Saunf ki Chai ke Fayde in Hindi क्या आप सौंफ की चाय पीने के फायदे जानते हैं। सौंफ के औषधीय गुणों को प्राप्त करने के लिए सौंफ के पानी की तरह सौंफ की चाय का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। माउथफ्रेशनर के रूप में उपयोग की जाने वाली सौंफ का उपयोग चाय के रूप में भी किया जा सकता है। सौंफ की चाय पीने के फायदे पाचन संबंधी समस्याओं को रोकने में सहायक होते हैं। सौंफ की चाय के औषधीय गुण मांसपेशियों की ऐंठन को रोकने, दस्त, अपच, पेट फूलना जैसी समस्याओं का इलाज करने में मदद करते हैं। सौंफ की चाय का इस्तेमाल उच्च रक्तचाप को कम करने, वजन घटाने, श्वसन प्रणाली की रक्षा करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाने के लिए किया जा सकता है। आइए जाने सौंफ की चाय पीने के फायदे और नुकसान क्या हैं।
सौंफ की चाय एक आयुर्वेदिक पेय है जिसे सौंफ के बीजों से तैयार किया जाता है। सौंफ की चाय बनाने के लिए उबलते पानी में सौंफ के कुचले हुए बीजों को मिलाया जाता है। इस विशिष्ट स्वाद वाली सौंफ की चाय के फायदे हमें कई संभावित बीमारियों से बचा सकते हैं। अधिकांश आयुर्वेद चिकित्सक सौंफ के पानी पीने और सौंफ के बीज खाने की सलाह देते हैं। लेकिन सौंफ की चाय पीने के लाभ भी होते हैं जो आपकी पाचन समस्याओं को दूर कर सकते हैं। अपनी ठंडी तासीर होने के कारण सौंफ की चाय शरीर को शीतलता दिलाने और पेट की जलन को शांत करने में प्रभावी मानी जाती है। आइए जाने सौंफ की चाय का सेवन करने से हमें किस प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं।
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सौंफ के बीजों से बनने वाली चाय में विटामिन ए, विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी और विटामिन डी की अच्छी मात्रा होती है। भोजन के बाद सौंफ का सेवन करना भारतीय घरों में एक आम प्रथा है। आपको देखने में लगता होगा कि सौंफ का उपयोग मुंह को साफ करने के लिए किया जाता है। हां यह सच है, लेकिन इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients) जैसे कि कॉपर, पोटेशियम, कैल्शियम, जिंक, मैंगनीज, आयरन, सेलेनियम और मैग्नीशियम जैसे खनिजों की अच्छी मात्रा होती है। जो कि मुंह को साफ रखने से कहीं अधिक आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। इनके अलावा भी सौंफ में फाइबर, फॉस्फोरस, फोलेट, पेंटोथेनिक एसिड (pantothenic acid), आयरन और नियासिन आदि भी मौजूद रहते हैं। आइए जाने इतने पोषक तत्वों की उपस्थिति के कारण सौंफ की चाय के फायदे हमारे स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार हैं।
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आयुर्वेदिक सौंफ की चाय स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने का सबसे अच्छा विकल्प है। इसमें विभिन्न प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट और अन्य यौगिक होते हैं। जिनकी मौजूदगी हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होती है। वास्तव में सौंफ के बीज औषधीय गुणों के कारण इतने लोकप्रिय हैं कि इनका उपयोग कई दवाओं के निर्माण में किया जाता है। नियमित रूप से सौंफ की चाय पीने के फायदे प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और सहनशक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं। आइए विस्तार से जाने सौंफ की चाय पीना हमें किस प्रकार से लाभ पहुंचाता है।
जो लोग अपने मोटापे से परेशान हैं उनके लिए सौंफ की चाय पीना एक एक अच्छा घरेलू उपचार है। नियमित रूप से सौंफ के बीज खाना और इन बीजों को उबालकर इसके पानी को पीना फैट घटाने में मदद कर सकता है। सौंफ की चाय में मूत्र वर्धक गुण होते हैं जिसके कारण यह पेशाब को बढ़ावा दे सकती है। जिससे आपके शरीर में मौजूद विषाक्तता को आसानी से बाहर निकालने में मदद मिलती है। इसके अलावा सौंफ की चाय के गुण चयापचय को बढ़ावा देते हैं जिससे अतिरिक्त फैट और कैलोरी को जलाने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद पोषक तत्व आपकी भूख और भूख बढ़ाने वाले हार्मोन को भी नियंत्रित करते हैं। जिससे आपको अपना वजन कम करने में मदद मिल सकती है। (1)
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फेनिल टी में फाइटोएस्ट्रोजन की अच्छी मात्रा होती है। जिसके कारण सौंफ की चाय पीना आपको हार्टबर्न जैसी समस्याओं से बचा सकता है। इस औषधीय पेय का सेवन करने से मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा जब भी आपको पाचन संबंधी समस्याओं या एसिड रिफ्लेस (acid reflux) का अनुभव हो तब भी आप सौंफ की चाय का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस दौरान सौंफ की चाय का प्रयोग करना आपको पेट के दर्द और जलन से राहत दिला सकता है। (2)
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हार्ट से संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए सौंफ की चाय एक अच्छा उपाय है। ऐसा इसलिए है क्योंकि फेनिल टी में बहुत से पोषक तत्व और खनिज पदार्थ होते हैं। जो हृदय की कार्य प्रणाली को बेहतर बनाए रखने में सहायक होते हैं। सौंफ की चाय में पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है जो वासोडिलेटर के रूप में कार्य करता है। इसका मतलब यह है कि सौंफ की चाय का सेवन करने से रक्त वाहिकाओं और धमनियों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। जिससे स्वस्थ रक्त परिंसचरण को बढ़ावा मिलता है। सौंफ की चाय का प्रयोग करके आप एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) संबंधी समस्याओं से भी बच सकते हैं। जिससे दिल का दौरा, स्ट्रोक और हार्ट अटैक आदि की संभावना कम हो जाती है। आप भी अपने हृदय को स्वस्थ रखने के लिए दैनिक आधार पर सौंफ की चाय का उपयोग कर सकते हैं। (3)
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उच्च रक्तचाप से ग्रसित रोगी को सौंफ की चाय पीने की सलाह दी जाती है। क्योंकि सौंफ की चाय पीने के फायदे उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। सौंफ के बीजों में मौजूद पोटेशियम रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में अहम योगदान देते हैं। पोटेशियम संकुचित रक्त वाहिकाओं को फैलने में और उन्हें नरम रखने में मदद करता है। जिससे पूरे शरीर में उचित रक्त प्रवाह बना रहता है। यदि आप भी उच्च रक्तचाप संबंधी लक्षणों को कम करना चाहते हैं सौंफ की चाय आपके लिए एक प्राकृतिक उपाय साबित हो सकती है। (4)
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नियमित रूप से सौंफ की चाय पीना पुरुषों और महिलाओं में कामेच्छा को उत्तेजित करने में सहायक हो सकती है। सौंफ में मौजूद पोषक तत्व और खनिज पदार्थ शरीर की मांसपेशियों को आराम दिलाने, जननांगों में रक्त प्रवाह को बढ़ाने में सहायक होते हैं। जिससे यौन इच्छाओं को उत्तेजित करने में मदद मिलती है। नियमित रूप से सौंफ की चाय का सेवन पुरुषों के सेक्स टाइम को बढ़ाने का एक प्रभावी घरेलू नुस्खा हो सकता है।(5)
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रात में सोने से पहले सौंफ की चाय पीना आपकी नींद को बेहतर बना सकता है। यदि आप अनिद्रा या अन्य नींद से संबंधित परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो सौंफ की चाय का इस्तेमाल कर सकते हैं। सौंफ की चाय में मौजूद मेलाटोनिन आपकी नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है। रात के भोजन करने के तुरंत बाद सौंफ की चाय पीना सबसे अच्छा है। क्योंकि यह पाचन में सहायक होता है और शरीर को आराम दिलाने में मदद करता है। इसके अलावा यह शरीर में तनाव हार्मोन को भी नियंत्रित करता है जिससे आपको अच्छी नींद लेने में आसानी होती है।
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अस्थमा और अन्य श्वसन समस्याओं के लिए सौंफ की चाय पीने का फायदा हो सकता है। नियमित रूप से सौंफ के बीजों को उबाल कर पीने से ब्रोंकाइटिस (bronchitis), खांसी और वायरस के संक्रमण आदि से छुटकारा पाया जा सकता है। श्वसन तंत्र में मौजूद कफ को दूर करने के लिए सौंफ की चाय सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। बलगम या कफ में संक्रामक रोगजनकों का विकास हो सकता है। इसके अलावा सौंफ की चाय में मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण गले की खराश और साइनस दबाव (sinus pressure) को राहत देने में भी सहायक होते हैं। इस तरह से आप अपनी श्वसन संबंधी समस्याओं का घरेलू उपचार करने के लिए सौंफ की चाय का प्रयोग कर सकते हैं। (6)
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सौंफ के बीज पाचन समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। इसके अलावा सौंफ की चाय मुंह की बदबू का उपचार करने में भी फायदेमंद होती है। सौंफ की चाय में एंटीफंगल और जीवाणुरोधी गुण होते हैं। जो मुंह में मौजूद बैक्टीरिया और अन्य रोग जनकों को नष्ट करने में सहायक होते हैं। सौंफ की चाय का नियमित सेवन करने से मसूड़ों और दांतों को स्वस्थ रखने के साथ ही मुंह की बदबू से भी छुटकारा मिल सकता है।
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दिन भर कम्प्यूटर पर काम करने के दौरान अक्सर आंखों में सूजन और अन्य प्रकार की समस्याएं हो सकती है। इस प्रकार की समस्यओं को दूर करने के लिए सौंफ की चाय का इस्तेमाल किया जा सकता है। सौंफ की चाय में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जो आंखों की सूजन, जलन और सूखापन आदि स्थितियों का घरेलू इलाज करने में मदद करते हैं। आप सौंफ की चाय को पहले फ्रिज में ठंडा कर लें। फिर इस चाय में रूई को भिगोएं और अपनी आंखों की बंद पलकों में इसे रखें। सौंफ की चाय के जीवाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट आंखों संबंधी अन्य समस्यओं को प्रभावी रूप से दूर करने में मदद कर सकते हैं। (7)
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सौंफ की चाय में आयुर्वेदिक और औषधीय गुण होते हैं। जिसके कारण सौंफ की हर्बल चाय का सेवन गठिया, गाउट और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं संबंधी दर्द और सूजन को कम कर सकती है। सौंफ की चाय के औषधीय गुण शरीर को डिटॉक्स करने और मांसपेशीय ऊतकों को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। यदि आप भी गठिया के दर्द और सूजन का घरेलू उपचार ढूंढ रहे हैं तो सौंफ की चाय सबसे अच्छा उपाय है। नियमित रूप से सौंफ की चाय का सेवन आपको दर्द और सूजन से छुटकारा दिला सकता है। (8)
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हार्मोन असंतुलन संबंधी समस्याएं विशेष रूप से गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होती है। इस प्रकार की परेशानियों को दूर करने के लिए कुछ विशेष जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है जिनमें सौंफ भी शामिल है। सौंफ की चाय पीने के फायदे इसलिए होते हैं क्योंकि इसके यौगिकों में एस्ट्रोजेन (Estrogen) जैसे गुण होते हैं। जिससे महिलाओं को मासिक धर्म संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा सौंफ की चाय के लाभ शरीर में अन्य हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में भी सहायक होते हैं। जिससे कामेच्छा में वृद्धि और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध उत्पादन को उत्तेजित करना शामिल है। नियमित रूप से औषधीय सौंफ की चाय पीना महिलाओं को रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकता है। (9
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रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के सबसे अच्छे घरेलू उपाय में सौंफ की चाय को शामिल किया जा सकता है। सौंफ की चाय में शक्तिशाली जीवाणुरोधी, एंटीसेप्टिक और एंटीफंगल गुण होते हैं। जिसके कारण दैनिक आधार पर सौंफ की चाय पीना आपकी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ा सकता है। सौंफ की चाय का सेवन करने से सर्दी, खांसी और बुखार जैसी वायरल बीमारियों के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। आप इन सामान्य बीमारियों का घरेलू इलाज करने और इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने के लिए सौंफ की चाय का इस्तेमाल कर सकते हैं। (10)
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सौंफ की चाय पारंपरिक रूप से शिशुओं को दी जाती है जिससे उन्हें शांत किया जा सके और उन्हें पेट दर्द से आराम मिल सके। यह छोटे बच्चों में पेट की ऐंठन और पेट फूलना जैसी समस्याओं को रोकने में भी प्रभावी माना जाता है।
छोटे बच्चों को सौंफ की चाय पिलाने से पहले इस बात का विशेष ध्यान रखें कि 4 माह से कम आयु वाले शिशुओं को सौंफ की चाय का सेवन नहीं कराना चाहिए। छोटे बच्चों को किसी भी प्रकार के हर्बल उत्पादों का सेवन कराने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लेना आवश्यक है।
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सौंफ के बीजों में कुछ आवश्यक तेल जैसे कि एनेथोल, माईकैन और लिमोनेन आदि होते हैं। ये सभी घटक त्वचा को स्वस्थ रखने और मुंहासों का उपचार करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा सौंफ की चाय में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं जो मुंहासों और त्वचा की सूजन को कम करने में प्रभावी योगदान देते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि सौंफ की चाय पीना त्वचा में मौजूद अतिरिक्त तेल को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। जिससे मुंहासे होने की संभावना कम हो सकती है।
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आज अधिकांस लोग पाचन की समस्या से परेशान है, आपकी पाचन की समस्या से छुटकारा दिलाने में सौंफ की चाय मदद कर सकती हैं। नियमित रूप से सौंफ की चाय का सेवन कर आप कब्ज, अपच, एसिडिटी, पेट की ऐंठन और अन्य समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर सौंफ हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है। सौंप की चाय पीने के फायदे में सबसे प्रमुख पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करना है। सौंफ में एस्ट्रागोल (Estragole), फेनेकोन और एनेथोल (Fenchone and Anethole) आदि शामिल होते हैं। इन घटकों की मौजूदगी गैस्ट्रिक एंजाइम के उत्पादन को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं। जिससे आपके पाचन तंत्र को तेज करने और स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
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गठिया रोग को ठीक करने और उसके दर्द से राहत पाने के लिए सौंफ की चाय बहुत ही लाभदायक होती है। एक अध्ययन के अनुसार सौंफ में एंटी इंफ्लेमेटरी (Inflammatory) गुण होते है जो कि गठिया रोग से होने वाले दर्द को ठीक करने में मदद करता है। सौंफ की चाय में सुपरऑक्साइड डिसम्यूटेस (superoxide dismutase) नामक एक एंटीऑक्सिडेंट होता है जो सूजन के कम करता है। सौंफ़ एक ऐसी जड़ी-बूटियों में से एक है जिसका उपयोग गठिया के लक्षणों के इलाज के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है।
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कुछ अध्ययन के अनुसार मासिक धर्म के दौरान होने वाली ऐंठन और दर्द को कम करने के लिए सौंफ की चाय फायदेमंद होता है। सौंफ की चाय आपके थायरॉयड को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकती है जिससे आप पीरियड के समय एक स्वस्थ प्रवाह रख सकें। सौंफ की चाय का सेवन कर महिलाएं अपने मासिक धर्म चक्र की लंबाई को कम कर सकती हैं। इसके अलावा यह महिलाओं में मतली और चक्कर आना जैसी समस्याओं को भी कम कर सकती है। सौंफ की चाय का सेवन करने से शरीर में एस्ट्रोजेन (estrogen) की उपस्थिति को बढ़ाया जा सकता है। महिलाएं सौंफ की चाय का सेवन कर मासिक धर्म के दर्द, ऐंठन और रजोनिवृत्ति के लक्षणों को दूर कर सकती हैं।
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मसूड़ों की सूजन और उनसे होने वाली बिमारियों को ठीक करने के लिए भी सौंफ की चाय लाभदायक होती है। सौंफ़ एक बहुत ही अच्छा एंटीबैक्टीरियल एजेंट होने के कारण, गम (मसूड़ों) की सूजन के उपचार में सहायता करता है।
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सौंफ की चाय का सेवन आपके पेट की आंतों में होने वाले कीड़ों को भी नष्ट करने में सहायक होती है। सौंफ़ को एक वनस्पति ओसोमर (Dewormer) माना जाता है जो कि आंतों में होने वाले परजीवियों को खत्म करने का कार्य भी करता है। सौंफ एक प्राकृतिक लैक्सेटिव है जो आंतों की गति को बढ़ावा देते हैं और आपके सिस्टम से कीड़े को बाहर निकालने में मदद करता है।
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फेनल टी उन महिलाओं के लिए अच्छी होटी है जो महिलाएं स्तनपान करा रहीं हैं। क्योंकि सौंफ की चाय में मौजूद एस्ट्रोजेन महिलाओं में प्रोलैक्टिन के स्तर को बढ़ाता है। जिससे महिलाओं में दूध उत्पादन की क्षमता में वृद्धि हो सकती है। इस तरह से महिलाएं अपने और अपने बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सौंफ की चाय का सेवन कर सकती हैं।
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सौंफ़ में कुछ आवश्यक तेल जैसे एनेथोल, माईकैन और लिमोनेन होते है इन सभी तेलों में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते है जो कि मुंहासे जैसे त्वचा की स्थिति का इलाज करने में सहायता करते हैं। आप अपने मुँहासे का इलाज सौंफ की चाय से भी कर सकते हैं, सौंफ़ की चाय का सेवन त्वचा से अतिरिक्त तरल पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है, जो मुँहासे में योगदान कर सकते हैं।
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सौंफ़ को कामेच्छा बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी के रूप में जाना जाता है। सौंफ के बीज की चाय का सेवन विशेष रूप से पुरुषों में यौन इच्छाओं में सुधार कर सकता है। यह मूत्राशय और प्रोस्टेट से संबंधित समस्याओं के साथ-साथ सेक्स से संबधित समस्याओं से भी छुटकारा दिला सकता है।
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सौंफ की चाय पीने का सबसे अच्छा समय भोजन करने के बाद का होता है। क्योंकि इसमें अद्भुद पाचन क्षमता होती है जो आपके पाचन तंत्र को उत्तेजित करने में सहायक होता है। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए आप दिन में 2 से 3 कप सौंफ की चाय का सेवन कर सकते हैं। लेकिन इससे अधिक मात्रा में सौंफ की चाय पीना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
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सौंफ की चाय पीना सेहत के लिए एक अच्छा विकल्प है। सामान्य रूप से 1 कप सौंफ की चाय बनाने के लिए 5 से 7 ग्राम सौंफ के बीजों का उपयोग करना चाहिए। यदि आप सौंफ के बीजों और पानी को 1:2 के अनुपात में उपयोग करते हैं तो यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
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घर पर सौंफ की चाय बनाना बहुत ही आसान है। हालांकि आप बाजार से भी फेनल टी को खरीद सकते हैं। लेकिन घर में बनी सौंफ की चाय अधिक फायदेमंद होती है।
सौंफ की चाय बनाने की विधि बहुत ही आसान है इसके लिए आपको चाहिए
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आप 1 चम्मच सौंफ के बीजों को लें और इसे अच्छी तरह से कुचल लें। जिससे कि सौंफ के बीज भुरभुरे पाउडर के रूप में बन जाए। सौंफ के पाउडर को एक बर्तन में रखें और इसमें उबलता हुआ 1 कप पानी मिलाएं। इसके बाद इस मिश्रण को कुछ देर के लिए ढ़क कर रख दें। ध्यान रखें कि इस मिश्रण को उबालना नहीं है। क्योंकि उबालने से इसके अधिकांश पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं। कुछ ठंडा होने के बाद इस मिश्रण को कप में छान लें। अधिक पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाने के लिए आप इस औषधीय और हर्बल चाय में शहद भी मिला सकते हैं।
आप सौंफ के बीजों के स्थान पर सौंफ की पत्तियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इनका उपयोग करने से पहले इन्हें अच्छी तरह से धो लें और छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। फिर चाय बनाने की ऊपर बताई गई विधि का पालन करें।
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सामान्य मात्रा में सौंफ की चाय का सेवन करना सुरक्षित होता है, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने के नुकसान भी हो सकते हैं। आइए जाने सौंफ की चाय पीने के साइड इफैक्ट्स क्या हैं।
यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या के उपचार के लिए सौंफ की चाय का सेवन करना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में पहले अपने चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए।
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