Rasgulla Recipe in Hindi: रसगुल्ला एक पारंपरिक बंगाली मिठाई है, जो भारतीय लोगों को बेहद पसंद है। बंगाल में तो इसे रोसोगुल्ला के रूप में जाना जाता है। ये मिठाई है ही ऐसी कि इसका नाम सुनते ही मुंह में मिठास घुल जाती है। इसे बनाना थोड़ा मुश्किल जरूर है लेकिन थोड़ी सी मेहनत से इसे घर पर आसानी से बनाया जा सकता है। रसगुल्ला वैसे तो पनीर और चाशनी को मिलाकर बनता है, लेकिन रसगुल्ला बनाने की कई विधियां हैं। भारत में कई तरह से रसगुल्ला बनाया जाता है। अगर आपके घर में कोई मेहमान आएं तो आप खाने के बाद डेजर्ट के रूप में रसगुल्ला सर्व कर सकते हैं। रसगुल्ला केवल स्वादिष्ट ही नहीं होता, बल्कि इसे खाने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ होते हैं। तो चलिए आज के हमारे इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि रसगुल्ला कैसे बनाते हैं और इनकी अलग-अलग विधियां।
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रसगुल्ला का इतिहास काफी दिलचस्प है। हममे से कई लोग ये समझते हैं कि रसगुल्ला बंगाली मिठाई है, जबकि सच ये है कि रसगुल्ला की उत्पत्ति उड़ीसा से हुई है। इतिहास के अनुसार रसगुल्ला को सबसे पहले पुरी में विकसित किया गया था और इसे पाशा रसगुल्ला कहा जाता था। इन्हें भोग के रूप में जगन्नाथ मंदिर में देवी लक्ष्मी को अर्पित किया गया था। मूल रूप से जगन्नाथ मंदिर पुरी में रसगुल्ले से जुड़ी एक परंपरा है और 12वीं शताब्दी से देवी लक्ष्मी को रसगुल्ला चढ़ाने की इस परंपरा का आज भी पालन किया जाता है।
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रसगुल्ला तभी अच्छा बनता है, जब चाशनी बनाने का तरीका सही हो। इसलिए हर किसी को चाशनी बनाने का तरीका पता होना चाहिए। चाशनी बनाने के लिए एक पैन में चीनी और पानी मिलाकर गर्म करें। जब पानी उबल जाए तो इसमें दूध डालें ताकि चीनी में मौजूद गंदगी ऊपर आ जाए और आप इसे हटा दें। चाशनी जब उबलने लगे तो इसमें झाग बनता है, जिसे आप छलनी से हटा सकते हैं। इसे मीडियम आंच पर 8 से 10 मिनट के लिए पकाएं। अब अपनी उंगलियों से चैक करें। अगर आपकी दोनों उंगलियों के बीच में एक तार बन रहा हो, तो रसगुल्ले के लिए एक तार की चाशनी तैयार है।
इसी तरह अगर आप दो तार की चाशनी बनाना चाहते हैं तो एक तार की चाशनी को दो से तीन मिनट और पकाएं और अगर तीन तार की चाशनी चाहिए तो दो तार की चाशनी को दो से तीन मिनट और पका लें। चाशनी जितनी गाढ़ी होगी, उसमें उतने ही ज्यादा तार बनेंगे। लेकिन आमतौर पर रसगुल्ले के लिए एक तार की चाशनी ही बनाई जाती है।
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आपको बता दें कि 100 ग्राम रसगुल्ले में कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।186 कैलोरी
तैयारी में समय- 5 मिनट, बनाने में समय- 1 घंटा 10 मिनट , कुल समय- 1 घंटा 15 मिनट।
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छेना के लिए सामग्री-
चीनी सिरप (चाश्नी) के लिए:
चाशनी के लिए:
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झटपट प्रेशर कुकर रसगुल्ला बनाने की सामग्री
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अंगूरी छेना बनाने की जरूरी सामग्री
अंगूरी रसगुल्ला रसगुल्ले का छोटा वर्जन है। रसगुल्ला जहां सफेद रंग का होता है, वहीं अंगूरी रसगुल्ला कलरफुल और नारियल के बूरे से कोटेड होता हैं। अगर आप भी घर में कुछ अलग तरह का रसगुल्ला बनाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले एक गहरे बर्तन में दूध गर्म करना शुरू करें, दूध गर्म हो जाए तो इसमें सिरका डाल दें। इसे अच्छी तरह से हिलाएं।
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मिल्क पाउडर वाले रसगुल्ला की सामग्री
चाशनी बनाने के लिए
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टेस्टी सूजी के रसगुल्ले की सामग्री
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रसगुल्ला पनीर\ छेना या सूजी से बनाए जाते हैं और ये दो इंग्रीडिएंट्स ही रसगुल्ला को हेल्दी स्वीटडिश बनाती हैं। नीचे जानते हैं रसगुल्ले खाने के फायदों के बारे में।
छेना मांसपेशियों के निर्माण और समग्र विकास में मदद करता है। छेना दूध को फाडऩे के बाद बनता है और दूध प्रोटीन का एक अच्छा स्त्रोत है। इस प्रोटीन में 80 प्रतिशत कैसिइन और 20 प्रतिशत मट्ठा होता है। इन दोनों प्रोटीन में सभी जरूरी अमीनो एसिड होते हैं जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं।
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छेना आपके दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाता है। छेना फटे दूध से तैयार होता है और दूध कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है। आपके दांतों और हड्डियों को मजूबत बनाने के लिए कैल्शियम जरूरी मिनरल है। इसके अलवा छेना आपके दिल की सेहत के लिए अच्छा है और पाचन सुधारण भी है। (और पढ़े – हड्डी मजबूत करने के लिए क्या खाएं…)
जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उनके लिए रसगुल्ला बेहद फायदेमंद है। अन्य भारतीय मिठाईयों की तुलना में इसमें कैलारी बहुत कम मात्रा में होती है, इसलिए ये वजन बढऩे की संभावना को कम करता है। जब आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो रसगुल्ला आपके लिए एक कम मीठा इलाज है। वहीं सूजी भी एक ऐसा इंग्रीडिएंट है, जो सेहत को बेहद लाभ पहुंचाती है। सूजी में प्रोटीन अच्छी मात्रा में होता है, वहीं फैट की मात्रा बहुत कम होती है। इसलिए खासतौर से ये उन लोगों के लिए अच्छी है जो वजन कम करना चाहते हैं।
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सूजी में ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, जो इसे डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा बनाता है। (और पढ़े – मधुमेह को कम करने वाले आहार…)
रसगुल्ले में मौजूद विटामिन बी फॉलेट और थायमीन का अच्छा स्त्रोत है, जो आपको एनर्जी देते हैं। (और पढ़े – एनर्जी के लिए क्या खाना चाहिए…
छेना में फॉस्फोरस की अच्छी मात्रा होती है जो पाचन और स्वस्थ आंत को बनाए रखने में मदद करता है। (और पढ़े – पाचन शक्ति बढ़ाने के घरेलू उपाय…)
प्रेग्नेंसी में रसगुल्ला खाना बहुत फायदेमंद माना जाता है। जो महिलाएं गर्भ में पल रहे शिशु के कम वजन को लेकर चिंतित हैं, उन्हें अक्सर रसगुल्ला खाने की सलाह दी जाती है। गर्भवती महिलाएं अगर हर दिन एक या दो छेना या रसगुल्ला खाएं तो उनके शिशु का वजन काफी स्पीड से बढ़ता है। (और पढ़े – गर्भावस्था के दौरान खाये जाने वाले आहार और उनके फायदे…)
हर गर्भवती महिला चाहती है कि उसका बच्चा गोरा और सुंदर हो। ऐसा करने के लिए रसगुल्ले का सेवन करना बहुत अच्छा है। गर्भावस्था के शुरू होते ही रोज सुबह एक रसगुल्ला खाना शुरू कर दें। बच्चा गोरा और सुंदर पैदा होगा।
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पीलिया से पीडि़त रोगी के लिए रसगुल्ला बहुत फायदेमंद है। इसके सेवन से बहुत जल्दी पीलिया जैसी बीमारी दूर हो जाती है। (और पढ़े – पीलिया का आयुर्वेदिक इलाज और उपचार…)
कई लोगों को पेशाब करने में जलन महसूस होती है, ऐसे लोगों की समस्या को दूर करने के लिए रसगुल्ला रामबाण इलाज है। इससे पेशाब में जलन नहीं होगी और पेशाब का पीलापन भी दूर हो जाएगा।
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रसगुल्ले के सेवन से आंखों में जलन और दर्द को दूर किया जा सकता है। (और पढ़े – आँखों को स्वस्थ रखने के लिए 10 सबसे अच्छे खाद्य पदार्थ…)
शरीर की थकान को दूर करने के लिए रसगुल्ला एक बहुत अच्छा उपाय है। इसे खाने के बाद थकान चुटकियों में दूर हो जाएगी और आप खुद को बहुत रिलेक्स्ड महसूस करेंगे। एक और दिलचस्प स्वास्थ्य तथ्य यह है कि रसगुल्ला को गुलाब जामुन की तुलना में ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। जानते हो क्यों? क्योंकि गुलाब जामुन को तला जाता है और इसे बहुत अधिक चीनी के साथ बनाया जाता है। जबकि रसगुल्ला को तला नहीं जाता और चीनी का भी नाममात्र उपयोग होता है।
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अक्सर डिब्बे में रखते-रखते ही रसगुल्ले टूट जाते हैं। ये ज्यादातर रसगुल्लों में मौजूद ज्यादा पानी की मात्रा के कारण होता है। इसके लिए ध्यान रखें कि जब आप पनीर या छेने में से पानी निकालते हैं, तो अपनी हथेली पर इसे रखकर लगभग 40 सैकंड तक अपने अंगूठे से दबाए रखें। इसके बाद आपको एक स्मूद बॉल मिल जाएगी और पानी भी पूरा सूख जाएगा।
जी, बिल्कुल आप रसगुल्ले में मैदा मिला सकते हैं। पहले पनीर को अच्छी तरह से गूंध लें, इसमें मैदा और 1/2 टीस्पून चीनी मिलाकर नरम, मुलायम आटा बना लें। जितना अधिक आप गूंधेंगे, आपके रसगुल्ले उतने ही अधिक नरम होंगे। इसके बाद आप इन्हें चाशनी में पका सकते हैं।
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