Yam Benefits in Hindi रतालू के फायदे कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए जाने जाते हैं। रतालू को याम नाम से भी जाना जाता है जो कि Dioscoreae परिवार का सदस्य है। रतालू को औषधीय गुणों वाला आहार माना जाता है जिसकी लगभग 200 प्रजातियां होती हैं। यह श्वसन समस्याओं, त्वचा रोग, पाचन संबंधी बीमारियों और कैंसर को रोकने में मदद करता है। रतालू का उपयोग महिला अंत: स्रावी (endocrine) प्रणाली की भी रक्षा करता है। इसके अलावा यह संज्ञानात्मक क्षमताओं में सुधार करता है और चयापचय को बढ़ावा देता है। इस तरह के विशेष स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के कारण रतालू हमारे लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है। आइए जाने रतालू के बारे में।
विषय सूची
1. रतालू क्या है – What is Yam (Ratalu) in Hindi
2. रतालू का पौधा – Ratalu Plant in Hindi
3. रतालू के पोषक तत्व – Yam (Ratalu) Nutritional Value in Hindi
4. रतालू के फायदे – Ratalu Health Benefits in Hindi
5. रतालू खाने के नुकसान – Ratalu Ke Nuksan in Hindi
याम एक कंद सब्जी है जो स्वाद में मीठे आलू की तरह होता है। याम के अंदर का गूदा नारंगी या सफेद होता है जो कि घास और लिली से संबंधित हैं। यह एक बाराहमासी वेल है जिसका कई प्रकार से उपयोग किया जाता है। जैसे कि इसे फ्राई करके खाया जा सकता है, उबालकर या भून कर खाया जा सकता है। याम के कंद 4.9 फीट तक बढ़ सकते हैं जो कि लगभग 70 किलोग्राम वजन तक के हो सकते हैं। इस कंद की मोटाई 3-6 इंच तक होती है। रतालू कंद की त्वचा कठोर और मौटी होती है जो कि पकाने के बाद आमतौर पर नरम हो जाती है। इस कंद का रंग अंदर से गुलाबी, बैंगनी, पीला या सफेद हो सकता है।
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जमीन के नीचे बढ़ने वाले रतालू के कंद शंकु, ग्लोब, सिलेंड़र की तरह या सपाट होते हैं। इसके पत्ते एकान्तर रूप में होते हैं जो कि समतल और 4-15 सेमी लंबे बैंगनी, लाल या हरे रंग के डंठलों में लगे होते हैं। इसकी पत्तीयां अंड़ाकार होती हैं जिनकी लंबाई 6-15 सेमी और चौड़ाई 4-12 सेमी होती है। आइए जाने रतालू में पाए जाने वाले पोषक तत्व क्या हैं।
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स्वास्थ्य लाभ दिलाने वाले इस औषधीय कंद रतालू में पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा होती हैं। यदि नियमित रूप से इनका सेवन किया जाए तो यह आपके लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध हो सकता है। रतालू में विटामिन सी, आहार फाइबर, थायमिन (Thiamine), विटामिन बी6, मैंगनीज और पोटेशियम शामिल हैं। रतालू में ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ही कम होता है और यह प्रति 100 ग्राम में 118 कैलोरी प्रदान करता है। अन्य आलू उत्पादों की अपेक्षा इसमें 54 प्रतिशत ग्लूकोज होता है। इसके अलावा रतालू में ट्राइपोफान (tryptophan), मेथियोनीन (methionine), एमिनो एसिड, सिस्टीन (cysteine) और सल्फर बहुत की कम मात्रा में होते हैं। आइए जाने इन पोषक तत्वों की उपलब्धता में रतालू हमें कौन से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
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इसके बहुत से प्रमाण हैं कि रतालू का उपयोग मानव स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव ड़ालता है। याम के स्वास्थ्य लाभ कई व्यक्तियों द्वारा मान्यता प्राप्त हैं जिन्होंने अन्य लाभों के साथ रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की है। याम का उपयोग नाश्ते के रूप में या सब्जी के रूप में भी किया जा सकता है। यह एक स्टार्च वाली सब्जी है। इसमें फाइबर और कार्बोहाइड्रेट भी अच्छी मात्रा में होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा विटामिन ए की मौजूदगी के कारण यह स्वस्थ श्लेष्म झिल्ली, त्वचा, स्वस्थ्य हड्डी, फेफड़ों और दृष्टि स्वास्थ्य को बढ़ाने में सहायक होता है। आइए विस्तार से जाने रतालू के फायदे क्या हैं।
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विटामिन बी6 की अच्छी मात्रा होने के कारण यह शरीर के लिए होमोसिस्टीन (homocysteine) तोड़ने में मदद करता है। यह रक्त वाहिकाओं की दीवारों को नुकसान पहुंचा सकता है। उच्च होमोसिस्टीन की उपस्थिति दिल के दौरा का कारण हो सकती है। लेकिन विटामिन बी6 की अच्छी मात्रा हृदय रोगों के विकास की संभावनाओं को कम करने में मदद करती है। इसके अलावा रतालू में पोटेशियम भी अच्छी मात्रा में होता है जो हृदय के लिए लाभकारी माना जाता है। यह रक्तवाहिकाओं को स्वस्थ्य और रक्तचाप को नियंत्रित रखता है। रतालू में डायस्कोरिन (Dioscorin) है जो उच्च रक्तचाप रोगीयों के लिए फायदेमंद होता है। इस तरह से यदि आप हृदय समस्याओं से बचना चाहते हैं तो रतालू का नियमित सेवन कर सकते हैं।
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एंजाइम की उपस्थिति के कारण रतालू महिलाओं से संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। रतालू का सेवन रजोनिवृत्ति तक पहुंचने वाली महिलाओं में हार्मोन के प्रतिस्थापन में मदद करता है। महिलाओं मे मतली और अधिक गर्मी लगना (Hot flashes) जैसी समस्याएं हार्मोन के असंतुलन के कारण होती हैं। रतालू में डायोजजेनिन (diosgenins) होते हैं जो रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने और हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। परंपरागत रूप से रतालू का उपयोग स्तनपान कराने वाली महिलाओं द्वारा भी किया जाता है। इसमें मौजूद विटामिन बी6 अवसाद को कम करने में भी सहायक होता है। नियमित रूप से रतालू का सेवन महिलाओं के लिए एक टॉनिक का काम करता है जो हार्मोन संतुलन का काम करता है।
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अपचन जीवन के लिए घातक नहीं है, लेकिन इससे परेशानी बहुत हो सकती है। अपचन के लक्षणों में गैस, सूजन, मतली, खट्टी डकार आदि शामिल हैं। गर्भावस्था के दौरान अपचन आमतौर पर देखा जा सकता है। इसका उपचार करने के लिए रतालू का उपयोग फायदेमंद होता है। क्योंकि रतालू स्टार्च से भरपूर खाद्य पदार्थ है और इसमें फाइबर भी अच्छी मात्रा में होते हैं। ये दोनो ही आपके पेट की सभी समस्याओं जो पाचन से संबंधित है उनका निदान करने में मदद करते हैं। रतालू का नियमित सेवन कर कब्ज जैसी समस्या से निपटा जा सकता है। यह पाचन विकारों जैसे अपचन, कब्ज
और इर्रिटेबिल बोवेल सिंड्रोम (Irritable bowel syndrome) आदि समस्याओं को रोकता है।(और पढ़ें –अपच या बदहजमी (डिस्पेप्सिया) के कारण और उपचार)
संज्ञानात्मक क्षमता में सुधार करने के लिए रतालू का उपभोग करना फायदेमंद होता है। याम में याद करने और सीखने की क्षमता में वृद्धि करने वाले गुण मौजूद रहते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग 6 सप्ताह तक नियमित रूप से रतालू का सेवन करते हैं उनकी संज्ञानात्मक कार्य क्षमता में वृद्धि होती है। ऐसा रतालू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट की उपस्थिति के कारण होता है। रतालू का नियमित सेवन अल्जाइमर जैसी समस्याओं को भी काफी हद तक ठीक कर सकता है। यदि आप अपने मस्तिष्क को स्वस्थ्य और तेज बनाना चाहते हैं तो रतालू का नियमित सेवन कर सकते हैं।
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याम मे मौजूद विटामिन और खनिज पदार्थ मानव शरीर में चयापचय को बढ़ा सकते हैं। रतालू में विटामिन ए होता है जो स्वस्थ श्लेष्म झिल्ली (Mucous membrane) बनाए रखने में मदद करता है और उसकी रक्षा करता है। नियमित उपभोग से यह आंखों को भी स्वस्थ्य रखता है और देखने की क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा यह हड्डी के विकास, घावों का इलाज, प्रतिरक्षा में सुधार और उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम करने में भी सहायक हो सकता है। इन सभी लाभों को ध्यान में रखते हुए आप रतालू को अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकते हैं।
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लिखना, पढ़ना, घूमना-फिरना और देखना आदि स्वस्थ्य आंखों के बिना संभव नहीं है। लेकिन आप अपनी आंखों को स्वस्थ्य बनाने के लिए रतालू का उपयोग कर सकते हैं। आंखों को स्वस्थ्य बनाने के लिए रतालू में विटामिन सी की अच्छी मात्रा मौजूद रहती है इसके अलावा यह आपकी प्रतिरक्षा शक्ति को भी मजबूत करता है। याम का नियमित सेवन मैकुलर अपघटन को कम करता है जो आपकी आंखों की द्रष्टि के लिए हानिकारक हो सकता है। विटामिन ए आंखों के संक्रमण की संभावनाओं को भी कम करता है। आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए रतालू में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट भी मौजूद रहते हैं जो फ्री रेडिकल्स को नष्ट कर आंखों की बीमारियों को होने से रोकते हैं। आप भी अपनी आंखों के स्वास्थ्य के लिए रतालू का उपयोग कर सकते हैं।
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वे महिलाएं जो गर्भवती हैं उनके लिए रतालू का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है। इसमें विटामिन बी6 होता है जो मतली, सुबह के समय चक्कर आना और उल्टी जैसी समस्याओं का प्रभावी रूप से इलाज कर सकता है। नियमित रूप से रतालू का सेवन करने पर यह कम वजन के बच्चे के जन्म की संभावना को भी कम करता है। रतालू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं। इसमें मौजूद पोटेशियम रक्तचाप से संबंधित समस्याओं को दूर करता है। इस तरह से गर्भावस्था के दौरान यह महिलाओं के संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए उपयुक्त विकल्प हो सकता है।
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प्राचीन समय से ही रतालू का उपयोग पारंपरिक दवाओं के रूप में किया जा रहा है। इसमें एलांटाइन (allantoin) होता है जो फोड़े, अल्सर या अन्य त्वचा समस्याओं के दौरान इस्तेमाल करने पर कोशिकओं की वृद्धि में मदद करता है। याम का उपभोग करने पर यह उम्र बढ़ने संबंधि लक्षणों को कम करने में सहायक होता है। यह विटामिन सी, अन्य पोषक तत्व और बीटा कैरोटीन से भरा होता है। ये पोषक तत्व हानिकारक फ्री रेडिकल्स को नष्ट करने और त्वचा कोशिकाओं की क्षति को कम करने में सहायक होते हैं। रतालू का सेवन करने के फलस्वरूप यह डार्क सर्कल और झुर्रियों आदि को कम कर त्वचा को स्वस्थ्य और जवा बनाए रखने में मदद करता है।
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अधिकतर मामलों में लोग कैंसर से जूझते हुए अपनी जान गंवा देते है। कैंसर एक दर्दनाक और घातक बीमारी है जिसका उपचार प्रारंभिक चरण में ही संभव है। लेकिन इसकी रोकथाम की जा सकती है। विकिरण चिकित्सा और कीमोथेरेपी जैसे कैंसर उपचार बहुत ही कष्टदायक होते हैं। लेकिन यदि दैनिक आधार पर नियमित रूप से रतालू का सेवन किया जाए तो कैंसर के प्रभाव को रोका जा सकता है। क्योंकि रतालू प्रतिरक्षा में वृद्धि करने में मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण रतालू कोलन कैंसर होने से रोक सकता है। इसमें मौजूद फाइबर पेट में विषाक्त पदार्थों को रुकने नहीं देता है जिससे ये आपके कोलन झिल्ली को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा पाते हैं। इसके अतिरिक्त रतालू में मौजूद विटामिन ए मुंह के कैंसर और फेफड़ों के कैंसर से सुरक्षा प्रदान करने में मदद करते हैं।
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समय से पहले बालों के भूरे और सफेद होने की संभावना को रतालू कम कर सकता है। आप अपने बालों के उचित पोषण और स्वास्थ्य के लिए रतालू का सेवन करें। क्योंकि इसमें विटामिन बी6 होता है जो मेलेनिन बनाता है और बालों को प्राकृतिक रंग प्रदान करने में मदद करता है।
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निर्धारित और कम मात्रा में खाए जाने पर रतालू के कोई भी नुकसान नहीं होते हैं।
लेकिन यदि अधिक मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो कुछ संभावित दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
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