Shatavari In Hindi: आयुर्वेद में शतावरी के कई फायदे होने के कारण विशेष जड़ी बूटी माना जाता है। शतावरी एक औषधीय पौधे की प्रजाति है जिसे भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में प्राचीन समय से उपयोग किया जा रहा है। शतावरी को कई नामों से जाना जाता है जैसे कि सतावरी, सतावर, रेसमोसस (racemosus) आदि। शतावरी के फायदे स्वास्थ्य के साथ ही यौन समस्याओं के लिए भी होते हैं। शतावरी का उपयोग प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रमुखता से किया जाता है। आज इस लेख में आप शतावरी के फायदे और नुकसान से संबंधित जानकारी प्राप्त करेगें।
शतरावरी लिली के परिवार से संबंधित औषधी है जो अपने गुणों के कारण दुनिया भर में लोकप्रिय है। शतावरी पौधे के प्रत्येक भाग का औषधीय उपयोग किया जाता है। कुछ लोग इसे खाद्य सब्जी के रूप में भी उपयोग करते हैं। आमतौर पर शतावरी 3 रंगों में आता है हरा, सफेद और बैंगनी। शतावरी फाइटोकेमिकल्स और एंन्थेकायनिन (phytochemicals and anthocyanins) की उपस्थिति के कारण अपना रंग प्राप्त करती है।
(और पढ़े – शतावरी के चमत्कारी फायदे जो है अमृत समान…)
विशेष रूप से शतावरी का उपयोग महिला स्वास्थ्य के लिए होते हैं। शतावरी का नियमित उपभोग कर महिला बांझपन को दूर किया जा सकता है। साथ ही यह स्तनपान कराने वाली माताओं में दूध उत्पादन की क्षमता में वृद्धि करती है। आयूर्वेद के अनुसार शतावरी की तासीर ठंडी होती है।
आइये जानते है शतावरी हमारे लिए किस प्रकार से लाभदायक हैं।
यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो शतावरी का उपयोग कर सकते हैं। अध्ययनों ने बताया है कि शतावरी के फायदे वजन कम करने में मदद करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि शतावरी में फाइबर की उच्च मात्रा होती है। शतावरी न केवल मानव पाचन तंत्र को स्वस्थ्य रखता है बल्कि भूख को भी नियंत्रित कर सकता है। अधिक भूख लगना भी आपके मोटापे का प्रमुख कारण हो सकता है। इस तरह से अन्य स्वास्थ्य लाभ दिलाने के साथ ही शतावरी वजन को प्रभावी रूप से नियंत्रित कर सकती है। वजन घटाने के लिए आप भी शतावरी का उपयोग कर सकते हैं।
(और पढ़े – वजन घटाने वाले उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ…)
जो लोग मधुमेह से ग्रसित हैं उनके लिए शतावरी बहुत ही प्रभावी मानी जाती है। शतावरी में मौजूद विटामिन बी6 रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित कर सकता है। इसके अलावा शतावरी का उपयोग मधुमेह प्रकार 2 के लक्षणों को भी नियंत्रित करने में सहायक होता है। ऑक्सीडेटिव तनाव, हृदय रोग और अन्य कारणों से मधुमेह प्रकार 2 की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन शतावरी में मौजूद पोषक तत्व और अन्य घटक इन संभावनाओं को कम कर सकते हैं। क्योंकि शतावरी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। इन गुणों के कारण शरीर में इंसुलिन उत्पादन में सुधार देखा जा सकता है। यदि आप भी मधुमेह रोगी हैं तो शतावरी का नियमित उपभोग कर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
(और पढ़े – टाइप 2 मधुमेह क्या है, कारण, लक्षण, उपचार, रोकथाम और आहार…)
आपके स्वस्थ्य जीवन के लिए ह्दय स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना आवश्यक है। शतावरी आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकती है। क्योंकि इस औषधी में विटामिन बी, होमोसिस्टीन के स्तर को कम करने में सहायक होते हैं। होमोसिस्टीन (Homocysteine) एक गैर प्रोटीन अमीनो एसिड है जो धमनियों के अवरोध, हृदय रोग और स्ट्रोक की संभावना को बढ़ा सकता है। इसके अलावा इसमें मौजूद धुलनशील फाइबर शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। इस तरह से शतावरी का सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
(और पढ़े – जानें हार्ट को हेल्दी कैसे रखें…)
हमारे स्वस्थ्य शरीर में हड्डियों का प्रमुख योगदान होता है। यदि हम अपनी हड्डियों के स्वास्थ्य में ध्यान नहीं देते हैं तो यह उम्र बढ़ने के साथ ही कमजोर होने लगती हैं। जिससे आपको ऑस्टियोपोरोसिस और इसी तरह की अन्य समस्याओं की संभावना हो सकती है। लेकिन यदि आप अपने आहार में नियमित रूप से शतावरी को शामिल करते हैं तो यह फायदेमंद होता है। क्योंकि शतावरी में कैल्शियम के साथ ही अन्य विटामिन उच्च मात्रा में होते हैं। ये सभी घटक हड्डियों के निर्माण और उन्हें मजबूत रखने में सहायक होते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि शतावरी में विटामिन K भी होता है जो हड्डियों को टूटने से बचाता है। यदि आप भी बढ़ती उम्र के दौरान हड्डियों को स्वस्थ्य रखना चाहते हैं तो अभी से ही शतावरी का सेवन प्रारंभ कर सकते हैं। शतावरी का उपयोग हड्डियों को मजबूत करने में सहायक होता है।
(और पढ़े – ऑस्टियोपोरोसिस के घरेलू उपचार और नुस्खे…)
प्राकृतिक मूत्रवर्धक के रूप मे शतावरी का उपयोग किया जा सकता है। इसका अर्थ यह है कि शतावरी का उपयोग करने से मूत्र उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सकती है। जिससे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को आसानी से बाहर निकाला जा सकता है। पाचन क्रिया के दौरान शरीर में विभिन्न प्रकार के हानिकारक कणों का भी उत्पादन होता है। जो कि मूत्र के माध्यम से बाहन निकलते हैं। लेकिन यदि आपकी मूत्र प्रणाली ठीक नहीं है तो ये विषाक्त पदार्थ शरीर के अंदर ही रह जाते हैं। जिससे आपको कई प्रकार की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए आप अपनी मूत्र उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए शतावरी को आहार में शामिल कर सकते हैं।
(और पढ़े – मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई) के कारण, लक्षण और उपचार…)
ताजे दही की तरह ही शतावरी में प्रोबायोटिक (Probiotics) पाये जाते हैं। जो कि आपके पाचन तंत्र के लिए बहुत ही अच्छे माने जाते हैं। इसके अलावा शतावरी में पाये जाने वाले घटक भोजन से पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि शतावरी में इंसुलिन होता है जो कि एक जटिल कार्बोहाइड्रेट होता है। यह भोजन को अच्छी तरह से पचाने में सहायक होता है। इसके अलावा इसमें मौजूद फाइबर के कारण कब्ज आदि से भी छुटकारा मिलता है। यदि आप भी पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान हैं तो शतावरी चूर्ण का नियमित सेवन प्रारंभ कर सकते हैं।
(और पढ़े – पाचन शक्ति बढ़ाने के घरेलू उपाय…)
आप अपने आहार में शतावरी का उपयोग मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है। यह शतावरी के फायदों में से एक है। शतावरी में थाइमिन (thiamine) की अच्छी मात्रा होती है जो मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है। थाइमिन की कमी के कारण मस्तिष्क संबंधी समस्याएं होने की संभावना अधिक होती है। लेकिन यदि आप अपने बच्चों को शतावरी का नियमित सेवन कराते हैं तो यह उनके दिमाग को भी तेज कर सकता है। इसके अलावा शतावरी से थाइमिन की कमी को पूरा कर आप कुछ प्रकार के मनोभ्रंश और अल्जाइमर जैसी बीमारियों से भी बच सकते हैं। जिन लोगों की स्मरण क्षमता कम होती है उनके लिए शतावरी एक अच्छा उपाय हो सकता है।
(और पढ़े – बच्चों को तेज दिमाग के लिए क्या खिलाएं और घरेलू उपाय…)
अवसाद ग्रसित लोग आसानी से मानसिक बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। लेकिन यदि वे अवसाद से निकलना चाहते हैं तो आयुर्वेदिक उपचार ले सकते हैं। शतावरी का सेवन करना भी एक आयुर्वेदिक उपचार ही है जो अवसाद को दूर कर सकता है। शतावरी में फोलेट की अच्छी मात्रा होती हैजो मस्तिष्क में होमोसिस्टीन के स्तर को कम किये बिना अवसाद को रोकता है। होमोसिस्टीन रक्त में मौजूद पोषक तत्वों को मस्तिष्क तक पहुंचने से रोकता है और अवसाद के स्तर को बढ़ाता है। यदि शरीर में होमोसिस्टीन की उच्च मात्रा होती है तो यह कुछ अच्छे हार्मोन जैसे सेरोटोनिन, डोपामाइन और नॉरपेनेफ्रिन आदि के उत्पादन को प्रभावित करता है। इस तरह से होमोसिस्टीन के स्तर को कम करने के लिए आप शतावरी को अपने आहार में शामिल कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
(और पढ़े – अवसाद दूर करने के प्राकृतिक उपाय…)
प्री-मेन्स्ट्रुअल ब्लोटिंग (Pre-menstrual bloating) या पूर्व मासिक धर्म की सूजन महिलाओं के लिए बहुत ही कष्टदायक होती है। लेकिन इस समस्या का उपचार शतावरी के अर्क से किया जा सकता है। शतावरी में मौजूद पोषक तत्व, विटामिन और खनिज पदार्थ अवसाद, तनाव और थकान को कम करते हैं। इसके अलावा इसके औषधीय गुण महिला को मासिक धर्म की ऐंठन से भी राहत दिलाते हैं। महिलाओं द्वारा मासिक धर्म के दौरान शतावरी का सेवन रक्त के नुकसान को कम करने और हार्मोन संतुलन में सहायक होता है।
(और पढ़े – पीरियड के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं…)
प्रजनन क्षमता में कमी कोई गंभीर समस्या नहीं है। समय के साथ गलत खानपानी और खराब जीवन शैली इस प्रकार के लक्षणों को बढ़ा सकती है। लेकिन यदि कुछ घरेलू उपचार और पौष्टिक आहारों का सेवन कर प्रजनन क्षमता में वृद्धि की जा सकती है। शतावरी भी ऐसे ही उपायो में से एक है। शतावरी पौधे की जड़ों में कामोद्दीप (aphrodisiac) गुण होते हैं। जिसके कारण यह महिला और पुरुषों दोनों की यौन समस्याओं को दूर कर सकता है। नियमित रूप से शतावरी का उपभोग शरीर में हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में सहायक होता है। इसके अलावा यह कामेच्छा को बढ़ाने में भी मदद करता है साथ ही पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि भी करता है। महिलाओं द्वारा नियमित सेवन करने से यह रजोनिवृत्ति सिंड्रोम और एनीमिया का इलाज कर सकता है। इस तरह से शतावरी के फायदे महिला और पुरुष यौन स्वास्थ्य के लिए होते हैं।
(और पढ़े – काम शक्ति बढ़ाने के उपाय और घरेलू नुस्खे…)
महिलाओं में फोलेट की कमी स्तन कैंसर की संभावना को बढ़ा सकता है। लेकिन यदि आहार के माध्यम से फोलेट की पर्याप्त मात्रा प्राप्त की जाए तो पेट कैंसर, अग्नाशय और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से बचा जा सकता है। इन लाभों को देखते हुए महिलाओं को शतावरी के सेवन पर ध्यान देना फायदेमंद हो सकता है। यह ज्ञात नहीं है कि फोलेट कैंसर को कैसे नियंत्रित करता है। लेकिन अध्ययन कर्ताओं का मानना है कि फोलेट कैंसर के विकास को रोकने में सहायक होता है। इस तरह से महिलाएं विशेष रूप से शतावरी का सेवन कर लाभ प्राप्त कर सकती हैं।
(और पढ़े – खाएं ये चीजें, नहीं होगा ब्रेस्ट कैंसर…)
मुत्रवर्धक गुणों के लिए शतावरी का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन शतावरी के फायदे गुर्दे की पथरी को रोकने में भी मदद करते हैं। हालांकि इस दावे की पुष्टि के लिए कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं हैं। फिर भी मूत्रवर्धक गुण होने के कारण ऐसा माना जाता है। इस तरह से यदि आपको पथरी की समस्या है तो शतावारी का उपयोग कर सकते हैं।
(और पढ़े – पथरी होना क्या है? (किडनी स्टोन) पथरी के लक्षण, कारण और रोकथाम…)
किसी भी महिला के लिए गर्भावस्था एक संवेदनशील अवस्था होती है। इस दौरान महिला को बहुत से पोषक तत्वों और खनिज पदार्थों की अतिरिक्त आवश्यकता होती है। शतावरी फोलेट का अच्छा स्रोत माना जाता है। फोलेट को विटामिन बी6 के रूप में भी जाना जाता है। फोलेट शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और शरीर के स्वास्थ्य को बढ़ाने में सहायक होती है। शिशु के स्वस्थ विकास के लिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान शतावरी का सेवन करना चाहिए। अतिरिक्त लाभ प्राप्त करने के लिए महिलाएं गर्भावस्था के पहले से शतावरी का उपभोग कर सकती हैं। यह महिला और बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है।
(और पढ़े – गर्भावस्था के दौरान खाये जाने वाले आहार और उनके फायदे…)
औषधीय लाभ होने के साथ ही शतावरी का अधिक मात्रा में उपभोग कुछ दुष्प्रभाव भी दर्शाता है।
(और पढ़े – आंखों में खुजली के कारण, लक्षण और उपाय…)
शतावरी के फायदे और नुकसान (Shatavari Ke Fayde Aur Nuksan In Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…