Sattu in Hindi क्या आप सत्तू के बारे में जानते हैं। सत्तू खाने के फायदे विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए जाने जाते हैं। बेहतरीन स्वाद के कारण सत्तू बहुत ही लोकप्रिय हो चुका है। यदि आप मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश या बिहार राज्यों से संबंधित है तो आप सत्तू के बारे में जानते होगें और इसका उपभोग भी करते होगें। लेकिन क्या आप सत्तू खाने के फायदे और नुकसान जानते हैं। यह एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो प्राचीन समय से ही हमारे आहार का प्रमुख हिस्सा रहा है। विशेष रूप से इसे गर्मीयों के मौसम में खाया जाता है। सत्तू के फायदे वजन कम करने, अच्छे पाचन, ऊर्जा प्राप्त करने, मधुमेह और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। आइए जाने सत्तू के बारे में।
विषय सूची
1. सत्तू क्या है – What Is Sattu in Hindi
2. सत्तू के पोषक तत्व – Sattu Ke Poshak Tatva in Hindi
3. सत्तू खाने के फायदे – sattu khane ke fayde in hindi
4. सत्तू बनाने की रेसिपी – Sattu Banane Ki Recipe in Hindi
5. सत्तू देशी हॉर्लिक्स बनाने की विधि – Sattu Desi Horlicks Recipe in Hindi
6. सत्तू के नुकसान – Sattu Ke Nuksan in Hindi
यह भारतीय समाज में एक पारंपरिक खाद्य के रूप में उपयोग किया जाता है। यह विशेष रूप से चने के आटे से बना होता है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि यह बेसन से बना है। सत्तू में मुख्य रूप से चने की दाल, गेहूं और अन्य खाद्य आहारों को मिलाकर उन्हें धीमी आग में भूनकर तैयार किया जाता है। इन भुने हुए मिश्रण को बारीक पीसने पर सत्तू तैयार होता है। यह मुख्य रूप में गर्मी के मौसम में इसलिए खाया जाता है क्योंकि इसमें शीतलन प्रभाव होता है। इसके साथ ही पाचन को स्वस्थ्य रखने में भी मदद करता है। आइए जाने सत्तू खाने के फायदे क्या हैं।
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उत्तरी भारत में सत्तू का अपने पोषण मूल्यों और विशेष स्वाद के कारण व्यापक रूप में उपयोग किया जाता है। लोग अक्सर गर्मी के मौसम में शीतल पेय के रूप में सत्तू का उपयोग करते हैं। हालांकि इसमें पोषक तत्वों की मात्रा बहुत ही कम होती है। सत्तू में फाइबर, मैंगनीज, आयरन और मैग्नीशियम आदि की पर्याप्त मात्रा होती है जो मानव शरीर के लिए आवश्यक हैं। सत्तू और इसके शरबत के फायदे और नुकसान की जानकारी यहां उपलब्ध है। आप भी इन्हें जानकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आइए इन्हें जाने।
तत्काल ऊर्जा प्राप्त करने के लिए सत्तू का उपयोग किया जाता है। इसे खाद्यानों को भून कर तैयार किया जाता है जिससे इसमें पोषक तत्वों को लंबे समय तक संग्रहीत करके रखा जा सकता है। इसके साथ ही सत्तू को भी आप किसी हवा बंद डिब्बे में कई दिनों के सुरक्षित रख सकते हैं। सत्तू में घुलनशील और अघुलनशील दोनो प्रकार के फाइबर मौजूद रहते हैं। लेकिन अघुलनशील फाइबर की अच्छी मात्रा होने के कारण यह आपकी आंतों के लिए अच्छा होता है। यह ग्लाइसेमिक इंडेक्स में कम है इसलिए मधुमेह के लिए भी फायदेमंद होता है। आइए विस्तार से जाने सत्तू खाने के फायदे क्या हैं।
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क्या आप अपने शरीर को ऊर्जा दिलाने के साथ ही वजन भी नियंत्रित रखना चाहते हैं। यदि ऐसा है तो चने का सत्तू आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। सत्तू में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो आपकी भूख को नियंत्रित करने में मदद करती है। इसके अलावा यह आपके वजन को भी कम करने में भी सहायक होता है। फाइबर की उच्च मात्रा शरीर में जमा अतिरिक्त वसा को कम करने में भी मदद करता है। सत्तू का सेवन करने से आप अपनी भूख की लालसा को समाप्त कर सकते हैं। बार-बार भूख लगने पर भोजन करना आपके बढ़ते वजन का प्रमुख कारण है। इस तरह से सत्तू आपको पर्याप्त ऊर्जा दिलाने के साथ ही आपके वजन को भी कम करने में सहायक हो सकता है।
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सोडियम की उच्च मात्रा रक्तचाप को उच्च स्तर पर ले जा सकती है। इसलिए उच्च रक्तचाप ग्रसित लोगों को सोडियम (नमक) का उपयोग कम करने की सलाह दी जाती है। सत्तू में सोडियम की कम मात्रा और अन्य पोषक तत्वों की उच्च मात्रा रक्तचाप को विनियमित करने में मदद करती है। सत्तू विशेष रूप से उच्च रक्तचाप रोगी के लिए फायदेमंद माना जाता है। सत्तू शरबत न केवल पोषक तत्वों में समृद्ध है बल्कि स्वाद में भी अच्छा है। इसलिए स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आप इसे और अधिक स्वादिष्ट और प्रभावी बनाने के लिए अन्य मसालों का उपयोग कर सकते हैं।
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गर्मीयों के मौसम अक्सर देखा जाता है कि शरीर जल्दी थका हुआ महसूस करता है। इस थकान और कमजोरी का प्रमुख कारण ऊर्जा की कमी है। आप इस ऊर्जा की कमी को सत्तू के माध्यम से दूर कर सकते हैं। क्योंकि सत्तू का सेवन करने पर यह त्वरित ऊर्जा उपलब्ध कराता है। यह एक एनर्जिक पेय के रूप में काम करता है। इसके अलावा यह पचने में भी आसान है जिससे हमे जल्दी ही उुर्जा प्राप्त होती है। नियमित रूप से सत्तू पेय का उपभोग करने पर यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है। आप इसका उपयोग व्यायाम करने के बाद ऊर्जा प्राप्त करने के लिए भी कर सकते हैं।
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अक्सर जो लोग पेट की समस्याओं से ग्रसित रहते हैं उनके लिए सत्तू दवा की तरह काम करता है। इसकी उच्च फाइबर सामग्री के कारण नियमित उपभोग करने पर सततु कब्ज से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। यह पाचन व्यवस्था को भी स्वस्थ्य रखता है। इसकी अघुलनशील फाइबर सामग्री हमारी आंतों को खुश रखने में मदद करती है। इस तरह से आप अपनी आंतों को स्वस्थ्य रख पेट की अन्य समस्याओं से बच सकते हैं। विशेष रूप से कब्ज का इलाज करने के लिए आप सत्तू का नियमित सेवन कर सकते हैं।
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शरीर में रक्त शर्करा का सामान्य स्तर से अधिक होने पर मधुमेह की समस्या हो सकती है। यह केवल बीमारी नहीं है बल्कि कई बीमारियों का कारण बन सकती है। इसका उपचार और रोकथाम करने के लिए सत्तू का उपयोग किया जा सकता है। सत्तू में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है इसलिए मधुमेह रोगी द्वारा सत्तू का उपभोग फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा सत्तू एंटी-डायबिटिक गुण भी होते हैं। इसलिए मधुमेह रोगीयों को सत्तू का नियमित उपभोग करने की सलाह दी जाती है।
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महिलाओं के लिए सत्तू एक प्राकृतिक उपचार होता है जो कि गर्भावस्था और मासिक धर्म के लिए फायदेमंद होता है। गर्भावस्था और मासिक धर्म के दौरान महिलाएं कमजोरी महसूस करती है। इन परिस्थितियों में यदि नियमित रूप से सत्तू का सेवन किया जाना चाहिए। क्योंकि यह शरीर द्वारा खोए हुए सभी पोषक तत्वों को भरने में मदद करता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए यह और भी फायदेमंद होता है। क्योंकि इसके पोषक तत्व मां को फायदा तो पहुंचाते हैं साथ ही बच्चे को प्राप्त होते हैं। इस तरह से सत्तू महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है।
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अधिक उम्र के लोग बहुत सी समस्याओं से ग्रसित होते हैं। साथ ही उन्हें अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता भी होती है। बुजुर्गों की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में कुछ हद तक सत्तू फायदेमंद होता है। क्योंकि यह पचने में आसान होता है और उच्च ऊर्जा का स्रोत होता है। इसलिए इसका सेवन बुजुर्गों के लिए अच्छा होता है। इसमें प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है जो उनके पेट को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। नियमित रूप से सत्तू का सेवन करने पर उन्हें पेट फूलना, गैस और अन्य पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
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छोटे बच्चों के लिए सत्तू बहुत ही अच्छा होता है। इसे बच्चों के लिए पूर्ण आहार के रूप में उपयोग किया जा सकता है। गुड़, स्वादिष्ट फलों, चीनी, नमक या अन्य भारतीय मसालों का उपयोग कर आप इससे कई प्रकार के व्यंजन तैयार कर सकते हैं। यह उन बच्चों के लिए अधिक फायदेमंद होता है जो उल्टी और दस्त से ग्रसित हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि दस्त और उल्टी के दौरान बच्चों के शरीर से पोषक तत्व बाहर आ जाते हैं। इन पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने की क्षमता सत्तू में होती है। इसमे कैलोरी भी पर्याप्त मात्रा में होती है जो कि ऊर्जा दिलाने में सहायक होती है।
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विभिन्न स्वास्थ्य लाभ दिलाने के साथ ही सत्तू आपकी त्वचा के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। यह आपकी त्वचा को हाइड्रेट रखता है और प्राकृतिक चमक दिलाने में भी सहायक होता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को पर्याप्त पोषण देने के साथ ही फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा दिलाते हैं। आप अपनी त्वचा को स्वस्थ्य रखने और अन्य त्वचा संक्रमण से बचने के लिए सत्तू का नियमित उपभोग कर सकते हैं।
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आप अपने शरीर के संपूर्ण विकास के लिए सत्तू का उपभोग कर सकते हैं। शरीर के संपूर्ण विकास बाल विकास भी शामिल है। इसका मतलब यह है कि सत्तू के फायदे बालों के लिए भी होते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व बालों की जड़ों को पोषण देकर उन्हें मजबूत बनाती है जिससे बालों को झड़ने से रोका जा सकता है। इसके साथ ही इसमें मौजूद आयरन की उच्च मात्रा आपके चेहरे और बालों को प्राकृतिक चमक दिलाने में सहायक होती है। यह ऊर्जा का भंड़ार माना जाता है। पर्याप्त ऊर्जा मिलने से आपके शरीर के प्रत्येक भाग उचित विकास करते हैं जिनमें बाल भी शामिल हैं। इस तरह से आप अपने बालों को लाभ दिलाने के लिए सत्तू का उपयोग कर सकते हैं।
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सत्तू को हम सामान्य रूप से एनर्जी बूस्टर के रूप में उपयोग करते हैं। यह कई प्रकार के खाद्यानों का उपयोग कर बनाया जाता है। लेकिन विशेष रूप से सत्तू में चने का आटा शामिल होता है। आइए घर पर आसानी से चने का सत्तू बनाने की विधि जाने :
घर में सत्तू तैयार करने के लिए आपको 1 किलो चना, आधा किलो गेहूं और 200 ग्राम जई की आवश्यकता होती है। जई वैकल्पिक रूप से चाहिए यदि उपलब्ध हो तो। आप चने गेंहूं और जई को रात में पानी में भिगों दें। सुबह इन्हें पानी से बाहर निकालें और थोड़ी सूखने या पूरा पानी सूखजाने के बाद इन्हें कढ़ाई में अच्छी तरह से भूने। अच्छी तरह से भूनने के बाद इन्हें ठंड़ा होने दें। यदि आप चाहें तो चने के छिल्के को साफ कर सकते हैं। लेकिन जहां तक हो छिल्का न उतारें क्योंकि इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। इसके अलावा आप चने के स्थान पर इसकी दाल का भी उपयोग कर सकते हैं।
जब सभी चीजें अच्छी तरह से साफ हो जाएं तो आप इसे चक्की में पिसवा सकते हैं। आपका सत्तू तैयार है। जब भी आपकी इच्छा हो इसमें चीनी, नमक और अन्य भारतीय मसालों को स्वादानुसार मिलाकर उपभोग कर सकते हैं।
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यह आपके लिए एक ऊर्जावान खाद्य है जिसे आप पेय पदार्थ के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं। आप त्वरित ऊर्जा प्राप्त करने के लिए नीचे बताई विधि के अनुसार उपयोग कर सकते हैं।
इस पेय को बनाने के लिए आपको चाहिए : ठंडा पानी 1 कप, 1 चम्मच सत्तू, 1/2 चम्मच चीनी, यदि आवश्यक हो तो 1 चुटकी नमक और अन्य भारतीय मसाले।
ठंडे पानी को आधा गिलास नार्मल पानी में मिलाएं और इसमें 1 चम्मच सत्तू को डालें। इस मिश्रण में चीनी और नमक को मिलाएं। इसे अच्छी तरह से मिलाएं और उपभोग करें। यह आपके लिए बहुत अच्छा है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिन्होंने कभी सत्तू का सेवन नहीं किया है। आप इसका नियमित सेवन कर अपने जीवन में आने वाली कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर कर सकते हैं।
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यह हमारे लिए सबसे स्वस्थ्य और उचित आहार में से एक है। लेकिन इसका उपभोग भी अन्य खाद्यों की तरह बहुत मध्यम मात्रा में करना चाहिए। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से कई प्रकार की सामान्य और गंभीर समस्याएं हो सकती है।
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