Shallaki Ke Fayde In Hindi शल्लकी एक आयुर्वेदिक औषधी है क्या आप शल्लकी के फायदे और नुकसान जानते हैं। शल्लकी नाम से आप परिचित हों या ना हों पर आप लोबान को जरूर जानते होगें। शल्लकी को भारत और इससे लगे अन्य देशों में लोबान के नाम से जाना जाता है। लोबान को बोसवेलिया सेरेटा (Boswellia Serrata) से प्राप्त किया जाता है जो विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्यओं को दूर करने में हमारी सहायता करती है। शल्लकी के फायदे पाचन को स्वस्थ्य रखने, प्रतिरक्षा को बढ़ाने, गठिया का इलाज करने, कैंसर की रोकथाम करने, त्वचा को स्वस्थ रखने और तनाव को कम करने के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा भी शल्लकी के बहुत से स्वास्थ्य लाभ होते हैं। आज इस आर्टिकल में आप शल्लकी के फायदे और नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें।
विषय सूची
1. शल्लकी क्या है – Shallaki Kya Hai in Hindi
2. शल्लकी का वैज्ञानिक नाम क्या है – Shallaki ka vaigyanik naam kya hai in Hindi
3. शल्लकी के फायदे – Shallaki ke fayde in Hindi
4. शल्लकी का उपयोग कैसे करें – Shallaki Ka Upyog Kaise Kare in Hindi
5. शल्लकी की खुराक – Dose of Shallaki in Hindi
6. शल्लकी का उपयोग करने के नुकसान – Shallaki Ka Upyog karne Ke Nuksan in Hindi
इस जड़ी बूटी या औषधी का उपयोग करने से पहले यह पता होना चाहिए कि शल्लकी क्या है। शल्लकी एक प्रकार की गोंद है जिसे बोसवेलिया सेराटा (Boswellia Serrata) के पेड़ से प्राप्त किया जाता है। इस औषधी को लोबान का तेल (Frankincense oil) के नाम से भी जाना जाता है जो बुसेरेसिया पौधों के परिवार से संबंधित है। यह इन पेड़ों के तनों से राल के रूप में प्राप्त अर्क होता है। इस प्रकार से प्राप्त होने वाली लोबान में ऐसे घटक मौजूद होते हैं जो हमारे स्वस्थ्य के लिए बेहद प्रभावी होते हैं। आइए जाने शल्लकी से संबंधित अन्य जानकारियां।
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सामान्य रूप से हम शल्लकी को लोबान के नाम से जानते हैं। शल्लकी का वैज्ञानिक नाम बोसवेलिया सेरेटा (Boswellia Serrata) है। इस औषधी का यह नाम एक प्रसिद्ध वनस्पतिशास्त्री स्कॉटिश बॉटनिस्ट जॉन बोसवेल के नाम पर रखा गया है। बोसवेलिया सेरेटा का संस्कृत नाम शल्लकी है। इस पेड़ से प्राप्त गोंद या राल को भारतीय फ्रैंकिनस (indian frankincense) या लोबान कहा जाता है। प्राचीन समय से शल्लकी के फायदे आयुर्वेद चिकित्सा में जोड़ों के दर्द और सूजन के इलाज के लिए प्रयोग किया जा रहा है।
प्राचीन काल में विभिन्न प्रकार की बीमारियों को दूर करने के लिए प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग किया जाता था। लेकिन लोबान में मौजूद औषधीय गुणों के कारण आज भी इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की दवाओं को बनाने में किया जाता है। शल्लकी के प्रमुख स्वास्थ्य लाभों में सूजन दूर करना, गठिया के दर्द से राहत दिलाना, मांसपेशियों को मजबूत करना और घावों का उपचार करना आदि शामिल हैं। आइए विस्तार से जाने शल्लकी के फायदे और नुकसान क्या हैं।
आयुर्वेदिक गुणों के कारण प्राचीन समय से ही शल्लकी का उपयोग शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा रहा है। जानकारों के अनुसार शल्लकी के फायदे गठिया के दर्द और सूजन को दूर करने में मदद करते हैं। शल्लकी का उपयोग कर बनाई गई दवाओं का नियमित सेवन गठिया के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। क्योंकि शल्लकी में ऐसे गुण होते हैं साइटोकिन्स सहित अन्य हानिकाराक एंजाइमों के विकास को रोकने में सहायक होते हैं। ये एंजाइम गठिया में जोड़ों के दर्द और सूजन का कारण बन सकते हैं। इस तरह से शल्लकी या इससे बने उत्पादों का सेवन करने से लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।
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स्वस्थ शरीर के लिए हमारी रोग प्रतिरक्षा शक्ति का मजबूत होना बहुत ही आवश्यक है। आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए शल्लकी का इस्तेमाल कर सकते हैं। नियमित रूप से शल्लकी का सेवन करने पर यह जड़ी बूटी के घटक शरीर में लिम्फोसाइटों और टी-कोशिकाओं की मदद करते हैं। आप अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय के रूप में शल्लकी के लाभ ले सकते हैं। यह इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स के प्रभाव कर हमारे शरीर को संक्रमण से बचाने में सहायक होते हैं।
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औषधीय गुणों से भरपूर शल्लकी के फायदे केवल स्वास्थ्य के लिए ही नहीं होते हैं। बल्कि लोबान के फायदे त्वचा के लिए भी होते हैं। शल्लकी में त्वचा की रक्षा करने वाले कुछ एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। जो बाहरी संक्रमण और बैक्टीरिया से त्वचा कोशिकाओं की रक्षा करने में प्रभावी होते हैं। त्वचा की सूजन और जलन आदि समस्याओं के उपचार के लिए आयुर्वेद में शल्लकी बहुत ही लोकप्रिय औषधी है। इसके अलावा और सौंदर्य विकास के लिए भी शल्ल्की का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह त्वचा की टोन को सुधारने, झुर्रियों को कम करने, चेहरे के दाग धब्बों को ठीक करने आदि में भी प्रभावी होती है।
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बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण हमारा तनाव हो सकता है। क्या आप तनाव प्रबंधन के लिए शल्लकी के फायदे जानते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी की शल्लकी के लाभ तनाव को कम करने में हमारी मदद कर सकते हैं। आयुर्वेद में शल्लकी का उपयोग शुगंधित औषधी के रूप में किया जाता है। यह तनाव को कम करने और चिंता के स्तर को कम करने में सहायक होती है। इसकी खुशबू में ऐसे घटक होते हैं जो मस्तिष्क में जाकर तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन को नियंत्रत करते हैं। साथ ही यह नींद की गुणवत्ता को भी सुधारने में सहायक होते हैं। इस तरह से आप भी शल्लकी की खुशबू का उपयोग कर अपने तनाव को कम करने का प्रयास कर सकते हैं।
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बोसवेलिया सेराटा हमारी पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। शल्लकी में मौजूद औषधीय गुण सीधे ही आंतों की सूजन कम करने में प्रभावी होते हैं। आंतों की सूजन पाचन सहित पेट संबंधी बहुत सी समस्याओं का प्रमुख कारण हो सकता है। शल्लकी का इस्तेमाल पाचन के लिए और पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए लाभकारी होता है। इसके अलावा नियमित रूप से सेवन करने पर शल्लकी गैस्ट्रिक अल्सर, कब्ज, अपचन, पेट की ऐंठन, दस्त और सूजन आदि के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है। आप भी शल्लकी के फायदे प्राप्त करने के लिए पूरक के रूप में बोसवेलिया का उपभोग कर सकते हैं।
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प्राचीन समय में पीड़ानाशक के रूप में शल्लकी का बेहद उपयोग किया जाता था। ऐसा इसलिए है क्योंकि शल्लकी के गुण दर्द को कम करने में प्रभावी होते हैं। इसी कारण आज भी बहुत सी पीड़ानाशक दवाओं में शल्लकी का व्यापक उपयोग किया जा रहा है। शल्लकी में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। ये गुण शरीर में दर्द को उत्तेजित करने वाले एंजाइमों और यौगिकों के उत्पादन को बाधित करने में सहायक होते हैं। इस प्रकार के एंजाइम विशेष रूप से जोड़ों और मांसपेशियों को टारगेट करते हैं। इसके अलावा कम या मध्यम मात्रा में शल्लकी का सेवन करने के फायदे शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में भी प्रभावी होते हैं।
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हम मे से अधिकांश लोग सिर दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं। लेकिन इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए शल्लकी का उपयोग किया जा सकता है। लोबान में ऐसे गुण होते हैं जो मस्तिष्क कोशिकाओं की सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। आयुर्वेद में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि यह अधिकांश रोगियों में सिर के दर्द को जल्दी और प्रभावी रूप से ठीक कर सकता है। बोसवेलिया सेराटा में एनाल्जेसिक गुण होते हैं। इसलिए यह सिर दर्द और सूजन संबंधी समस्याओं से बचने के लिए लोबान के तेल या इसके अर्क का सेवन लाभकारी होता है।
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हम सभी जानते हैं कि कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। हालांकि इसका इलाज अभी तक संभव नहीं है या हर आम आदमी की पहुंच से बाहर है। लेकिन आप कुछ प्राकृतिक जड़ी बूटीयों का उपयोग कर कैंसर के लक्षणों को कम कर सकते हैं। ऐसी जड़ी बूटीयों में शल्लकी भी शामिल है। शल्लकी में एंटी-कैंसर गुण होते हैं जो शरीर में कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने और उन्हें नष्ट करने में सहायक होते हैं। नियमित रूप से इस औषधी का सेवन करने से यह ट्यमर के गठन को भी रोक सकता है। इस तरह से आप औपचारिक कैंसर उपचार के रूप में शल्लकी का उपयोग कर सकते हैं। शल्लकी के फायदे कीमोथेरेपी के कारण होने वाले शारीरिक नुकसान के लक्षणों को भी कम कर सकता है।
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प्राचीन समय में घावों का पारंपरिक इलाज करने के लिए शल्लकी का उपयोग किया जाता था। अध्ययनों की माने तो शल्लकी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-फ्लामेटरी गुण होते हैं। जिसके कारण घावों में शल्लकी का उपयोग करने से यह उपचार प्रक्रिया को गति देता है। इसके अलावा इसमें मौजूद पोषक तत्व और खनिज पदार्थ घावों के संक्रमण को फैलने से भी रोकते हैं। आप घावों का उपचार करने के लिए शल्लकी का सेवन भी कर सकते हैं। आप इसे पूरक आहार के साथ या पेय पदार्थों के साथ उपभोग कर सकते हैं। इस तरह से शल्लकी के फायदे घावों और चोट का इलाज करने में प्रभावी होते हैं।
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शरीर में कोलेस्ट्रॉल की उच्च मात्रा हानिकारक हो सकती है जिसे नियंत्रित करना आवश्यक है। आप लोबान का उपयोग कर कोलेसट्रॉल को कम कर सकते हैं। शल्लकी के औषधीय गुण शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छे कोस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में सहायक होते हैं। कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए शल्लकी आधारित पूरकों का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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मधुमेह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है यह न केवल एक बीमारी है बल्कि यह कई बीमारियों का कारण भी बन सकता है। मधुमेह के उपचार के लिए बहुत सी प्राकृतिक जड़ी बूटीयों का उपयोग किया जाता है जिनमें शल्लकी भी शामिल है। शल्लकी में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने वाले गुण होते हैं। शुगर पेशेंट के लिए शल्लकी के अर्क का सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता है। लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के लिए जड़ी बूटीयों या घरेलू उपचार करने से पहले डॉक्टरी सलाह आवश्यक है।
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आयुर्वेद में शल्लकी का उपयोग अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग प्रकार से किया जाता है। जैसा कि आप जानते हैं कि शल्लकी बोसवेलिया पेड़ की गोंद या राल है जिससे परिष्क्रत करने और सुखाने के बाद उपयोग किया जाता है। कुछ लोग इसकी सुगंध लेने के लिए इसे जलाते हैं। लेकिन बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए इसका मौखिक रूप से सेवन भी किया जाता है।
ठोस रूप में सेवन करने के अलावा शल्लकी को तरल पेय के रूप में भी सेवन किया जा सकता है। यह शुद्ध अर्क के अलावा खाद्य पदार्थों में संयोजित भी किया जा सकता है। आप अपनी मौखिक समस्याओं को दूर करने के लिए मॉउथवॉस के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं। दर्द या सूजन वाली जगह पर इसका लेपन भी किया जा सकता है। बहुत सी महिलाएं अपने सौंदर्य उत्पादों में भी शल्लकी का उपयोग करती हैं। धार्मिक अनुष्ठानों में इस जड़ी बूटी का उपयोग एक प्रकार की धूप के रूप में भी किया जाता है।
आमतौर पर शल्लकी का सेवन करने की कोई अनुशंसित खुराक नहीं है।
बोसवेलिया के विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए अलग-अलग खुराक का उपयोग किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए :
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अन्य औषधीय जड़ी बूटीयों की तरह ही शल्लकी के फायदे और नुकसान होते हैं। यह इसके उपयोग करने के तरीके और मात्रा पर निर्भर करता है। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में शल्लकी का उपयोग करने के नुकसान भी हो सकते हैं। आइए जाने शल्लकी का उपयोग करने के किस प्रकार के नुकसानों की संभावना होती है।
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