पसीने के उपचार के लिए ये सप्लीमेंट कितने ज्यादा प्रभावी हैं। यहां हम आपको ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं, जिनके सेवन से आप रात में पसीना आने की समस्या को रोक सकते हैं।
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रात में आने वाले पसीने के कुछ कारणों को रोकना बिल्कुल आपके हाथ में है। रात के पसीने को कम करने के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं। लेकिन जो कारण आपके हाथ में नहीं है, उसके लिए कोई उपाय न करते हुए सीधे डॉक्टर से संपर्क करें। यहां हम आपको रात में आने वाले पसीने से बचाव के तरीके बता रहे हैं।
शराब या कैफीन आपकी नींद में खलल पैदा कर सकती है। इन पेय को पीने के बाद आपका शरीर तापमान में तेजी से वृद्धि के साथ प्रतिक्रिया करता है। जिससे आपकी नींद खुल जाती है और आप पसीने से भीग जाते हैं। इसलिए सोने से पहले शराब और कैफीन का सेवन न करें। इसके अलावा तंबाकू और अवैध दवाओं के उपयोग से बचें।
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रात में सोने से पहले अपने बेडरूम का तापमान सही रखें। खासतौर से दिन के बजाय रात में कमरे का तापमान आपकी बॉडी टैंप्रेचर के हिसाब से हो। बेडरूम का आदर्श तापमान 60 डिग्री फारेनहाइट होना चाहिए।
एक स्वस्थ आहार और व्यायाम आपकी दिनचर्या को आकार में बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। व्यायाम करने से आपके तनाव का स्तर बहुत कम हो जाएगा और आपको रात में पसीना नहीं आएगा।
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मसालेदार भोजन खाने से शरीर में गर्माहट महसूस होती है। इसलिए सोने से पहले अपने शरीर को गर्म करने के बचना है, तो स्पाइस फूड्स का सेवन करने से बचे रहें। सुबह तो आप इनका सेवन कर सकते हैं, लेकिन शाम के स्नैक्स और रात के खाने में स्पाइसी फूड न खाएं। (और पढ़े – मसालेदार खाना खाने के फायदे और नुकसान…)
रात्रि में सोने से पहले अपने दिमाग को एकदम फ्रेश रखें। किसी भी नकारात्मक सोच को मन में न आने दें। जितना अपना दिमाग स्ट्रेस फ्री रखेंगे, उतनी अच्छी नींद आएगी और बेचैनी भी कम होगी, जिससे रात में पसीना आने की समस्या भी काफी हद तक कम हो जाएगी। (और पढ़े – मानसिक तनाव के कारण, लक्षण एवं बचने के उपाय…)
रात के पसीने को कम करने के लिए रात को सोते समय लाइट वेट और ढीले कपड़े ही पहनें। जितने हल्के और कम कपड़े पहनेंगे, उतनी कम गर्मी आपको फील होगी। हल्के कपड़ों में आपका शरीर तापमान को बेहतर ढंग से नियंत्रित कर सकता है।
सोने के लिए जरूरी नहीं कि बिस्तर पर बहुत से गद्दे या मोटे गद्दे हों। लैस बेडिंग वाला बिस्तर अपने लिए चुनें। गद्दों पर लिनन या फिर कॉटन बेडशीट का ही इस्तेमाल करें। ये ठंडक प्रदान करती हैं, जिससे पसीना नहीं आता। (और पढ़े – गहरी और अच्छी नींद लेने के तरीके…)
अगर आपको रात में अक्सर पसीना आता है, तो फोम बेड से दूर रहें अज्ञैर लेटेक्स, इनरस्प्रिंग या हाइब्रिड बेड का विकल्प चुनें। ऐसे गद्दों पर सोते हुए आपको गर्मी का अनुभव नहीं होगा।
यदि आप रात के पसीने से बचना चाहते हैं, तो भारी और मोटे कंबल का इस्तेमाल न करें। कोशिश करें, कि जरूरत पड़ने पर कॉटन चादर ही प्रयोग में लाएं।
रात्रि को सोने से पहले एक गिलास ठंडा पानी पीएं। चाहें, तो अपने बेडसाइड टेबल पर आइस पैक या आइस क्यूब्स रखें, ताकि जागने पर आप ठंडा पानी पी सकें। इसके अलावा कूलिंग स्प्रे, कूङ्क्षलग जेल और तकिए का इस्तेमाल करें। इसके अलावा पसीना आने की स्थिति में बेडसाइड पंखे का उपयोग भी करें। रात में सोने से पहले अपने शरीर को आराम की स्थिति में लाने के लिए अपनी श्वास और गहरा और धीमा करें।
रात का पसीना आपको असहज महसूस कराते हुए आपकी प्यारी सी नींद में खलल डाल सकता है। वैसे, तो यह चिंता का कारण नहीं है, लेकिन कभी-कभी अंतर्निहित स्थिति के कारण इसमें उपचार की आवश्यकता होती है। इसके लिए आपका डॉक्टर रात के पसीने के कारण का निदान करने में आपकी मदद करेगा। वे रात को पसीना आने से रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव, दवाओं या अन्य उपचारों का सुझाव भी दे सकता है।
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