एसटीडी या सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज STD full form Sexually transmitted disease (यौन संचारित संक्रमण/रोग) वे संक्रमण या रोग हैं जो, यौन संपर्क द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे में संचारित हो सकते हैं। एसटीडी सेक्स संबंधी रोग है जिसके कई सारे कारण हो सकते हैं जो महिला और पुरुष दोनों के शरीर को नुकसान पहुंचाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ते हैं। एसटीडी पुरुष और महिला दोनों में हो सकता है कुछ यौन संचारित संक्रमण जन्म से, अंत: शिरा सुइयों अथवा स्तनपान के द्वारा भी संचारित होते हैं। इसके अलावा सेक्स से जुड़े ऐसे कई पहलू हैं जिनकी जानकारी का अभाव यौन संचारित रोग व संक्रमण (एसटीडी या एसटीआई) की वजह बन सकता है। जिसके अलग-अलग लक्षण होते है और उन लक्षणों को जानना सभी को जरूरी है ताकि एसटीडी से पीड़ित लोग इसका अच्छी तरह से इलाज करा सके।
योन संबंधो द्वारा संचारित रोग कैसे फैलते है? How do diseases spread through vaginal connection in Hindi
योनी संभोग, मौखिक सम्भोग और गुदापरक सम्भोग जैसे अन्तरंग संबंध और योन संपर्क से एसटीडी एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति तक संचारित होते है।
एसटीडी के लक्षण क्या होते है – What are the symptoms of STD in Hindi
सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज के लक्षणों में निम्नलिखित कारक शामिल है
- औरतो में योनि के आसपास खुजली यो योनि से स्त्राव।
- पुरषों में लिंग से स्त्राव।
- सम्भोग या मूत्र त्याग करते समय पीड़ा।
- जननेंद्रिय के आसपास पीढ़ा विहीन लाल जख्म।
- मुलायम त्वचा बाले लाल रंग के मस्से जननेन्द्रियो के आसपास हो जाते है।
- गुदा परक सम्भोग बालो को गुदा के अन्दर और आसपास पीड़ा का होना।
- असामान्य छूत के रोग, न समझ आने वाली थकावट और रात को पसीना आना, वजन घटना आदि।
क्या यह संभव है की किसी व्यक्ति को एसटीडी हो और उसे पता भी ना हो ?
पुरषों में तो एसटीडी के लक्षण सामान्यतः दिख जाते है जिससे वो जागरूक हो जाते है की उनको योन से सम्बंधित रोग हुआ है, जबकि औरतो के संक्रमण के लक्षण दिखाई नहीं देते जबकि उन्हें यह रोग लग चुका होता है।
(जानें: महिलाओं की सेक्सुअलिटी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य)
आज हम पुरुषों में पाएं जाने वाले एसटीडी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज (STD)के बारे में बात करने बाले है जिसके बारे में हर पुरुष को मालूम होना जरुरी है।
(और पढ़े – गोनोरिया (सूजाक) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव)
यौन संचारित रोग क्लैमाइडिया – Chlamydia in Hindi
सबसे आम बीमारी है क्लैमाइडिया जो कि यौन संचारित रोग के रूप में से एक है। क्लैमिडिया यौन संचारित रोग है जो की क्लैमिडिया ट्रैकोमेटिस नामक जीवाणु के कारण होता है। क्लैमिडिया यूरीन नली (यूरेथ्रा), योनि या गर्भग्रीवा के आस-पास का क्षेत्र (सर्विक्स एरिया), और गुदा को संक्रमित कर सकता है। क्लैमिडिया के मुख्य कारण असुरक्षित यौन, गुदा या मुख मैथुन आदि हो सकते हैं। जन्म के समय यह मां से उनके बच्चे को भी लग सकता है। क्लैमाइडिया से ग्रस्त माताओं से उनके बच्चे को नेत्र संक्रमण और निमोनिया हो सकता है। योन क्रिया में सक्रिय व्यक्ति में भी क्लैमिडिया संक्रमित हो सकता है। जिन पुरुषों को यह बीमारी होती है उनके लिंग से स्राव हो सकता है या पेशाब करते समय जलन हो सकती है। पुरुषों को लिंग के रंध्र (ओपनिंग) के आसपास जलन या खुजली होना भी इसके लक्षण हो सकते है।
(और पढ़े – क्लैमाइडिया – Chlamydia in hindi)
यौन संचारित रोग गोनोरिया – Gonorrhea in Hindi
गोनोरिया नामक जीवाणु के कारण गोनोरिया नीसेरिया होता है। ये जीवाणु महिलाओं व पुरुषों में तेजी से फैलती हैं। ओरल सेक्स की वजह से इसके बैक्टीरिया संक्रमण करते है जिस वजह से सूजन व दर्द होने लता है। बैक्टीरिया और निसरेरिया गोनोरिया (neisseria gonorrhoeae) के कारण होने वाले संक्रमित संक्रमण को सूजाक या गोनोरिया कहा जाता है। इसके कारण आपके मूत्रमार्ग, गर्भाशय, गुदा, गले और आंखों में संक्रमण हो सकता है। नेइसेरिया गोनोरिया आपके रक्त में फैल सकता है जिससे बुखार, जोड़ो में दर्द और त्वचा में घाव हो सकते हैं।
(और पढ़े – गोनोरिया (सूजाक) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव)
यह योनि, गुदा या मौखिक सेक्स (oral sex) और बिना कंडोम के असुरक्षित यौन संबंधों के कारण फैलता है। अगर इसकी सही समय पर पहचान ना की जाये तो गोनोरिया एक गंभीर समस्या बन सकता हैं।
(और पढ़े: इन संकेतो से पहचाने की कहीं आपको हस्तमैथुन की लत तो नहीं)
जननांगों में मस्सें – Masses in genitals in Hindi
गुप्तांग जैसे की जननांगों आदि में मस्से होने का मुख्य कारण ह्यूमन पैपीलोमावारस (HPV) है। यह सबसे आम यौन संचारित रोग है। आपके जननांगों (लिंग, योनि या गुदा) पर एचपीवी संक्रमण हो सकता है, इसके साथ-साथ यह आपके मुंह के अंदर और गले में भी हो सकता है। एचपीवी से संक्रमित ज्यादातर लोगों को इसका पता नहीं लग पाता है क्योंकि उन्हें जननागों में मस्से या दाने होने का अनुभव नहीं होता। लेकिन इसके बाद भी संक्रमित व्यक्ति से यह दूसरों को फेल सकता है।
इस तरह के जननांग में होने वाले मस्सों का कोई इलाज नहीं है। या तो वे अपने-आप ठीक हो जाते हैं अथवा इन्हें दबाने के लिए आपको उपाय तलाशने होते हैं। असुरक्षित मुख, यौन और गुदा मैथुन करने से आपको जननांग पर मस्से हो सकते हैं। साथ ही यह विषाणु किसी ऐसे व्यक्ति के सेक्स ट्वाय का प्रयोग करने से भी आपको हो सकता है, जिसके जननांग पर मस्से तो नहीं हैं किंतु वह ह्यूमन पैपीलोमावायरस से संक्रमित है।
(और पढ़े – पेनिस हेड में इन्फेक्शन (बैलेनाइटिस) के कारण, लक्षण और इलाज)
हेपेटाइटिस ए – hepatitis A in Hindi
‘हेपेटाइटिस ए’ एक विषाणु से होने वाला रोग है। इसमें लिवर में सूजन हो जाती है और ऐसा इस बीमारी के विषाणु के कारण होता है। इसलिए इसको वायरल हेपेटाइटिस भी कहा जाता हैं। यह तब होता है जब लिवर रक्त से बिलीरूबिन को छान नहीं पाता है। हालांकि हेपेटाइटिस के सभी रूपों में हेपेटाइटिस ए सबसे कम गंभीर है। यह संक्रामक रोग है यानी यह रोगी के संपर्क में आने वाले स्वस्थ व्यक्ति को भी अपना शिकार बना सकती है।
क्या है हेपेटाइटिस बी यह ‘बी’ टाइप के वायरस से होने वाली बीमारी है। इसे सीरम हेपेटाइटिस भी कहते हैं। यह रोग रक्त, थूक, पेशाब, वीर्य और योनि से होने वाले स्राव के माध्यम से होता है। जो लोग ड्रग्स लेने के आदि होते है और सावधानी नहीं रखते है या असुरक्षित यौन सम्बन्ध या अन्य प्रकार के शारीरिक सम्बन्ध रखने वालों को भी यह रोग हो सकता है।
इस प्रकार से यह कहा जा सकता है की टाइप ‘ए’ के मुकाबले टाइप ‘बी’ ज्यादा खतरनाक होता है। इस रोग का प्रभाव लीवर पर ऐसा पड़ता है कि अधिकांश रोगी ‘सिरोसिस ऑफ लिवर’ के शिकार हो जाते हैं। एक अध्ययन के अनुसार दुनिया में लगभग दो अरब लोग हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित हैं और लगभग 35 करोड़ से अधिक लोगों में क्रॉनिक (लंबे समय तक होने वाला) लिवर संक्रमण होता है, जिसकी मुख्य वजह शराब का सेवन है। इसमें त्वचा और आँखों का पीला, गहरे रंग का मूत्र आना, अत्यधिक थकान, उल्टी और पेट दर्द जैसी शिकायतें होती है।
(जानें क्या है: सुबह के समय सेक्स करने के स्वास्थ्य वर्धक फायदे)
एसटीडी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज के रोकथाम के क्या तरीके हो सकते है – What methods of STD prevention in Hindi
इन कुछ तरीको को अपनाकर एसटीडी (यौन संचारित रोग) से अपने आप को बचाया जा सकता है।
- एक ही साथी के साथ योन संबंध बनाना और सुनिश्चित करना की साथी भी उसे निभाये।
- पुरषों में लेटेक्स कंडोम का प्रयोग से योन रोग का खतरा कम हो जाता है अगर कंडोम का सही से प्रयोग किया जाये , महिलाओ के कंडोम उतने प्रभावशाली नहीं होते है जितने पुरषों के होते है।
Leave a Comment