Turnip (Shalgam) Benefits in Hindi शलजम एक सब्जी है जो स्वास्थ्य लाभों से भरपूर है। शलजम को आपकी साप्ताहिक सब्जी (weekly vegetable) में शामिल करना आपके लिए बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। यह विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने वाली स्वादिष्ट सब्जी है जो आलू जैसी सब्जियों के परिवार से संबंधित है यह आपको आवश्यक पोषक तत्व (nutrition) प्रदान करती है। शलजम के फायदे आपके वजन को कम करने से लेकर कैंसर (cancer) जैसी घातक बीमारियों को रोकने में मदद करते है।
पुराने समय से ही शलजम का उपयोग आहार के रूप में किया जा रहा है। टर्निप को अक्सर आलू और चुकंदर (beet) जैसी सब्जियों के समूह में रखा जाता है। लेकिंन वास्तव में यह ब्रोकली (Broccoli) ब्रसेल्सस्प्राउट्स आदि के परिवार का सदस्य होता है। अन्य सब्जियों की तरह शलजम में पोषक तत्व बहुत अधिक मात्रा में होते हैं और इनमें कैलोरी (calories) की मात्रा बहुत ही कम होती है। शलजम के फायदे प्राप्त करने के लिए आपको इसे अपने नियमित आहार में शामिल करना लाभकारी होगा।
विषय सूची
1. शलजम क्या है – What is Turnip (Shalgam) in Hindi
2. शलजम में पाए जाने वाले पोषक तत्व – Turnip (Shalgam) Nutrition Value in Hindi
3. शलजम के फायदे – Shalgam ke fayde in Hindi
4. शलजम के नुकसान –Shalgam ke Nuksan in Hindi
टर्निप्स (शलजम), जिसका वैज्ञानिक रूप से ब्रैसिकारापा (Brassica Rapa) के नाम से जाना जाता है। दुनिया भर में इस जड़ युक्तसब्जी को शीतोष्ण जलवायु में उगाया जाता है। शलजम आमतौर पर बैंगनी और लाल रंग के होते है जिनका आंतरिक भाग (flesh) सफेद होता है। इसके पत्ते हरे होते हैं पालक जैसी पौष्टिक पत्तेदार सब्जियों की तरह ही खाए जाते हैं।
शलजम को कच्चे या उबालकर खाया जा सकता है।शलजम में कैलोरी कम होती है लेकिन फाइबर की अच्छी मात्रा और अन्य महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व (micronutrients) अच्छी मात्रा में होते हैं। शलजम के फायदे में बेहतर प्रतिरक्षा, हृदय स्वास्थ्य, वजन कम करना(weight loss), और पेट को साफ रखना शामिल है। इनमें कैंसर से लड़ने वाले यौगिक भी होते हैं जो कैंसर के खतरे को कम करने मे हमारी मदद करते हैं।
टर्निप में बहुत सारे पोषक तत्व (Nutrition) होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होते हैं। यदि आप इस पौष्टिक सब्जी को अपने आहार में जोड़ते हैं तो आपके शरीर में इन पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सकता है। आइए जाने शलजम से कोन से पोषक तत्व मिलते हैं।
शलजम में उपस्थित पोषक तत्व प्रति 156 ग्राम के अनुसार :
शलजम विटामिन सी, मैंग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन बी-6, फोलेट और तांबा भी अच्छी मात्रा में होते हैं।
विभिन्न सब्जियों की तरह भी शलजम को आहार के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इस सब्जी में कैलोरी (Calories) बहुत ही कम होती है, इसलिए यह हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। शलजम मे उपस्थित पोषक तत्व (nutrition) बहुत से रोगों को रोकने में मदद करते हैं उदाहरण के लिए यह कार्डियोवैस्कुलर प्रणाली को स्वस्थ्य रखता है जिससे कोरोनरी हृदय रोग (heart disease), स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप के खतरे को कम किया जा सकता है। इस लेख में आज आप जानेगें शलजम से प्राप्त होने वाले लाभों के बारे में
बीटा-कैरोटीन सामग्री शलजम में बहुत अच्छी मात्रा में होता है जोहमारे शरीर में स्वस्थ्य झिल्ली (membranes) बनाने में मदद करती है जो संक्रमण को शरीर के अंदर प्रवेश करने से रोकने का काम करती है और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करती है। शलजम विटामिन सी मे समृद्ध होता है जो एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करता है और आयरन को अवशोषित (Absorbed) करने में मदद करता है। इस तरह शलजम का सेवन कर आप अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को मजबूत कर सकते हैं।
ल्यूटिन की उपस्थिति शलजम में पर्याप्त मात्रा में होती है। इसमें उपस्थित एक कैरोटीनोइड जो आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है और चकतेदार अध:पतन (macular degeneration) और मोतियाबिंद जैसी आंखों की बीमारीयों को रोकने में मदद करता है।
फाइबर की उच्च सामग्री चयापचय (metabolism) को नियंत्रित करती है, शलजम में फाइबर अच्छी मात्रा में होता है जो शरीर के वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है और पेट को स्वस्थ व सक्रिय रखने में मदद करती है। शलजम (turnip) में कैलोरी, वसा, सोडियम या कोलेस्ट्रॉल
नहीं होता है जिसके कारण यह सुपर फूड के रूप प्रयोग किया जा सकता है। यदि आप अपना वजन कम (weight loss) करना चाहते हैं तो शलजम को अपने आहार में उपयोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।विटामिन K की अच्छी मात्रा शलजम में होती है जिसमें शक्तिशाली एंटी-इंफ्लामैट्री (anti-inflammatory) गुण होते हैं। शलजम शरीर में उपस्थित कोलेस्ट्रॉल का उपयोग करने वाले पित्त को अवशोषित करके पाचन में सहायता करते हैं। इसमें उपस्थित फोलेट दिल के दौरे, इस्कैमिक (ischemic) हृदय रोग और धमनी में जमने वाले प्लेक के विरुद्ध हृदय की रक्षा करता है तथा रक्त वाहिकाओं संबंधी प्रणाली को सुचारु रूप से चलने में मदद करता है।
बोन्स को मजबूत करने के लिए आप शलजम का नियमित सेवन कर सकते हैं। शलजम में पोटेशियम और कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है जो आस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) के जोखिम को कम करने में मदद करती है। कैल्शियम शरीर के संयोजी ऊतकों ( connective tissues) के उत्पादन को बढ़ाता है जिससे हड्डीयों की बीमारीयों को रोकने में मदद मिलती है। आप नियमित रूप से शलजम का उपयोग कर अपनी हड्डीयों (bone) को मजबूत कर सकते हैं।
इन क्रूसिफेरस सब्जियों में एंटीऑक्सिडेंट्स (Antioxidant) और फाइटोकेमिकल्स अधिक मात्रा में होते हैं, जो कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करते हैं। शलजम का सेवन ग्लूकोसिनोलेट्स की उपस्थिति को कम करता है और साथ कैंसर के प्रभाव को कम करता है। शलजम यकृत से विषाक्त पदार्थों (toxic substances) को हटाने में मदद करता है और ट्यूमर कोशिकाओं के विकास को रोक सकते हैं। दैनिक जीवन में शलजम को अपने आहार में शामिल करने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर, कोलन और रेक्टल ट्यूमर के खतरे को कम किया जा सकता है।
फाइबर (fibre) की अधिक मात्रा पाचन तंत्र को बढ़ावा देने में मदद करती है। शलजम मे फाइबर बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि ग्लूकोसिनोलेट्स पेट के बैक्टीरिया जैसे पिलोरी की मदद करते हैं जो आपके पाचन को आसान बनाने में मदद करते हैं। यदि आपकी पाचन (digestive system) प्रक्रिया खराब है तो आप शलजम का उपयोग कर पाचन प्रक्रिया को मजबूत कर सकते हैं।
टर्निप में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होने के कारण एंटी-इंफ्लामैट्री (anti-inflammatory) गुण होते हैं जो कि एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है। शलजम के ये गुण अस्थमा को रोकने में मदद करते हैं। अध्ययन बताते हैं कि अस्थमा रोगीयों को शलजम का सेवन करने से अस्थमा (asthma) के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
आपको पता है कि शलजम में एंटीऑक्सीडेंट विटामिन सी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। यह विटामिन मुक्त कणों (free radicals) से लड़ते हैं और उन्हें समाप्त करते हैं जो त्वचा पर झुर्रियां बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है। इस प्रकार शलजम उम्र बढ़ने के संकेतों जैसे कि दाग, धब्बे, झुर्रीयां आदि को कम करने में मदद करती है। यदि आप भी समय से पहले आने वाले बुढ़ापे की समस्या से परेशान हैं तो शलजम का उपयोग करें। यह आपकी परेशानी को कम करने में मदद करेगी।
बालों के स्वास्थ्य और उनके रंग में सुधार करने के लिए आप शलजम का उपयोग कर सकते हैं। शलजम में तांबा (copper) अच्छी मात्रा में होता है जो मेलेनिन गठन में मदद करता है। मेलेनिन एक वर्णक है जो आपके बालों को रंग प्रदान करता है। टर्निप में विटामिन सी, ई, बीटा-कैरोटी (beta-carotene), ल्युटिन और जीएक्सैंथिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट भी अच्छी मात्रा में होते हैं जो बालों को स्वस्थ्य (healthy hair) बनाए रखने में आपकी मदद करते हैं। यदि आप बालों की समस्या से परेशान है तो शलजम आपकी परेशानी को कम कर सकता है।
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सिगरेट के धुएं में मौजूद कार्सिनोजन (carcinogens) के कारण शरीर में विटामिन ए की कमी हो जाती है जिसके कारण फेफड़ों की सूजन, एम्फिसीमा और अन्य फेफड़ों की समस्याएं होती हैं। शलजम में विटामिन ए (Vitamin A) की अच्छी मात्रा होती है जो इस प्रकार की समस्याओं को कम करने में मदद करती है।
ब्रिटिश जर्नल ऑफ क्लीनिकल फार्माकोलॉजी में प्रकाशित 2013 के एक अध्ययन के मुताबिक, आहार नाइट्रेट्स जैसे शलजम और कोल्लार्ड जैसे खाद्य पदार्थों में संवहनी लाभ (vascular benefits) हो सकते हैं। इनमें रक्तचाप को कम करने, प्लेटलेट को जमा होने से रोकने और एंडोथेलियल डिसफंक्शन को संरक्षित करना या सुधारना शामिल है।
हालांकि अधिक मात्रा में नाइट्रेट का सेवन करने से कार्डियोवैस्कुलर (cardiovascular) स्वास्थ्य पर इसका अस्पष्ट प्रभाव पड़ता है। आमतौर पर सभी फल और सब्जियों का उपयोग रक्तचाप को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है। शलजम में पोटेशियम भी होता है जो धमनियों (arteries) में रक्तचाप को कम करने में मदद करता हैं।
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कम मात्रा में शलजम का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
लेकिन यदि ज्यादा मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं
शलजम खाने के नुकसान इस प्रकार हैं :
ऑक्सलेट्स (Oxalates) : शलजम में ऑक्सीलेट्स की बहुत ही कम मात्रा होती है जो गुर्दे या पित्ताशय वाले मरीजों के लिए स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं। (और पढ़ें –किडनी फ़ैल, कारण, लक्षण, निदान और उपचार)
गोइट्रोजेनिक (Goitrogenic) : थायरॉइड समस्याओं वाले व्यक्तियों को शलजम का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें गोइट्रोजन नामक पदार्थ होते हैं जो थायराइड ग्रंथि के कामकाज में व्यवधान उत्पन्न कर सकते हैं।
पाचन समस्याएं (Digestive problems): शलजम में सल्फर यौगिक होते हैं जो कुछ लोगों में पेट फूलना और पाचन समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
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