Sabudana Khane Ke Fayde Aur Nuksan In Hindi: सफेद मोतियों की तरह दिखने वाले साबूदाना के फायदे केवल व्रत रखने के लिए ही नहीं होते, बल्कि साबूदाना खाने के लाभ स्वास्थ्य के लिए भी होते हैं। लगभग सभी भारतीय लोग उपवास या फास्ट रखने के दौरान साबूदाने का व्यापक रूप से उपयोग करते हैं। लेकिन औषधीय गुण होने के कारण साबूदाना का इस्तेमाल अन्य व्यंजनों के रूप में भी किया जा सकता है। साबूदाना के गुण और तासीर कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने में मदद कर सकते हैं। आप साबूदाना का प्रयोग करके साबूदाना की खीर, खिचड़ी आदि बना सकते हैं। सभी लोगों को साबूदाना खाने के स्वास्थ्य लाभ पता नहीं होते हैं। इसलिए इस लेख में हम साबूदाना खाने के फायदे और नुकसान संबंधी जानकारी बता रहे हैं। आइए जाने साबूदाना क्या है।
साबूदाना एक विशेष खाद्य पदार्थ है जो देखने में छोटे-छोटे सफेद मोतियों की तरह दिखाई देता है। वास्तव में साबूदाना कोई अनाज नहीं है बल्कि यह कसावा पौधे के कंद से बनाया जाता है। साबुदाना को टैपिओका (Tapioca) के नाम से भी जाना जाता है जो कसावा की जड़ से प्राप्त स्ट्रार्च है। हालांकि साबूदाना में अन्य पोषक तत्वों की कमी होती है। यह स्ट्रार्च का शुद्ध रूप माना जाता है।
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हम सभी व्यापक रूप से साबूदाना का उपयोग आहार के रूप में करते हैं। लेकिन साबूदाना के बारे में कुछ सामान्य सी बातें जो हमें पता नहीं होती हैं।
साबूदाना का वानस्पतिक नाम टेपिओका-सागो है। यह सागो पाम नामक पौधे की जड़ों के गूदे से तैयार किया जाता है। सागो का पौधा ताड़ की तरह होता है। इसकी जड़ों में मौजूद स्ट्रार्च का उपयोग करके साबूदाना तैयार किया जाता है। कसावा का पौधा मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और दक्षिण अमेरिका में पैदा होता है।
साबूदाने की तासीर मध्यम ठंडी होती है जिसके कारण साबूदाना खाने के फायदे हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। ठंडी तासीर होने के साथ ही साबूदाना में कुछ पोषक तत्व ऐसे भी होते हैं जो हमारे शरीर को क्रियाशील बनाए रखने के लिए ताकत भी दिलाते हैं। आइए जाने साबूदाना में मौजूद पोषक तत्व क्या हैं।
साबूदाना खाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। विशेष रूप से उपवास के दौरान ऊर्जा प्राप्त करने के लिए प्रमुख विकल्पों में से एक है। लगभग 100 ग्राम साबूदाना में 10.99 ग्राम पानी और 358 कैलोरी होती है। अन्य पोषक तत्व इस प्रकार हैं।
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स्वाभाविक रूप से साबूदाना खाना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि इसमें मौजूद पोषक तत्वों की उच्च मात्रा होती है। लेकिन साबूदाना में प्रोटीन की मात्रा बहुत ही कम होती है। लगभग 100 ग्राम साबूदाना का सेवन करने पर केवल 0.19 ग्राम प्रोटीन होता है। हालांकि इसमें अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं।
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स्थान और जलवायु के आधार पर साबूदाना का उत्पादन भिन्न हो सकता है। लेकिन साबूदाना बनाने के लिए हमेशा कसावा की जड़ (Cassava root) में मौजूद स्ट्रार्च का इस्तेमाल किया जाता है। कसावा की जड़ को पीसकर इससे तरल स्ट्रार्च प्राप्त किया जाता है। फिर इस तरल स्ट्रार्च को वाष्पित करके इससे पानी की मात्रा को अलग किया जाता है जिससे कसावा फ्लोर (Tapioca flour) या साबूदाने का आटा प्राप्त होता है। इसके बाद अलग-अलग विधियों द्वारा साबूदाना को अलग-अलग रूपों में संसाधित किया जाता है। मोती के आकार में साबूदाना सबसे आम रूप है। उपयोग करने से पहले इन मोतियों को या तो पानी में भिगोया जाता है या उन्हें कुछ देर के लिए उबाला जा सकता है। इस दौरान वे अपने वास्तविक आकार से दुगना आकार प्राप्त कर सकते हैं।
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टैपिओका या साबूदाना खाने के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। लेकिन इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है कि इसमें ऊर्जा उच्च मात्रा में होती है जबकि वसा सामग्री बहुत ही कम होती है। इसके अलावा इसमें अन्य पोषक तत्व और खनिज पदार्थ विशेष रूप से कैल्शियम और पोटेशियम अच्छी मात्रा में होते हैं। जो हड्डियों को मजबूत बनाने और रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। आइए विस्तार से जाने साबूदाना खाने के फायदे हेल्थ के लिए क्या-क्या होते हैं।
जो लोग अपने दुबले पतले शरीर से परेशान हैं उन्हें साबूदाना खाना फायदा दिला सकता है। यदि आप भी अपने वजन को बढ़ाना चाहते हैं तो साबूदाना सबसे अच्छे विकल्प हो सकता है। क्योंकि साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी की अच्छी मात्रा होती है। 100 ग्राम साबूदाना का सेवन करने पर आप लगभग 88.69 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 358 कैलोरी प्राप्त कर सकते हैं। अधिक मात्रा में कैलोरी का सेवन करना आपके वजन को बढ़ाने में सहायक हो सकता है। सामान्य रूप से आप साबूदाना को कई प्रकार के व्यंजनों के रूप में उपयोग कर सकते हैं। लेकिन साबूदाना की खीर खाने के फायदे आपके शरीर का वजन बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है।
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अक्सर हम और आप उपवास रखने के दौरान साबूदाना का उपयोग करते हैं। इस दौरान शरीर को क्रियाशील बनाए रखने के हमें ऊर्जा की आवश्यकता होती है। उपवास के दौरान साबूदाना का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है क्योंकि यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। साबूदाना की खिचड़ी खाने के फायदे लोगों को त्वरित ऊर्जा प्राप्त करने में मदद करते हैं। इसके अलावा आहार के रूप में साबूदाना का प्रयोग करने से यह अतिरिक्त पित्त का इलाज करने में मदद करता है। क्योंकि मध्यम ठंडी तासीर होने के कारण यह शरीर के तापमान को कम करने में मदद करता है। विशेष रूप से जब आप उपवास रखते हैं।
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दिल की सेहत को बनाए रखने के लिए साबूदाना का इस्तेमाल अच्छा माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि साबूदाना या सागो (Sago) में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत ही कम होती है। शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की उच्च मात्रा होने के कारण धमनियों में अवरोध उत्पन्न हो सकता है। जिससे रक्त परिसंचरण में रूकावट आती है। इस स्थिति को एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) के रूप में जाना जाता है। इन परिस्थितियों के कारण ही आगे भविष्य में दिल का दौरा पड़ना, स्ट्रोक और एनजाइना जैसी समस्याएं उत्पन्न होने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन साबूदाना के गुण इन सभी समस्याओं को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं। आप भी अपने हृदय को स्वस्थ रखने के लिए अपने साप्ताहिक आहार में साबूदाना को स्थान दे सकते हैं।
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हाइ ब्लड प्रेशर संबंधी समस्याओं को कम करने में साबूदाना खाने के फायदे आपकी मदद कर सकते हैं। क्योंकि साबूदाना में पोटेशियम की उच्च मात्रा होती है। पोटेशियम हमारे शरीर के लिए वासेडिलेटर (vasodilator) के रूप में काम करता है। यह छोटी या सकरी रक्त वाहिकाओं को बड़ा या फैलाने में मदद करने वाली औषधि के रूप में प्रभावी होता है। जिससे रक्त वाहिकाओं में तनाव कम होता है जिससे स्वस्थ रक्त परिसंचरण बना रहता है। परिणाम स्वरूप आप अपने उच्च रक्तचाप को कम कर सकते हैं। इस तरह से उच्च रक्तचाप रोगी के लिए साबूदाना खाने के लाभ उन लक्षणों को कम कर सकते हैं जो उनके लिए गंभीर स्थिति पैदा कर सकते हैं।
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खाने वाले साबूदाना में ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो डाइजेशन प्रोब्लम्स को आसानी से दूर कर सकते हैं। टैपिओका में पेट से संबंधित समस्याओं जैसे गैस, सूजन, अपच और कब्ज आदि को रोकने की क्षमता होती है। साबूदाना में फाइबर, प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट की उचित मात्रा होती है। जिसके कारण साबू आपकी चयापचय को बढ़ा सकते हैं। जिससे आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने
में मदद मिल सकती है। साबूदाना में मौजूद फाइबर पाचन प्रक्रिया को तेज कर सकता है साथ ही यह आंत में मौजूद बैक्टीरिया को संतुलित कर आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यदि आप भी पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो साबूदाना एक प्रभावी घरेलू उपचार हो सकता है।(और पढ़ें – पाचन शक्ति बढ़ाने के घरेलू उपाय)
साबूदाना में फाइबर की उच्च मात्रा होती है साथ ही इसमें किसी प्रकार की वसा भी नहीं होती है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि साबूदाना वजन घटाने में सहायक हो सकता है। साबूदाना का सेवन करने पर यह भोजन में थोक जोड़ता है और आंतों में पाचन प्रक्रिया और पोषक तत्वों के अवशोषण को धीमा करने में मदद करता है। इसके अलावा कुछ लोगों का मानना है कि साबूदाना का सेवन करने पर यह लंबे समय तक आपकी भूख को दबा सकता है। जिससे धीरे-धीरे आप अपने वजन को कम कर सकते हैं।
हालांकि यह भी माना जाता है कि साबूदाना में स्वयं का कोई पोषण मूल्य नहीं होता है। इसलिए यदि आप अपना वजन घटाना चाहते हैं तो पोषक तत्वों से भरपूर अन्य स्वस्थ फलों के साथ आप साबूदाना का सेवन कर सकते हैं। हालांकि अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह वजन बढ़ने का कारण भी बन सकता है।
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इंसुलिन की कमी के कारण शरीर ग्लूकोज का चयापचय नहीं कर पाता है। हालांकि कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा होने के कारण मधुमेह रोगी के लिए साबुदाना उचित आहार नहीं माना जा सकता है। लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि मध्यम मात्रा में साबूदाना का सेवन करना मधुमेह रोगियों को लाभ दिला सकता है। क्योंकि साबूदाना का सेवन करना शरीर में इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकता है। जिससे रक्त में मौजूद अतिरिक्त शर्करा को आसानी से कम करने में मदद मिल सकती है। हालांकि इस विषय पर अभी भी अध्ययनों की आवश्यकता है। इसलिए यदि आप मधुमेह के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए साबूदाना का सेवन करना चाहते हैं। तो सबसे अच्छा है कि आप पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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हालांकि साबूदाना में खनिज पदार्थों की उपस्थित सीमित है लेकिन इसमें कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम भी होता है। ये सभी घटक हड्डियों की कोशिकाओं के उत्पादन में अहम योगदान देते हैं। जिससे हड्डियों के घनत्व को बढ़ाने में मदद मिलती है। नियमित रूप से साबूदाना का उपभोग करना आपको गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस (arthritis and osteoporosis) आदि की संभावना से भी बचा सकता है। आप हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने और हड्डी के लचीलेपन में सुधार करने के लिए साबूदाना खिचड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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गर्भवती महिला के भ्रूण (foetus) का समुचित विकास में साबूदाना सहायता कर सकता है। इसमें फोलेट और विटामिन बी6 की अच्छी मात्रा होती है। जिसके कारण यह नवजात शिशुओं में तंत्रिका ट्यूब दोष (neural tube defects) की संभावना को कम करने में प्रभावी माना जाता है। गर्भावस्था के शुरुआती कुछ महिनों में गर्भवती महिलाओं के लिए फोलेट एक आवश्यक पोषक तत्व होता है। जो न केवल महिला बल्कि शिशु के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है।
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यदि आप केवल शाकाहारी भोजन करते हैं तो मांसपेशियों के विकास के लिए साबूदाना खाना अच्छा हो सकता है। हालांकि साबूदाना में प्रोटीन अधिक मात्रा में नहीं होता है। लेकिन फिर भी यह प्रोटीन मांसपेशियों के विकास के लिए पर्याप्त और अहम योगदान दे सकता है। यह मांसपेशियों की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करने में सहायक होता है। मांसपेशियों में वृद्धि करने के साथ ही यह भोजन आपको आराम दिलाने और शारीरिक शक्ति को बढ़ाने में प्रभावी हो सकता है। इसलिए यदि आप केवल शाकाहारी भोजन पर निर्भर हैं तो साबूदाना खाना आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।
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आप अपने आहार के रूप में साबूदाना को कई प्रकार के उपयोग कर सकते हैं। भारत में कई प्रकार के व्यंजनों में साबूदाना का उपयोग प्रमुख घटक के रूप में किया जाता है। विशेष रूप से उपवास रखने के दौरान केवल साबूदाना ही एक विकल्प होता है जिसका सर्वाधिक उपयोग किया जाता है। आइए जाने साबूदाना का उपयोग करके आप कौन-कौन से व्यंजन तैयार कर सकते हैं। यहां कुछ विशेष साबूदाना रेसिपी बताई जा रही हैं।
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साबूदाना उपमा सबसे लोकप्रिय व्यंजन है जो विशेष रूप से दक्षिण भारतीय व्यंजन माना जाता है। यह बहुत ही पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन है। इसे पकाने में ज्यादा समय नहीं लगता है। इस साबूदाना पकवान को बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के मसाले, साबूदाना, आलू और भुनी हुई मूंगफली के साथ पकाया जाता है।
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यह एक सामान्य स्नैक है जो रात और दोपहर के भोजन में उपयोग किया जा सकता है। यह उत्तर भारतीय डिश है जिसे गेहूं के आटे, मसले हुए मटर और साबूदाना से बनाया जाता है। इस साबूदाना की पुरी को अधिक फ्राई की सब्जीयों के साथ अधिक पसंद किया जाता है।
यह साबूदाना से बनाई गई एक स्वादिष्ट और कुरकुरी टिक्की है जिसे आसानी से बनाया जा सकता है। साबूदाना टिक्की को सामान्य रूप से हल्के नाश्ते या चाय के समय में लिया जा सकता है। साबूदाना टिक्की को बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के मसालों का उपयोग किया जाता है। जिसे तेल में डीप फ्राई करके बनाया जाता है।
साबूदाने की खीर भारतीय प्रमुख मीठे खाद्य पदार्थों में से एक है। जिसमें ऊर्जा और कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा होती है। साबूदाना पचाने में आसान होता है साथ ही यह हमारे पाचन तंत्र पर ठंडा प्रभाव डालता है। यही कारण है कि पाचन संबंधी समस्याओं के दौरान भी साबूदाना का सेवन करना फायदा दिला सकता है। चूंकि साबूदाना में अपना कोई विशेष स्वाद नहीं होता है। इसलिए इसे अन्य मीठे खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर साबूदाना की खीर तैयार की जा सकती है। साबूदाना की खीर खाने के फायदे दस्त और अपच आदि को भी ठीक करने में मदद करते हैं।
साबूदाना की खिचड़ी एक और स्वादिष्ट व्यंजन है जो विशेष रूप से व्रत रखने के दौरान उपयोग की जाती है। सबसे अच्छी बात यह है कि साबूदाना की खिचड़ी को बनाने में अधिक मेहनत नहीं लगती है। आप साबूदाना की खिचड़ी को शिवरात्रि और नवरात्रि जैसे अवसरों में उपयोग कर सकते हैं।
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साबूदाना खाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। लेकिन यदि आवश्यकता से अधिक मात्रा में साबूदाना का सेवन किया जाता है तो इसके कुछ संभावित दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। आइए जाने साबूदाना खाने के साइड इफैक्ट्स क्या हैं।
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