Red Wine Benefits And Side Effects in Hindi रेड वाइन के फायदे और नुकसान ये सुनकर आपको जरूर आश्चर्य हो रहा होगा। क्या कभी वाइन शरीर के लिए फायदेमंद हो सकती है। हमेशा हमने यह देखा और सुना है कि शराब हमारे शरीर के लिए हानिकारक होती है। लेकिन कई अध्ययनों से पता चलता है कि कम मात्रा में यदि रेड वाइन का सेवन किया जाए तो यह कैंसर, मानसिक स्वास्थ्य, हृदय स्वास्थ्य आदि में सुधार कर सकता है। प्राचीन समय में विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के निदान के लिए रेड वाइन का उपयोग दवा के रूप में किया जाता था। बेशक शराब मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। लेकिन यदि कम मात्रा में या दवा के रूप में इसका सेवन किया जाए तो यह बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है। इस लेख में आप रेड वाइन के फायदे और नुकसान के बारे में जानेगें।
विषय सूची
1. रेड वाइन क्या है – Red Wine Kya Hai in Hindi
2. रेड वाइन कैसे बनती है – Red Wine Kaise Banti Hai in Hindi
3. रेड वाइन के प्रकार –Types Of Red Wine in Hindi
4. रेड वाइन के पोषक तत्व – Red Wine Nutritional Value in Hindi
5. रेड वाइन के फायदे – Red wine ke fayde in Hindi
6. रेड वाइन कैसे पिए – how to use red wine in Hindi
7. रेड वाइन कितनी पीनी चाहिए – How Much Red Wine Should Drink in Hindi
8. रेड वाइन के नुकसान – Red wine side effects in Hindi
जो लोग शराब का सेवन करते हैं, उन्हें शराब के विषय में पूरी जानकारी होना चाहिए। क्योंकि शराब उनके स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकती है। रेड वाइन काले अंगूर की किस्मों से बनी शराब का एक प्रकार है। रेड वाइन में अल्कोहल की मात्रा लगभग 12-15 प्रतिशत होती है।
रेड वाइन के कई प्रकार होते हैं जो स्वाद और रंग में अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे बैंगनी रंग नयी शराब को दर्शाता है। उसी तरह ईंट की तरह लाल रंग परिपक्य शराब और ब्राउन रंग पुरानी शराब को बताता है। रेड वाइन कैसे बनाई जाती है यह एक दिलचस्प कहानी है। रेड वाइन काले रंग के पके हुए पूरे अंगूरों को किण्वित करके बनाई जाती है। रेड वाइन का कम मात्रा में सेवन करने से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि रेड वाइन में मुख्य रूप से शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
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जैसा कि आप जान चुके हैं कि रेड वाइन काले अंगूरों को किण्वित करके बनाई जाती है। लेकिन यही एक मात्रा रेड वाइन नहीं है। रेड वाइन के कई प्रकार होते हैं जिनमे प्रत्येक का अपना विशेष स्वाद, रंग और गुण होते हैं। कुछ विशेष और लोकप्रिय रेड वाइन इस प्रकार हैं :
सिरा (Syrah) : इस रेड वाइन को शिरज़ भी कहा जाता है। यह रेड वाइन के मसालेदार प्रकारों में से एक है। आमतौर पर इस रेड वाइन का उपयोग अन्य रेड वाइन की तरह ही किया जाता है। लेकिन इस प्रकार की कुछ रेड वाइनों में तीव्र स्वाद होता है जो सेल्फ लाइफ को बढ़ाने में मदद करती हैं। रेड वाइन के अन्य प्रकार हैं :
कई अध्ययनों से पता चलता है कि रेड वाइन में बहुत से पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा हमें विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रेड वाइन में बहुत से पोषक तत्व और खनिज पदार्थ मौजूद रहते हैं। आइए जाने रेड वाइन मेंपाये जाने वाले पोषक तत्व क्या हैं।
100 मिली लीटर रेड वाइन के पोषक तत्व इस प्रकार हैं, जो हमारी दैनिक जरूरत के अनुसार हैं।
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यदि आप शराब और रेड वाइन को एक समान मानते हैं तो ऐसा नहीं है। रेड वाइन में अल्कोहल की मात्रा बहुत कम होती है। लेकिन यदि आप शराब का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। रेड वाइन में बहुत से ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। लेकिन ये फायदे तब प्राप्त किये जा सकते हैं जब आप रेड वाइन का बहुत ही कम मात्रा में सेवन करें। अधिक मात्रा में इसका सेवन भी शराब से होने वाले नुकसान की तरह होते हैं। रेड वाइन का नियमित और कम मात्रा में सेवन करने से त्वचा समस्याओं, मानसिक स्वास्थ्य, कैंसर, हृदय रोग आदि को ठीक करने में मदद मिलती है। आइए विस्तार से जाने रेड वाइन के फायदे क्या हैं।
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एक अध्ययन से पता चलता है कि रात के भोजन के साथ 1 गिलास रेड वाइन पीना फायदेमंद होता है। 1 गिलास रेड वाइन टाइप-2 मधुमेह रोगीयों में कार्डियो चयापचय (cardio metabolic) के खतरे को कम करता है। लेकिन ध्यान रखें के रेड वाइन कि ये लाभ केवल इसकी कम मात्रा सेवन करने से ही प्राप्त होते हैं।
शोधकर्ताओं का मानना है कि रेड वाइन में इथेनॉल (ethanol) ग्लूकोज चयापचय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही यह गैर-शराब सामग्री के रूप में काम करता है। लेकिन जिन लोगों को मधुमेह की शिकायत है उन्हें रेड वाइन का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
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कम मात्रा में वाइन विशेष रूप से रेड वाइन पीना प्लाज्मा और लाल रक्त कोशिकाओं में ओमेगा-3 फैटी एसिड के स्तर को बढ़ावा देने में मदद करता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड हृदय को स्वस्थ्य बनाए रखने और हृदय समस्याओं से हमारी रक्षा करने में मदद करता है। यह विशेष रूप से मछली या मछली के तेल का सेवन करने प्राप्त होता है। शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन मे पाया कि नियमित रूप से कम मात्रा में रेड वाइन का सेवन करने से वयस्कों में ओमेगा-3 फैटी एसिड के स्तर में वृद्धि होती है। इसलिए यदि आप अपने हृदय को स्वस्थ्य रखना चाहते हैं औषधी के रूप में बहुत ही कम मात्रा में रेड वाइन का नियमित सेवन कर सकते हैं।
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2006 के एक अध्ययन से पता चलता है कि रेड वाइन में प्रोसाइनिडिन (procyanidins) पाया जाता है। यह ऐसा यौगिक है जो रक्तवाहिकाओं को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। रेड वाइन बनाने की परंपरागत विधियों के कारण रेड वाइन में प्रोसाइनिडिन की उच्च मात्रा उत्पादित होती है। 2012 के एक और अध्ययन से पता चलता है कि गैर मादक रेड वाइन का कम मात्रा में नियमित सेवन करने से रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करने का एक स्वस्थ विकल्प हो सकता है।
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यदि आप अपने वजन को कम करना चाहते हैं तो रेड वाइन का सेवन बहुत ही कम मात्रा में नियमित रूप से करें। 2010 के एक अध्ययन के अनुसार जो महिलाएं नियमित रूप से रेड वाइन का कम मात्रा में सेवन करती हैं वे अपने बढ़ते वजन को नियंत्रित कर सकती हैं। ऐसा माना जाता है कि रेड वाइन का सेवन करने के बाद ऊर्जा अधिक मात्रा में व्यय होती है। जिससे रेड वाइन पीने पर अतिरिक्त कैलोरी को संतुलित करने में मदद मिलती है। इसलिए रेड वाइन का नियमित सेवन वजन को कम करने में सहायक
होता है।(और पढ़े – वजन और मोटापा कम करने के लिए क्या खाएं क्या न खाए…)
कुछ अध्ययन बताते हैं कि कम मात्रा में रेड वाइन का सेवन करने से डिमेंशिया विकास के खतरे को रोका जा सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार ऐसा रेडवाइन मेरेसवर्टरोल (Resveratrol) की उपस्थिति के कारण होता है। यह रक्त में मौजूद प्लेटलेट की चिपचिपाहट को कम करता है। जिससे रक्त वाहिकाओं के अवरोध को दूर करने, उन्हें फैलाने और नरम बनाए रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति करने में भी मदद करता है।
रेड और व्हॉइट वाइन दोनों में रेसवर्टरोल की मात्रा होती है। लेकिन रेड वाइन में इसकी अधिक मात्रा होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अंगूर की उपरी त्वचा में रेसवर्टरोल की अच्छी मात्रा होती है। लेकिन फिर भी सलाह दी जाती है कि स्वास्थ्य लाभ दिलाने के बाद भी रेड वाइन का बहुत ही कम मात्रा में सेवन करना चाहिए।
2010 में किये गए एक अध्ययन से पता चलता है कि रेड वाइन में मौजूद रेसवर्टरोल (Resveratrol) दृष्टि हानि को रोकने में मदद करता है। दृष्टि हानि आंखों में रक्त वाहिकाओं के अत्याधिक विकास के कारण हो सकती है। मधुमेह रेटिनोपैथी और आयु से संबंधित मैकुलर गिरावट 50 वर्ष या इससे अधिक उम्र वालों के लिए अंधेपन का प्रमुख कारण होता है। यह आंख में रक्त वाहिकाओं की अत्याधिक वृद्धि के कारण होता है जिसे एंजियो जेनेसिस (angiogenesis) कहा जाता है।
शोधकर्ताओं का मानना है कि रेड वाइन केवल मधुमेह के कारण दृष्टि समस्या को दूर करता बल्कि एथेरोस्क्लेरोसिस, कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों और रेटिना डिटेचमेंट (retinal detachment) के अन्य कारणों में मदद कर सकता है।
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स्पेन के शोधकर्ताओं ने 2013 के एक अध्ययन में पाया कि रेड वाइन का सेवन करने से अवसाद को कम किया जा सकता है। एक अन्य अध्ययन जिसमें 7 वर्षों की अवधि के दौरान 55 से 80 वर्ष की आयु वाले पुरुष और महिला जो नियमित रूप से साप्ताहिक 2 गिलास रेड वाइन का सेवन करते थे, उनमें अवसाद के स्तर में कमी देखी गई। इसका यह मतलब निकाला जा सकता है कि रेड वाइन का नियमित और कम मात्रा में सेवन अवसाद से छुटकारा दिला सकता है।
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बहुत ही कम मात्रा में शराब (Modest wine) का सेवन करने से यकृत रोग के खतरे को कम किया जा सकता है। एक अध्ययन में बताया गया कि जो लोग शराब का सेवन नहीं करते हैं उनकी अपेक्षा कम मात्रा में रेड वाइन लेने वाले लोगों में इस प्रकार की समस्या बहुत ही कम होती है। लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि यह लाभ रेड वाइन की बहुत ही कम मात्रा के सेवन करने से प्राप्त किया जा सकता है। जो लोग नियमित रूप से शराब और बीयर की सामान्य या अधिक मात्रा में सेवन करते हैं, इनमें रेड वाइन पीने वालों की अपेक्षा 4 गुना अधिक खतरा होता है।
वह व्यक्ति जिसे हेपेटाइटिस (Hepatitis) या किसी अन्य प्रकार की जिगर संबंधी बीमारी है उसे शराब से पूरी तरह दूर रहना चाहिए।
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अमेरिका में किये गए एक अध्ययन से पता चलता है कि महिलाओं द्वारा नियमित रूप से रेड वाइन का सेवन करने से महिलाओं की प्रजनन क्षमता में वृद्धि होती है। अध्ययन में यह जांचा गया कि रेड वाइन एक महिला के डिम्बग्रंथि रिजर्व (उसके अंडों की मात्रा और उनके स्वास्थ्य) को कैसे प्रभावित करती है। उन्होंने पाया कि एक महीने में कम से कम 5 गिलास रेड वाइन का सेवन करने से महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। रेड वाइन का यह प्रभाव रेसवर्टरोल (Resveratrol) के कारण होता है।
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अधिकांश नशीले पदार्थों का नियमित और अधिक मात्रा मे सेवन करने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन लाल अंगूर के बीजों और इसकी त्वचा में बहुत से रसायन (chemicals) होते हैं जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। इसलिए जो महिलाएं नियमित रूप से कम मात्रा में रेड वाइन का सेवन करती हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है।
आमतौर पर शराब महिला के एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाता है और यह कैंसर की कोशिकाओं के विकास को भी प्रोत्साहित करता है। हालांकि रेड वाइन में मौजूद अरोमाटेस अवरोधक (aromatase inhibitors) कुछ हद तक एस्ट्रोजेन के स्तर को कम करने में मदद करता है। इसके अलाव यह महिलाओं में रजोनिवृत्ति के समय टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने में मदद करते हैं। रेड वाइन के ये फायदे लाल अंगूर के गुणों के कारण होते हैं। इसलिए रेड वाइन पीने की अपेक्षा लाल अंगूरों का सेवन ज्यादा फायदेमंद होता है। ब्रेस्ट कैंसर के अलावा रेड वाइन का सेवन करने से प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer), फेफड़ों के कैंसर (lung cancer) और पेट के कैंसर (colon cancer) जैसे गंभीर कैंसरों को रोकने में मदद मिलती है।
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ऐसा माना जाता है कि नियमित रूप से रेड वाइन का सेवन आपके मस्तिष्क के स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि जो लोग प्रतिदिन 1 गिलास रेड वाइन का सेवन करते हैं वे डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी गंभीर समस्या से बच सकते हैं।
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यह आपको निश्चित करना है कि आप कितनी मात्रा में रेड वाइन पी सकते हैं। सामान्य और सुरक्षित रूप से 1 वयस्क व्यक्ति द्वारा 1-2 गिलास रेड वाइन का सेवन उपयुक्त माना जाता है। लेकिन रेड वाइन का सेवन समय और मात्रा आपको निर्धारित करनी है। रेड वाइन सेवन करते समय अपने स्वास्थ्य और क्षमता का विशेष ध्यान रखें। यदि आप सोच रहे हैं कि रेड वाइन का सेवन कैसे करें तो यह बहुत ही आसान है।
यदि आप रेड वाइन पीना चाहते हैं क्योंकि यह फायदेमंद है। लेकिन रेड वाइन पीने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आपको इसकी कितनी मात्रा का सेवन करना चाहिए। शोधकर्ताओं के अनुसार महिलाओं और पुरुषों के लिए रेड वाइन की अलग-अलग मात्रा निर्धारित की गई है। इसके अनुसार :
महिलाओं को प्रतिदिन 1 से 1.5 गिलास रेड वाइन का सेवन फायदेमंद होता है।
पुरुषों के लिए यह मात्रा 1 से 2 गिलास निर्धारित की गई है और यह भी सलाह दी जाती है कि सप्ताह में 1 या 2 दिन रेड वाइन का सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
ध्यान रखें कि रेड वाइन में अल्कोहल की मात्रा कम होने के बाद भी इसका अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
बहुत ही कम या मध्यम मात्रा में रेड वाइन का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन यदि अधिक मात्रा में इसका सेवन किया जाता है तो इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। आइए जाने अधिक मात्रा में रेड वाइन पीने के नुकसान क्या हो सकते हैं।
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इस लेख का उद्देश्य आपको केवल रेड वाइन के फायदे और नुकसान बताना है। इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि सभी को रेड वाइन का सेवन करना चाहिए। रेड वाइन का सेवन बहुत ही कम या मध्यम मात्रा में करना चाहिए जो कि औषधीय रूप है। अधिक मात्रा में इसका सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए किसी भी प्रकार से फायदेमंद नहीं है।
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