Remedies To Strengthen Gums In Hindi: मसूड़े और दांत हमारे शरीर वो विशेष अंग हैं जिन पर हमें विशेष ध्यान देना चाहिए। मसूड़ों को मजबूत करने के घरेलू उपाय अपनाकर आप अपने दांतों को भी स्वस्थ रख सकते हैं। मसूड़ों की समस्या होने पर आपके दांत कमजोर हो जाते हैं जिससे आपको भोजन करने और यहां तक की बोलने आदि में भी परेशानी हो सकती है। यदि आपके दांत कमजोर हैं तो आपको मसूड़ों को मजबूत करने के उपाय अपनाने चाहिए। मसूड़े देखने में मांस का टुकड़ा होते हैं लेकिन इनमें कई संवदनशील तंत्रिकाएं होती हैं। मसूड़ों को मजबूत करने का उपाय अपनाकर आप दांत दर्द, मसूड़ों से खून आना, मसूड़े फूलना और अन्य प्रकार की समस्याओं से बच सकते हैं। आज इस आर्टिकल में आप मसूड़ों को स्वस्थ रखने के उपाय संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें।
हमारे मसूड़े कमजोर होना एक सामान्य समस्या है। लेकिन यदि समय पर इसका उपचार नहीं किया गया तो यह आपके लिए गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है। समान्य रूप से मसूड़ों के कमजोर होने के बहुत से कारण होते हैं। इन कारणों में मौखिक स्वस्च्छता और पोषक तत्वों की कमी प्रमुख हैं। इसके अलावा अन्य कारण इस प्रकार हैं।
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सामान्य रूप से दांतों में होने वाली सभी समस्याओं के लक्षण मसूड़ों के कमजोर होने से ही संबंधित हैं। लेकिन फिर मसूड़ों के कमजोर होने के कुछ समान्य लक्षण इस प्रकार हैं।
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यदि नरम ऊतक और हड्डी जो आपके दांतों को कसते या पकड़ते हैं संक्रमित हो सकते हैं। जिसके परिणामस्वरूप आपको मसूड़ों की बीमारी या पीरियोडोंटाइटिस (periodontitis) की समस्या हो सकती है। लेकिन यदि संक्रमण बहुत अधिक फैल गया है तो इस स्थिति में आपके दांत मसूड़ों से दूर या निकल भी सकते हैं।
सामान्य रूप से पेरियोडोंटल बीमारी के लिए पारंपरिक उपचार में शामिल हैं :
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आपको अपने मसूड़े संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए डॉक्टरी उपचार लेने की आवश्यकता है। लेकिन यदि आप ऐसा नहीं चाहते हैं तो कोई बात नहीं क्योंकि दांतों और मसूड़ों को मजबूत करने के कुछ आसान से घरेलू उपाय भी होते हैं। आप मसूड़ों को मजबूत करने की दवा के रूप में कुछ जड़ी बूटीयों और खाद्य पदार्थों का उपयोग कर सकते हैं। आइए विस्तार से जाने मसूड़ों को स्वस्थ रखने के उपाय क्या हैं।
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आप अपने मसूड़ों को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए ग्रीन टी का उपयोग कर सकते हैं। ग्रीन टी में एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (epigallocatechin-3-gallate) जैसे कैटेचिन अच्छी मात्रा में होते हैं। ये घटक मसूड़ों की सूजन को कम करने और मुंह में मौजूद बैक्टीरिया के विकास को रोकने में सहायक होते हैं। मसूड़ों को मजबूत करने के उपाय में ग्रीन टी का उपयोग करने के लिए आपको निम्न सामग्री की आवश्यकता होती है।
आपको 1 चम्मच ग्रीन टी और 1 कप गर्म पानी चाहिए। आप गर्म पानी में 1 चम्मच ग्रीन टी मिलाएं और इसे 5 से 7 मिनिट तक गर्म पानी में रखें। इसके बाद आप चाय को थोड़ा ठंडा होने दें और फिर इस चाय का सेवन करें। मसूड़ों संबंधी समस्या को दूर करने के लिए आप ग्रीन टी का दिन में दो बार तक उपयोग कर सकते हैं। लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि आप अधिक मात्रा में ग्रीन टी का सेवन न करें। क्योंकि इसमें कैफीन होता है। लंबे समय तक कैफीन की अधिक मात्रा का सेवन करना आपके दांतों को गंदा दाग दे सकता है। (1)
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2009 केएक अध्ययन के अनुसार ऑइल पुलिंग करना एक आयुर्वेदिक उपाय है। यह दांतों और मसूड़ों में पट्टिका (plaque) के जमाव को रोकने में प्रभावी होता है। ऑइल पुलिंग करने के लिए लगभग 20 मिनिट तक अपने मुंह में थोड़ा सा नारियल का तेल लें और मुंह के अंदर चारों ओर घुमाएं। ऐसा करने से आपके मसूड़ों की सूजन को कम कर सकता है। मुंह में कुछ देर तक मुंह में रखने के बाद थूक दें। इसके बाद आप गुनगुने या नमक वाले पानी से अच्छी तरह कुल्ला करें और फिर ब्रश करें।
मसूड़ों को मजबूत करने के लिए ऑइल पुलिंग तकनीक का उपयोग करने के लिए तिल का तेल भी एक अच्छा विकल्प है। क्योंकि 2012 में हुए एक अध्ययन के अनुसार नारियल तेल में मौजूद स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स (Streptococcus mutans) बैक्टीरिया दांत तामचीनी (tooth enamel) को नुकसान पहुंचा सकता है। (2)
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आप अपने दांत और मसूड़ों को मजबूत करने के लिए नमक वाले गुनगुने पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। अपने मसूड़ों और मुंह को नमक के पानी से धोना मसूड़ों की बीमारी के इलाज का एक प्रभावी तरीका है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नमक वाला पानी दांत और मसूड़ों में जमा प्लाक और बैक्टीरिया के विकास को रोकने और उन्हें दूर करने में सहायक होता है।
स्वस्थ मसूड़ों के लिए नमकीन गुनगुना पानी बनाने के लिए आपको 1 छोटा चम्मच खाने वाला नमक और 1 कप गर्म पानी की आवश्यकता होती है। आप 1 कप गर्म पानी में 1 चम्मच नमक डालकर अच्छी तरह से घोलें। इसके बाद इस पानी से आप कुल्ला करें। उचित लाभ प्राप्त करने के लिए आप नमक वाले पानी का उपयोग दिन में 2 से 3 बार कर सकते हैं। (3)
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बेकिंग सोडा को सोडियम बाइकार्बोनेट (Sodium bicarbonate) के नाम से भी जाना जाता है। बेकिंग सोडा में जीवाणुनाशक और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जो पट्किा और मसूड़े की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसलिए बेकिंग सोडा का उपयोग दांत और मसूड़ों को मजबूत करने के उपाय में शामिल किया जा सकता है।
मसूड़ों की समस्या को दूर करने के लिए आपको चाहिए 1 छोटा चम्मच बेकिंग सोडा और 1 कप पानी। आप 1 कप पानी में बेकिंग सोड़ा को अच्छी तरह से घालें और इस मिश्रण से दिन में 2 से 3 बार कुल्ला करें। ऐसा करने से आपके मसूड़ों में मौजूद बैक्टीरिया और अन्य संक्रमण को दूर करने में मदद मिल सकती है। (4)
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एलोवेरा जेल मसूड़ों संबंधी बीमारियों और इनके लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकता है। मसूड़ों को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए एलोवेरा जेल को मसूड़ों और मुंह के अंदर लगाया जाता है। इसके अलावा आप एलोवेरा जेल युक्त पानी से कुल्ला भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको 1 ताजे एलोवेरा की पत्ती और पानी की आवश्यकता होती है।
आप एलोवेरा की पत्ती को काटकर इसका जेल निकालें। इस जेल को आप सीधे ही अपने मसूड़ों में लगा सकते हैं। जेल को मसूड़ों में लगाने के लगभग 10 से 15 मिनिट के बाद अच्छी तरह से कुल्ला कर लें। इसी तरह से विकल्प के रूप में आप एलोवेरा जेल को पानी में घोल कर एक मिश्रण तैयार करें। इस मिश्रण से आप दिन में 3 से 4 बार कुल्ला भी कर सकते हैं। (5)
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क्रैनबेरी का जूस पीरियडोंटल (periodontal) बैक्टीरिया के विकास को रोकने में प्रभावी होता है। इस कारण ही मसूड़ों संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए क्रैनबेरी जूस या करौंदा जूस का उपयोग किया जाता है। इसके लिए आपको 1 कप करौंदा (Cranberry) की आवश्यकता होती है। आप इन करौंदा के बीजों को जूसर की मदद से जूस निकाल लें। इस क्रैनबेरी जूस का उपयोग आप कुल्ला करने के लिए करें। कुछ सेकंड के लिए इस जूस को अपने मुंह में रखें और फिर थूक दें। ऐसा करने से आपको मसूड़ों की सूजन और दर्द दोनों से राहत मिल सकती है। कुल्ला करने के लिए आप इस जूस का उपयोग दिन में 1 बार किया जा सकता है। (6)
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अमरूद की पत्तियों में जीवाणुरोधी गुण होते हैं। मौखिक रूप से सेवन करने पर यह बैक्टीरिया के विकास को रोकने और उन्हें नष्ट करने में सहायक होता है। इसके अलावा अमरूद की पत्तियां दांत और मसूड़ों में पट्टिका के जमाव को भी दूर कर सकती हैं। इन गुणों के कारण अमरूद की पत्तियां मसूड़ों संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए एक प्रभावी औषधी मानी जाती है। मसूड़ों को मजबूत बनाने के लिए आपको 1 से 2 अमरूद की कोमल पत्तियों की आवश्यकता होती है।
आप अमरूद की नरम पत्तियों को लें और इन्हें अच्छी तरह से धोने के बाद चबाएं। चबाते हुए आप इन पत्तियों को 1 से 2 मिनिट तक अपने मुंह में रखें और फिर थूक दें। इसके बाद आप सामान्य पानी से अच्छी तरह कुल्ला करें। आप इस विधि का उपयोग दिन में 1 से 2 बार कर सकते हैं। (7)
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2013 में हुए एक अध्ययन के अनुसार पुदीना का तेल मसूड़ों में मौजूद संक्रमण को दूर करने में प्रभावी होता है। नियमित रूप से पुदीने के तेल को मसूड़ों में लगाने से वहां मौजूद बैक्टीरिया को आसानी से नष्ट किया जा सकता है। आप भी अपने मसूड़ों को मजबूत बनाने के उपाय में पुदीना के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। (8)
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2014 में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि 300 मिली ग्राम ओमेगा-3 फैटी एसिड को 12 सप्ताह तक नियमित रूप से प्रतिदिन पीना दांतों और मसड़ों को स्वस्थ रखता है। यह मसूड़ों की सूजन को कम करने और दर्द को भी शांत करने में सहायक होता है। अध्ययनों से संकेत मिलते हैं कि ओमेगा-3 फैटी एसिड पीरियोडोंटाइटिस को रोकने में भी सहायक होता है। इस तरह से आप अपने मसूड़ों को स्वस्थ रखने के लिए ओमेगा-3 युक्त उत्पादों का इस्तेमाल कर सकते हैं। (9)
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यूरोपियन जर्नल ऑफ डेंटिस्ट्री में 2013 में एक अध्ययन किया गया। इस अध्ययन के लेख के अनुसार टी ट्री आयल मुंह में मौजूद संक्रमण और रोग पैदा करने वाले जीवाणुओं को नष्ट करने में सहायक है। आप भी अपने मुंह के संक्रमण को दूर करने और मसड़ों को मजबूत करने के लिए टी ट्री आइल का इस्तेमाल कर सकते हैं। (10)
(और पढ़े – टी ट्री ऑयल के फायदे और नुकसान…)
आप अपने मसूड़ों संबंधी समस्या को दूर करने के लिए हल्दी का उपयोग कर सकते हैं। हल्दी में कर्क्यूमिन होता है जिसमें एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। 2015 में हुए एक अध्ययन के अनुसार हल्दी जेल का उपयोग करने पर यह दांत में पट्टिका के जमाव और मसूड़ों की सूजन को रोकने में प्रभावी होते हैं। (11)
(और पढ़े – हल्दी के फायदे गुण लाभ और नुकसान…)
मसूड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आप ऊपर बताए गए घरेलू उपाय को अपना सकते हैं। ये सभी घरेलू नुस्खे बहुत ही प्रभावी और आसान होते हैं। इन उपायो के अलावा भी अन्य तरीके से आप अपने मसूड़ों को मजबूत कर सकते हैं। जैसे कि:
थाइम आवश्यक तेल – यूरोपीय जर्नल ऑफ डेंटिस्ट्री के एक अन्यन के अनुसार थाइम तेल मुंह में रोग पैदा करने वाले सूक्ष्म जीवाों की वृद्धि और प्रजनन को रोकने में सहायक होता है।
ब्रश करना – अपने दांत और मसूड़ों को स्वस्थ रखने के लिए दिन में कम से कम 2 बार ब्रश कर सकते हैं। क्योंकि दांत खराब होने और मसूड़ों में संक्रमण होना उचित सफाई न होने के कारण ही होता है। इसके अलावा दांत साफ करने वाले ब्रश नरम होने चाहिए। क्योंकि कठोर ब्रश का उपयोग करने से आपके मसूड़ों को नुकसान हो सकता है।
फ्लॉसिंग – अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन के अनुसार प्रतिदिन नियमित रूप से कम से कम 1 बार फ्लॉस करना चाहिए। यह आपके दांतों ओर मसूड़ों की देखभाल करने में मदद करता है। फ्लॉसिंग करने से आपके दांतों के बीच फंसे हुए भोजन के अवशेषों को बाहर निकालने में मदद मिलती है जो पट्टिका बिल्डअप को बढ़ावा देता है।
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