Shalgam Ke Ras Ke Fayde In Hindi: बहुत से लोग शलजम खाने के फायदे बताते हैं पर क्या आप शजलम के रस के लाभ जानते हैं। शलजम का जूस पीना भी आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। शलजम एक कंद वाली खाद्य सब्जी है लेकिन शलजम के रस का उपयोग स्वास्थ्य वर्धक टानिक के रूप में भी किया जाता है। शलजम के अर्क का इस्तेमाल विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। बहुत से लोगों को शलजम के रस का स्वाद पसंद नहीं आता है। लेकिन शलजम के गुण और तासीर के कारण इसके जूस का उपयोग लाभकारी होता है। शलजम के रस पीने के फायदे वजन कम करने, एनीमिया को रोकने, पथरी का इलाज करने आदि के लिए होते हैं। इस लेख में आप शलजम के रस के औषधीय गुण, फायदे और नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें।
क्या आप शलजम के रस पीने के फायदे संबंधी जानकारी जानना चाहते हैं। शलजम एक बल्बनुमा मीठे स्वाद वाली एक जड़ वाली सब्जी है। हालांकि इसे बहुत से लोगों द्वारा पसंद और नापसंद किया जाता है। इसके औषधीय गुणों के कारण शलजम विशेष खाद्य के रूप में उपयोग किया जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि इस कंद वाली सब्जी के रस का सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। आइए जाने शलजम के रस में कौन-कौन से पोषक तत्व होते हैं।
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शलजम के रस में नाइट्रेट एक महत्वपूर्ण यौगिक होता है। आपने शायद पहले सुना हो कि नाइट्रेट कम गुणवत्ता वाले डेली मीट, पास्ट्रमी या अन्य पैक्ड मीट जैसे उत्पादों में मौजूद होता है। इन खाद्य पदार्थों से प्राप्त नाइट्रेट हानिकारक होता है। लेकिन शलजम के रस से प्राप्त नाइट्रेट स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे होते हैं। इसके अलावा भी बहुत से पोषक तत्व और खनिज पदार्थों की उच्च मात्रा शलजम के जूस में होती है। जिसके कारण हम विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए शलजम के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है। इन पोषक तत्वों की कमी को केवल पौष्टिक खाद्य और पेय पदार्थों के माध्यम से ही दूर किया जा सकता है। शलजम का रस भी ऐसे ही पेय पदार्थों में से एक है जो शरीर की स्वास्थ्य समस्याओं से लड़ने में मदद कर सकता है। आइए विस्तार से जाने शलजम के रस के लाभ क्या हैं।
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अध्ययनों से पता चलता है कि आहार नाइट्रेट्स युक्त शलजम और इसी तरह के अन्य पदार्थों में संवहनी लाभ (vascular benefits) हो सकते हैं। इनमें रक्तचाप को कम करने, प्लेटलेट को जमा होने से रोकने और एंडोथेलियल डिसफंक्शन को संरक्षित करना या सुधारना शामिल है।
हालांकि अधिक मात्रा में नाइट्रेट का सेवन करने से कार्डियोवैस्कुलर (cardiovascular) स्वास्थ्य पर इसका अस्पष्ट प्रभाव पड़ता है। आमतौर पर सभी फल और सब्जियों का उपयोग रक्तचाप को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है। शलजम में पोटेशियम भी होता है जो धमनियों (arteries) में रक्तचाप को कम करने में मदद करता हैं। आप भी रक्तचाप संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए शलजम के रस का उपयोग कर सकते हैं।
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फेफड़ों संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए शलजम का जूस एक अच्छा विकल्प हो सकता है। क्योंकि शलजम विटामिन ए का अच्छा स्रोत होता है। सिगरेट के धुएं में मौजूद कार्सिनोजन (carcinogens) के कारण शरीर में विटामिन ए की कमी हो जाती है जिसके कारण फेफड़ों की सूजन, एम्फिसीमा और अन्य फेफड़ों की समस्याएं होती हैं। शलजम में विटामिन ए (Vitamin A) की अच्छी मात्रा होती है जो इस प्रकार की समस्याओं को कम करने में मदद करती है। यदि आप भी अधिक धूम्रपान से होने वाले फेफड़ों के नुकसान से बचना चाहते हैं तो शलजम के रस को अपने दैनिक आहार का हिस्सा बना सकते हैं।
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त्वचा संबंधी समस्याओं का इलाज करने के लिए शलजम के रस का इस्तेमाल किया जा सकता है। शलजम के रस में मौजूद गुण त्वचा स्थितियों को बेहतर बनाने का प्राकृतिक और घरेलू उपाय हो सकता है। आपको पता है कि शलजम में एंटीऑक्सीडेंट विटामिन सी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। यह विटामिन मुक्त कणों (free radicals) से लड़ते हैं और उन्हें समाप्त करते हैं जो त्वचा पर झुर्रियां बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है। इस प्रकार शलजम उम्र बढ़ने के संकेतों जैसे कि दाग, धब्बे, झुर्रीयां आदि को कम करने में मदद करती है। यदि आप भी समय से पहले आने वाले बुढ़ापे की समस्या से परेशान हैं तो शलजम के जूस का उपयोग करें। यह आपकी परेशानी को कम करने में मदद कर सकता है।
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टर्निप (Turnip) या शलजम के रस में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होने के कारण एंटी-इंफ्लामैट्री (anti-inflammatory) गुण होते हैं जो कि एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है। शलजम के ये गुण अस्थमा को रोकने में मदद करते हैं। अध्ययन बताते हैं कि अस्थमा रोगियों को शलजम के रस का सेवन करने से अस्थमा (asthma) के प्रभाव को कम किया जा सकता है। यदि आप भी अस्थमा रोगी हैं या अस्थमा के प्रभाव से बचना चाहते हैं तो शलजम को सब्जी के रूप में खाने के साथ ही जूस के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।
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अध्ययनों से पता चलता है कि शलजम के रस में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। फाइबर (fibre) की अधिक मात्रा पाचन तंत्र को बढ़ावा देने में मदद करती है। अध्ययनों से पता चलता है कि ग्लूकोसिनोलेट्स (Glucosinolates) पेट के बैक्टीरिया जैसे पिलोरी की मदद करते हैं जो आपके पाचन को आसान बनाने में मदद करते हैं। यदि आपकी पाचन (digestive system) प्रक्रिया खराब है तो आप शलजम के रस का उपयोग कर पाचन प्रक्रिया को मजबूत कर सकते हैं।
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शलजम और इनके परिवार सें संबंधित अन्य सब्जियों में एंटीऑक्सिडेंट्स (Antioxidant) और फाइटोकेमिकल्स उच्च मात्रा में होते हैं। ये घटक कैंसर होने की संभावना को कम करने में मदद करते हैं। शलजम के रस का सेवन ग्लूकोसिनोलेट्स (Glucosinolates) की उपस्थिति को कम करता है जो कि कैंसर के प्रभाव को कम कर सकता है। शलजम यकृत से विषाक्त पदार्थों (toxic substances) को हटाने में मदद करता है और ट्यूमर कोशिकाओं के विकास को रोक सकते हैं। दैनिक जीवन में शलजम के रस को अपने आहार में शामिल करने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर, कोलन कैंसर और रेक्टल ट्यूमर के खतरे को कम किया जा सकता है। यदि आप भी कैंसर के जोखिम को कम करना चाहते हैं तो शलजम के अर्क को अपने आहार का हिस्सा बना सकते हैं।
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शलजम के जूस में हड्डियों को मजबूत बनाने की क्षमता होती है। बोन्स को मजबूत करने के लिए आप शलजम के रस का नियमित सेवन कर सकते हैं। शलजम के जूस में पोटेशियम और कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है जो आस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) के जोखिम को कम करने में मदद करती है। कैल्शियम शरीर के संयोजी ऊतकों ( connective tissues) के उत्पादन को बढ़ाता है जिससे हड्डियों की बीमारियों को रोकने में मदद मिलती है। आप नियमित रूप से शलजम के रस का उपभोग कर अपनी हड्डीयों (bone) को मजबूत कर सकते हैं। शलजम का जूस हड्डी मजबूत करने का सबसे अच्छा घरेलू उपाय माना जा सकता है।
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हृदय संबंधी समस्याओं का उपचार करने के लिए शलजम का जूस आपकी मदद कर सकता है। शलजम के जूस में विटामिन K की अच्छी मात्रा होती है जिसमें शक्तिशाली एंटी-इंफ्लामैट्री (anti-inflammatory) गुण होते हैं। शलजम से प्राप्त अर्क शरीर में उपस्थित कोलेस्ट्रॉल का उपयोग करने वाले पित्त को अवशोषित करके पाचन में सहायता करते हैं। इसमें उपस्थित फोलेट दिल के दौरे, इस्कैमिक (ischemic) हृदय रोग और धमनी में जमने वाले प्लेक के विरुद्ध हृदय की रक्षा करता है तथा रक्त वाहिकाओं संबंधी प्रणाली को सुचारु रूप से चलने में मदद करता है। इन सभी हृदय संबंधी समस्याओं से बचने के लिए टर्निप जूस के फायदे होते हैं।
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जो लोग अपने मोटापे से परेशान हैं उन्हें दैनिक आधार पर शलजम का जूस पीना फायदा दिला सकता है। क्योंकि शलजम के रस में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। फाइबर की उच्च सामग्री चयापचय (metabolism) को नियंत्रित करती है। जिससे शरीर के वजन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा शलजम के जूस का सेवन करने से पेट को स्वस्थ व सक्रिय भी रखा जा सकता है। शलजम (turnip) में कैलोरी, वसा, सोडियम या कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है जिसके कारण यह सुपर फूड के रूप प्रयोग किया जा सकता है। यदि आप अपना वजन कम (weight loss) करना चाहते हैं तो शलजम और शलजम के जूस को अपने आहार में उपयोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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उम्र बढ़ने के साथ ही लोगों के देखने की क्षमता में कमी आने लगती है। लेकिन यही समस्या बुढ़ापे के पहले हो तो समस्या गंभीर हो सकती है। देखने की क्षमता को बढ़ाने के लिए आप शलजम के जूस का इस्तेमाल कर सकते हैं। शलजम के रस में ल्यूटिन (Lutein) नामक घटक की अच्छी मात्रा होती है। इसके अलावा शलजम के जूस में कैरोटीनॉइड भी होता है जो आंखों को स्वस्थ रखने में सहायक होता है। इन घटकों की मौजूदगी के कारण शलजम का जूस पीने के फायदे आपको चकतेदार अध:पतन (macular degeneration) और मोतियाबिंद (cataracts) जैसी आंखों की बीमारियों से बचा सकते हैं।
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पथरी (Kidney Stone) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो गुर्दे में अपशिष्ट पदार्थों के जमाव के कारण होती है। यह ऐसी स्थिति है जिसमें गंभीर पेट दर्द का अनुभव किया जाता है। लेकिन शरीर में मौजूद विषाक्त और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर करने के लिए शलजम के जूस का इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है। शलजम के रस में ऐसे पोषक तत्व और अन्य घटक होते हैं जो गुर्दे की उचित सफाई करने में मदद करते हैं। यदि आप भी पथरी के रोगी हैं तो नियमित रूप से शलजम के रस का सेवन कर सकते हैं। यह गुर्दे में पथरी को तोड़ने और उसे बाहर निकालने में मदद कर सकती है।
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बालों से संबंधित समस्याओं का उपचार करने में भी शलजम के जूस का उपयोग किया जा सकता है। शलजम के जूस में तांबा (copper) अच्छी मात्रा में होता है जो मेलेनिन के उत्पादन और गठन में सहायता करता है। मेलेनिन एक वर्णक है जो आपके बालों को रंग प्रदान करता है। टर्निप में विटामिन सी, ई, बीटा-कैरोटी (beta-carotene), ल्युटिन और जीएक्सैंथिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट भी अच्छी मात्रा में होते हैं जो बालों को स्वस्थ्य (healthy hair) बनाए रखने में आपकी मदद करते हैं। यदि आप बालों की समस्या से परेशान है तो शलजम के रस का इस्तेमाल आपकी परेशानी को दूर कर सकता है।
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अध्ययनों से पता चलता है कि शलजम और इसके परिवार से संबंधित अन्य खाद्य पदार्थों में आयरन की उच्च मात्रा होती है। इसलिए जिन लोगों में खून की कमी या एनीमिया की समस्या होती है उनके लिए शलजम का जूस फायदेमंद हो सकता है। नियमित रूप से शलजम के रस का सेवन रोगी के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। यदि आपको भी शरीर में रक्त की कमी महसूस हो रही है तो एनीमिया के प्राकृतिक उपाय के रूप में शलजम के जूस का सेवन किया जा सकता है।
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दिन भर शरीर के क्रिया शील रहने के कारण पसीना आना स्वाभाविक है। लेकिन कुछ लोगों को रात में पसीने बदबू का सामना करना पड़ता है जो कई बार शर्मिदगी का कारण बन सकता है। लेकिन इस समस्या का उपचार करने के लिए आप शलजम के जूस का सेवन कर सकते हैं। शलजम से प्राप्त रस स्वास्थ्य के साथ-साथ शरीर की गंध को कम करने में भी प्रभावी हो सकता है।
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आप बेहतरीन स्वाद और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए कई प्रकार से शलजम के जूस का इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए जाने शलजम से बनने वाले कुछ स्वादिष्ट जूस बनाने की विधि क्या है।
इस जूस को बनाने के लिए आपको चाहिए –
आप इन सभी उत्पादों को अच्छी तरह से मिलाएं और एक ब्लेंडर की मदद से इन्हें एक पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को पतला करने के लिए आप इसमें थोड़ा पानी मिला सकते हैं। आपका शलजम और सौंफ का जूस तैयार है।
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इस जूस को बनाने के लिए आपको चाहिए –
आप चुकंदर और शलजम को अच्छी तरह से साफ करें और इन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। इसके बाद आप इन्हें एक ब्लेंडर में डालें और इसमें नींबू का रस और नमक मिलाएं। ब्लेंडर को चलाएं और मिश्रण में थोड़ा पानी मिलाएं। आपका चुकंदर और शलजम का जूस बनकर तैयार है।
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सामान्य और कम मात्रा में शलजम के जूस का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से कुछ सामान्य से नुकसान या दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। कुछ लोगों के लिए शलजम के जूस पीने के साइड इफैक्ट भी हो सकते हैं जिनहें शलजम या इस परिवार से संबंधित खाद्य पदार्थों से एलर्जी होती है।
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