गर्भावस्था

गर्भवती महिलाओं के लिए शतावरी के फायदे – Shatavari Benefits For Pregnant Women In Hindi

Pregnancy me Shatavari ke fayde आज के समय में बीमारियों के इलाज के लिए लोग आयुर्वेदिक औषधी को अधिक महत्व देने लगे हैं। वास्तव में आयुर्वेद में जड़ी बूटियों से शरीर के सभी विकारों का इलाज किया जाता है जिसका आपके शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। शतावरी भी एक ऐसी ही आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो स्पर्म की मात्रा (quantity) और गुणवत्ता (quality) दोनों को बढ़ाने में मदद करती है। यदि आप गर्भधारण (conceive) करने की कोशिश कर रही हैं और आपको इसमें सफलता नहीं मिल रही हो तो इसके लिए शतावरी जैसी प्राचीन दवाएं बहुत कारगर साबित होती हैं। यह जड़ी बूटी शरीर प्रणाली (body system) को पोषण देती है और हार्मोन प्रणाली को संतुलित रखती है और महिला के जीवन शक्ति को बढ़ाती है। इस आर्टिकल में हम गर्भवती महिलाओं के लिए शतावरी के फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं।

विषय सूची

  1. शतावरी क्या है? What Is Shatavari in Hindi
  2. शतावरी में पाये जाने वाले पोषक त्तव – Nutritional Facts of Shatavari in Hindi
  3. गर्भवती महिलाओं के लिए शतावरी के फायदे – Garbhwati mahilao ke liye shatavari ke fayde in Hindi
  4. गर्भावस्था में शतावरी के नुकसान – Side Effects of Shatavari in pregnancy in Hindi

शतावरी क्या है – What Is Shatavari in Hindi

शतावरी ऊपर चढ़ने वाला एक पौधा है जिसकी पत्ती सूई (needle) जैसी होती हैं, तने और शाखाएं सुंदर एवं फूल बेहद नाजुक (delicate) होते हैं। शतावरी की हर्बल शक्ति क्रीम कलर की मोटी कंदमूल जड़ों में होती है। यह एक ऐसा पौधा है जिसकी जमीन के नीचे सौ से अधिक जड़ें होती हैं। यह शरीर को जीवन शक्ति एवं समग्र रस प्रदान करती है। यह महिलाओं के गर्भाशय को पोषण (nourishing) देकर प्रजनन क्षमता को बढ़ाती है और महिला के अंगों को गर्भावस्था के लिए तैयार करती है। इसके अलावा यह गर्भपात (miscarriages) के खतरे को भी रोकती है। प्रजनन संबंधी समस्याओं को दूर करने के अलावा सतावरी तंत्रिका तंत्र (nervous disorders) संबंधी विकार, गले के संक्रमण, तपेदिक, खांसी और श्वासनली का प्रदाह (bronchitis) के इलाज में मदद करती है। यह वास्तव में सैकड़ों बीमारियों के इलाज में उपयोगी है।

(और पढ़े – शतावरी के फायदे और नुकसान…)

शतावरी में पाये जाने वाले पोषक तत्व – Nutritional Facts of Shatavari in Hindi

शतावरी फाइटोकेमिकल्स का एक प्रचुर स्रोत (rich source) है जो गैर-पोषक पौधे रसायन हैं जो रोग पैदा करने वाले एजेंटों के खिलाफ शरीर की रक्षा करते हैं और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। शतावरी में मौजूद फाइटोकेमिकल्स प्रतिरक्षा प्रणाली (immunity) मजबूत करने और कैंसर विरोधी गतिविधि के साथ-साथ ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ने में मदद करते हैं।  शतावरी में मौजूद कुछ फाइटोकेमिकल्स निम्न हैं

  • स्टेरॉयडल सैपोनिन्स जिसे शतावरिन (Shatavarins) कहा जाता है।
  • अल्कलॉइड्स, म्यूसिलेज, ऑलिगोसेकेराइड्स, आइसोफ्लेवोन्स।
  • स्टीरॉल्स (sterols) जैसे सिटोस्टीरॉल शतावरी की जड़ों में पाए जाते हैं।
  • रुटिन (Rutin) और क्वेरसेटिन जैसे फ्लेवोनोइड्स जो शतावरी के फल और फूलों में पाए जाते हैं।
  • शतावरी की जड़ों में विभिन्न खनिज जैसे तांबा (copper), जस्ता, मैंगनीज और कोबाल्ट मौजूद हैं। उनमें कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम और अन्य जैसे अन्य आवश्यक खनिज भी होते हैं।
  • खनिजों के साथ ही शतावरी में विटामिन ए और एस्कॉर्बिक एसिड भी प्रचुर मात्रा में होते हैं। यह गामा-लिनोलेनिक एसिड जैसे आवश्यक फैटी एसिड से समृद्ध है, जो मधुमेह, मेलिटस (mellitus), गठिया, अवसाद (ruefulness), उच्च कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग के इलाज के लिए अत्यधिक फायदेमंद है।

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गर्भवती महिलाओं के लिए शतावरी के फायदे – Garbhwati mahilao ke liye shatavari ke fayde in Hindi

प्रेगनेंट महिलाओं के लिए शतावरी के उपयोग से अनेक फायदे होते हैं। इसमें फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो एंटीफंगल, मूत्रवर्धक (diuretic), एंटीट्यूमर जैसे कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अन्य यौगिकों जैसे सैपोनिन, सल्फर युक्त एसिड, ओलिगोसेकेराइड और अमीनो एसिड की उपस्थिति इसे एक लाभकारी जड़ी बूटी बनाती है जो अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है।

गर्भावस्था में भ्रूण के विकास के लिए शतावरी के फायदे – Shatavari for foetus development in Hindi

शतावरी फोलिक एसिड का समृद्ध स्रोत है जो मां के गर्भ में भ्रूण के विकास (development) के लिए बहुत आवश्यक एवं महत्वपूर्ण होता है। यह बच्चे के स्वास्थ्य के लिए गर्भावस्था से पहले और बाद में भी जरूरी होता है। यह गर्भाशय में भ्रूण के तंत्रिका विकास (nervous development), नई कोशिकाओं के बनने एवं शरीर में डीएनए के निर्माण के लिए जरूरी होता है। इसके अलावा गर्भावस्था में शतावरी का सेवन गर्भवती महिला को हृदय रोगों से दूर रखता है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। यही कारण है कि प्रेगनेंसी में महिलाओं को शतावरी का सेवन करना चाहिए।

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स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए शतावरी के फायदे – Shatavari for Lactation in Hindi

बच्चे को जन्म देने के बाद ज्यादातर महिलाओं के स्तन से दूध नहीं उतरता है या फिर बहुत कम दूध बनता है। वास्तव में शतावरी में गैलेक्टैगॉग (galactagogue) नामक पदार्थ पाया जाता है जो स्तन में दूध के उत्पादन (milk production) को बढ़ाने में मदद करता है। नियमित रूप से शतावरी पाउडर का सेवन करने से प्रोलैक्टिन का स्तर बढ़ता है जो सामान्य से तीन गुना अधिक होता है।

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प्रेगनेंट महिलाओं के लिए शतावरी के लाभ मुक्त कणों से बचाने में – Shatavari for pregnant women to prevents free radicals in Hindi

गर्भावस्था के दौरान शतावरी चूर्ण का सेवन करना अत्यधिक फायदेमंद होता है। शतावरी में ग्लूटाथियोन (glutathione) की मात्रा पायी जाती है जो प्रेगनेंट महिला को आवश्यक पोषण प्रदान करती है और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करती हैं। एंटीऑक्सिडेंट शरीर में मुक्त कणों के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव क्षति को रोकते हैं। वास्तव में मुक्त कण भ्रूण के डीएनए के ऊपर हमला करते हैं जिसके कारण जन्मदोष (birth defects) का खतरा बना रहता है।

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गर्भवती महिलाओं के लिए शतावरी के फायदे इनुलिन के लिए – Shatavari for Inulin supply for pregnant women in Hindi

गर्भावस्था के दौरान शतावरी खाने से शरीर में भरपूर मात्रा में इनुलिन की आपूर्ति होती है जो कि सेहत के लिए बेहद उपयोगी है। इनुलिन एक स्टार्चयुक्त पदार्थ है जो पेट द्वारा पचता या अवशोषित नहीं होता है। यह आंत्र में ही रहता है जहां बैक्टीरिया इसका उपयोग कर विकसित होते हैं। ये सहायक बैक्टीरिया आंत्र क्रिया (bowel function) और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसलिए हर गर्भवती मां को शतावरी का सेवन करना चाहिए।

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प्रेगनेंट महिला को कैल्शियम प्रदान करने के लिए शतावरी के फायदे – Pregnancy me Shatavari ke fayde Rich in Calcium in Hindi

प्रेगनेंसी के दौरान गर्भ में बच्चे के विकास के लिए गर्भवती महिलाओं का बहुत अधिक मात्रा में कैल्शियम की आवश्यकता पड़ती है। यह एक आवश्यक मिनरल है जो शरीर, दांत और हड्डियों के विकास एवं समुचित क्रिया के लिए जरूरी होता है। यह भ्रूण के विकास, हड्डियों के बनने में तो सहायता करता ही है साथ में भ्रूण में हड्डियों के असामान्य विकास (abnormal development) को भी रोकता है। यही कारण है कि कैल्शियम से समृद्ध होने के कारण गर्भवती महिलाएं शतावरी का सेवन करती हैं।

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गर्भवती महिलाओं में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए शतावरी के फायदे – Shatavari Improves immunity in pregnant women in Hindi

प्रचुर मात्रा में विटामिन E  मौजूद होने के कारण गर्भावस्था में शतावरी के फायदों का बहुत महत्व है। वास्तव में विटामिन ई मां और भ्रूण दोनों के लिए बहुत जरूरी पोषक तत्व है। यह शरीर को प्रदूषकों (pollutants) एवं विषाक्त पदार्थों (toxins) से बचाता है और शिशुओं में तंत्रिका (nervous) से जुड़ी स्वास्थ्य स्थितियों को रोकता है। इसके अलावा यह गर्भवती महिलाओं की इम्यूनिटी को बेहतर बनाता है और शरीर को बीमारियों से बचाता है।

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गर्भावस्था में शतावरी के फायदे मॉर्निंग सिकनेस से बचाने के लिए – Pregnancy me Shatavari ke fayde for morning sickness in Hindi

आमतौर पर शतावरी विटामिन B6 से भरपूर होती है जो शरीर के लिए एक आवश्यक विटामिन है। यह भ्रूण और माँ दोनों द्वारा प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और शारीरिक कार्यों को विनियमित (regulate ) करने के लिए आवश्यक है। यह गर्भवती महिलाओं को मितली (nausea) और मॉर्निंग सिकनेस से बचाने में सहायक होता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है।

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क्या आप शतावरी का उपयोग गर्भवती होने के दौरान कर सकती हैं – Can You Use Shatavari While Pregnant in Hindi

शतावरी गर्भाशय को मजबूत करती है और स्तनपान के दौरान स्तन के दूध के उत्पादन को प्रोत्साहित करने में मदद करने के लिए जानी जाती है। प्रसव के बाद शतावरी सेवन करने से, यह प्रतिरक्षा शक्ति में सुधार करती है और स्तनदूध के उत्पादन को बढ़ाता है। हालांकि, यह सलाह दी जाती है कि गर्भावस्था के दौरान शतावरी का सेवन करने के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लें, ताकि आप जिस भी अन्य पोषक तत्वों की खुराक ले रहीं हों, उसके साथ शतावरी के इंटरेक्शन पर बात कर सकें।

गर्भावस्था में शतावरी के नुकसान – Side Effects of Shatavari in pregnancy in Hindi

शतावरी में महिला हार्मोन एस्ट्रोजन के समान गुण होते हैं। इसलिए, जो महिलाएं गर्भावस्था में शतावरी का सेवन करती हैं और उनके शरीर में पहले से ही एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ा हुआ हो तो वे स्तन की कोमलता (breast tenderness) का अनुभव कर सकती हैं।

  • गर्भावस्था के दौरान शतावरी का सेवन करने से कुछ महिलाओं के स्तर के आकार (breast size) में परिवर्तन हो सकता है जो देखने में भिन्न भिन्न लग सकते हैं।
  • प्रेगनेंसी के दौरान शतावरी चूर्ण खाने से कुछ महिलाओं का अनावश्यक रूप से वजन बढ़ (weight gain) जाता है।
  • यदि कोई गर्भवती महिला गुर्दे (kidney) एवं हृदय रोगों से पीड़ित है तो उसके लिए शतावरी का सेवन करना हानिकारक हो सकता है।

(और पढ़े – गर्भावस्था के दौरान होने वाले शारीरिक परिवर्तन…)

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