Radiation Therapy in Hindi रेडिएशन थैरेपी या विकिरण चिकित्सा (radiation therapy) का उपयोग अक्सर कैंसर के इलाज में किया जाता है। यह थैरेपी कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए उच्च ऊर्जा विकिरण का प्रयोग करती है। विकिरण चिकित्सा कुछ सौम्य या कैंसर मुक्त ट्यूमर के इलाज में भी उपयोगी है। इसमें शरीर के एक निश्चित क्षेत्र पर ही रेडिएशन को कुछ समय के लिए डाला जाता है। रेडिएशन थैरेपी को अनेक प्रकार की उपचार प्रक्रियाओं जैसे- कीमोथेरेपी, सर्जरी इत्यादि के दौरान भी उपयोग में लाया जाता है। रेडिएशन थैरेपी के प्रभावी उपचार के अलावा, इसके अनेक प्रकार के साइड इफ़ेक्ट भी होते है। इसलिए रेडिएशन थैरेपी से सम्बंधित सभी प्रकार के साइड इफ़ेक्ट के बारे में मरीज को डॉक्टर से चर्चा करनी चाहिए।
आज के इस लेख में आप जानेंगे कि रेडिएशन थैरेपी क्या है, कैसे की जाती है इसकी तैयारी, तथा इसके परिणाम, फायदे, नुकसान और कीमत के बारे में।
विषय सूची
1. रेडिएशन थैरेपी क्या है – What is radiation therapy in Hindi
2. रेडिएशन थैरेपी के प्रकार – Radiation Therapy Types in Hindi
3. रेडिएशन थेरेपी साइड इफेक्ट्स – Radiation therapy Side effects in Hindi
4. विकिरण चिकित्सा की तैयारी – Radiation Therapy Preparation in hindi
5. रेडिएशन थैरेपी कैसे की जाती है प्रक्रिया – Radiation therapy Procedure in Hindi
6. रेडिएशन थैरेपी के बाद – After Radiation Therapy In Hindi
7. रेडिएशन थैरेपी का उपयोग – Radiation Therapy Uses in hindi
8. रेडिएशन थैरेपी उपचार – radiation therapy treatment in Hindi
9. विकिरण चिकित्सा परिणाम – radiation therapy Results in Hindi
10. रेडिएशन थैरेपी के फायदे – Radiation Therapy Benefits in Hindi
11. रेडिएशन थैरेपी के बाद क्या खाना चाहिए – Radiation therapy diet in Hindi
12. रेडिएशन थैरेपी की कीमत – Radiation Therapy Cost in Hindi
रेडिएशन थैरेपी (radiation therapy) या विकिरण चिकित्सा का प्रयोग कैंसर के उपचार के रूप में किया जाता है, जिसे रेडियोथेरेपी भी कहा जाता है। विकिरण चिकित्सा या रेडिएशन थैरेपी में अदृश्य उच्च-ऊर्जा किरणों या उप-परमाणु कणों की किरणों का उपयोग कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने व उनको नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है और कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने और विभाजित होने से रोका जाता है। यह थैरेपी एक विशिष्ट क्षेत्र तक ही सीमित हैं। विकिरण चिकित्सा के द्वारा, थायरॉयड रोग, रक्त विकार और कैंसर मुक्त (noncancerous) ट्यूमर वृद्धि का भी उपचार किया जाता है। विकिरण चिकित्सा का उपयोग कभी-कभी गैर-संक्रामक बीमारी के उपचार के लिए भी किया जाता है, विकिरण चिकित्सा के विशेषज्ञ को विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट (radiation oncologist) कहा जाता है।
विकिरण चिकित्सा में सबसे अधिक एक्स-रे विकरण प्रयोग में लाई जाती हैं, लेकिन प्रोटॉन या अन्य प्रकार की ऊर्जा विकरणों का भी उपयोग रेडिएशन थैरेपी (radiation therapy) में किया जा सकता है। इसके द्वारा शरीर के किसी निश्चित क्षेत्र पर ही रेडिएशन डाली जाती हैं।
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रेडिएशन थैरेपी (radiation therapy) मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है, जैसे:
एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थैरेपी में रेडिएशन की बीम को बाहरी मशीन द्वारा उपचार क्षेत्र पर केंद्रित (फोकस) किया जाता है। एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थैरेपी एक स्थानीय उपचार है, जिसका अर्थ है कि इसके द्वारा शरीर के एक विशिष्ट हिस्से का इलाज किया जाता है।
आंतरिक विकिरण चिकित्सा, जैसे कि ब्रैकीथेरेपी (brachytherapy), जिसमें एक रेडियोधर्मी पदार्थ को कैंसर ऊतक के अंदर या उसके पास में अस्थायी या स्थायी रूप से रखा जाता है। यह रेडियोधर्मी पदार्थ या विकिरण स्रोत ठोस या तरल अवस्था में हो सकता है। ब्रैकीथेरेपी का उपयोग भी शरीर के किसी एक विशिष्ट हिस्से का इलाज करने के लिए किया जाता है।
एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थैरेपी में उच्च-ऊर्जा एक्स-रे विकिरण का उपयोग गहरे कैंसर के इलाज के लिए किया जा सकता है। एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थैरेपी सामान्यतः अधिक उपयोग में लाई जाने वाली थैरेपी है। इसके विपरीत आंतरिक विकिरण चिकित्सा का उपयोग तब किया जा सकता है जब कैंसर के आस-पास के स्वस्थ ऊतक को विकिरण के दुष्प्रभाव से बचाने की कोशिश की जाती है।
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रेडिएशन थैरेपी (radiation therapy) के साइड इफेक्ट्स या दुष्प्रभाव तब प्रगट होते हैं, जब कैंसरमुक्त कोशिकाएं भी उपचार प्रक्रिया के दौरान प्रभावित होती हैं।
विकिरण चिकित्सा में प्रयुक्त विकिरण, कैंसर कोशिकाओं और गैर-कैंसर कोशिकाओं दोनों को प्रभावित करती है। विकिरण चिकित्सा में साइड इफेक्ट उपचार के दौरान उपयोग की जाने वाली रेडिएशन की मात्रा और शरीर के कैंसर प्रभावित क्षेत्र पर निर्भर करती है। विकिरण चिकित्सा में साइड इफेक्ट्स उपचार के आधार पर भिन्न-भिन्न होते हैं, जैसे:
इस प्रकार के साइड इफ़ेक्ट को उपचार प्रक्रिया के बाद कुछ समय के लिए ही देखा जा सकता है, जैसे कि:
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रेडिएशन थैरेपी के दीर्घकालिक दुष्प्रभाव किए गए उपचार की स्थिति पर भी निर्भर करते हैं, इसमें निम्न शामिल हैं:
उपरोक्त सभी उदाहरण किसी भी प्रकार की विकिरण चिकित्सा के साथ संबन्धित हो सकते हैं। दीर्घकालिक दुष्प्रभावों के होने की संभावना काफी कम होती है।
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रेडिएशन थैरेपी की तैयारी के तहत् डॉक्टर उपचार के लिए उपयुक्त विकिरण की मात्रा तथा प्रभावित स्थान का निर्धारण किया जाता है। विकिरण चिकित्सा टीम या ऑन्कोलॉजिस्ट शरीर के उपचार क्षेत्र को निर्धारित करने के लिए कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन का सहारा ले सकते हैं। उपचार से पहले रेडिएशन ट्रीटमेंट प्लानिंग अधिकतम लाभ प्राप्त करने और संभावित जोखिमों को न्यूनतम रखने के आधार पर की जाती है। प्लानिंग के दौरान एक सटीक साइट (प्रभावित हिस्सा), विकिरण का कोण और विकिरण की सटीक मात्रा को निर्धारित करने पर जोर दिया जाता है।
प्लानिंग प्रक्रिया (planning process) के बाद, ऑन्कोलॉजिस्ट (radiation oncologist) यह तय करते हैं कि कैंसर के प्रकार और कैंसर के चरण, सामान्य स्वास्थ्य और उपचार के लक्ष्यों के आधार पर मरीज को किस प्रकार की विकिरण चिकित्सा प्रदान की जाये।
रेडिएशन थैरेपी की शुरुआत से पहले ऑन्कोलॉजिस्ट (radiation oncologist) द्वारा उपचार में उपयोग किए जाने वाले विकिरण बीम की सटीक मात्रा और फोकस को तय करने, कैंसर कोशिकाओं को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए अधिकतम विकिरण उपयोग करने और आसपास के स्वस्थ ऊतकों को पहुँचने वाले नुकसान को कम करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना तैयार करनी पड़ती है।
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एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थैरेपी आमतौर पर अस्पताल या क्लिनिक में विशेष उपकरणों की मदद से सप्ताह में 5 दिनों के लिए कई हफ्तों तक, एक आउट पेशेंट के रूप में प्रदान की जाती है। दिए जाने वाले उपचार की कुल संख्या कैंसर के आकार और प्रकार पर निर्भर करती है। जबकि आंतरिक विकिरण चिकित्सा के लिए, रोगी को अक्सर कुछ दिनों के लिए अस्पताल में रहने की आवश्यकता होती है। अस्पताल में रहने के दौरान विकिरण का स्तर उच्चतम होता है, इसलिए मरीज़ों के पास आगंतुक को नहीं रुकने दिया जा सकता है।
एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थैरेपी में एक रैखिक त्वरक (linear accelerator) नामक एक मशीन का उपयोग एक विशिष्ट ऊर्जा सीमा के अन्दर एक्स-रे विकिरण का उत्सर्जन करने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त रेडिएशन थैरेपी के लिए अन्य मशीनें भी उपलब्ध हैं जो इलेक्ट्रॉनों, प्रोटॉन, गामा किरणों या इनके संयोजन की ऊर्जा विकिरण का उपयोग करती हैं।
रेडिएशन थैरेपी (radiation therapy) के दौरान मरीज को एक टेबल पर लिटाया जाता है, तथा एक निश्चित स्थिति प्रदान की जाती है। जिस हिस्से का उपचार किया जाना है उस स्थान को छोड़कर शरीर के अन्य भाग को, विकिरण के प्रभाव से बचाने के लिए सुरक्षा कवच से ढक दिया जाता है। प्रत्येक बार रेडिएशन थैरेपी में आमतौर लगभग 10 से 30 मिनट का समय लगता है। तकनीशियन द्वारा एक कैमरे के माध्यम से उपचार प्रक्रिया पर निगरानी रखी जाती है। यह प्रक्रिया आमतौर पर दर्द रहित होती है।
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रेडिएशन थैरेपी (radiation therapy) के बाद तकनीशियन उपचार के परिणामों और सामान्य स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी करेगा, इसके लिए अनेक प्रकार के इमेजिंग परीक्षण की सहायता ली जा सकती है। यह परीक्षण यह जानने में मदद कर सकते हैं कि रेडिएशन थैरेपी की प्रक्रिया में कोई बदलाव करने की आवश्यकता है या नहीं। यदि रेडिएशन थैरेपी के बाद मरीज किसी भी तरह के दुष्प्रभावों का अनुभव करता है तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कैंसर सर्जरी और विकिरण चिकित्सा के बाद मरीज को उचित व्यायाम करने की सलाह दी जा सकती है।
डॉक्टर कैंसर उपचार के दौरान अलग-अलग समय पर और विभिन्न कारणों से रेडिएशन थैरेपी (radiation therapy) का सुझाव दे सकता है, जिसमें शामिल हैं:
ब्रैकीथेरेपी (Brachytherapy) का उपयोग अक्सर सिर और गर्दन, स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा (cervix), प्रोस्टेट कैंसर और आंख के कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है।
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विकिरण चिकित्सा (radiation therapy) द्वारा कैंसर कोशिकाओं को तुरंत नष्ट नहीं किया जा सकता है। कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए सर्वप्रथम डीएनए को क्षतिग्रस्त करने का लक्ष्य रखा जाता है, इसके लिए कुछ दिनों या हफ्तों तक उपचार करना पड़ सकता है। इसके बाद रेडिएशन थैरेपी समाप्त होने के बाद कैंसर कोशिकाएं हफ्तों या महीनों तक लगातार मरती (नष्ट होती) रहती हैं। अधिकतर स्थितियों में रेडिएशन थैरेपी का उपयोग, कैंसर के अन्य उपचारों जैसे कि सर्जरी, कीमोथेरेपी (chemotherapy) और इम्यूनोथेरेपी (immunotherapy) के साथ उपयोग में लाई जाती है। विकिरण चिकित्सा के द्वारा कैंसर का उपचार अनेक कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें शामिल हैं:
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ट्यूमर को नष्ट करने के लिए की गई रेडिएशन थैरेपी के बाद परिणामों का निरीक्षण करने के लिए समय-समय पर स्कैन परीक्षण की आवश्यकता पड़ सकती है।
यह स्कैनिंग परीक्षण यह देखने के लिए डॉक्टर की मदद कर सकते हैं, कि कैंसर पर विकिरण चिकित्सा द्वारा इलाज किए जाने पर क्या प्रतिक्रिया हुई है।
कुछ स्थितियों में, कैंसर को तुरंत दूर किया जा सकता है।
जबकि अन्य मामलों में, कैंसर को पूर्ण रूप से ठीक होने में कुछ सप्ताह या महीने का समय लग सकता है।
यदि किसी व्यक्ति को रेडिएशन थैरेपी की सिफारिश की जाती है, तो यह अन्य उपचार प्रक्रियाओं की अपेक्षा अनेक संभावित लाभ प्रदान कर सकती है।
रेडिएशन थैरेपी के लाभ निम्न हैं, जैसे:
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रेडिएशन थैरेपी के दौरान या रेडिएशन थैरेपी के बाद एक स्वास्थ्य और संतुलित आहार का सेवन करना जरुरी होता है। एक स्वास्थ्य आहार का सेवन उपचार प्रक्रिया को सफल बनाने में योगदान देता है। रेडिएशन थैरेपी के बाद मरीज को मुख्य रूप से प्रोटीन युक्त आहार की अधिक आवश्यकता होती है। अतः विकिरण चिकित्सा के बाद मरीज को निम्न आहार के सेवन पर ध्यान देना चाहिए, जैसे:
इसके अलावा रेडिएशन थैरेपी के दौरान शराब के सेवन से बचने, मसालेदार भोजन का सेवन न करने और धुम्रपान न करने की सलाह दी जाती है।
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रेडिएशन थैरेपी (radiation therapy) काफी महंगी हो सकती है।
इसकी कीमत रेडिएशन थैरेपी में उपयोग की जाने वाली जटिल मशीनों पर निर्भर करती है।
इसके अतिरिक्त इसकी लागत कैंसर के प्रकार और चरण के आधार लगभग 1.5 लाख से 20 लाख तक हो सकती है।
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