Fennel In Hindi: सौंफ हमारे दैनिक जीवन में उपयोग की जाने वाली खाद्य सामग्रियों में से एक है। यदि भोजन के बाद सौंफ न मिले तो इसे मेहमान नवाजी में कमी मानी जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि सौंफ खाने के फायदे क्या हैं। हमारे पूर्वज और आयुर्वेदिक चिकित्सक सौंफ खाने की सलाह क्यों देते हैं।
ऐसा इसलिए है क्योंकि सौंफ (Fennel) में बहुत से पोषक तत्व और औषधीय गुण होते हैं जो हमारे शरीर की कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। सौंफ के फायदे रक्तचाप, अस्थमा, कैंसर, मुंहासे और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। आइए जाने सौंफ के फायदे और नुकसान के बारे में।
जड़ी-बूटियों में अपना प्रमुख स्थान रखने वाली सौंफ के पौधे के सभी भाग जैसे जड़, पत्तियां और फल खाने योग्य होते हैं। सौंफ का वैज्ञानिक नाम फोएनिकुलम वल्गार मिलर (Foeniculum Vulgare Miller) है जो अजमोद, गाजर और धनिया आदि से संबंधित है। यह एक बारहमासी पौधा है जिसके फूल पीले रंग के होते हैं।
इसकी पत्तियां पंख के समान पतली-पतली होती हैं जिनका रंग हरा होता है। इस पौधे के तने का रंग भी हरा होता है। सौंफ का पौधा लगभग 4-5 फीट तक लंबा हो सकता है। सौंफ का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं के साथ-साथ भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए मसाले के रूप में भी उपयोग किया जाता है। आइए जाने सौंफ में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में।
भारतीय घरों में एक आम प्रथा है कि भोजन के बाद सौंफ का सेवन किया जाता है। आपको देखने में लगता होगा कि सौंफ का उपयोग मुंह को साफ करने के लिए किया जाता है। हां यह सच है, लेकिन इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients) जैसे कि कॉपर, पोटेशियम, कैल्शियम, जिंक, मैंगनीज, विटामिन सी, आयरन, सेलेनियम और मैग्नीशियम जैसे खनिजों की अच्छी मात्रा होती है।
सौंफ मुंह को साफ रखने से कहीं अधिक आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। इनके अलावा भी सौंफ में फाइबर, फॉस्फोरस, फोलेट, पेंटोथेनिक एसिड (pantothenic acid), आयरन और नियासिन आदि भी मौजूद रहते हैं। आइए जाने इतने पोषक तत्वों की उपस्थिति के कारण सौंफ के फायदे हमारे स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार हैं।
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अपने उच्च पौष्टिक मूल्यों के कारण सौंफ हमारे दैनिक जीवन में विशेष खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग की जाती है। यह बहुमुखी गुणों के कारण आयुर्वेदिक औषधी, मसाले आदि के रूप में उपयोग की जाती है। इसका एक सामान्य लाभ भोजन के बाद मुंह को साफ करने (Mouth freshener) के लिए होता है लेकिन यह स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और विशेष रूप से गर्भवती (Pregnant) महिलाओं के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। आइए सौंफ के लाभों को जानें।
यदि आपको पाचन से संबंधित समस्याएं जैसे दस्त, पेट फूलना आदि हैं तो आपको सौंफ का उपयोग करना चाहिए। सौंफ में मौजूद फाइबर और अन्य पोषक तत्व आपके पाचन तंत्र को मजबूत कर पाचन प्रकिया को आसान बनाते हैं।
पेट से संबंधित समस्याओं का निदान करने के लिए आप सौंफ को कच्चे ही खा सकते हैं या फिर आप सौंफ के बीजों की चाय का उपयोग भी कर सकते हैं। सौंफ की चाय आपके पाचन समस्याओं को शांत कर सकता है। इसलिए आपको सौंफ का उपयोग करना चाहिए।
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यदि आप नींद की समस्या (Insomnia) से परेशान हैं, तो सौंफ आपके लिए किसी आयुर्वेदिक दवा से कम नहीं है। नियमित रूप से सौंफ की चाय का सेवन करने से यह आपकी नींद की गुणवत्ता (Quality of sleep) को सुधारने में मदद करती है। सौंफ का उपयोग करने से आपकी मांसपेशीयों को आराम मिलता है।
सौंफ आपके पाचन को स्वस्थ्य रखने में भी मदद करता है। रात में सोने से पहले 1 कप सौंफ की चाय का सेवन करने से आपको अच्छी नींद आ सकती है। अनिद्रा का उपचार करने के लिए प्राचीन समय से ही सौंफ का उपयोग किया जा रहा है।
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दूध बढ़ाने वाले पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा सौंफ के बीजों में उपस्थित होती हैं जिसके कारण यह गैलेक्टैगॉग (galactagogue) के रूप में काम करता है। यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है। लेकिन इसके अभी तक कोई प्रमाणित सबूत नहीं मिले हैं। फिर भी आयुर्वेद में ऐसा माना जाता है कि सौंफ का उपयोग महिलाओं के दूध उत्पादन की क्षमता को बढ़ा सकता है।
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यदि आपको अपने मुंह की बदबू के कारण शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है तो निराश न हों। इसका सबसे सस्ता और प्रभावी इलाज सौंफ के रूप में मौजूद है। सौंफ के फायदे इसके जीवाणुरोधी गुणों के कारण होते हैं। सौंफ के जीवाणुरोधी गुण आपके मुंह में मौजूद रोगजनको को नष्ट करते हैं जो आपके मुंह की बदबू का प्रमुख कारण होते हैं। इस तरह से आप सौंफ या सौंफ की चाय का नियमित सेवन करे आपने मुंह की बदबू (Bad breath) को दूर कर सकते हैं।
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नियमित रूप से सौंफ का सेवन करने पर आपके पेट से संबंधित विभिन्न समस्याओं (Stomach problems) का उपचार किया जा सकता है। विशेष रूप से यह मल त्याग करने में होने वाली परेशानी या कब्ज (Constipation) से राहत दिला सकता है। इसके लिए सौंफ की चाय का उपयोग कर सकते हैं।
यह आपके शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर करने और आपके पाचन को स्वस्थ्य (Digestion Healthy) बनाने में सहायक होती है। यदि आप अपने पेट को स्वस्थ्य रखना चाहते हैं तो अपने दैनिक आहार वाली सूची में सौंफ को प्रमुख रूप से शामिल करें।
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आपको यह जान कर हैरानी हो सकती है कि सौंफ के फायदे आपकी त्वचा के लिए भी होते हैं। यदि नियमित रूप से सौंफ का सेवन किया जाता है तो वे शरीर को जस्ता, कैल्शियम और सेलेनियम (Calcium and selenium) जैसे उपयोगी खनिजों की अच्छी मात्रा उपलब्ध कराते हैं। आपके शरीर में हार्मोन और ऑक्सीजन के संतुलन के लिए ये सभी खनिज पदार्थ बहुत ही आवश्यक होते हैं।
सौंफ का सेवन करने पर यह अपने शीतलन प्रभाव के कारण त्वचा पर मौजूद मुंहासों की जलन (Irritation of acne) को कम करता है और उनका उपचार करने में भी मदद करता है। जल प्रतिधारण क्षमता होने के कारण यह आपकी त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। इस तरह से आप अपनी त्वचा को स्वस्थ्य रखने के लिए सौंफ का सेवन कर सकते हैं।
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इस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी में फ्री-रेडिकल्स की सफाई (scavenging) करने वाले शक्तिशाली गुण मौजूद रहते हैं। ये फ्री-रेडिकल्स कैंसर के प्रमुख कारकों में से एक हैं। सौंफ में मौजदू सफाई करने वाले गुण ऑक्सीडेटि तनाव (Oxidative stress) को दूर करते हैं और शरीर के विभिन्न हिस्सों में मौजूद कैंसर जैसे त्वचा कैंसर, पेट के कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर आदि से बचाने में मदद करते हैं।
यदि नियमित रूप से सौंफ का सेवन किया जाता है तो इसके पोषक तत्व और औषधीय गुण कैंसर (Cancer) जैसी गंभीर समस्याओं से भी आपको बचा सकते हैं।
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इन छोटे-छोटे औषधीय दानों की थोड़ी सी मात्रा का नियमित सेवन करने से आप अपनी आंखों को स्वस्थ्य (Eyes healthy) रख सकते हैं। सौंफ आपकी आंखों के लिए चमत्कारिक औषधी का काम करती है। सौंफ के बीजों में विटामिन ए होता है जो आपकी आंखों की दृष्टि के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
भारत में प्राचीन समय से ही आंख के रोग जिसमें आंखों की पुतली फैल जाती है और दृष्टि धीरे-धीरे कम होने लगती है (glaucoma) इसका उपचार करने के लिए सौंफ का उपयोग किया जाता है।
यदि आप मोटापे (Obesity) के शिकार हैं, और अपना वजन कम करना चाहते हैं तो सौंफ का नियमित सेवन शुरु कर दें। क्योंकि सौंफ में वसा को कम करने वाले औषधीय गुण होते हैं जो आपके शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा को कम करने में सहायक होते हैं। फाइबर की अच्छी मात्रा होने के कारण यह आपकी पाचन प्रणाली को भी स्वस्थ्य रखता है और आपके चयापचय (Metabolism) को उत्तेजित करता है।
सौंफ के औषधीय लाभों में एक प्रमुख लाभ यह भी है कि यह मूत्रवर्धक का काम करता है। जिस कारण यह आपके शरीर में मौजूद अस्थाई वजन को कम करने में सहायक होता है। आप अपना वजन कम करने के लिए सौंफ का नियमित सेवन करें। इसके लिए आप सौंफ को अपनी सुविधानुसार कच्चे, चाय बनाकर या भून कर सेवन कर सकते हैं।
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अध्ययनों से पता चलता है कि सौंफ के बीजों में नाइट्राइट (Nitrite) सामग्री होती है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा सौंफ के बीजों में पोटेशियम भी अच्छी मात्रा में होते हैं जो कि रक्तवाहिकाओं में आने वाली समस्याओं को दूर करने और उनमें आने वाले अवरोधों के दूर करने में मदद करते हैं।
पोटेशियम की अच्छी मात्रा हमारे दिल की धड़कनों और रक्तचाप (blood pressure) को नियंत्रित करने में मदद करता है।
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इन बीजों में फाइबर और आवश्यक तेलों की अच्छी मात्रा होती है जो हमारे शरीर से विषाक्तता को दूर करने में सहायक होती है। ऐसा माना जाता इन गुणों के कारण सौंफ हमारे रक्त में मौजूद विषाक्त पदार्थों को दूर कर सकता है और हमारे रक्त को शुद्ध कर सकता है।
आप अपने खाद्य आहारों में ऐसे खाद्य पदार्थ जो रक्त को शुद्ध करने में मदद करते हैं उनमें सौंफ को भी शामिल कर सकते हैं। यह आसानी से उपलब्ध होने वाली औषधी है।
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अनियमित मासिक धर्म बहुत सी महिलाओं की प्रमुख समस्या है। यह समस्या व्यस्त जीवन, नींद की कमी, गलत खान-पान, तनाव आदि के कारण होती है। नियमित रूप से सौंफ का सेवन कर मासिक धर्म को प्रेरित किया जा सकता है। महिलाओं को नियमित मासिक धर्म चक्र के लिए सौंफ को अपने दैनिक आहार में शामिल करना चाहिए।
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महिलाओं के लिए गर्भावस्था एक संवेदनशील स्थिति होती है। इस दौरान उन्हें पर्याप्त पोषण और देख-रेख की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के दौरान मतली या सुबह के समय चक्कर आना एक प्रमुख समस्या है। आप इस समस्या से बचने के लिए सौंफ के बीजों का उपयोग कर सकते हैं।
सौंफ की चाय (fennel tea) गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में सहनशीलता को बढ़ा सकता है। महिलाएं गर्भावस्था के दौरान (during pregnancy) नियमित रूप से सौंफ का सेवन कर अपने स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकती हैं।
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स्वाद में थोड़ी मीठी और अच्छी सुगंध सौंफ में होती है। सौंफ मसाले का एक रूप है जिसे भोजन पकाने के दौरान भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। लेकिन आप आप इसकी चाय बनाकर भी उपयोग कर सकते हैं। यह भारतीय समाज की परंपरा है कि भोजन के बाद सौंफ की थोड़ी सी मात्रा का सेवन जरूर किया जाता है।
लेकिन यदि आपको अजवाइन या गाजर आदि की एलर्जी है तो आपको सौंफ का सेवन करने से बचना चाहिए। कुछ आयुर्वेदिक सलाहकार सौंफ के बीजों को भूनकर सेवन करने की सलाह देते हैं। यदि आप सामान्य रूप से सौंफ का सेवन करना चाहते हैं तो इसे सभी प्रकार से उपयोग कर सकते हैं। लेकिन यदि किसी विशेष समस्या के उपचार के लिए उपयोग कर रहे हैं तो चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही सौंफ का सेवन करें।
आमतौर पर सौंफ का सेवन करने से कोई गंभीर नुकसान नहीं होते हैं, क्योंकि यह एक आयुर्वेदिक औषधी है। लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने से कुछ नुकसान हो सकते हैं।
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इस सौंफ खाने के फायदे और नुकसान (Fennel Seeds Benefits And Side Effects In Hindi) वाले आर्टिकल में सौंफ के पोषक तत्व, सौंफ का सेवन कैसे करे, इसकी जानकारी दी गई है। यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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Reference
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