सरसों के तेल में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो दर्दनिवारक की तरह काम करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर की मालिश के लिए सरसों के तेल का उपयोग करने से रक्त परिसंचरण और त्वचा की बनावट में सुधार होता है साथ ही मांसपेशियों के दर्द में भी कमी आती है। सरसों के तेल की मालिश के फायदे पसीने की ग्रंथियों को सक्रिय करते है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इस तरह यह एक प्राकृतिक क्लींजर के रूप में भी काम करती है। सरसों के तेल से की गयी मालिश औषधि की तरह काम करती है।
सरसों के तेल का उपयोग ज्यादातर घरों में खाना बनाने में किया जाता है। इसे मस्टर्ड ऑयल के नाम से भी जाना जाता है। सदियों से इस तेल का इस्तेमाल चिकित्सा में किया जाता रहा है। सरसों का तेल सेहत और सुंदरता दोनों के ही लिए बहुत फायदेमंद है।
इस तेल में औषधीय गुण पाये जाते हैं जिसके कारण यह स्किन, हेयर और कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अभी भी घर में दादी, नानी अपने बालों में सरसों का ही तेल लगाती हैं। बच्चे की मालिश भी सरसों के ही तेल से की जाती है। इस लेख में हम आप सरसों के तेल की मालिश के फायदों के बारे में चर्चा करने वाले हैं। समय के साथ सरसों के तेल का उपयोग और अधिक होने लगा है। बड़े बुजुर्ग अभी भी नहाने से पहले शरीर में सरसों के तेल की मालिश करते हैं। तो आइये जानते हैं मस्टर्ड ऑयल से मसाज के फायदे क्या हैं।
सरसों के पौधे के बीजों से सरसों का तेल निकाला जाता है। रसोई के साथ-साथ यह तेल कई रोगों के उपचार में भी उपयोग किया जाता है। सरसों के तेल का वैज्ञानिक नाम ब्रैसिका जुंसिया है। सरसों के तेल को अलग अलग भाषाओं में अलग अलग नामों से जाना जाता है। इसका रंग गहरा पीला, गंध तीक्ष्ण और स्वाद शार्प होता है। सरसों का तेल सरसों के बीज से निकाला जाता है और आसवन (distillation) के माध्यम से शुद्ध किया जाता है।
मुख्य रूप से सरसों का तेल बनाने के दो तरीके हैं: दबाकर (pressing) और पीसकर (grinding)।
पहली विधि में वनस्पति तेल पाने के लिए सरसों के बीज को कुचला या दबाया जाता है। जबकि दूसरी विधि में सरसों को पीसकर उसमें पानी मिलाया जाता है और आसवन द्वारा तेल निकाला जाता है। इससे सरसों के तेल में वसा की मात्रा कम होती है।
सरसों के तेल में कई तरह के पोषक तत्व पाये जाते हैं। 100 ग्राम सरसों के तेल में 884 कैलोरी पायी जाती है। इसके साथ ही इसमें 100 ग्राम फैट पाया जाता है जिसमें 12 ग्राम सैचुरेटेड फैट, 21 ग्राम पॉलीसैचुरेटेड फैट और 59 ग्राम मोनोअनसैचुरेटेड फैट पाया जाता है। सरसों के तेल में सोडियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट नहीं पाया जाता है। इसके अलावा इसमें शरीर के लिए जरुरी विटामिन और मिनरल भी नहीं पाया जाता है। हालांकि सरसों के तेल में कुछ आवश्यक रासायनिक घटक मौजूद होते हैं। इसमें फैटी एसिड जैसे ओलेरिक, लिनोलिक और इरुसिक एसिड के साथ ही एलिल आइसोथियोसिनेट भी पाया जाता है।
मस्टर्ड ऑयल से मसाज के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह शरीर को गर्म रखता है, बालों को बढ़ाने में मदद करता है और गठिया की समस्या को दूर करने के साथ ही हड्डियों को मजबूत रखता है और विषाक्त पदार्थों को निकालता है। इसके अलावा भी सरसों के तेल की मालिश से कई फायदे होते हैं। तो आइये जानते हैं सरसों के तेल की मालिश के फायदे क्या हैं।
बढ़ती उम्र के साथ ज्वाइंट पेन और अर्थराइटिस की समस्या होना आम बात है। लेकिन सरसों के तेल की मालिश गठिया और जोड़ों के दर्द को दूर करने में फायदेमंद है। वास्तव में घुटने और जोड़ों पर मस्टर्ड ऑयल से रेगुलर मालिश करने से पूरे शरीर में ब्लड फ्लो और सर्कुलेशन दोनों बढ़ता है। सरसों के तेल में प्रचुर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है जो एंटी इंफ्लैमेटरी गुण के कारण जोड़ों में दर्द, अकड़न और अर्थराइटिस को दूर करने में मदद करता है।
मस्टर्ड ऑयल से मसाज हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है। बॉडी पर मस्टर्ड ऑयल से मसाज करने से पसीने के रोम छिद्र (sweat pores) खुल जाते हैं जिससे पसीना और विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाता है। इसलिए हर मौसम में शरीर पर मस्टर्ड ऑयल से मालिश करनी चाहिए ताकि शरीर में जमा सभी विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाएं और बॉडी हेल्दी रहे।
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अगर आपकी स्किन रूखी और ड्राई है तो आपको अपने शरीर की मालिश सरसों के तेल से करनी चाहिए। इससे आपके शरीर की त्वचा नमी मिलेगी और वह ड्राई होने से बची रहेगी। इसके आलावा आप अपने फेस पैक में सरसों के तेल की कुछ बूंदे मिलाकर उसका इस्तेमाल करें ऐसा करने पर आप ग्लोइंग चेहरा पा सकती हैं। अगर आप फेस पैक नहीं बनाना चाहती हैं तो फिर सिर्फ सरसों का तेल लेकर अपने चेहरे और गर्दन पर दो से तीन मिनट तक के लिये उँगलियों को गोलाई में घुमाते हुए मालिश करें। और इसे 10 मिनट के लिये ऐसे ही छोड़ दें और फिर फेस किसी सॉफ्ट फेस वॉश से चेहरे को धो लें।
आमतौर पर ज्यादातर घरों में बच्चे की मालिश सरसों के तेल से की जाती है। सरसों के तेल की मालिश बच्चों के लिए कई मायनों में लाभकारी है। यह बच्चों की कोमल और नाजुक हड्डियों को मजबूत बनाता है जिससे हड्डियां स्वस्थ रहती हैं। इसके अलावा सरसों के तेल से की गई मालिश से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और बच्चे का संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर होता है। मस्टर्ड ऑयल से रेगुलकर मसाज करने से आपका बच्चा हेल्दी और स्ट्रांग हो सकता है।
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पुराने समय से ही सरसों के तेल की मालिश बालों के लिए बहुत फायदेमंद रही है। सरसों के तेल को बालों की जड़ों में लगाकर फिंगर टिप से मसाज करने से बाल भूरे नहीं होते और बालों के टूटने और झड़ने की समस्या भी काफी हद तक दूर हो जाती है। इसके अलावा मस्टर्ड ऑयल से हेयर में मसाज करने से बाल तेजी से बढ़ते हैं।
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)मस्टर्ड ऑयल से मसाज का लाभ सन टैनिंग दूर करने में मिलता है। सरसों के तेल में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व एवं ऐसे विशेष यौगिक पाये जाते हैं जो स्किन की टैनिंग दूर करके चेहरे के रंग को लाइट करते हैं। सन टैन हटाने के लिए एक चम्मच सरसों के तेल में एक चम्मच नारियल का तेल मिलाकर अपने चेहरे पर लगाएं और 10 से 12 मिनट तक सर्कुलर मोशन में हल्के हाथों से मसाज करें। इसके बाद गीले टिशू से चेहरे को पोछ लें। रेगुलर चेहरे पर सरसों के तेल से मालिश करने से जल्द ही आपको अपने चेहरे में बदलाव नजर आएगा।
आपको बता दें सरसों का तेल बहुत मजबूत उत्तेजक होता है, और सरसों के तेल की मालिश त्वचा के रक्त परिसंचरण को प्रोत्साहित करने में मदद करती है। सरसों के तेल की मालिश करने पर तेल त्वचा को गर्म कर देता है और बढ़े हुए रक्त प्रवाह के कारण मालिश वाले क्षेत्र को गुलाबी रंग दिखने लगता है।
सरसों के तेल की मालिश त्वचा पर चकत्तों के इलाज के लिए किया जाता है। सरसों के तेल में एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटीइंफ्लैमेटरी गुण पाए जाते हैं। यदि नमी के कारण या फिर गीले कपड़े पहने से त्वचा पर चकत्ते पड़ जाएं या फिर कीड़ा काट लेने से स्किन पर पड़े चकत्ते को दूर करने के लिए सरसों के तेल से मालिश कराना बहुत ही लाभकारी है। स्किन पर मस्टर्ड ऑयल लगाकर मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और स्किन का इंफेक्शन, रैशेज, खुजली और जलन सब खत्म हो जाता है।
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मस्टर्ड ऑयल से मसाज करने के फायदे होठों को माश्चराइज करने में भी मिलते हैं। सर्दियों के समय तापमान में गिरावट और हवा में नमी के कारण होठ शुष्क होने के साथ ही फटने लगते हैं। ऐसे में कई बार होठों से खून भी निकलने लगता है। इस तरह की समस्या होने पर रात को सोते समय अपने बेली बटन में सरसों के तेल की कुछ बूंदें डालें और पेट पर भी अच्छे तरीके से सरसों के तेल की मालिश करें। रेगुलर यह घरेलू उपाय आजमाने से आपके होंठ ना तो फटेंगे और ना ही शुष्क होंगे।
अपने चेहरे की हफ्ते में दो बार सरसों के तेल से मसाज करें, क्योंकि एंटी एजिंग को प्रमोट करने के लिए सरसों के तेल से मालिश करना बेहद फायदेमंद है। प्राचीन काल से ही लोग नहाने से पहले और नहाने के बाद पूरे शरीर और चेहरे में सरसों के तेल से मालिश करते आ रहे हैं। मस्टर्ड ऑयल में उच्च मात्रा में विटामिन ई पाया जाता है जो बढ़ती उम्र के कारण चेहरे और शरीर पर पड़ी झुर्रियों को कम कर देता है और व्यक्ति के शरीर को जवान बनाता है। सरसों के तेल से रेगुलर मसाज करने से एजिंग से जुड़े सभी लक्षण समाप्त हो जाते हैं।
फेस मास्क बनाने के लिए अन्य अवयवों के साथ सरसों के तेल का उपयोग किए जाने पर यह चेहरे से टैन और काले धब्बे को हटाने में मदद करता है। इसके अलावा, स्किन को गोरा बनाने के लिए सरसों के तेल और नारियल के तेल की समान मात्रा से त्वचा की मालिश भी की जा सकती है।
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मस्टर्ड ऑयल से मसाज का उपयोग कवक के कारण होने वाली त्वचा की समस्याओं के लिए किया जा सकता है, जैसे कि एथलीट फुट या चकत्ते। सरसों के तेल के एंटी-फंगल प्रभाव का यौगिक एलिल आइसोथियोसाइनेट (allyl isothiocyanate) पाया जाता है, जो सरसों को तीखा स्वाद देता है। आप फंगस से प्रभावित क्षेत्र पर सीधे सरसों के तेल की मालिश कर सकते हैं।
हम अक्सर सुनते हैं कि सरसों के तेल से मालिश करना शरीर की गर्माहट को स्टोर करने के लिए फायदेमंद होता है। सरसों के तेल में पाए जाने वाले तत्व बॉडी में अच्छी तरह अवशोषित हो जाते हैं और बॉडी को वार्म और हीट बनाते हैं। यही कारण है कि ज्यादातर ठंडे प्रदेशों में लोग शरीर को गर्म रखने के लिए सरसों के तेल की मालिश का लाभ उठाते हैं।
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अगर आपकी त्वचा बहुत संवेदनशील है तो सरसों के तेल से मालिश करने से आपको एलर्जी हो सकती है। इससे आपकी स्किन पर चकत्ते आ सकते हैं, त्वचा लाल हो सकती है और कुछ गंभीर परिस्थितियों में त्वचा पर जलन हो सकती है। इसलिए सरसों के तेल से मालिश करने से पहले पैच टेस्ट जरुर कर लेना चाहिए।
बच्चों की त्वचा बेहद नाजुक और कोमल होती है। अगर बच्चे की स्किन सेंसिटिव है तो सरसों के तेल से मसाज करने से बच्चे को स्किन एलर्जी और रिएक्शन हो सकता है।
यदि सरसों का तेल गाढ़ा और चिपचिपा है, तो इस तेल से मालिश करने से त्वचा के रोम छिद्र बंद भी हो सकते हैं। इसलिए सरसों के तेल से मालिश करने के बाद गुनगुने पानी से स्नान करना चाहिए अन्यथा यह नुकसानदायक हो सकता है।
सरसों के बीजों से निकाला गया सरसों का तेल, खाना पकाने के साथ इसक चिकित्सीय अनुप्रयोगों में इस्तेमाल किया जा सकता है। सरसों के तेल का उपयोग आम बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। सरसों के तेल में एक सुखद गंध होती है और त्वचा पर मालिश तेल के रूप में उपयोग किए जाने पर बहुत कम अवशेष छोड़ते हैं। सरसों के तेल से मालिश करना त्वचा और आंतरिक ऊतकों से जुड़ी कई स्थितियों के लिए फायदेमंद है। यदि आप इसे किसी विशेष उद्देश्य के लिए इस्तेमाल कर रहें हैं और आपकी स्थिति में सुधर नहीं होता है, तो एक चिकित्सा पेशेवर से परामर्श करें।
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