आजकल जिसे देखो उसे सेल्फी लेने का क्रेज छाया हुआ है। क्या आप पर भी सेल्फी लेने और उसे दोस्तों को शेयर करने का नशा छाया हुआ है, तो संभल जाएं जितनी जल्दी हो सके अपनी इस आदत को बदल लें। क्योंकि हर रोज सेल्फी लेना और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करना आपके बीमार होने की निशानी है। बीमारी जिसका नाम है सेल्फी सिंड्रोम (Selfie Syndrome) सेल्फी की शौकीन लोगो के लिए ये खबर चौंकाने वाली हो सकती है। आपकी खूबसूरत सेल्फी शेयर करने की आदत आपके अंदर दूसरों के लिए जलन की भावना को भर रही है। जी हां आप चाहें या ना चाहें …
अगर आप बार– बार सोशल मीडिया पर अपनी सेल्फी पोस्ट करती हैं, या अपनी डीपी बदलती रहती हैं तो आपके अंदर दूसरों के लिए नेगेटिविटी भरती जा रही है। जिसका नुकसान आप उनसे दूर होकर उठा सकती हैं। और आप सेल्फी सिंड्रोम (Selfie Syndrome) के शिकार हो रहे हैं।
सेल्फी लेना और उसे शेयर करना आजकल हर किसी की आदत बन गया है। लेकिन रिसर्च कहती है कि ऐसे लोग सेल्फ कॉम्प्लेक्स के शिकार हो जाते हैं। ऐसे लोगों को ये बिलकुल नहीं भाता कि कोई और अपनी सेल्फी सोशल मीडिया पर डालें। सेल्फी सिंड्रोम (Selfie Syndrome) के शिकार लोगों की सोच दूसरों के लिए जलन से भर जाती है। दूसरे लोगों के लिए नेगेटिविटी की भावना से भर जाते हैं आप। जर्मनी में लुडविंग मैक्सीमिलन यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख एलएमयू के रिसर्चस ने ये शोध की है। इस रिसर्च में करीब 238 लोगों को शामिल किया गया।
सेल्फी सिंड्रोम (Selfie Syndrome) पर ये सर्वे ऑनलाइन हुआ और इसमें आस्ट्रिया, जर्मनी और स्विट्जरलैंड के लोग शामिल हुए। इस रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि सर्वे में शामिल लोगों में से 77 फीसदी लोग रोज सेल्फी लेते हैं और अपनी सेल्फी को दूसरों से अच्छा समझते हैं । जबकि दूसरे लोगों का सेल्फी लेना उन्हें बिलकुल पसंद नहीं आता। वो ये नहीं चाहते कि किसी और की सेल्फी उनसे अच्छी लगे। खुद को दूसरों से बेहतर दिखाना, अपना प्रचार करना खुद के पॉजिटिव पहलुओं को दिखाना, अपने पर्सनल मोमेंट लोगों से शेयर करना, ये सब आदत में शुमार हो गया है।
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सेल्फी सिंड्रोम (Selfie Syndrome) से जुड़ी एक रिसर्च हाल ही में ये भी आई थी कि जो लोग ज्यादा सेल्फी लेते हैं उनकी लव लाइफ में इश्यू ज्यादा रहते हैं। ऐसा होने से संबंधों में जलन और एक दूसरे से टकराव के हालात पैदा होते हैं।
बॉर्डरलाइन सेल्फिटिस (Borderline selfitis): एक दिन में कम से कम तीन बार स्वयं के फोटो लेते है, पर सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं करते|
एक्यूट सेल्फिटिस (Acute selfitis) : दिन में कम से कम तीन बार स्वयं के फोटो लेना और सोशल मीडिया पर प्रत्येक तस्वीर को पोस्ट करना|
क्रोनिक सेल्फिटिस (Chronic selfitis): दिन में छः से अधिक बार सोशल मीडिया पर तस्वीरों को पोस्ट करने, और ग्रुप सेल्फ़ी वाली तस्वीरें पोस्ट करने के लिए अनियंत्रित आग्रह करना|
आज के समय आम तौर पर सेल्फी सबसे आम हैं, यह सिर्फ एक शुरुआत है। अब ड्रोन नामक एक नया तरीका इसकी जगह लेने जा रहा है, अर्थात ड्रोन आपके आदेश पर हवा में रहते हुए तस्वीरों को ले लेता है। सर्वेक्षणों से पता चलता है कि इन्सान को मान्यता और सराहना पाने की प्रवल इच्छा होती है, जो उन्हें सेल्फ़ी लेने के लिए उकसाती है तो अगली बार आप भी जब सेल्फी लें तो इन बातों पर ध्यान जरूर दीजिएगा।
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