Rendi Oil Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi प्राचीन समय से ही रेंड़ी के तेल जिसे हम अरंडी, एरंड और कैस्टर ऑयल के नाम से जानते हैं का भारत में व्यापक उपयोग किया जा रहा है। लेकिन क्या आप रेंडी के तेल के फायदे और नुकसान जानते हैं। यह एक वनस्पति तेल है जिसका कॉस्मेटिक और चिकित्सा उद्देश्यों के लिए उपयोग क्या जाता है। यह चेहरे और त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके अलावा रेंडी तेल के फायदे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी जाने जाते हैं। इस औषधीय गुणों से भरपूर रेंडी तेल का उपयोग प्रतिरक्षा बढ़ाने, गठिया का इलाज करने, रक्त परिसंचरण को सुधारने, त्वचा को स्वस्थ्य रखने, बालों की समस्या को कम करने, कब्ज का इलाज करने आदि में फायदेमंद होता है। इस लेख में आप रेंड़ी तेल से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आइए जाने रेंड़ी तेल क्या है।
विषय सूची
1. रेंड़ी का तेल क्या है – Rendi Tel Kya Hai in Hindi
2. रेंडी तेल के पोषक तत्व – Rendi Oil Nutrients Value in Hindi
3. रेंडी तेल के फायदे – Benefits of Randy Oil in Hindi
4. रेंडी तेल के नुकसान – Rendi Tel Ke Nuksan in Hindi
यह एक पीले रंग का वनस्पति तेल है जो कास्ट प्लांट के बीजों से प्राप्त किया जाता है। कास्ट प्लांट का वनस्पतिक नाम रिसिनस कम्युनिस (Ricinus communis) है। रेंड़ी तेल का उपयोग त्वचा को फिर से जीवंत करने में मदद कर सकता है। इसका उपयोग चिकित्सा स्थितियों के इलाज के लिए भी उपयोग किया जाता है। यह पाचन क्रिया को गति देने में भी सहायक होते हैं। इस तेल में बहुत से पोषक तत्व, खनिज पदार्थ और औषधीय गुण होते हैं जिनके कारण यह मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। आइए जाने रेंड़ी तेल में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में।
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औषधीय गुणों के कारण रेंडी के तेल का व्यापक उपयोग किया जाता है। इसमें स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले खनिज पदार्थ और पोषक तत्व अच्छी मात्रा में होते हैं। रेंड़ी तेल में फैटी एसिड लगभग 90 प्रतिशत होता है। इसके अलावा रेंडी के तेल में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन ई और एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होते हैं। आइए विस्तार से जाने रेंडी तेल के फायदे क्या हैं।
आइये जानते है कि रेंड़ी का तेल हमारे लिए किस प्रकार से लाभदायक होता है और उससे होने वाले लाभों को विस्तार से।
मध्यम मात्रा में रेंडी तेल का उपभोग कर प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाया जा सकता है। क्योंकि यह रक्त में सफेद रक्त कोशिकाओं की वृद्धि में मदद करता है जो हमारी प्रतिरक्षा तंत्र का प्रमुख घटक है। यह शरीर में टी-11 कोशिकाओं और लिम्फोसाइट्स (lymphocytes) के उत्पादन को बढ़ाता है। इसका उपभोग करने पर यह शरीर मे एंटीबॉडी बनाने के साथ-साथ वायरस, कवक, बैक्टीरिया और कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद करता है। कुछ अध्ययनों से साबित होता है कि यह शरीर में फैलने वाले संक्रमण को रोकने और रोगाणुओं को नष्ट करने में मदद करते हैं।
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मानव स्वास्थ्य के लिए रेंडी का तेल बहुत ही फायदेमंद होता है। यह प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने के साथ ही रक्त परिसंचरण में भी सुधार करता है। यदि आपका रक्त परिसंचरण उचित कार्य नहीं करता है तो आप गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं। क्योंकि हमारे शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य परिसंचरण के द्वारा ही संभव है। रेंडी का तेल उचित रक्त प्रवाह में मदद करता है। रक्त परिसंचरण हमारे शरीर में ताजा रक्त पहुंचाने और दूषित रक्त को शुद्ध करने के लिए हृदय तक लाने का काम करता है। जब आपका रक्त परिसंचरण स्वस्थ्य रहता है तो आपके शरीर के सभी अंगों को पर्याप्त मात्रा में खून और ऑक्सीजन प्राप्त होता है। आप भी रेंड़ी तेल का उपयोग कर स्वासथ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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यह आयुर्वेदिक तेल महिला स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए भी जाना जाता है। प्रसव समय पूर्ण हो जाने पर बहुत सी महिलाओं को प्रसव में देरी होने पर रेंड़ी का तेल दिया जाता है। क्योंकि यह स्त्री रोग विशेषज्ञों के अनुसार गर्भाशय संकुचन को दबाकर प्रसव को प्रेरित करता है। इस तेल में रिक्नोलेइक (ricinoleic) एसिड होता है जो गर्भाशय में ईपी 3 प्रोस्टेनोइड (prostanoid) रिसेप्टर सक्रिय करता है। इस प्रकार यह प्रसव में मदद करता है। हालांकि कई मामलों में इसकी अनुशंसा नहीं की जाती है क्योंकि इससे महिला को उल्टीयां भी हो सकती है। इस तरह से महिलाओं के लिए रेंडी का तेल बहुत ही लाभकारी हो सकता है।
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एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों के कारण यह तेल जोड़ों के दर्द को कम करने में सहायक होता है। इस तेल का उपयोग कर गठिया का इलाज भी किया जा सकता है। इसके एंटी-इंफ्लामेटरी गुण संयुक्त दर्द, तंत्रिका सूजन और मांसपेशीय दर्द को कम करने में सहायक होते हैं। ऐसी स्थिति में रेंड़ी के तेल से मालिश करने और गर्म पानी से सिकाई करने में आराम मिलता है। गठिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को सप्ताह में दो बार रेंड़ी के तेल से मालिश करनी चाहिए। यह उन्हें आराम दिलाने का प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है।
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क्या आप कब्ज से परेशान हैं। यदि ऐसा है तो रेंडी का तेल आपके लिए बहुत ही उपयोगी हो सकता है। यह कब्ज से छुटकारा पाने का एक लोकप्रिय तरीका है। ऐसा इसलिए है क्योंकि रेंडी के तेल में पेट को साफ करने वाले गुण होते हैं। ये गुण छोटी और बड़ी आंतों को उत्तेजित करते हैं और कोलन दीवारों को साफ करते हैं। रेंड़ी के तेल में मौजूद फैटी एसिड
आंतों के पथ से अवशोषित होने से तरल को रोकने के लिए भी काम करते हैं। जिससे आंत्र को अपनी नमी बरकरार रखने में मदद मिलती है। जिससे यह मल त्याग को आसान बनता है। आप भी कब्ज की समस्या का उपचार करने के लिए रेंड़ी के तेल का उपयोग कर सकते हैं।(और पढ़े – कब्ज के लिए उच्च फाइबर फल और खाद्य पदार्थ…)
कवक और फंगल इंफैक्शन के कारण रिगवार्म की समस्या हो सकती है जो कि सामान्य त्वचा विकार है। लेकिन इस समस्या का समय रहते इलाज किया जाना चाहिए। इस त्वचा रोक को दूर करने के लिए रेंड़ी का तेल फायदेमंद होता है। क्योंकि रेंडी का तेल रिंगवार्म के लिए एक उत्कृष्ट उपचार है। रेंडी के तेल में अंडेसीलेनिक एसिड होता है जो एंटीफंगल एजेंट के रूप में कार्य करता है। यह त्वचा पर संक्रमण को फैलने से रोकता है और उन्हें नष्ट करता है। दाद का उपचार करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में रेंडी के तेल को लगाएं। यह आपको जल्दी ही आराम दिलाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा यह अन्य त्वचा संक्रमण के लिए भी फायदेमंद होता है।
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जो लोग घंटों तक कम्प्यूटर में काम करते हैं अक्सर उनकी आंखें सूखेपन का शिकार हो जाती है। रेंडी का तेल ऐसे लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। ग्लिसरीन के साथ रेंडी तेल का उपयोग आंखों के सूखापन को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा यह आंखों की खुजली, लाली और थकान जैसे संबंधित लक्षणों का इलाज करने के लिए कृत्रिम ऑंसू उत्पन्न करने में मदद करता है। इस तरह से आप अपनी आंखों को स्वस्थ्य रखने के लिए रेंड़ी के तेल का उपयोग कर सकते हैं।
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अध्ययनों से पता चलता है कि रेंडी का तेल त्वचा की झुर्रीयों का उपचार कर सकता है। इसका उपयोग त्वचा के लिए बहुत शांतिदायक होता है। इस तेल में मौजूद पोषक तत्व त्वचा में आसानी से अवशोषित हो जाते हैं जो कोलेजन के उत्पादन को बढ़ाते हैं। कोलेजन हमारी त्वचा को नरम और हाइड्रेट रखने में मदद करता है। आप रेंडी के तेल का उपयोग कर अपनी त्वचा को फिर से जीवंत कर सकते हैं। आप झुर्रीदार क्षेत्र मे इस तेल की थोड़ी सी मात्रा लगाएं और रात भर के लिए इसे छोड़ दें। अगली सुबह आप इसे साफ पानी से धो लें। नियमित रूप से इस तेल का उपयोग करने पर आप झुर्रियों मुक्त त्वचा पा सकते हैं।
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आप अपनी त्वचा स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और मुंहासों का उपचार करने के लिए रेंडी तेल का उपयोग कर सकते हैं। इस तेल में रिक्नोलेइक एसिड की अच्छी मात्रा होती है। यह त्वचा में मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करता है। इसके अलावा यह परतदार त्वचा का भी प्रभावी इलाज कर सकता है। जिन लोगों की त्वचा ऑयली होती है उनमें मुंहासे होने की संभावना अधिक होती है। क्योंकि ये प्राकृतिक तेल त्वचा छिद्रों को बंद करने और मंहासों के उत्पादन को बढ़ावा दे सकते हैं। लेकिन रेंडी तेल का उपयोग कर मुंहासों से छुटकारा पाया जा सकता है।
मुंहासों को दूर करने के लिए आप रेंडी तेल का उपयोग करने से पहले अपने चेहरे को गर्म पानी से धो लें। यह आपके त्वचा छिद्रों को खोलने में मदद करेगा। इसके बाद आप अपने चेहरे में रेंडी का तेल लगाएं और गोलाकार गति में अपने चेहरे की मालिश करें। इस तेल को रात भर अपने चेहरे में लगे रहने दें और अगली सुबह ठंडे पानी से चेहरे को साफ कर लें। यह मुंहासों को दूर करने में सहायक होता है।
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आप विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए रेंडी के तेल का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा यह आपके त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद होता है। आप रेंड़ी तेल से अपने बालों को अच्छी ग्रोथ दिला सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि रेंड़ी का तेल आपके स्कैल्प में रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देने में मदद करता है। जिससे बालों में तेजी से विकास होता है। इसके अलावा इस तेल में ओमेगा-9 फैटी एसिड भी होता है जो स्वस्थ्य बालों के लिए फायदेमंद माना जाता है। नियमित रूप से बालों में रेंडी के तेल का उपयोग कर दो मुंहे बालों को कम करने, बालों को झड़ने से रोकने और बालों को मॉइस्चराइज रखने में मदद मिलती है। बालों के विकास के लिए आप इस तेल से अपने सिर की मालिश भी कर सकते हैं।
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आपके चेहरे पर या अन्य किसी हिस्से पर मस्से होना आपके लिए असुविधा का कारण हो सकता है। विशेष रूप से चेहरे पर इनकी उपस्थिति आपकी सुंदरता को कम कर सकती है। लेकिन आप इन मस्सों को दूर करने के लिए रेंडी तेल का उपयोग कर सकते हैं। आप रेंड़ी के तेल के साथ थोड़ा बेकिंग सोडा मिला कर उपयोग करें। यह मस्सों और त्वचा टैग से छुटकारा पाने का एक शानदार तरीका हो सकता है। आप मस्से में इस मिश्रण को लगा कर किसी पट्टी से इसे बंद कर लें। 4 से 6 सप्ताह तक नियमित रूप से इस मिश्रण का उपयोग करने पर यह मस्से को पूरी तरह से गायब कर सकता है। यदि आप भी अवांछित मस्सों से परेशान हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद उपचार हो सकता है।
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अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पेट में दर्द और ऐंठन होती है। यह स्थिति उनके लिए बहुत ही कष्टदायक होती है। लेकिन रेंडी के तेल का उपयोग कर आप इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। मासिक धर्म के दौरान महिलाएं इस तेल से अपने पेट की मालिश करें यह पेट दर्द और ऐंठन के लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकता है। रेंडी के तेल में मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जो एक एनाल्जेसिक एजेंट है। यह मासिक धर्म के दर्द से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। इस तरह से मासिक धर्म के दौरान होने वाली असुविधा से बचने के लिए रेंड़ी का तेल फायदेमंद होता है।
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यह एक ऐसा आयुर्वेदिक तेल है जो आपकी कई स्वास्थ्य समस्याओं का प्रभावी इलाज कर सकता है। इन्हीं लाभों में मुंह के छाले भी शामिल हैं। रेंडी के तेल में जीवाणुरोधी और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। आप अपने मुंह के छालों को दूर करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में रेंड़ी के तेल को लगाएं। कुछ देर के बाद आप कुल्ला कर लें यह आपके छालों के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है। छालों का प्राकृतिक इलाज के रूप में रेंडी का तेल बहुत ही प्रभावकारी होता है।
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क्या आप नींद की कमी या अनिद्रा से ग्रसित हैं। यदि ऐसा है तो रेंडी का तेल आपको अच्छी नींद लेने में मदद कर सकता है। अक्सर देखा जाता है कि लोग नींद लाने के लिए दवाओं का उपयोग करते हैं। लेकिन इन दवाओं के दुष्प्रभाव भी होते हैं। इनकी बजाय लोगों को प्राकृतिक उपायों को अजमाना चाहिए। आप रेंडी के तेल को सोने से पहले अपनी आंखों की पलकों में लगाएं। आपका शरीर इस तेल को अवशोषित करता है और स्वस्थ परिसंचरण को बढ़ावा देता है। जिससे आप अधिक आराम करने में मदद कर सकते हैं। नींद की कमी से संबंधित अन्य समस्याओं के लिए रेंडी का तेल बहुत ही लाभकारी होता है।
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